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योगी सरकार के टीबी अभियान के 69 दिन में 89,967 मरीज चिन्हित

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लखनऊ, 18 फरवरी। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में चल रहे सौ दिवसीय सघन ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) अभियान के पहले 69 दिनों में स्वास्थ्यकर्मियों ने बेहतरीन काम किया है। अब तक 75 जिलों में 89,967 मरीज चिन्हित हुए हैं। इसके अलावा 74 प्रतिशत उच्च जोखिम वाले लोगों तक विभागीय टीम पहुंच चुकी है। वहीं, 12.50 लाख से अधिक लोगों को टीबी के बचाव की दवा खिलाई गई है।

योगी सरकार ने प्रदेश को इसी वर्ष टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी के मद्देनजर पूरे प्रदेश में सौ दिवसीय सघन अभियान चलाया जा रहा है। राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर के मुताबिक लक्षणविहीन लोगों को टीबी न हो, इसके लिए टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) के तहत दवा दी जा रही है। अभियान के दौरान 12,65,376 लोगों को टीपीटी दिया गया है।

उन्होंने बताया कि अभियान में अब तक कुल 89,967 टीबी मरीजों की पहचान हुई है, जिनमें से 73,231 का इलाज शुरू कर दिया गया है। सभी 75 जनपदों में लगभग साढ़े तीन करोड़ की उच्च जोखिम की जनसंख्या को आच्छादित कर 2.54 करोड़ लोगों की टीबी के संभावित लक्षणों के आधार पर स्क्रीनिंग की गई और एक्सरे, नॉट या माइक्रोस्कोपिक जांच की गई। अभियान के दौरान कुल 4,78,763 निक्षय शिविर लगाकर टीबी की स्क्रीनिंग की गई और जागरूकता अभियान चलाया गया। औसतन प्रतिदिन 4,809 निक्षय शिविर लगाए गए।

डॉ. भटनागर ने बताया कि अब तक अभियान में सर्वाधिक 4,050 टीबी के मरीज लखनऊ में मिले हैं। इसके बाद आगरा में 3,545, सीतापुर में 2,854, अलीगढ़ में 2,802, कानपुर में 2,688, प्रयागराज में 2,282, गोरखपुर में 2,025 और वाराणसी में 2,015 केस मिले हैं।

उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में सबसे कम केस श्रावस्ती (247) में मिले हैं। इसके बाद महोबा में 309, चित्रकूट में 346, संत रविदास नगर में 353 और शामली में 360 मरीज मिले हैं।

डॉ. भटनागर ने बताया कि 7 दिसंबर से उन 15 जनपदों में सौ दिवसीय टीबी सघन अभियान शुरू हुआ था, जहां टीबी से होने वाली मौतों की संख्या अधिक थी और नए टीबी रोगियों और संभावित टीबी रोगियों की पहचान दर राष्ट्रीय औसत से कम थी। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में मुख्यमंत्री ने अभियान की समीक्षा करते हुए इस अभियान को सभी 75 जनपदों में लागू करने के निर्देश दिए थे।

उच्च जोखिम वाले समूह-

60 साल से अधिक आयु के लोग

डायबिटीज एवं एचआईवी के रोगी

पुराने टीबी मरीज पांच वर्ष के भीतर

तीन वर्ष के भीतर टीबी मरीज, जिनका उपचार पूरा हुआ, के संपर्क में रहने वाले

झुग्गी-झोपड़ियों, जेलों, वृद्धाश्रमों आदि में रहने वाले लोग

18.5 किग्रा/मी2 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की कुपोषित जनसंख्या

धूम्रपान एवं नशा करने वाले रोगी

राजनीति

बिहार में फिर से बन रही एनडीए की सरकार, नीतीश कुमार होंगे सीएम : जीतन राम मांझी

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पटना, 31 अक्टूबर: बिहार के अगले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दी। उन्होंने कहा कि सबकी सहमति बनी हुई है। हम लोग उन्ही के चेहरे पर चुनाव लड़ रहे हैं और वही मुख्यमंत्री होंगे।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज फिर से सबके साथ बात हो गई है, वहीं मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे। इस बार हम लोग प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापस आ रहे हैं।”

राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्याशियों पर हमला हो रहा है। इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। राजद में लोग ये काम कर रहे हैं, उनकी पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जो इस काम को कर रहे हैं। बिहार में कानून व्यवस्था अच्छी हो रही है। अपराधियों की पहचान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि हम लोग संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करने वाले हैं, बिहार लगातार विकसित बिहार की तरफ आगे बढ़ रहा है।

बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि आने वाले पांच साल में बिहार उद्योग का हब बनने जा रहा है। हम लोग जो भी वादे करते हैं, उसे पूरा करते हैं। जनता को हमारे ऊपर विश्वास है।

संकल्प पत्र जारी करने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के न होने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि वे आए थे, फिर कहीं कुछ काम होने की वजह से चले गए थे। हम उनके सहयोगी हैं, इसीलिए हमने पूरी जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बन रही है, जनता हमारे साथ है और हम लोगों का चुनाव अच्छा चल रहा है। समाज के सभी वर्ग के लोग एनडीए के साथ खड़े हैं। हमारी सरकार 100 प्रतिशत निश्चितता और पूर्ण बहुमत के साथ बनेगी।

पटना में शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना साझा घोषणा पत्र जारी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान, ‘हम’ प्रमुख जीतनराम मांझी और आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा सहित एनडीए के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

घोषणा पत्र में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण और किसानों की समृद्धि पर विशेष जोर दिया गया है। एनडीए ने कहा कि यह संकल्प पत्र बिहार को अगले पांच वर्षों में आत्मनिर्भर, विकसित और आधुनिक राज्य बनाने का रोडमैप है।

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राजनीति

हरदीप सिंह पुरी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को याद किया, बोले-आज भी सिहर उठता हूं

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HARDIP

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर: 31 अक्टूबर को 1984 सिख विरोधी दंगों की 41वीं बरसी पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि आज हम स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे काले धब्बों में से एक की बरसी मना रहे हैं।

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मैं आज भी 1984 के उन दिनों को याद करके सिहर उठता हूं, जब असहाय और निर्दोष सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का बिना सोचे-समझे कत्लेआम किया गया था। उनकी संपत्तियों और धार्मिक स्थलों को कांग्रेस नेताओं और उनके साथियों के नेतृत्व में भीड़ ने लूट लिया था। यह सब इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या का ‘बदला’ लेने के नाम पर किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यह वह समय था जब पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी रहने को मजबूर थी, जबकि सिखों को उनके घरों, वाहनों और गुरुद्वारों से बाहर निकाला जा रहा था और जिंदा जलाया जा रहा था। राज्य की मशीनरी औंधे मुंह गिरी हुई थी। रक्षक ही अपराधी बन चुके थे।”

उन्होंने कहा, “सिखों के घरों और संपत्तियों की पहचान के लिए मतदाता सूचियों का इस्तेमाल किया गया। कई दिनों तक भीड़ को रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई। इसके बजाय, ‘जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है’ वाले अपने बयान से प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सिखों के नरसंहार का खुला समर्थन किया। कांग्रेस नेता गुरुद्वारों के बाहर भीड़ का नेतृत्व करते देखे गए, जबकि पुलिस भी खड़ी तमाशबीन बनी रही। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बनी संस्थाओं ने ही अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर इन नेताओं को खुली छूट दे दी।”

उन्होंने आरोप लगाए, “एक कांग्रेस विधायक के घर पर नेताओं ने बैठक की और फैसला किया कि सिखों को सबक सिखाना होगा। कारखानों से ज्वलनशील पाउडर और रसायन मंगवाए गए और भीड़ को दिए गए।”

नानावती आयोग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने लिखा, “सालों बाद, नानावती आयोग (2005) ने इस सब की पुष्टि की, जिसने बहुत स्पष्ट रूप से कहा कि ‘कांग्रेस (आई) के नेताओं के खिलाफ विश्वसनीय सबूत हैं जिन्होंने भीड़ का नेतृत्व किया और हमलों को उकसाया।’ यहां तक कि उनकी अपनी रिपोर्ट ने भी वही पुष्टि की जो पीड़ित हमेशा से जानते थे। कांग्रेस नरसंहार को रोकने में विफल नहीं रही। उसने इसे संभव बनाया। बाद में, कांग्रेस दशकों तक बेशर्मी से सिख विरोधी हिंसा को नकारती रही। उन्होंने अपराधियों को संरक्षण दिया और उन्हें इनाम के तौर पर अच्छी पोस्टिंग (यहां तक कि चुनाव लड़ने के लिए पार्टी टिकट भी) दी।”

उन्होंने सिख दंगों के दौरान उनके घर पर हुए हमलों का भी जिक्र किया। केंद्रीय मंत्री ने लिखा, “मेरी सिख संगत के अन्य सदस्यों की तरह, यह हिंसा मेरे घर के पास भी पहुंची। मैं उस समय जिनेवा में एक युवा प्रथम सचिव के रूप में तैनात था और अपने माता-पिता की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित था, जो एसएफएस, हौज खास में एक डीडीए फ्लैट में रहते थे। मेरे हिंदू दोस्त ने समय रहते उन्हें बचाया और खान मार्केट में मेरे दादा-दादी के घर की पहली मंजिल पर ले गए, जबकि दिल्ली और कई अन्य शहरों में अकल्पनीय हिंसा भड़की हुई थी।”

इस दौरान हरदीप सिंह पुरी ने दंगों में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।

उन्होंने कहा, “यह समय समावेशी विकास और शांति के उस युग को महत्व देने का है, जिसमें हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रह रहे हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अल्पसंख्यकों को सुरक्षित रखता है, बल्कि बिना किसी पूर्वाग्रह या भेदभाव के सबका साथ, सबका विकास भी सुनिश्चित करता है।”

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राजनीति

राष्ट्रीय एकता दिवस: प्रधानमंत्री मोदी ने ली राष्ट्रीय एकता की शपथ, सरदार पटेल को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली, 31 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के एकता नगर में नर्मदा नदी पर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर एकता नगर में एक भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें भारत की विविधता में एकता को दर्शाया गया। सरदार पटेल के सम्मान में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ 2014 के बाद से हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो राष्ट्रीय अखंडता, एकता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ ली। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं अपने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ लेता हूं और इसके लिए स्वयं को समर्पित करता हूं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह लगभग 8 बजे प्रतिमा पर प्रार्थना की और पुष्पांजलि अर्पित की। वे ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ परेड में शामिल हुए, जिसमें बीएसएफ, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस बलों समेत अलग-अलग टुकड़ियों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया।

इससे पहले, उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “भारत सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है। वे भारत के एकीकरण के पीछे प्रेरक शक्ति थे, इस प्रकार उन्होंने हमारे राष्ट्र के प्रारंभिक वर्षों में इसके भाग्य को आकार दिया। राष्ट्रीय अखंडता, सुशासन और जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। हम एकजुट, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के उनके दृष्टिकोण को बनाए रखने के अपने सामूहिक संकल्प की भी पुष्टि करते हैं।”

एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत की एकता का निर्माता बताया। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल में लोगों को एकजुट करने की अद्वितीय क्षमता थी, यहां तक कि उन लोगों को भी जिनसे उनके वैचारिक मतभेद थे। वे हर छोटी चीज का अवलोकन व परीक्षण करते थे। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र की एकता के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने भारत के लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में एकीकृत किया, रियासतों को हमारे राष्ट्र में विलय करने के लिए काम किया और सभी भारतीयों में विविधता में एकता का मंत्र जागृत किया।”

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