राजनीति
पीएम मोदी को ओडिशा के इलाकों में जाकर वास्तविक स्थिति का अध्ययन करना चाहिए : कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना
												भुवनेश्वर, 20 जून। बिहार को हजारों करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ओडिशा की यात्रा पर रवाना होंगे। इस बीच, कांग्रेस ने पीएम मोदी के ओडिशा दौरे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सत्ता में एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, लेकिन यहां की महिलाएं अत्याचारों का सामना कर रही हैं।
कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना ने प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर कहा, “राज्य सरकार के सत्ता में एक साल पूरा होने का आज जश्न मनाया जा रहा है और इसी के चलते प्रधानमंत्री ओडिशा दौरे पर आ रहे हैं। हालांकि, हम सरकार के खिलाफ यहां शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं। वे जश्न मना सकते हैं, लेकिन सच यह है कि लोग दुख झेल रहे हैं। खासकर महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं और हम उनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।”
कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “लोगों को उनके घरों में पीटा गया और यह सबने देखा। लोग मर रहे हैं, उनकी आवाज दबाई जा रही है। यहां न्याय के लिए कोई जगह नहीं बची। उनकी पुकार भी नहीं सुनी जा रही। लोग बिना राहत के कष्ट झेल रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि ओडिशा को पिछले एक साल में क्या मिला है? इसलिए हम इन मुद्दों को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि प्रधानमंत्री को जमीनी हकीकत का पता चले। पानी की कमी से लेकर सुरक्षा तक लोगों को मदद चाहिए। ओडिशा अभी भी सबसे गरीब राज्यों में से एक है। कम से कम अब महिलाओं की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। इसका जिम्मेदार कौन है? सरकार को जवाबदेही लेनी होगी। हम जवाब चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं मांग करता हूं कि प्रधानमंत्री को उन इलाकों में जाना चाहिए, वास्तविक स्थिति का अध्ययन करना चाहिए। विकास कार्य रुक गए हैं। इंजीनियर और अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर रहे। मशीनें भी सही से काम नहीं कर रही हैं। इसलिए हम यहां शांतिपूर्वक इन गंभीर मुद्दों की ओर ध्यान खींचने के लिए बैठे हैं और इसके लिए हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।”
प्रधानमंत्री ओडिशा सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करेंगे। वह 18,600 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
गनपाउडर प्लॉट: जब तहखाने से बरामद हुआ ‘बारूद’ और हुआ एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश

नई दिल्ली, 4 नवंबर: ‘गनपाउडर प्लॉट’ ब्रिटेन के इतिहास का ऐसा अध्याय है जो अगर सफल होता तो संसद धूल में मिल गई होती। ये घटना 1605 की है। 5 नवंबर की सुबह लंदन की सर्द हवा में एक साजिश की बू थी। ब्रिटिश संसद के तहखाने से अचानक 36 बैरल बारूद बरामद हुए और उसी के साथ ब्रिटेन के इतिहास की दिशा बदल गई। यह था गनपाउडर प्लॉट, यानी “बारूद की साजिश”-एक ऐसा प्रयास जिसने इंग्लैंड के राजा, सरकार और कैथोलिक धर्म के संबंधों को हमेशा के लिए बदल दिया।
यह षड्यंत्र किंग जेम्स प्रथम के खिलाफ रची गई थी। उस दौर में इंग्लैंड में कैथोलिक्स पर अत्याचार हो रहे थे और देश पर प्रोटेस्टेंट शासन था। कई कैथोलिक गुट यह मानते थे कि अगर संसद को उड़ा दिया जाए और राजा की हत्या हो जाए, तो देश में दोबारा उनका शासन लौट सकता है। इस योजना का नेतृत्व रॉबर्ट केट्सबी ने किया था, जबकि जिस नाम ने इतिहास में जगह बनाई वह था ‘गाइ फॉक्स’ , जो बारूदों की रखवाली करने वाला सैनिक था।
4 नवंबर की रात, फॉक्स संसद के नीचे स्थित तहखाने में तैयारियों में लगा था। लेकिन गुप्त सूचना मिलने पर वहां छापा पड़ा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने साथियों के नाम बताए, और जल्द ही पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया। अगर यह साजिश सफल होती, तो उस दिन इंग्लैंड की संसद, राजा और अभिजात वर्ग सब खत्म हो सकते थे।
फॉक्स और उसके साथियों को राजद्रोह के आरोप में मौत की सजा दी गई। लेकिन उनकी असफलता ने ब्रिटेन को एक प्रतीक दे दिया — हर 5 नवंबर को बोनफायर नाइट या गाई फॉक्स नाइट के रूप में मनाया जाता है, जब लोग आतिशबाजी करते हैं और “रिमेम्बर, रिमेम्बर द फिफ्थ ऑफ नवंबर…” की पंक्तियां गाते हैं। यह न केवल उस साजिश की याद है, बल्कि सत्ता, धर्म और विद्रोह के उस संघर्ष की भी याद दिलाती है जिसने इंग्लैंड के राजनीतिक इतिहास को आकार दिया।
राष्ट्रीय समाचार
एक नए युग में प्रवेश कर रही भारत की ऊर्जा-यात्रा : हरदीप सिंह पुरी

HARDIP
नई दिल्ली, 4 नवंबर: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि भारत की ऊर्जा यात्रा एक नए युग में प्रवेश कर रही है।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में लिखा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में मिशन अन्वेषण भारत के इतिहास में एक सबसे बड़ा सिस्मिक मैपिंग प्रोग्राम बन गया है, जिसे बीते वर्ष अक्टूबर में 792 करोड़ रुपए के निवेश से लॉन्च किया गया था।”
उन्होंने एक वीडियो शेयर कर जानकारी दी कि कई दशकों से हम अपनी अधिकतर जरूरतों के लिए ऑयल और गैस पर निर्भर रहे हैं। यहां तक कि आज भी इनसे हमारी ऊर्जा की 80 प्रतिशत जरूरत पूरी हो रही है।
उन्होंने बताया कि दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में हमारी मांग समय के साथ लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसी के साथ अनुमान है कि अगले दो दशकों में ग्लोबल एनर्जी डिमांड ग्रोथ में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की ओर से दर्ज की जाएगी और इस फ्यूचर के निर्माण के लिए ही भारत अपने आंतरिक बदलावों पर ध्यान दे रहा है।
हम अपनी ही जमीन और समुद्र के नीचे छिपी दौलत की ओर ध्यान दे रहे हैं और यही मिशन अन्वेषण की भावना है।
इस मिशन को लेकर आगे जानकारी देते हुए वीडियो में बताया गया है कि मिशन का उद्देश्य देश भर में 20 हजार ग्राउंड लाइन किलोमीटर्स से अधिक की मैपिंग करना है।
उन्होंने मिशन की प्रगति को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक कुल 8000 ग्राउंड-लाइन किलोमीटर्स का सर्वेक्षण किया जा चुका है।
वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर कृष्णा-गोदावरी बेसिन की गहराइयों तक सात सेडिमेंट्री बेसिन की सबसे एडवांस्ड सिस्मिक टेक्नोलॉजी से स्टडी की जा रही है। इसी के साथ हमारे अंडरग्राउंड रिजर्व की कहानी कैप्चर, प्रोसेस और इंटरप्रेट की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री पुरी के अनुसार, नए ऑयल और गैस फील्ड्स को खोजने, घरेलू उत्पादन को मजबूत बनाने, महंगे आयात पर से निर्भरता कम करने और भारत को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने के साथ हमारा लक्ष्य स्पष्ट और शक्तिशाली है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली दंगा: मुझपर UAPA के तहत कोई केस नहीं बनता, शिफा उर रहमान ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे मामले में आरोपी व एक्टिविस्ट शिफ़ा उर रहमान ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्हें ‘चुनकर फंसाया गया’ है और उनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून के तहत कोई अपराध नहीं बनता। उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर और रहमान पर यूएपीए और पुराने आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
आरोपियों पर ये है आरोप
इस मामले में पुलिस का आरोप है कि वे फरवरी 2020 के दंंगों के ‘मास्टरमाइंड’ थे, जिनमें 53 लोगों की मौत हुई और 700 से अधिक घायल हुए थे। यह हिंसा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।
किसी भी गवाह ने नहीं की यह बात
रहमान की ओर से पेश सीनियर वकील सलमान खुर्शीद ने जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की बेंच से कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में रहमान की भूमिका में किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा कि वह हिंसा में शामिल थे।
वकील ने कोर्ट में दी दलील
वकील ने कहा कि नागरिकों को उस कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का अधिकार है, जिससे वे असहमत है, और शांतिपूर्ण विरोध को अपराधी आचरण के समान नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, ‘उन्हें चुन-चुन कर आरोपी बनाया गया है।
यूएपीए के तहत नहीं साबित होता आरोप
यूएपीए के तहत कोई आरोप साबित नहीं होता, भले ही हम सभी आरोपों को सही मान लें। उन्होंने मुकदमे में कोई देरी नहीं की। कृपया उनका बैकग्राउंड देखा जाए। उन्होंने स्थानीय निकायों के लिए काम किया है, और जामिया को अपना घर मानते हैं।
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