राजनीति
‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कहना अनुचित, लेकिन यह धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला अपराध नहीं : सुप्रीम कोर्ट
रांची/नई दिल्ली, 4 मार्च। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के बोकारो निवासी हरिनारायण सिंह की अपील पर सुनवाई के बाद फैसला दिया है कि किसी व्यक्ति को “मियां-तियां” और “पाकिस्तानी” कहकर पुकारना अनुचित हो सकता है, लेकिन यह भारतीय दंड संहिता की धारा 298 के तहत धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला अपराध नहीं माना जा सकता।
जस्टिस बी. वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस फैसले के साथ हरिनारायण सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को निरस्त कर दिया। हरिनारायण सिंह के खिलाफ यह मामला बोकारो के चास अनुमंडल कार्यालय में कार्यरत उर्दू ट्रांसलेटर मो. शमीमुद्दीन ने दर्ज कराया था।
उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें जिस तरह के अपमानजनक शब्द कहे गए, इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। मो. शमीमुद्दीन के मुताबिक जब वे एक आरटीआई आवेदन से संबंधित जानकारी देने के लिए हरिनारायण सिंह से मिलने गए, तो उन्होंने उनके धर्म का उल्लेख करते हुए उन्हें ‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कहा।
इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने हरिनारायण सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद जुलाई, 2021 में मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग), धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए शब्दों का उपयोग), और धारा 504 (शांतिभंग के लिए उकसाने वाला अपमान) के तहत आरोप तय किए गए थे।
इसके खिलाफ हरिनारायण सिंह ने जिला अदालत का रुख किया, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के बाद उन्हें आरोपमुक्त करने से इनकार कर दिया तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि एफआईआर में आरोपी द्वारा कोई हमला या बल प्रयोग नहीं किया गया था, इसलिए आईपीसी की धारा 353 लागू नहीं होती।
इसके अलावा, आरोपी द्वारा ऐसा कोई कार्य भी नहीं किया गया था जिससे शांति भंग होने की स्थिति उत्पन्न हो, अतः आईपीसी की धारा 504 के तहत भी उसे आरोपित नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि “‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ जैसे शब्दों का उपयोग निश्चित रूप से अनुचित और खराब व्यवहार का परिचायक है, लेकिन यह धारा 298 के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
राजनीति
भाजपा नेता राम कदम का राहुल गांधी पर हमला, देश के खिलाफ बोलने वाले गद्दार

मुंबई, 23 दिसंबर: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के चीन को लेकर बयान पर भाजपा नेता राम कदम ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वह देश के खिलाफ बोलने वाले को गद्दार समझेंगे।
मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान राम कदम ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। अगर किसी पार्टी का कोई सीनियर नेता या विपक्ष का नेता सत्र के दौरान विदेश जाता है, तो इससे सीधे पता चलता है कि वह देश के विकास को लेकर गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी विदेश गए हैं और देश की छवि खराब की है, यह लगातार होता रहा है। इसी वजह से अब देश के लोगों को उन्हें सबक सिखाने की जरूरत महसूस हो रही है। राहुल गांधी, जिनकी पार्टी देश की सेवा करने का दावा करती है, वह विदेश में भारत माता की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसा सिर्फ वही कर सकता है जिसे देश से प्यार न हो। ऐसा भी लगता है कि दुश्मन देश उन्हें ऐसे लापरवाह बयान देने के लिए बढ़ावा देते हैं और स्पॉन्सर करते हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बिहार सरकार की तारीफ करने पर राम कदम ने कहा कि शशि थरूर एक ऐसे नेता हैं जो अपनी बात मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं। यह सिर्फ उनकी पर्सनल राय नहीं है, यह पूरे देश की भावना को दिखाता है। उनका मानना है कि बिहार बदल रहा है। लालू यादव के राज में, गायों के चारे तक की अनदेखी की गई। घर के क्लर्क से लेकर मंत्रियों तक उन्होंने सरकार को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाया। अब बिहार धीरे-धीरे विकास की मुख्यधारा का हिस्सा बन रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार की उपलब्धि है, जो उनकी जीत है।
भाजपा नेता राम कदम ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे साथ आएं या नहीं, यह उनका निजी फैसला है। खबरें आ रही हैं कि मराठी बहुल क्षेत्रों की सीटें मनसे चाहती है, लेकिन यूबीटी देना नहीं चाहती। यह एक पूरी तरह समाप्त हो चुकी पार्टी का व्यवहार है। यह उनका निजी मामला है लेकिन असली विषय यह नहीं है।
मुख्य विषय यह है कि जब चुनावी रैलियां शुरू होंगी तो भीड़ तो दिखाई देगी, लेकिन वोट नहीं मिलेंगे। लोगों को अच्छी तरह पता है कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब घोटाले हो रहे थे। कोविड के दौरान 11 हजार लोगों की मौत हुई, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव में महायुति का महापौर आएगा। राम कदम ने कहा कि इंडी अलायंस के तीनों दल पूरी तरह कन्फ्यूज्ड हैं। इन तीनों दलों ने साथ आकर महाराष्ट्र को लूटने का काम किया। अब महायुति की जीत काम के आधार पर हो रही है। उद्धव ठाकरे लोगों को मिलने वाले नहीं हैं। आपस में दुकान चलाने के लिए झगड़े कर रहे हैं। कांग्रेस और यूबीटी को डर है कि अगर अलग-अलग लड़े तो दिक्कतें ज्यादा हो जाएंगी।
बीएमसी चुनाव को लेकर राम कदम ने कहा कि 90 प्रतिशत सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत हो चुकी है। केवल 10 सीटों पर चर्चा बाकी है और जल्द ही उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय रुपया स्थिर, विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त: आरबीआई

RBI
नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिसंबर बुलेटिन के अनुसार, नवंबर में भारतीय रुपया वास्तविक प्रभावी रूप से स्थिर बना रहा। हालांकि सामान्य तौर पर रुपए में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन भारत में कीमतें अपने बड़े व्यापारिक साझेदार देशों की तुलना में अधिक होने के चलते इसका असर संतुलित हो गया।
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने, विदेशी निवेशकों के कम निवेश और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बनी अनिश्चितता के चलते नवंबर में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कुछ कमजोर हुआ।
बुलेटिन के मुताबिक, नवंबर में रुपए में उतार-चढ़ाव पिछले महीने की तुलना में कम रहा और यह कई दूसरी मुद्राओं की तुलना में ज्यादा स्थिर रहा। इस महीने में 19 दिसंबर तक रुपए में नवंबर के अंत के स्तर से लगभग 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
वित्त वर्ष 2025-26 में 18 दिसंबर तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने भारत से ज्यादा पैसा निकाला है, खासकर शेयर बाजार से। पिछले दो महीनों में निवेश आने के बाद दिसंबर में यह फिर से नकारात्मक हो गया।
आरबीआई ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और देश में शेयरों के ऊंचे दामों के चलते निवेशक सावधानी बरत रहे हैं, जिस कारण हाल के महीनों में विदेशी निवेश कम रहा।
अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच विदेशी स्रोतों से लिए जाने वाले कर्ज यानी बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के रजिस्ट्रेशन में कमी आई है। इसका मतलब है कि विदेशों से पैसा जुटाने की रफ्तार धीमी रही। हालांकि जो कर्ज लिया गया, उसका बड़ा हिस्सा देश में विकास कार्यों और पूंजी खर्च के लिए इस्तेमाल किया गया।
इसके अलावा, आरबीआई ने अपने बुलेटिन में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा पिछले साल की तुलना में कम रहा, जिसका कारण वस्तुओं के व्यापार में घाटे का कम होना, सेवाओं के निर्यात में मजबूती और विदेश में काम कर रहे भारतीयों द्वारा भेजा गया पैसा रहा।
हालांकि देश में आने वाला विदेशी निवेश चालू खाते की जरूरतों से कम रहा, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कुछ कमी आई।
इसके बावजूद आरबीआई के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त बना हुआ है, जो 11 महीने से ज्यादा के आयात को पूरा कर सकता है। इसके अलावा यह देश के कुल विदेशी कर्ज के 92 प्रतिशत से अधिक को भी कवर करता है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी स्थिति मानी जाती है।
राजनीति
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति के मामले में जांच की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ उनकी ज्ञात आय के स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में जांच की मांग करने वाली याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
यह याचिका अभय भिडे और उनकी बेटी गौरी भिडे ने दायर की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि 2021-22 में दर्ज कराई गई उनकी शिकायतों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई थी।
न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति आर.आर. भोंसले की पीठ ने गौर किया कि भीडे परिवार द्वारा दायर इसी तरह की एक जनहित याचिका (PIL) को उच्च न्यायालय ने मार्च 2023 में पहले ही खारिज कर दिया था, इसलिए वर्तमान याचिका को उसके मौजूदा स्वरूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई जनवरी में करेगा।
भीडे परिवार ने फिर से उच्च न्यायालय का रुख करते हुए दावा किया कि पहले दिए गए आश्वासनों के बावजूद, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने उनकी शिकायत पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ठाकरे परिवार के पास आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति है।
याचिका के अनुसार, गौरी भिडे ने सर्वप्रथम 11 जुलाई, 2022 को मुंबई पुलिस आयुक्त को शिकायत सौंपी थी, जिसे उसी दिन ईओडब्ल्यू को भेज दिया गया था। 26 जुलाई, 2022 को एक अनुस्मारक भेजा गया था।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि दिसंबर 2022 में राज्य सरकार ने जांच शुरू करने का फैसला किया था, लेकिन न तो कोई बयान दर्ज किया गया और न ही शिकायतकर्ता को किसी भी प्रगति के बारे में सूचित किया गया।
याचिका में मांग की गई थी कि जांच को ईओडब्ल्यू से केंद्रीय एजेंसियों, जिनमें सीबीआई और ईडी शामिल हैं, को स्थानांतरित किया जाए ताकि नई जांच और फोरेंसिक ऑडिट की जा सके। इसमें अदालत की निगरानी में स्थिति रिपोर्ट जारी करने और अधिवक्ताओं के कल्याण कोष में 25,000 रुपये के भुगतान के पूर्व निर्देश को वापस लेने की भी मांग की गई थी।
मार्च 2023 में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीडे द्वारा दायर इसी तरह की एक जनहित याचिका को “कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग” करार देते हुए खारिज कर दिया था। उस समय, ठाकरे परिवार के वकील ने इस याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि यह अनुमानों पर आधारित है और इसमें ठोस सबूतों का अभाव है।
चिनॉय ने बताया था कि याचिकाकर्ता के पास मजिस्ट्रेट के समक्ष निजी शिकायत दर्ज करने का वैकल्पिक उपाय भी मौजूद है। उच्च न्यायालय ने यह भी ध्यान दिया था कि ईओडब्ल्यू ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी थी और याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
-
व्यापार6 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र6 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार10 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
