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Saturday,16-August-2025
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जातीय जनगणना की घोषणा के बाद तेजस्वी यादव ने फोड़े पटाखे, जदयू ने कसा तंज

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पटना, 1 मई। जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के पटाखे फोड़ने पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर तेजस्वी यादव खुद को राजनीति का छुरछुरी, पटाखा साबित करना चाहते हैं।

उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “सच तो यह है कि 1989 में आपका जन्म हुआ और आपके उपनाम तरुण यादव के नाम पर फुलवरिया में जमीन लिखवाया गया। जबकि 1994 में नीतीश कुमार जातीय जनगणना की सदन में आवाज बन गए। देश में वंचितों की आवाज, देश के अति पिछड़ा, पिछड़ा, दलित, सामान्य समुदाय, अल्पसंख्यक सबके विषय में सोचने वाला एक दूरदर्शी नेता अपनी सामाजिक सोच का प्रकटीकरण कर रहा था और आपके पिता नाबालिग होने के बावजूद आपके लिए जमीन की व्यवस्था कर रहे थे।”

उन्होंने आगे कहा कि अंतर साफ है कि अगर बिहार में जातीय सर्वे नहीं होता तो ये कैसे पता चलता कि तेजस्वी यादव के परिजनों के पास पटना में 43 बीघा से अधिक जमीन है। जब देश में जातीय जनगणना होगी तो तेजस्वी यादव ने राजनीति के काले धन का कहां-कहां निवेश किया है, उसकी भी कलई खुल जाएगी।

उन्होंने तेजस्वी यादव को नसीहत देते हुए कहा, “राजनीति का छुरछुरी, पटाखा बनने से बेहतर है कि सच को स्वीकार कीजिए कि नीतीश कुमार में वह नैतिक बल है कि उनके तर्क शक्ति की बदौलत आज देश के अंदर जातीय जनगणना हो रही है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार बिहार में जातीय सर्वे का फैसला लिया और केंद्र में भी जातीय जनगणना का निर्णय लिया।”

उल्लेखनीय है कि देश में आगामी जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा पटाखे फोड़े गए थे और इसका वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था, “29 साल पहले जनता दल के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा की समाजवादी सरकार के केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जातिगत जनगणना के निर्णय को पलटने वाली एनडीए सरकार को दुबारा उस निर्णय पर निर्णय लेने के लिए बाध्य करने वाले लालू यादव समेत सभी समाजवादियों की जीत पर पटाखा फोड़ सामाजिक न्यायवादियों को बधाई दी।”

राजनीति

भारत की जीडीपी अगले तीन वर्षों में सालाना 6.8 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान : एसएंडपी ग्लोबल

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नई दिल्ली, 14 अगस्त। एसएंडपी ग्लोबल ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया की सबसे अच्छी प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है और हमें उम्मीद है कि मध्यम अवधि में विकास की गतिशीलता जारी रहेगी। इसी के साथ, अगले तीन वर्षों में देश की जीडीपी में सालाना 6.8 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

भारत राजकोषीय कंसोलिडेशन को प्राथमिकता दे रहा है, जो मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखते हुए सस्टेनेबल पब्लिक फाइनेंस प्रदान करने के लिए सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने एक नोट में कहा, “हमारा अनुमान है कि इस वर्ष भारत की रियल जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी, जो व्यापक वैश्विक धीमी गति के बीच उभरते बाजारों के समकक्षों की तुलना में अनुकूल है।”

इसमें कहा गया है, “मजबूत आर्थिक विस्तार का भारत के क्रेडिट मेट्रिक्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और हमें उम्मीद है कि मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे अगले दो से तीन वर्षों में विकास की गति को सहारा देंगे। इसके अलावा, मौद्रिक नीति सेटिंग्स मुद्रास्फीति संबंधी अपेक्षाओं के प्रबंधन के लिए तेजी से अनुकूल हो गई हैं।”

पिछले पांच-छह वर्षों में सरकारी खर्च की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। वर्तमान प्रशासन ने बजट आवंटन को इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने के लिए तेजी से स्थानांतरित किया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) वित्त वर्ष 2026 में बढ़कर 11.2 ट्रिलियन रुपए या सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3.1 प्रतिशत हो जाएगा।

यह एक दशक पहले के सकल घरेलू उत्पाद के 2 प्रतिशत से ज्यादा है। राज्यों द्वारा किए गए पूंजीगत व्यय को जोड़ने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में कुल सार्वजनिक निवेश सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 5.5 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो अन्य संप्रभु समकक्षों के बराबर या उससे अधिक है।

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने कहा, “हमारा मानना है कि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में सुधार से वे रुकावटें दूर होंगी, जो दीर्घकालिक आर्थिक विकास में बाधा बन रही हैं।”

पिछले तीन वर्षों में, वैश्विक ऊर्जा कीमतों में उतार-चढ़ाव और आपूर्ति-पक्ष के झटकों के बावजूद, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की वृद्धि दर औसतन 5.5 प्रतिशत रही। हाल के महीनों में, यह भारतीय रिजर्व बैंक के 2 प्रतिशत-6 प्रतिशत के लक्ष्य की निचली सीमा पर रही।

ये घटनाक्रम, घरेलू पूंजी बाजार की मजबूती के साथ, मौद्रिक परिदृश्य के लिए एक अधिक स्थिर और सहायक वातावरण को दर्शाते हैं।

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राजनीति

फर्जी मतदाताओं को लिस्‍ट से हटाने के लिए एसआईआर महत्‍वपूर्ण कदम : संजय उपाध्याय

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Sanjay Upadhyay

मुंबई, 14 अगस्‍त। भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने राजद सांसद मनोज झा के बिहार में चुनाव के बहिष्‍कार के बयान पर पलटवार किया। उन्‍होंने फर्जी वोटरों को लिस्‍ट से हटाने के लिए एसआईआर को महत्‍वपूर्ण कदम करार दिया।

संजय उपाध्याय ने मिडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एसआईआर के माध्यम से बिहार में प्रत्येक मतदाता का सत्यापन हो रहा है, फर्जी गतिविधियों पर रोक लग रही है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे स्वीकार किया है। मतदाता सूची शुद्धिकरण प्रक्रिया फर्जी वोटरों को हटाने का महत्वपूर्ण कदम है। बिहार में एसआईआर के तहत हर मतदाता का सत्यापन हो रहा है, जिससे फर्जी वोटर खत्म हो रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह सही है तो राजद को आपत्ति क्यों है?

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि डर उनके फर्जी वोटर प्लान के खुलासे का है। राहुल गांधी के उदाहरण से उन्होंने कांग्रेस और राजद के ‘दोहरापन’ की आलोचना की और विपक्ष पर संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम कर अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।

भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी लगातार वीर सावरकर का अपमान करते रहे हैं और कई मुद्दों पर अदालत से माफी मांग चुके हैं। राहुल गांधी देश को गुमराह करते हैं और खुद की महात्मा गांधी से तुलना करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दोनों में बड़ा अंतर है, जिसे छोटा बच्चा भी समझ सकता है।

उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अब तो माता-पिता भी अपने बच्चों का नाम राहुल रखने से कतराते हैं। राहुल सिर्फ सुर्खियों के लिए बयान देते हैं, जबकि उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास है। मौजूदा सरकार में सभी सुरक्षित हैं।

उन्‍होंने ‘तिरंगा यात्रा’ को लेकर कहा कि भाजपा का अर्थ है, ‘भारत माता की जय’ और जो भारत को मां मानता है, वही सच्चा भारतीय है। भाजपा देश के प्रति वफादार है। तिरंगे और राष्ट्र के सम्मान में ‘तिरंगा यात्रा’ निकालती है। उन्होंने सवाल किया कि विपक्ष को इससे क्या आपत्ति है, क्या उन्हें तिरंगे, देश या राष्ट्रभक्ति से दिक्कत है? यदि नहीं, तो उन्हें कौन रोक रहा है? क्या वे पाकिस्तान की यात्रा निकालना चाहते हैं?

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का भाजपा नेता संजय उपाध्याय ने समर्थन किया। उन्‍होंने कहा कि मस्जिद, मंदिर, घर और गुरुद्वारा देश की संपत्ति हैं। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत हर धर्मस्थल, घर और गुरुद्वारे पर तिरंगा लगाया जाना चाहिए। मस्जिदों को भी इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

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राजनीति

’30 सालों से नहीं दिखे महिलाओं के आंसू, माफिया का एनकाउंटर गुजरा नागवार’, पूजा पाल का सपा पर आरोप

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लखनऊ, 14 अगस्त। यूपी के कौशांबी की चायल से विधायक पूजा पाल को गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। सपा से निष्कासन के बाद उन्होंने सपा पर आरोप लगाए।

पूजा पाल ने कहा कि 30 साल से महिलाओं के आंसू इन लोगों को नजर नहीं आ रहे थे। माफिया का एनकाउंटर उनको नागवार गुजर रहा है।

विधायक पूजा पाल ने मिडिया से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मैंने पहले भी तारीफ की थी। मेरे अलावा, प्रयागराज की जनता ने भी भय मुक्त वातावरण के लिए सीएम योगी का आभार व्यक्त किया है। मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने माफिया अतीक अहमद का नाम लिया और अपने निजी जीवन के बारे में बताया। अतीक के बारे में बात करने पर मेरा निष्कासन किया गया है।”

उन्होंने कहा, “उन्हें कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की तारीफ पर पार्टी से निकाला गया। अभी तक ऐसा कदम क्यों नहीं उठाया गया था? मेरे सदन में बोलने के बाद ऐसा कदम उठाया गया है। उन्होंने सदन में किसी पार्टी या राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया। मेरे साथ माफिया अतीक ने घटना की थी। इस कारण मैंने उसकी चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने मुझे न्याय दिया। मैंने उनको धन्यवाद दिया था। इसके अलावा तो मैंने कोई अपराध किया नहीं था। अतीक को सजा मिली और इसी कारण मैंने धन्यवाद दिया था।”

विधायक ने कहा, “पूरा यूपी अतीक से परेशान था। उसने न जाने कितनी बहन-बेटियों की मांग सूनी कर दी। उसके बेटे ने दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। उसका एनकाउंटर हो गया, जो इन लोगों को नागवार गुजरा। मुझे हटाए जाने का कोई टेंशन नहीं है, जो हुआ सो हुआ। वह जनता के लिए काम करती हैं। जनता हमें समर्थन देती है और समर्थन देती रहेगी। पार्टी को निर्णय लेने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी। इन लोगों (सपा के लोगों) को गरीबों और महिलाओं के आंसू नहीं दिखे, जो पिछले 30 साल से पीड़ित थीं। इनको माफिया के बच्चे मारे गए, यह नजर आ रहा है।”

पूजा पाल को पार्टी से निकाले जाने पर सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने कहा, “उनको बहुत पहले पार्टी से निकाला जाना चाहिए था। ऐसे लोग न जनता के सगे हैं, न ही पार्टी के। अखिलेश यादव के कारण उन्हें वोट मिले थे। बहुत पहले उन्हें पार्टी से निकाला जाना चाहिए था।”

समाजवादी पार्टी (सपा) की बागी विधायक पूजा पाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। विधायक पूजा पाल ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की थी।

उन्होंने एक बयान में कहा था कि अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति से उन्हें भी न्याय मिला है।

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