अंतरराष्ट्रीय
दक्षिण पूर्व एशिया के साइबर अपराध केंद्रों में फंसे 266 भारतीयों की स्वदेश वापसी

नई दिल्ली, 12 मार्च। दक्षिण पूर्व एशिया में साइबर अपराध केंद्रों से रिहा किए गए 266 भारतीय नागरिक स्वदेश वापस आ गए हैं। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एक विमान में ये लोग भारत लौटे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा, “भारत सरकार ने कल एक आईएएफ विमान द्वारा 266 भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की, जिन्हें दक्षिण पूर्व एशिया में साइबर अपराध केंद्रों से रिहा किया गया था।”
मंत्रालय ने भारतीय दूतावासों के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, जिन्होंने प्रभावित व्यक्तियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ मिलकर काम किया।
इससे पहले सोमवार को 283 भारतीयों को म्यांमार से वापस लाया गया। इन लोगों को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में नौकरी के फर्जी ऑफर के नाम पर बहला-फुसलाकर ले जाया गया। बाद में इन्हें म्यांमार-थाईलैंड सीमा से लगे क्षेत्रों में संचालित घोटाला केंद्रों में साइबर अपराध और धोखाधड़ी की अन्य गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में म्यांमार और थाईलैंड में भारतीय दूतावासों के अथक प्रयासों पर जोर दिया गया, जिन्होंने फंसे हुए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया।
सोमवार को विशेष भारतीय वायुसेना के विमान ने थाईलैंड के माई सोत से 283 नागरिकों को लेकर उड़ान भरी। यह इस क्षेत्र में मानव तस्करी और साइबर अपराध रैकेट के खिलाफ भारत की चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अपनी सलाह दोहराते हुए, विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से सावधानी बरतने का आग्रह किया। मंत्रालय ने विदेश में भारतीय मिशनों के जरिए विदेशी नियोक्ताओं की साख को सत्यापित करने और विदेशी नौकरी के अवसरों को स्वीकार करने से पहले भर्ती एजेंटों और कंपनियों की पूरी तरह से जांच करने के महत्व पर जोर दिया।
भारतीय सरकार ने अपने नागरिकों को अज्ञात स्रोतों से आने वाले अनचाहे नौकरी के प्रस्तावों के खतरों के बारे में बार-बार आगाह किया है, क्योंकि इनमें से कई मामलों में व्यक्तियों का शोषण हुआ है और उन्हें अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान : लाहौर स्थित वाल्टन एयरपोर्ट के पास सुनाई दी धमाके की आवाज

लाहौर, 8 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच, पाकिस्तान के लाहौर में धमाकों से जुड़ी खबरें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि लाहौर में एक के बाद एक कई धमाकों की आवाज सुनी गई है।
लाहौर पुलिस के मुताबिक लाहौर के वाल्टन रोड पर जोरदार धमाका हुआ है। करीब 2 से 3 ब्लास्ट हुए हैं। इन धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि लोग घरों से बाहर निकल आए।
फिलहाल धमाकों की वजह और जानमाल के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। साथ ही पुलिस मौके पर पहुंच गई है और किसी को भी घटनास्थल पर जाने नहीं दे रही है।
लाहौर में धमाकों से जुड़ी यह खबर उस समय सामने आई है, जब 6-7 मई की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया।
पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) के प्रमुख जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि इन हवाई हमलों में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई और 46 घायल हुए हैं। ये हमले पीओके और पंजाब प्रांत के उन इलाकों में हुए जहां भारत के अनुसार आतंकियों के ठिकाने थे।
इस स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा गया है, देश की हवाई सीमाएं 24 से 36 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं, इस्लामाबाद और पंजाब के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है।
इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत अपने आक्रामक रुख से पीछे हटता है, तभी यह तनाव खत्म हो सकता है।
ब्लूमबर्ग से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा का पूरा हक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमला शुरू नहीं किया, बल्कि केवल भारत के हमले का जवाब दिया है।
अंतरराष्ट्रीय
‘ऑपरेशन सिंदूर’ : भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए 70 से अधिक आतंकी

नई दिल्ली, 7 मई। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
ये हमले नौ लक्षित स्थानों- मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल में किए गए। इन हमलों में 60 से अधिक आतंकवादी घायल हो गए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में सरकार ने बुधवार सुबह मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि ये कार्रवाई नपी-तुली और गैर-उत्तेजित प्रकृति की, आनुपातिक और जिम्मेदाराना थी, जो पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद और भारत पर हमलों के निरंतर समर्थन के खिलाफ थी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया और इसका उद्देश्य आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना और आतंकियों को बेदम करना था।
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सीमा पार आतंकवाद का जवाब देने और उसे रोकने के देश के अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है।
मिस्री के अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस को भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी संबोधित किया।
उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों और उनके भारत पर हमलों से लक्षित ठिकानों के संबंधों पर प्रकाश डाला।
नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमलों के जरिए भारत ने दिखाया कि वह अब सीमा पार आतंकवाद या इसे बढ़ावा देने वाली सरकारी संस्थाओं की मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने ऐतिहासिक अभियान में रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर हमले किए।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर चले ऑपरेशन की लगातार निगरानी कर रहे थे।
भारत ने पाकिस्तान और पीओके में उन ठिकानों पर हमला किया, जहां से आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था।
भारत ने बयान में कहा, “हमारी कार्रवाई केंद्रित, संतुलित रही। पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने लक्ष्यों के चयन और कार्रवाई के तरीके में काफी संयम दिखाया।”
अंतरराष्ट्रीय
पाक मंत्री भारत के खिलाफ उगल रहे थे जहर, विदेशी मीडिया ने करा दी बोलती बंद, याद दिलाया उनके रक्षा मंत्री का बयान

नई दिल्ली, 7 मई। भारत के एयर स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार विदेशी मीडिया के सामने गिड़गिड़ाते दिखे। अपना पक्ष रखने की कोशिश में भारत पर अनर्गल आरोप लगाने लगे, लेकिन उन्हें करारा जवाब दिया गया। एंकर ने उन्हें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान याद दिला दिया।
तरार ने दावा किया कि पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ाई की है।
उनसे सवाल किया गया कि भारत आतंकी शिविरों को निशाना बनाने की बात कर रहा है, हमारे यहां ऐसा नहीं है। इस पर एंकर ने रोकते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हाल ही में दिए बयान का जिक्र किया।
याद दिलाया कि खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक सप्ताह पहले इसी शो में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकी गुटों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण दिया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी इस नीति की सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं। यहां तक कि बिलावल भुट्टो भी स्वीकार कर चुके हैं।
एंकर ने कहा, “2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता यह कहते हुए बंद कर दी थी कि पाकिस्तान आतंकियों को आश्रय दे रहा है। ऐसे में ‘पाकिस्तान में कोई आतंकी कैंप नहीं हैं’ कहना आपके ही वरिष्ठ नेताओं के बयानों के विपरीत है। आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग और समर्थन देना पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रहा है और यह अब भी है।”
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं हैं। हम खुद आतंकवाद के सबसे बड़े शिकार हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ जंग में 90,000 जानें गंवाई हैं। आज भी बलूचिस्तान और अन्य इलाकों में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं।” पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ फ्रंटलाइन स्टेट है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ा है।
एंकर ने फिर इतिहास याद दिलाया तो मंत्री ने कहा, ‘जो रक्षा मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि उनका मतलब गलत समझा गया है। 9/11 के बाद, पाकिस्तान आज भी आतंकवाद के खात्मे में लगा सबसे अग्रणी देश है। हम दुनिया की शांति के गारंटर हैं, क्योंकि हम आतंकवादियों और बाकी दुनिया के बीच दीवार के रूप में खड़े हैं। आपको, मैं आपको पाकिस्तान आने का निमंत्रण देना चाहता हूं, आकर देखिए।’
इस पर एंकर ने कहा, “मैंने पाकिस्तान का दौरा किया है और हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया था।”
एंकर ने प्रश्न किया कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया था। उस हमले में सुरक्षाबलों पर घातक हमला हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है। इस पर पाक मंत्री ने कहा, “भारत के पास कोई सबूत नहीं है। हम जांच के लिए तैयार थे, हमने यहां तक कहा कि यूएन, यूके जैसे देशों को शामिल करें लेकिन भारत ने जांच से इनकार कर दिया और सीधे हमला कर दिया।”
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