राष्ट्रीय समाचार
श्रीनगर पहुंचे सेना प्रमुख, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की ले रहे हैं जानकारी
श्रीनगर, 25 अप्रैल। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे हैं। यहां सेना के कमांडर्स ने जनरल द्विवेदी को मौजूदा हालात और आतंकियों के खिलाफ सेना द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। सेना प्रमुख को नियंत्रण रेखा के मौजूदा हालात के बारे में भी जानकारी दी गई।
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह नियंत्रण रेखा पर कुछ जगहों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी हुई, जिसकी शुरुआत पाकिस्तान ने की थी। भारतीय सेना ने इसका प्रभावी तरीके से जवाब दिया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आर्मी चीफ का यह दौरा काफी अहम है। भारतीय सेना प्रमुख यहां सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को श्रीनगर का यह दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वह महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर जाएंगे। आर्मी चीफ की इस विजिट के दौरान उन्हें आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी जा रही है।
जम्मू कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के टॉप कमांडर्स आर्मी चीफ को सैन्य संरचनाओं की भी जानकारी देंगे। आर्मी चीफ कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा बलों द्वारा किए गए आतंकवाद विरोधी उपायों की भी जानकारी ले रहे हैं। आर्मी चीफ की इस विजिट के दौरान सेना की 15 कोर के कमांडर और राष्ट्रीय राइफल्स के अन्य कमांडर मौजूद रहे।
सेना प्रमुख अवंतीपोरा में विक्टर फोर्स के मुख्यालय का दौरा करेंगे। यह सेना का एक डिवीजन है जो दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन का प्रभारी है। वे फील्ड पर ऑपरेशनल कमांडरों से मिलेंगे और प्राप्त इनपुट्स की समीक्षा करेंगे। सेना प्रमुख को मौजूदा ऑपरेशन की स्थिति तथा निकट भविष्य के लिए तैयार किए जा रहे सुरक्षा तंत्र के बारे में जानकारी दी जाएगी।
जनरल द्विवेदी अपने जम्मू कश्मीर दौरे के दौरान श्रीनगर में चिनार कोर के मुख्यालय का भी दौरा करेंगे। यहां वे उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुचेंद्र कुमार तथा 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव से मुलाकात करेंगे। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में व्यापक सुरक्षा समीक्षा की जाएगी तथा सैन्य योजनाओं व आवश्यक बदलावों पर चर्चा की जा सकती है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सेना ने इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ सघन अभियान चला रखा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने मंगलवार को पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद से सेना व सुरक्षाबलों ने संदिग्ध स्थानों की घेराबंदी कर रखी है। सेना बल हेलीकॉप्टर के जरिए भी निगरानी कर रही हैं।
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र : सांगली जिले के इस्लामपुर का नाम अब होगा ईश्वरपुर

सांगली, 24 अक्टूबर: महाराष्ट्र के सांगली जिले के शहर इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने का प्रस्ताव भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने अनुमोदित कर दिया है।
यह निर्णय गृह मंत्रालय, भारत सरकार के 13 अगस्त 2025 के पत्र के आधार पर लिया गया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने इस प्रस्ताव की जांच और स्थल सत्यापन के बाद इसे मंजूरी दी है।
इस्लामपुर नगर परिषद ने 4 जून 2025 को संकल्प संख्या 825 के तहत शहर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने का प्रस्ताव पारित किया था। महाराष्ट्र सरकार के इस प्रस्ताव को वरिष्ठ डाकघर अधीक्षक, सांगली और सहायक मंडल अभियंता, मध्य रेलवे, मिराज ने भी अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर समर्थन किया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने अपने परीक्षण में पाया कि प्रस्तावित नाम परिवर्तन मान्य प्रक्रियाओं के अनुरूप है।
नाम परिवर्तन के लिए देवनागरी और रोमन वर्तनी में शुद्ध नाम “ईश्वरपुर” तय किया गया है। यह लिप्यंतरण (ट्रांसलिटरेशन) भारतीय लिपियों की ध्वनियों को सटीक रूप से दर्शाने के लिए डायक्रिटिक्स पद्धति के अनुसार किया गया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने सुझाव दिया है कि नाम परिवर्तन का गजट नोटिफिकेशन जारी होने पर इसकी प्रति उनके देहरादून स्थित मुख्य कार्यालय और पुणे के महाराष्ट्र एवं गोवा भू-स्थानिक निदेशालय को भेजी जाए।
यह नाम परिवर्तन सांगली जिले के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस्लामपुर, जो अब ईश्वरपुर कहलाएगा, सांगली जिले का एक प्रमुख शहर है। इस बदलाव से स्थानीय लोगों की भावनाओं और सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने का प्रयास किया गया है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षण सर्वेक्षक तुषार वैश्य ने इस संबंध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर औपचारिक अनुरोध किया है कि गजट अधिसूचना जल्द जारी की जाए।
इसके साथ ही, विभाग ने गृह मंत्रालय, भारत के महासर्वेक्षक कार्यालय, पश्चिमी क्षेत्र जयपुर और पुणे निदेशालय को इसकी जानकारी भेजी है।
राजनीति
बरेली: वक्फ संपत्ति में फर्जी गिफ्ट डीड बनवाने के आरोप में मौलाना तौकीर रजा के करीबी नफीस पर मुकदमा दर्ज

बरेली, 12 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के बरेली में मौलाना तौकीर रजा के करीबी नफीस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बरेली पुलिस ने नफीस और उनकी पत्नी फरहत बेगम के खिलाफ वक्फ संपत्ति में फर्जी गिफ्ट डीड बनवाने और कब्जा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
मुकदमे की शुरुआत पीड़ित मोहम्मद कमर अख्तर की तहरीर पर हुई। तहरीर में बताया गया कि नन्हों कुजडी, जिन्हें मोहम्मद कमर अख्तर दादी कहते थे, ने अपनी मृत्यु से पहले वक्फ संख्या 26ए की संपत्ति को शिकायतकर्ता के दादा साबिर हुसैन और उनके तीन बेटों (साकिर हुसैन, जाकिर हुसैन और नासिर हुसैन) के नाम वसीयत कर दी थी।
वक्फ संख्या 26ए की संपत्ति में 95 गज का मकान बना हुआ है, जबकि नीचे 5 दुकानें हैं। इनमें से एक दुकान में नन्हों कुजडी खुद सब्जी की दुकान चलाती थीं। उनकी खुद कोई संतान नहीं थी, इसलिए साबिर हुसैन को वह अपना मुंहबोला भाई मानती थीं।
शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके पिता साकिर हुसैन का नफीस की दुकान पर आना-जाना था। नफीस ने अपने विश्वास में लेकर साल 1996 में उस वक्फ संपत्ति को 30 साल के लिए अपनी पत्नी फरहत बेगम के नाम लीज पर लिया था। शिकायतकर्ता के पिता के 2022 में निधन के बाद नफीस और फरहत बेगम ने धोखाधड़ी कर फर्जी गिफ्ट डीड तैयार कर संपत्ति को अपने दोनों बेटों (नौमान खान और फरहान खान) के नाम करा लिया और उस पर कब्जा जमा लिया।
इसी को लेकर मोहम्मद कमर अख्तर ने बरेली पुलिस में शिकायत की है। उसने पुलिस से अनुरोध किया है कि वक्फ संपत्ति उसे वापस दिलाई जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
फिलहाल, मोहम्मद कमर अख्तर की शिकायत पर तौकीर रजा के करीबी नफीस के खिलाफ बरेली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
राजनीति
सीएम योगी का बड़ा फैसला, 30 वर्ष बाद बढ़ेंगे पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकार

CM YOGI
लखनऊ, 24 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग के विभागीय अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक की वृद्धि किए जाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बदलावों से विभागीय अधिकारियों को निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता प्राप्त होगी। उच्च स्तर पर अनुमोदन की आवश्यकता घटने से निविदा, अनुबंध गठन एवं कार्यारंभ की प्रक्रिया में गति आएगी। यह सुधार वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने में सहायक होगा। शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग की बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विभाग के अधिकारियों के वित्तीय अधिकार वर्ष 1995 में निर्धारित किए गए थे। इस बीच निर्माण कार्यों की लागत में पांच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुसार वर्ष 1995 की तुलना में वर्ष 2025 तक लगभग 5.52 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण आवश्यक है, जिससे निर्णय प्रक्रिया में तेजी आए और परियोजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से किया जा सके। अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री को सिविल, विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए वित्तीय अधिकारों की वर्तमान व्यवस्था की जानकारी दी। विमर्श के उपरांत निर्णय लिया गया कि सिविल कार्यों के लिए अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों की सीमा अधिकतम पांच गुना तक तथा विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए कम से कम दो गुना तक बढ़ाई जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्णय के अनुसार मुख्य अभियंता को अब 2 करोड़ के स्थान पर 10 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार होगा। अधीक्षण अभियंता को 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार दिया जाएगा। अधिशासी अभियंता के वित्तीय अधिकार 40 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ किए जाएंगे। सहायक अभियंता को भी सीमित दायरे में टेंडर स्वीकृति एवं छोटे कार्यों की अनुमति देने के अधिकार बढ़ाए जाएंगे।
बता दें कि यह पुनर्निर्धारण तीन दशकों के बाद होने जा रहा है। बैठक में उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में संशोधन के माध्यम से विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग की सेवा संरचना, पदोन्नति व्यवस्था तथा वेतनमान के पुनर्गठन से जुड़े प्रस्तावों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि नियमावली में किया जा रहा यह संशोधन विभागीय अभियंताओं की सेवा संरचना को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से किया गया है। संशोधित नियमावली में विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद सम्मिलित किया गया है। इसके साथ मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या में वृद्धि की गई है।
नवसृजित पदों को नियमावली में समाहित करते हुए उनके पदोन्नति स्रोत, प्रक्रिया और वेतनमान को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिससे सेवा संरचना अधिक पारदर्शी और संगठित हो सके। बैठक में यह भी बताया गया कि मुख्य अभियंता (स्तर-एक) के पद पर पदोन्नति अब मुख्य अभियंता (स्तर-दो) से वरिष्ठता के आधार पर की जाएगी। इसी प्रकार मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों पर भी पदोन्नति की प्रक्रिया को नियमावली में स्पष्ट किया गया है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप अधिशासी अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता (स्तर-एक) तक के पदों के वेतनमान और मैट्रिक्स पे लेवल भी निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ चयन समिति की संरचना को अद्यतन किया गया है, ताकि पदोन्नति और नियुक्ति की कार्यवाही अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग राज्य की विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में एक प्रमुख विभाग है, इसलिए अभियंताओं की सेवा नियमावली को समयानुकूल, व्यावहारिक और पारदर्शी बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति व्यवस्था से विभाग की कार्यकुशलता, तकनीकी गुणवत्ता और सेवा भावना को नई दिशा मिलेगी।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
