राजनीति
शिक्षामित्रों-अनुदेशकों को डिजिटल लिटरेसी की ट्रेनिंग दे रहे हैं : मंत्री संदीप सिंह
लखनऊ, 4 मार्च। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के नौवें दिन मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को डिजिटल लिटरेसी की विशेष ट्रेनिंग दे रही है। इसके साथ ही कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को डिजिटल लिटरेसी और कंप्यूटर इंटेलिजेंस की सुविधाएं भी दी जा रही हैं, जिससे वे आधुनिक तकनीकों से जुड़ सकें। कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को शिक्षामित्रों और कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों की शिक्षा अनुदेशकों के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है।
मंत्री ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को कंप्यूटर, इंटरनेट और डिजिटल संसाधनों के व्यावहारिक ज्ञान की ट्रेनिंग दे रहा है, जिससे वे छात्रों को प्रभावी तरीके से शिक्षण प्रदान कर सकें। इसके अलावा, उन्होंने सरकार के डिजिटल इंडिया विजन के तहत शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल स्किल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कोडिंग जैसी नई तकनीकों को शिक्षा में शामिल करने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और डिजिटल संसाधनों को सुलभ बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके तहत, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को स्मार्ट क्लास, ऑनलाइन शिक्षण और डिजिटल टूल्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जा सके और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए मंत्री संदीप सिंह ने परीक्षा प्रक्रियाओं और डिजिटल शिक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चों के प्रश्न पत्र विद्यालयों तक पहुंचाए जाते हैं और कंपोजिट ग्रांट के माध्यम से पेपरों की छपाई कराई जाती है। हालांकि, कुछ विद्यालयों में बजट की कमी के कारण पेपर की छपाई नहीं हो सकी, जिसके परिणामस्वरूप ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखकर छात्रों को दिए गए थे।
उन्होंने सुनिश्चित किया कि भविष्य में सभी विद्यालयों में परीक्षाएं नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी और प्रश्न पत्र बच्चों तक पहुंचाए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस और कक्षा में दो-दो टैबलेट की सुविधा प्रदान की जा रही है। अब तक सभी विद्यालयों में दो-दो टैबलेट पहुंच चुके हैं और स्मार्ट क्लासेस की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसके अलावा, 880 विकास खंडों में आईसीटी लैब्स की स्थापना की गई है, जहां शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 2024 तक 1,65,299 शिक्षकों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें 21वीं सदी के जीवन कौशल, गणित, डिजिटल लिटरेसी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल हैं। स्मार्ट क्लासेस के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक के सभी विषयों का डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है और बच्चों को क्यूआर कोड के माध्यम से भी डिजिटल सामग्री प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद, अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की स्थापना रोक दी गई है। अब अंग्रेजी को प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में एक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है।
मंत्री ने शिक्षक और छात्र अनुपात पर बात करते हुए कहा कि समायोजन प्रक्रिया पर काम जारी है और जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा। सरकार विश्व स्तरीय मॉडल स्कूलों की स्थापना कर रही है, जिनकी प्रक्रिया 57 जनपदों में शुरू हो चुकी है।
पर्यावरण
दिल्ली में आज हो सकती है क्लाउड सीडिंग, प्रदूषण कम करने के लिए तैयारियां पूरी

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आज क्लाउड सीडिंग की जा सकती है। मौसम विभाग के अनुसार यदि विजिबिलिटी (दृश्यता) ठीक रहती है तो कानपुर से क्लाउड सीडिंग करने वाला एयरक्राफ्ट उड़ान भरेगा। इसका उद्देश्य कृत्रिम वर्षा के माध्यम से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों में कमी लाना है, जिससे दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार हो सके।
इससे पहले बुराड़ी और खेरा के बीच क्लाउड सीडिंग की परीक्षण उड़ान की जा चुकी है, जिसमें तकनीकी टीमों ने मौसम की परिस्थितियों का मूल्यांकन किया था। बताया जा रहा है कि यह उड़ान सफल रही, जिसके बाद अब वास्तविक प्रयोग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में बताया था कि बुराड़ी क्षेत्र में कृत्रिम वर्षा के लिए विशेषज्ञों ने गुरुवार को परीक्षण किया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह प्रयोग राजधानी की हवा को स्वच्छ करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पहल केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक नहीं है, बल्कि यह दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए वैज्ञानिक तरीका स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य राजधानी की हवा को स्वच्छ और पर्यावरण को संतुलित बनाना है।
सरकार के अनुसार यह प्रयास केवल वर्तमान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि भविष्य को भी ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
क्लाउड सीडिंग का यह प्रयोग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सहयोग से किया जा रहा है।
बता दें कि वायु प्रदूषण ने राजधानी और आसपास के इलाकों की सांसें फिर से रोक दी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह-शाम के समय बाहर जाने से बचने, मास्क पहनने और इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखने की सलाह दी है।
यदि आज मौसम ने साथ दिया तो दिल्ली में कृत्रिम बारिश का पहला सफल प्रयास भी साबित हो सकता है और प्रदूषण से जूझ रही राजधानी को थोड़ी राहत भी मिलेगी।
महाराष्ट्र
मुंबई मौसम अपडेट: बारिश से हवा साफ होने के बाद शहर ने राहत की सांस ली, कुल AQI 64 पर मध्यम बना हुआ है; IMD ने आगे और बारिश की चेतावनी दी

मुंबई: रात भर हुई भारी बारिश के बाद, मंगलवार को मुंबई में आसमान साफ़ और तेज़ धूप खिली, जिससे निवासियों को दिवाली के बाद की धुंध से राहत मिली। हालाँकि, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आगाह किया है कि यह सुहावना मौसम ज़्यादा देर तक नहीं रहेगा, इसलिए शहर में आज और अगले दो दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, दिन में बाद में मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
आईएमडी के अनुसार, अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने की उम्मीद है, जबकि न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास गिर सकता है। दिवाली के तुरंत बाद हुई बेमौसम बारिश ने शहर को अस्थायी रूप से ठंडा कर दिया है और वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है, जो प्रदूषण और स्थिर हवाओं के कारण खराब हो गई थी।
AQI.in के रीयल-टाइम आंकड़ों से पता चला है कि मंगलवार सुबह मुंबई का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 64 रहा, जो इसे मध्यम श्रेणी में रखता है, जो पिछले सप्ताह दर्ज किए गए अस्वस्थ स्तरों से स्पष्ट सुधार है। स्वच्छ हवा ने राहत की सांस ली, धुंध छंट गई और शहर के अधिकांश हिस्सों में दृश्यता में सुधार हुआ।
शहर के निगरानी केंद्रों में, जोगेश्वरी में सबसे ज़्यादा 83 AQI दर्ज किया गया, उसके बाद कोलाबा (82), वडाला ट्रक टर्मिनल (75), चेंबूर (73) और बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (72) का स्थान रहा। हालाँकि शुरुआती घंटों में कुछ इलाकों में धुंध छाई रही, लेकिन शहर के ज़्यादातर हिस्सों में हवा काफ़ी ताज़ा रही।
दूसरी ओर, कई इलाकों में हवा असाधारण रूप से साफ़ रही। मुलुंड पश्चिम 48 AQI के साथ सूची में सबसे ऊपर रहा, उसके बाद कांदिवली पूर्व (50), मलाड पश्चिम (52), भांडुप पश्चिम (53), और परेल-भोईवाड़ा (55) का स्थान रहा, जो सभी “अच्छे” से “मध्यम” श्रेणी में रहे।
AQI.in के वर्गीकरण के अनुसार, 0-50 के बीच की रीडिंग “अच्छी” हवा, 51-100 “मध्यम”, 101-150 “खराब”, 151-200 “अस्वास्थ्यकर” और 200 से ऊपर “गंभीर” से “खतरनाक” हवा को दर्शाती है।
इस बीच, आईएमडी ने बताया कि सोमवार शाम को मुंबई के कुछ इलाकों में तेज़ हवाओं और गरज के साथ बारिश जारी रही। मुंबई और आसपास के जिलों, ठाणे, पालघर और रायगढ़ के लिए 30 अक्टूबर तक येलो अलर्ट जारी रहेगा।
मौसम विभाग ने बेमौसम बारिश के लिए अरब सागर के ऊपर बने ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण को ज़िम्मेदार ठहराया है। यह अलर्ट मराठवाड़ा, उत्तरी महाराष्ट्र, विदर्भ और कोंकण क्षेत्रों में भी जारी किया गया है, जिसमें गरज के साथ बारिश, बिजली गिरने और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएँ चलने की चेतावनी दी गई है।
राष्ट्रीय समाचार
एलआईसी-अदाणी रिपोर्ट के समय पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल, कहा- बिहार चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: अदाणी ग्रुप में एलआईसी के निवेश को लेकर हाल ही में आई ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश है।
जानकारों ने आगे कहा कि यह रिपोर्ट राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है,क्योंकि यह ऐसे समय पर आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए, इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने मिडिया को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी द्वारा निवेश निर्णयों का राजनीतिकरण निवेशकों या व्यापक अर्थव्यवस्था के हितों में नहीं है।
उन्होंने पूछा, “जब विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं, तो एलआईसी ऐसा क्यों नहीं कर सकती?”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने एलआईसी पर अदाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर निवेश करने का दबाव बनाया, जिसमें मई 2025 में किया गया 568 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का भी निवेश शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से लगातार लाभ कमा रहे हैं, इसलिए एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं लगता है और इसका उद्देश्य संभवतः घरेलू संस्थानों को कमजोर करना है।
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के विदेशी नैरेटिव की आलोचना की। उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय पहले इस तरह के हमले शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की ओर से किए गए थे, जो बाद में आधारहीन साबित हुए।
उन्होंने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा, “भारतीय कंपनियों को हिट एंड रन करने की विदेशी नीति, देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकती है।”
पूनावाला ने कहा कि एलआईसी 57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियों को मैनेज करता है, जिसमें से 14.5 लाख करोड़ रुपए इक्विटी में लगे हुए हैं।
वहीं, अदाणी ग्रुप में एलआईसी का एक्सपोजर करीब 56,000 करोड़ रुपए का है, जो कि उसके कुल पोर्टफोलियो का 1 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप के निवेश से एलआईसी को अब तक केवल फायदा हुआ है।
एलआईसी ने पहले ही वाशिंगटन पोस्ट के लेख का आधिकारिक खंडन जारी कर दिया है और स्पष्ट रूप से इसे “झूठा, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर” बताया है।
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