राष्ट्रीय समाचार
भारत- पाक बॉर्डर पर बीएसएफ अलर्ट, ग्रामीणों से की गई खास अपील

गुरदासपुर, 28 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए टेरर अटैक के बाद पाकिस्तान-भारत बॉर्डर से सटे गांवों में बीएसएफ अलर्ट मोड में है। पंजाब के गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती गांव में भी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गश्त बढ़ा दी है। अधिकारियों ने गांव के लोगों को अलर्ट रहने के लिए कह दिया है। सुरक्षा बल ने किसानों को भी जल्द से जल्द अपनी फसलों की कटाई करने के लिए कह दिया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पहलगाम में 26 पर्यटकों की मौत के बाद केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर चुकी है।
गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती गांव के किसान गुरतार सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते में तनाव है। बीएसएफ ने भी हम सभी लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। बीएसएफ ने हमें स्पष्ट कर दिया है कि अगर हमें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि देखने को मिलती है, तो फौरन अलर्ट रहें और हर प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार रखें।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ के अधिकारियों ने हमें कहा है कि हम अपनी फसलों की कटाई कर लें। हम बीएसएफ की बातों से पूरी तरह से सहमत हैं, क्योंकि इससे पहले भी दोनों देशों के बीच युद्ध हो चुके हैं और हम देख चुके हैं कि इस युद्ध ने हमारा किस तरह से नुकसान किया है। हम तो यही चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा न हो, क्योंकि अगर ऐसा होता है, तो इससे हमारा बहुत नुकसान होगा।
किसान गुरनाम सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद हमें स्पष्ट कह दिया गया है कि हम सभी लोग चौकस रहें, क्योंकि कुछ भी हो सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। हालांकि, हमने अपने जीवन में युद्ध देखे हैं, जिसे देखते हुए हमने खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लिया है और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा होगी, तो निश्चित तौर पर इसका हमें बहुत नुकसान होगा।
वहीं, एक अन्य किसान ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा कि हमें अलर्ट रहने के लिए कह दिया गया है, क्योंकि कुछ भी हो सकता है। जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला हुआ है, उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। हम चाहते हैं कि युद्ध न हो, क्योंकि अगर युद्ध होता है, तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान सीमा से सटे गांव के लोगों को होगा। ऐसे में हम यही अपील करते हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध न हो।
राष्ट्रीय समाचार
सृजन घोटाले के तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, लंबे समय से थे जेल में बंद

suprim court
नई दिल्ली, 24 जून। बिहार के बहुचर्चित और करीब 1 हजार करोड़ रुपए के सृजन घोटाले में शामिल तीन आरोपियों को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च अदालत ने रजनी प्रिया और दो अन्य आरोपियों को जमानत दे दी है।
अदालत ने यह निर्णय इस आधार पर लिया कि आरोपी लंबे समय से जेल में बंद हैं और अब तक ट्रायल की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि तीनों आरोपी सात दिनों के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत हों और जमानत की शर्तें वहीं निर्धारित की जाएंगी। अदालत ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्रायल में हो रही देरी के चलते न्यायालय को यह अंतरिम राहत देनी पड़ी है।
सृजन महिला सहयोग समिति नामक एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) पर आरोप है कि 2004 से 2014 के बीच सरकारी विभागों के खातों से धोखाधड़ी कर बड़ी मात्रा में सरकारी धन को अपने खातों में स्थानांतरित किया गया। यह घोटाला बिहार के भागलपुर जिले के सबौर ब्लॉक स्थित इस एनजीओ से जुड़ा है, जो महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का कार्य करता था।
जानकारी के अनुसार, यह घोटाला जिला प्रशासन के अधिकारियों, बैंक कर्मियों और एनजीओ के सदस्यों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया। आरोपी व्यक्तियों ने सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर आवंटित धन को हेराफेरी कर निजी खातों में जमा करवाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन आरोपियों को जमानत मिलने का रास्ता साफ हो गया है, बशर्ते वे ट्रायल कोर्ट की सभी शर्तों का पालन करें।
बता दें कि 10 अगस्त 2013 को सीबीआई ने रजनी प्रिया को गिरफ्तार किया थ। प्रिया 1,000 करोड़ रुपए के सृजन घोटाले के सिलसिले में फरार थीं। उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। पटना की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
बिहार सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने सृजन घोटाला की जांच अपने हाथ में ली थी। आरोप है कि एनजीओ के अधिकारियों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके उक्त एनजीओ के खातों में सरकारी धन की हेराफेरी करने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया सहित विभिन्न बैंकों के अधिकारियों के साथ साजिश रची थी।
अपराध
दिल्ली: चार वर्षीय बच्ची को अपहरणकर्ता से छुड़ाया, महिला गिरफ्तार

नई दिल्ली, 23 जून। दिल्ली के चांदनी महल थाना पुलिस ने चार साल की बच्ची को अपहरणकर्ता के चंगुल से सुरक्षित छुड़ा लिया। 40 वर्षीय आरोपी बरखा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय यूपी पुलिस के सहयोग से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
घटना 18 जून 2025 को सामने आई, जब एक दंपति ने चांदनी महल थाने में अपनी चार वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि शाम करीब 5 बजे, उनकी पत्नी व्यस्त थी, तभी उनकी बेटी गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची का पता नहीं चला और उन्हें संदेह हुआ कि किसी ने गलत इरादे से अपहरण किया है। इस आधार पर पुलिस ने एफआईआर (संख्या 212/25, धारा 137(2) बीएनएस) दर्ज की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर महावीर प्रसाद, एसएचओ/चांदनी महल, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इसमें एसआई सतीश, एसआई समेंद्र, एसआई गोविंद, एसआई अवधेश नारायण, एचसी सतेश, कांस्टेबल विक्रम, घनश्याम, गौरव, नरेंद्र और महिला कांस्टेबल दिव्यांशी और सिमरन शामिल थे। टीम की निगरानी एसीपी (दरियागंज, मध्य जिला) ने की।
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें बच्ची को दिल्ली गेट के पास संचार भवन की ओर अकेले जाते देखा गया।
गुप्त सूत्रों से पता चला कि एक महिला भिखारी बच्ची को बाराबंकी के बेहटा गांव ले गई है। इस जानकारी को स्थानीय यूपी पुलिस के साथ साझा किया गया और एक टीम तुरंत बाराबंकी रवाना हुई। वहां पहुंचने पर पता चला कि संदिग्ध बरखा बच्ची को लेकर दिल्ली लौट आई थी, क्योंकि उसे पुलिस की तलाश का पता चल गया था।
21 जून को सुबह चांदनी महल थाना पुलिस ने नई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर सादे कपड़ों में निगरानी शुरू की। उसी दिन बरखा को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्ची के साथ उतरते देखा गया। वह छिपने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया। बच्ची को सुरक्षित छुड़ा लिया गया। पूछताछ में बरखा ने कबूल किया कि उसने बच्ची का अपहरण भीख मंगवाने और तस्करी के इरादे से किया था।
राष्ट्रीय समाचार
ऑपरेशन सिंदूर के बाद डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल घई की पदोन्नति, बने उप सेना प्रमुख (रणनीति)

नई दिल्ली, 9 जून। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सफल भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को पदोन्नति दी गई है। सोमवार को उनकी पदोन्नति की जानकारी सामने आई।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को अब भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है। बतौर उप सेना प्रमुख वह रणनीति मामलों को देखेंगे। उप सेना प्रमुख बनने के बावजूद लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई पूर्व की भांति फिलहाल डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी डीजीएमओ का कार्यभार भी संभालते रहेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, उप सेना प्रमुख (रणनीति) के पद पर पदोन्नत किए गए हैं।
दरअसल, भारतीय सेना में यह एक महत्वपूर्ण पद है। सेना के सभी ऑपरेशनल कार्यक्षेत्र, उप सेना प्रमुख (रणनीति) के कार्यालय को रिपोर्ट करते हैं। वहीं, भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर पर होने वाली बातचीत का नेतृत्व डीजीएमओ द्वारा किया जाता है। 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था।
ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान में और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित विभिन्न आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना ने हमला किया था, जिसमें सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तानी सेना ने इसके जवाब में भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले किए, जिसका मुंह तोड़ जवाब भारतीय सेना ने दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस व एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट कर दिए। इसके बाद पाकिस्तान ने युद्ध विराम की मांग की।
पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क किया। दोनों के बीच यह वार्ता हॉटलाइन पर हुई थी। बीते महीने हुई इस वार्ता में पाकिस्तान ने कहा था कि वह सीमा पार से एक भी गोली नहीं चलाएगा। वार्ता में कहा गया कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए।
सेना के मुताबिक, इस बात पर सहमति हुई कि दोनों पक्ष यानी भारत और पाकिस्तान सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करें। भारत व पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हुई अन्य बातचीत की पूरी जानकारी रक्षा मंत्री को दी गई थी। इससे स्पष्ट है कि भारतीय सेना में डीजीएमओ एक बेहद अहम पद है। वर्तमान में भारतीय सेना के डीजीएमओ यानी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई इस पद पर बने रहेंगे। वह महत्वपूर्ण विषयों पर थलसेना प्रमुख को सीधे रिपोर्ट करते हैं। इसके साथ ही, डीजीएमओ सेना, नौसेना तथा वायुसेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
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