राजनीति
संसद में आज: लोकसभा में वित्त विधेयक 2025 पारित करने के लिए करेंगी पेश
नई दिल्ली, 24 मार्च। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को फिर से शुरू होगी। लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त विधेयक, 2025 को विचार और पारित करने के लिए पेश करेंगी। यह विधेयक वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लाया जाएगा।
साथ ही केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी वित्त मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों (2024-2025) पर वित्त पर स्थायी समिति की पहली रिपोर्ट में शामिल सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में बयान देंगे।
मंत्री सुरेश गोपी पर्यटन मंत्रालय से संबंधित अनुदानों की मांगों (2023-2024) पर समिति की 343वीं रिपोर्ट में निहित सिफारिशों/टिप्पणियों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में बयान देंगे। वे परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की 364वीं रिपोर्ट में निहित सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में भी बयान देंगे।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा अपने मंत्रालय के बारे में बयान देंगे। इसके अलावा, सदस्य फग्गन सिंह कुलस्ते और विष्णु दयाल राम “अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक-आर्थिक विकास सहित दिल्ली सरकार में आरक्षण नीति के कार्यान्वयन” विषय पर संसदीय समिति की 27वीं रिपोर्ट (17वीं लोकसभा) में निहित टिप्पणियों/सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी समिति (2024-2025) की तीसरी रिपोर्ट पेश करेंगे।
सदस्य पुरुषोत्तमभाई रूपाला और डॉ. मल्लू रवि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने से संबंधित उद्योग संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे। इसके अलावा, छह मंत्री अपने विभागों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे।
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024 में लोकसभा द्वारा किए गए संशोधनों को विचारार्थ प्रस्तुत करेंगे। यह विधेयक पहले राज्यसभा से पारित हो चुका था और लोकसभा ने इसे 12 मार्च को अपनी बैठक में संशोधनों के साथ पारित किया था।
वहीं, बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्यसभा में पारित होने के लिए पेश करेंगी। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने 9 दिसंबर, 2024 को इस विधेयक को पेश किया था, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955, और अन्य संबंधित अधिनियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव है। यह विधेयक लोकसभा द्वारा पारित किया जा चुका है और अब इसे राज्यसभा से भी पारित किया जाना है।
मंत्री श्रीपद येसो नाइक ऊर्जा पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति की 19वीं रिपोर्ट में निहित सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में बयान देंगे। उनका बयान विद्युत क्षेत्र की कंपनियों द्वारा विद्युत परियोजनाओं के निष्पादन में देरी पर केंद्रित होगा।
अपराध
दिल्ली : लड़की ने खुद रची थी एसिड अटैक की साजिश, शामिल था पूरा परिवार

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: दिल्ली के भारत नगर इलाके से सामने आए एसिड अटैक के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में एसिड अटैक का मामला फर्जी पाया गया। नया खुलासा यह है कि जिस लड़की पर एसिड अटैक होने का दावा किया गया था, उसी ने पूरी प्लानिंग की थी। इस षड्यंत्र में लड़की के साथ उसके पिता, चाचा और भाई भी शामिल थे।
मामले में आरोपियों को क्लीनचिट के बाद स्पेशल सीपी, कानून एवं व्यवस्था (दिल्ली पुलिस) रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि टेक्निकल एनालिसिस, सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों की गवाही के बाद पता चला कि मुख्य आरोपी निर्दोष हैं। अन्य आरोपी भी निर्दोष थे।
उन्होंने मिडिया से कहा, “इस षड्यंत्र को लड़की, उसके पिता, चाचा और भाई ने मिलकर रचा। आरोप लगाने वाली लड़की और निर्दोष पाए गए व्यक्ति के परिवारों के बीच मंगोलपुरी में पुराना प्रॉपर्टी विवाद चल रहा था। उसी केस में लड़की के घर वालों ने निर्दोष पाए गए व्यक्ति के परिवार की महिला पर एसिड फेंका था। लड़की का पिता उस व्यक्ति की पत्नी का भी शोषण कर चुका था। इतना ही नहीं, लड़की ने तीन ऐसे लोगों के नाम भी एफआईआर में दर्ज कराए थे, जो वाकई में घटनास्थल पर मौजूद भी नहीं थे।”
पुलिस अधिकारी ने खुशी जताते हुए कहा कि हमने निर्दोष व्यक्ति को बचाया है। इससे पहले, जिस व्यक्ति पर एसिड अटैक के आरोप लगाए थे, उसका एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया, जो उसकी बेगुनाही का सबसे बड़ा सबूत साबित हुआ।
सीसीटीवी फुटेज में घटना के समय मुख्य आरोपी करोल बाग इलाके में दिखाई दिया था। अपनी शिकायत में युवती ने आरोप लगाया था कि आरोपी एसिड अटैक में शामिल था।
पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने दावा किया कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था और काम के सिलसिले में करोल बाग में था। बाद में पुलिस ने करोल बाग के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें घटना के समय वह वहां बाइक चलाते हुए दिखाई दिया। इस फुटेज के आधार पर पुलिस ने एसिड अटैक मामले के कथित मुख्य आरोपी को क्लीनचिट दी।
राजनीति
आस्था का महापर्व छठ पूजा से छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आए : सीएम साय

रायपुर, 28 अक्टूबर: छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न हिस्सों में आस्था और श्रद्धा का प्रतीक महापर्व छठ पूजा मंगलवार को सूर्योदय के समय दिए गए अर्घ्य के साथ विधिवत सम्पन्न हो गया। चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन व्रत का समापन सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित कर और आशीर्वाद प्राप्त कर किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुसौर विधानसभा क्षेत्र में छठ घाट पर श्रद्धालुओं के साथ शामिल होकर सूर्योदय अर्घ्य अर्पित किया।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह पर्व सूर्य और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए, यही कामना है। प्रदेश के कई हिस्सों में नए छठ घाटों का निर्माण किया गया, जिसकी स्वीकृति मुख्यमंत्री ने स्वयं दी। घाटों पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
सीएम साय ने छठ महापर्व के अवसर पर कहा कि पहले विधायक और अब मुख्यमंत्री के रूप में, मेरा प्रयास रहा है कि मैं छठ समारोह में भाग लूं, भगवान सूर्य की पूजा करूं और इस पावन पर्व के दौरान श्रद्धालुओं के साथ शामिल होऊं। इस बार भी मुझे यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि सोमवार शाम को अर्घ्य दिया गया और मंगलवार सुबह का अर्घ्य अर्पित किया। मुख्यमंत्री ने कामना की कि सभी के घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आए। इसके साथ ही, छठ पूजा के लिए सुविधाएं बढ़ाने हेतु पुसौर क्षेत्र में छठ घाटों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में सीएम ने लिखा कि आस्था, श्रद्धा और पवित्रता के इस महापर्व छठ पूजा में अपनी पत्नी के साथ सम्मिलित होकर छठी मईया की पूजा-अर्चना की एवं भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य अर्पित कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और मंगल की कामना की। यह पर्व संयम, साधना और प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है, जो समाज में श्रद्धा, संस्कार और एकता का संदेश देता है। छठी मइया और भगवान सूर्य नारायण की कृपा से हर घर में सुख-शांति और समृद्धि का प्रकाश बना रहे।
एसआईआर के कार्यान्वयन पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है और हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एसआईआर प्रक्रिया का सही ढंग से कार्यान्वयन हो।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्रंप प्रशासन की नीतियों के बावजूद रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने मिलकर किया भारत-अमेरिका संबंधों का समर्थन

वाशिंगटन, 28 अक्टूबर: अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों के सांसद मिलकर भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में जुट गए हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब कुछ महीने पहले ट्रंप प्रशासन ने भारत के हितों के खिलाफ कई नीतियां लागू की थीं। सांसदों का कहना है कि दोनों पार्टियों को मिलकर इस साझेदारी का समर्थन करना चाहिए और भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत रखना चाहिए।
पिछले दस दिनों में कम से कम छह संयुक्त पत्र और प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इन पत्रों में भारतीय अमेरिकी समुदाय के हितों की सुरक्षा करने और भारत-अमेरिका के सहयोग को बनाए रखने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन से उन नीतियों के लिए जवाबदेही मांगी गई है।
पिछले हफ्ते अमेरिकी सांसदों ने रटगर्स यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हिंदुओं के खिलाफ गलत धारणाओं और पूर्वाग्रह को बढ़ावा दे सकता है, खासकर तब जब अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं।
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में जॉर्जिया से डेमोक्रेट सैनफोर्ड बिशप, इलिनॉय से श्री थानेदार, वर्जीनिया से सुहास सुब्रमण्यम और जॉर्जिया से रिपब्लिकन रिच मैककॉर्मिक शामिल थे।
इसके दो दिन पहले छह सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप और वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने एच-1बी वीजा नियमों को लेकर अपनी चिंता जताई।
पत्र में कहा गया कि यह नई नीतियां अमेरिकी नियोक्ताओं के लिए मुश्किलें बढ़ाएंगी और अमेरिका की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को कमजोर करेंगी।
इस पत्र पर डेमोक्रेट सुहास सुब्रमण्यम और रिपब्लिकन सांसद जॉय ओबरनोल्टे और डॉन बेकन समेत अन्य सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए।
17 अक्टूबर को चार अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखा और भारत में होने वाले क्वाड लीडर्स समिट और एशिया की अन्य बैठकों में हिस्सा लेने का आग्रह किया।
उसी दिन, प्रतिनिधि सभा में एक संयुक्त प्रस्ताव भी पेश किया गया। इसमें भारतीय अमेरिकी समुदाय के अमेरिका में योगदान को मान्यता देने और भारतीय अमेरिकियों के खिलाफ नस्लीय हमलों की निंदा करने की बात कही गई।
इस प्रस्ताव में भारत-अमेरिका के रिश्ते को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक साझेदारियों में से एक बताया गया।
यह कदम पिछले दिनों 19 डेमोक्रेट सांसदों के पत्र से अलग था, जिसमें उन्होंने ट्रंप को भारत-अमेरिका संबंधों को सुधारने और फिर से मजबूत करने की सलाह दी थी। उस समय कोई रिपब्लिकन सांसद इसमें शामिल नहीं हुआ था।
डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के नेताओं को आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने लंबे समय तक चुप्पी बनाए रखी थी। ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी जैसे ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो और वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक लगातार भारत के खिलाफ नीतियां बना रहे थे। ये नीतियां भारत के रूस से तेल खरीदने और व्यापार संतुलन को लेकर थीं।
अगस्त में ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए। इसमें रूस से तेल आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल था।
इसके बाद सितंबर में ट्रंप ने एच-1बी वीजा नियम में बदलाव किया और इसके लिए 100,000 डॉलर का आवेदन शुल्क लगाया। 2024 में एच-1बी वीजा पाने वाले 70 प्रतिशत से अधिक लोग भारतीय थे, जिससे भारत के हित सीधे प्रभावित हुए।
कुछ डेमोक्रेट सांसदों ने इस पर सार्वजनिक विरोध किया, लेकिन रिपब्लिकन सांसदों ने हाल तक चुप्पी बनाए रखी। अक्टूबर की शुरुआत में डेमोक्रेट सांसद अमी बेरा ने मिडिया से कहा कि कुछ रिपब्लिकन सांसद सिर्फ इसलिए चुप हैं क्योंकि वे राष्ट्रपति ट्रंप से डरते हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों को भारत-अमेरिका संबंधों का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए।
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