राष्ट्रीय समाचार
‘परमाणु ऊर्जा’ का पावरहाउस बनेगा भारत: केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली, 15 फरवरी। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में कहा कि ‘विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन’ की शुरुआत घरेलू परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और एडवांस्ड परमाणु टेक्नोलॉजी को स्थापित करने की एक बड़ी योजना की रूपरेखा तैयार करती है।
भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाते हुए केंद्रीय बजट की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) में रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसका लक्ष्य 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए एसएमआर को चालू करना है।
गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह पहल 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने और सस्टेनेबल एनर्जी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
डॉ. सिंह ने बजट में तकनीकी इनोवेशन और ऊर्जा स्वतंत्रता को दी गई तवज्जो की सराहना की। उन्होंने परमाणु उद्योग में निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति देने के ऐतिहासिक फैसले पर प्रकाश डाला और इसे भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए गेमचेंजर बताया।
उन्होंने कहा कि ये उपाय न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करेंगे बल्कि 2047 तक भारत को एडवांस न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडरशिप की ओर भी ले जाएंगे।
स्पेस सेक्टर को प्राइवेट प्लेयर्स के लिए खोलने की सफलता पर विचार करते हुए डॉ. सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि परमाणु क्षेत्र में इसी तरह के सुधार विकास और इनोवेशन को गति देंगे।
उन्होंने कहा कि दशकों से परमाणु उद्योग कड़े नियमों के तहत काम करता रहा है, लेकिन हाल ही में नीतिगत बदलावों का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के साथ अधिक खुलेपन और सहयोग को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय मंत्री ने भारत की ऊर्जा रणनीति की आधारशिला के रूप में परमाणु ऊर्जा स्थापित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया।
उन्होंने इसे तकनीकी रूप से एडवांस और आत्मनिर्भर राष्ट्र के लिए एक रोडमैप बताया।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई के ग्रैंड हयात होटल को मिली बम की धमकी, पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ दर्ज किया मामला

मुंबई, 31 मई। मुंबई के ग्रैंड हयात होटल को शुक्रवार देर रात एक धमकी भरा कॉल आया, जिसमें होटल में बम होने और 10 मिनट में विस्फोट की बात कही गई।
इस सूचना के बाद होटल प्रबंधन ने तुरंत वाकोला पुलिस को सूचित किया। मुंबई पुलिस का बम निरोधक दस्ता और स्थानीय पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और होटल की गहन तलाशी ली। जांच के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु या बम नहीं मिला। पुलिस ने अज्ञात कॉलर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, अज्ञात शख्स ने कस्टमर केयर नंबर पर कॉल कर धमकी दी थी कि होटल में बम रखा गया है और अगले 10 मिनट में विस्फोट होगा।
इस कॉल ने होटल प्रबंधन और कर्मचारियों में हड़कंप मचा दिया, तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद बम निरोधक दस्ता और वाकोला पुलिस की टीम ने होटल के हर हिस्से की बारीकी से जांच की।
कई घंटों की तलाशी के बाद पुलिस ने पुष्टि की कि धमकी झूठी थी और कोई खतरा नहीं है।
वाकोला पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि धमकी भरा कॉल जर्मनी के एक नंबर से आया था। पुलिस अब इस नंबर की जांच कर रही है और कॉलर की पहचान करने के लिए तकनीकी सहायता ले रही है।
मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। कॉलर की तलाश के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। तकनीकी जांच के जरिए जल्द ही कॉलर तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।”
मनोरंजन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकियों के खिलाफ जीत है : रेखा गुप्ता

नई दिल्ली, 31 मई। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों के खिलाफ हमारी जीत है। उन्होंने कहा कि यह नया भारत है, जो अब आतंकियों की हरकतें बर्दाश्त नहीं करेगा। अब हर जवाब सटीक होगा, और हर वार निर्णायक।
इस कार्यक्रम में सीएम रेखा गुप्ता सरकार के 100 दिन पूरे होने पर प्रख्यात अभिनेता और वक्ता अनुपम खेर के कई सवालों के जवाब दिए। मुख्यमंत्री ने इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक कविता भी सुनाई। कविता कुछ इस प्रकार थीं- “चुप्पी में, मैं धैर्य हूं, चुनौती में, मैं शौर्य हूं, मैं हूं सिंदूर। मैं आतंकियों का वध हूं, मैं हौसलों की सरहद हूं। मैं जीवनदात्री, मैं संहार की साक्षी, मैं हूं सिंदूर। मुझे निर्बल जानकर जिसने गोली चलाई थी, उन शत्रु पर मैं कड़ा प्रहार हूं। हर बेटी-बहु का उपहार हूं। मैं भारत का कल और आज हूं, मैं हिंदुस्तान की लाज हूं मैं सिंदूर हूं।”
कार्यक्रम के दौरान फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने रेखा गुप्ता से पूछा, “मैं जानना चाहता हूं कि दिल्ली में भाजपा की सरकार आने से पहले बीते 10 साल आपने दिल्ली में कैसे गुजारे।“ सवाल के जवाब में रेखा गुप्ता ने कहा कि जब हमने देखा कि दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है, जब हर दिन भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है, जब हर गली में शराब की दुकानें खुल रही हैं। हम उस संघर्ष के बीच में थे। कभी सचिवालय पर प्रदर्शन करते थे कभी केजरीवाल के आवास पर प्रदर्शन कर रहे थे। पिछले चुनावों में जब हम कुछ अंतर से हार जाते थे तो हम जनता के बीच रहते थे। 10 वर्षों में हमने जनप्रतिनिधि के तौर पर काम किया। कुल मिलाकर इन 10 सालों में दिल्ली पिछड़ गई, लेकिन जहां भी हम चीजों को सही कर सकते थे, हम लोगों के बीच रहे और उनके लिए काम किया।”
सीएम से खेर के एक सवाल में, दिल्ली की जनता आप पर विश्वास क्यों करें, इसके जवाब में रेखा गुप्ता ने कहा कि रामलीला मैदान से एक आंदोलन शुरू हुआ तब हजारों लाखों लोग जुड़े। सभी ने उस समूह का साथ दिया, जिससे देश में कुछ बेहतर हो। वो लोग जो कहते थे कि हम सत्ता के लालची नहीं हैं वह सत्ता के लालची हो गए। उन्हें सत्ता के अलावा दूसरा कुछ नहीं दिखता। एक राज्य की सत्ता मिली तो दूसरे राज्य की ओर चल पड़े। बीते 10 साल में दिल्ली की जनता का विश्वास टूटा। इसलिए, दिल्ली की जनता ने नई सरकार पर भरोसा जताया है। दिल्ली की जनता देख रही है मेरे साथ मेरा पूरा मंत्रिमंडल सड़क पर लोगों में बीच में जाकर लगातार काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि कूड़ा अब राजनीति का मुद्दा नहीं, बल्कि समाधान की दिशा में हमारी जिम्मेदारी है। दिल्ली को स्वच्छ, स्वस्थ और गरिमामयी राजधानी बनाने के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
यमुना सफाई को लेकर रेखा गुप्ता ने कहा कि पूर्व की सरकार को 10 साल का वक्त मिला। इससे पूर्व की सरकारों के पास भी पर्याप्त समय था। लेकिन, किसी ने यमुना की सफाई को लेकर पहल नहीं की। क्योंकि, यमुना की सफाई को लेकर किसी का इरादा नहीं था। हमारी सरकार ने शुरुआती के 100 दिन में तय किया कि हमें चरणबद्ध तरीके से यमुना की सफाई का काम करना है।
दिल्ली को ई-वेस्ट मुक्त बनाना केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी जिम्मेदारी है। सरकार ई-वेस्ट प्रबंधन को लेकर ठोस नीति और दीर्घकालिक समाधान के साथ आगे बढ़ रही है। यही है हमारी सेवा और संकल्प का रास्ता।
अपराध
दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 38 बांग्लादेशी घुसपैठियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 30 मई। अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए और राजधानी दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर दिल्ली पुलिस ने एक्शन तेज कर दिया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के अभियान को सफलता भी मिल रही है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 38 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, दिल्ली पुलिस की नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट इकाई ने एक विशेष अभियान के तहत दिल्ली के विभिन्न इलाकों से 38 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह सभी घुसपैठिए बिहार के रास्ते दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली में गिरफ्तार हुए घुसपैठिए दिल्ली में रहने से पहले हरियाणा के नूंह में भी रहे और वहां काम कर काफी समय गुजारा। इसके बाद ये लोग दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये लोग अवैध रूप से शहर में रह रहे थे और इनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई, जिसमें पुलिस ने दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी कर इन लोगों को हिरासत में लिया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान और उनके ठिकानों की जांच की जा रही है। पकड़े गए 38 बांग्लादेशियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
दिल्ली में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा, देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। पिछले छह महीनों में, भारत सरकार की चल रही “पुश-बैक” रणनीति के तहत दिल्ली में लगभग 700 अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आंकड़ों के अनुसार, निर्वासित व्यक्तियों की संख्या के मामले में दिल्ली सभी राज्यों में सबसे ऊपर है। कई राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गोवा में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए जाने के बाद, उन्हें निर्वासित करने के लिए सौंप दिया गया है।
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