राष्ट्रीय समाचार
चुनाव आयुक्तों के चयन पैनल से मुख्य न्यायाधीश को बाहर रखने से संबंधित कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इस कानून के तहत चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए गठित समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया गया है।
एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए सुनवाई का अनुरोध किया।
भूषण ने मामले की प्राथमिकता के आधार पर किसी अन्य दिन सुनवाई करने का आग्रह किया क्योंकि आज सूचीबद्ध मामले पर न्यायालय के व्यस्त कार्यक्रम के कारण सुनवाई होने की संभावना नहीं है। भूषण ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने में अधिक समय नहीं लगेगा।
इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 16 अप्रैल के लिए निर्धारित कर दी और कहा कि अदालत उस दिन न्यूनतम अत्यावश्यक सुनवाई सुनिश्चित करेगी, ताकि मामले की सुनवाई अदालत की कार्यवाही के आरंभ में की जा सके।
सर्वोच्च न्यायालय ने 2024 में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 के तहत दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और जया ठाकुर (मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की महासचिव), संजय नारायणराव मेश्राम, धर्मेंद्र सिंह कुशवाह, अधिवक्ता गोपाल सिंह द्वारा अधिनियम पर रोक लगाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिकाएं दायर की गईं।
याचिकाओं में चुनाव आयुक्त कानून को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत मुख्य चुनाव आयुक्तों और अन्य चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति के लिए चयन पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया गया था।
याचिकाओं में कहा गया है कि अधिनियम के प्रावधान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि वे भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के सदस्यों की नियुक्ति के लिए “स्वतंत्र तंत्र” प्रदान नहीं करते हैं।
याचिकाओं में कहा गया है कि अधिनियम भारत के मुख्य न्यायाधीश को ईसीआई के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया से बाहर रखता है, जो शीर्ष अदालत के 2 मार्च, 2023 के फैसले का उल्लंघन है, जिसमें आदेश दिया गया था कि ईसीआई के सदस्यों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, सीजेआई और लोकसभा में विपक्ष के नेता की समिति की सलाह पर की जाएगी, जब तक कि संसद द्वारा कानून नहीं बनाया जाता।
याचिकाओं में कहा गया है कि इस प्रक्रिया से मुख्य न्यायाधीश को बाहर रखने से सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय कमजोर हो जाएगा, क्योंकि प्रधानमंत्री और उनके द्वारा मनोनीत व्यक्ति हमेशा नियुक्तियों में “निर्णायक कारक” होंगे।
याचिकाओं में विशेष रूप से मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 की धारा 7 और 8 को चुनौती दी गई है। ये प्रावधान ईसीआई सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया निर्धारित करते हैं।
उन्होंने केंद्र से यह निर्देश मांगा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश को भी शामिल किया जाए, जिसमें वर्तमान में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल हैं।
इस अधिनियम ने निर्वाचन आयोग (निर्वाचन आयुक्तों की सेवा शर्तें तथा कार्य संचालन) अधिनियम, 1991 का स्थान लिया।
राजनीति
पाकिस्तान ने अस्थायी रूप से बंद किया अपना हवाई क्षेत्र

नई दिल्ली, 10 मई। पाकिस्तान ने शनिवार को कुछ समय के लिए अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इससे पहले, भारत ने उस पर ड्रोन हमलों के दौरान वाणिज्यिक उड़ानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
नोटिस टू एयरमेन (नोटम) के माध्यम से अधिसूचित यह फैसला परमाणु हथियारों से लैस भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण लिया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कदम भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर रात भर तीव्र ड्रोन गतिविधि के बाद उठाया गया है, जब उत्तर में बारामूला से लेकर दक्षिण में भुज तक स्थित अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 26 स्थानों पर पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए थे।
मंत्रालय ने कहा कि इनमें सशस्त्र ड्रोन भी शामिल थे, जो नागरिक और सैन्य ठिकानों के लिए खतरा बन सकते थे।
जिन स्थानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, उनमें बारामूला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, नगरोटा, जम्मू, फिरोजपुर, पठानकोट, फाजिल्का, लालगढ़ जट्टा, जैसलमेर, बाड़मेर, भुज, कुआरबेट और लखी नाला शामिल थे।
इनमें से कई स्थानों पर महत्वपूर्ण हवाई अड्डे, अग्रिम सैन्य ठिकाने और नागरिक उड्डयन सुविधाएं शामिल थीं। भारत ने सभी हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
भारत ने पाकिस्तान पर ड्रोन और मिसाइल अभियानों के दौरान हवाई क्षेत्र खुला रखकर अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “पाकिस्तान नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, यह अच्छी तरह से जानते हुए कि भारत पर उसके हमले से हवाई रक्षा प्रतिक्रिया होगी। यह उन नागरिक विमानों के लिए सुरक्षित नहीं है, जिनमें भारत-पाकिस्तान सीमा के पास उड़ान भरने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं।”
पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की रात को 300 से 400 ड्रोन तैनात किए, जिन्हें प्रारंभिक रूप से तुर्किये निर्मित अस्सिगार्ड सोंगर मॉडल बताया गया। इनमें से कई को बैरक-8, एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणालियों, आकाश एसएएम और स्वदेशी ड्रोन-रोधी तकनीकों का इस्तेमाल करके रोका गया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ब्रीफिंग में कहा, “इसका आकार बताता है कि यह हमारी तत्परता को परखने के लिए जानबूझकर किया गया सैन्य प्रयास था। हमने उसी अनुपात में जवाब दिया।”
लक्षित स्थानों में श्रीनगर हवाई अड्डा, अवंतीपोरा एयरबेस, नगरोटा, जम्मू, पठानकोट, फाजिल्का और जैसलमेर शामिल थे।
फिरोजपुर में, एक नागरिक क्षेत्र पर ड्रोन हमले में एक स्थानीय परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए। किसी भी भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान नहीं पहुंचा।
राष्ट्रीय समाचार
भारत-पाक संघर्ष से रोजाना घरेलू हवाई यातायात का 11 प्रतिशत प्रभावित : इंडस्ट्री डेटा

नई दिल्ली, 9 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही देश के 24 हवाई अड्डों के बंद होने से रोजाना घरेलू हवाई यातायात का कम से कम 11 प्रतिशत प्रभावित हुआ है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक डेटा से मिली है।
इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, डेली एवरेज डोमेस्टिक फ्लाइट्स अप्रैल में 3,265 से घटकर 8 मई तक 2,907 रह गईं।
फ्लाइटरडार24 डेटा के अनुसार, 9-10 मई को करीब 670 एयरलाइन रूट प्रभावित होंगे। इसमें बंद किए गए 24 हवाई अड्डों पर 334 इनकमिंग और 336 आउटगोइंग फ्लाइट्स शामिल हैं।
श्रीनगर, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू और लेह के हवाई अड्डे सबसे अधिक प्रभावित रूट हैं। अन्य प्रभावित हवाई अड्डों में पटियाला, भुंतर, पठानकोट, बीकानेर, जैसलमेर, मुंद्रा, केशोद और राजकोट शामिल हैं।
इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई सहित कई शहरों में भी विमानों के आगमन में देरी हो रही है।
फ्लाइटरडार24 के आंकड़ों के अनुसार, इन हवाई अड्डों से विमानों के प्रस्थान में अधिक व्यवधान आ रहा है।
इस बीच, दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुक्रवार को ऑपरेशनल रहा।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “दिल्ली हवाई अड्डे पर परिचालन सामान्य बना हुआ है। हवाई क्षेत्र की बदलती परिस्थितियों और कड़ी सुरक्षा के कारण कुछ उड़ानें प्रभावित हुई हैं। कृपया नवीनतम अपडेट के लिए अपनी एयरलाइन से संपर्क करें।”
डीआईएएल ने कहा, “हम किसी भी असुविधा को कम करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
लो-कॉस्ट एयरलाइन इंडिगो को 500 से अधिक उड़ानें रद्द होने का सामना करना पड़ रहा है। एयरलाइन ने एक्स पोस्ट में कहा, “आपकी सुरक्षा सर्वोपरि है और हम आपकी यात्रा को आसान बनाने में मदद करने के लिए यहां हैं।”
नागरिक उड़ानों के बंद होने से उत्तरी और पश्चिमी भारत में कनेक्टिविटी प्रभावित हो रही है और यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले एयरलाइन से संपर्क करें।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने देश के सभी एयरलाइनों और हवाई अड्डों को सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की सलाह दी है।
एयर इंडिया ने कहा, “हवाई अड्डों पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के संबंध में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के आदेश के कारण, देश भर के यात्रियों को चेक-इन और बोर्डिंग के लिए अतिरिक्त समय देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रस्थान से 75 मिनट पहले चेक-इन बंद हो जाएगा।”
दूसरी ओर, फ्लाइटरडार24 के आंकड़ों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय यातायात काफी हद तक स्थिर बना हुआ है, जिसमें दैनिक फ्लाइट्स 616 से मामूली रूप से घटकर 604 रह गई हैं।
राजनीति
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाली जनहित याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा – हम किसी राज्य को आदेश नहीं दे सकते

suprim court
नई दिल्ली, 9 मई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कराने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि हम सीधे किसी राज्य को आदेश नहीं दे सकते।
ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दी। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गईं।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संदिग्ध वस्तु को अपने कब्जे में ले लिया। प्रारंभिक जांच में यह वस्तु मोर्टार जैसी प्रतीत हो रही है, जिसके बाद सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने इलाके को पूरी तरह सील कर दिया। वस्तु के 100 मीटर के दायरे में किसी भी व्यक्ति को आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पुलिस ने आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह वस्तु संभवतः पुरानी हो सकती है, क्योंकि जैसलमेर सीमावर्ती क्षेत्र है और यहां सैन्य गतिविधियां समय-समय पर होती रहती हैं। कुछ ग्रामीणों ने आशंका जताई कि यह कोई पुराना गोला-बारूद हो सकता है, जो पहले से जमीन में दबा हुआ था। हालांकि, इसकी सटीक प्रकृति का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया गया है। फिलहाल बम निरोधक दस्ते को मौके पर भेजा गया है, जो वस्तु की जांच करेगा।
वहीं पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस का सहयोग करें। प्रशासन ने भी लोगों से शांति बनाए रखने और बिना अनुमति के घटनास्थल पर न जाने की अपील की है।
आपको बता दें कि जैसलमेर में इस तरह की घटना पहली बार नहीं है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां पहले भी पुराने गोला-बारूद या संदिग्ध वस्तुएं मिल चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश या मिट्टी के कटाव के कारण कभी-कभी पुरानी वस्तुएं सतह पर आ जाती हैं।
फिलहाल, पुलिस और प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ मामले की जांच में जुटे हैं। बम निरोधक दस्ते की रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह वस्तु विस्फोटक है या नहीं।
वहीं पंजाब के होशियारपुर जिले के हलका मुकेरियां के गांव बह फत्ता में शुक्रवार को उस समय सनसनी फैल गई, जब एक खेत में पाकिस्तान द्वारा दागी गई मिसाइल का मलबा मिला। यह मिसाइल आंशिक रूप से टूटी हुई अवस्था में थी और इसका कुछ हिस्सा अलग हो चुका था। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस और प्रशासन को दी, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इलाके को पूरी तरह सील कर दिया।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान ने दसूहा आसपास के क्षेत्रों में कई मिसाइल हमले किए, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। यह मिसाइल उनमें से एक है, जो नष्ट होने से बच गई और बह फत्ता गांव के खेतों में जा गिरी।
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