राजनीति
झारखंड के मधुपुर में स्कूल के हेडमास्टर की बम मारकर हत्या
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देवघर, 13 फरवरी। झारखंड के देवघर जिला अंतर्गत मधुपुर थाना क्षेत्र में एक सरकारी मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक संजय दास की अपराधियों ने गुरुवार को बम मारकर हत्या कर दी। संजय दास की उम्र 52 वर्ष थी और वह महुआडाबर गांव स्थित विद्यालय में पदस्थापित थे।
बताया गया कि वह सुबह करीब साढ़े आठ बजे स्कूल पहुंचे। बायोमेट्रिक अटेंडेंस दर्ज करने के करीब आधे घंटे बाद वह स्कूल से निकलकर अपनी स्कूटी से कहीं जा रहे थे। इसी दौरान पिपरासोल नामक जगह पर उन पर बमों से हमला किया गया। जोरदार विस्फोट से इलाके में भगदड़ मच गई। संजय दास बुरी तरह जख्मी होकर जमीन पर गिर पड़े और मौके पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
लोगों का कहना है कि उन पर हमला करने वाले अपराधी बाइक पर सवार होकर आए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद वे आराम से फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही मधुपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। उनका शव उठाकर स्थानीय हॉस्पिटल लाया गया है। मामले की जांच की जा रही है। संजय दास के परिजन भी घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे। उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
माना जा रहा है कि अपराधियों को इस बात की जानकारी थी कि संजय दास स्कूल से निकलकर कहीं जाने वाले हैं। वे रास्ते में घात लगाकर उनका इंतजार कर रहे थे। करीब पहुंचते ही उन पर बम फेंके गए। पुलिस यह पता लगा रही है कि उनकी किसी से रंजिश तो नहीं थी। इस संबंध में स्कूल के अन्य शिक्षकों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस संजय दास का कॉल डिटेल्स भी निकाल रही है, ताकि यह पता चल सके कि उन्हें किसी ने कॉल कर ड्यूटी के घंटों में कहीं बुलाया तो नहीं था। पुलिस अफसरों का कहना है कि जल्द ही अपराधियों का पता लगा लिया जाएगा। उनकी तलाश में आसपास के इलाके में छापेमारी की जा रही है। जिले के सभी थानों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
सीजीटीएन ने अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन किया
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बीजिंग, 13 फरवरी। “एशियाई शीतकालीन खेलों में लालटेन महोत्सव” अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम चाइना मीडिया ग्रुप के अधीन सीजीटीएन और हेइलोंगच्यांग स्टेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम वर्ष 2025 के 9वें एशियाई शीतकालीन खेलों के मुख्य मीडिया सेंटर में भव्य रूप से आयोजित किया गया।
विभिन्न एशियाई देशों और क्षेत्रों के एथलीट, प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और मीडियाकर्मी इस आइस सिटी में एकत्रित हुए। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शनों और लोक रीति-रिवाजों के बीच परस्पर क्रिया में, उन्होंने “बर्फ और हिम के साझा सपने, एशिया के साझा दिल” की सुंदर तस्वीर चित्रित की और लालटेन महोत्सव को खुशी से मनाया।
एशियाई ओलंपिक परिषद के उपाध्यक्ष टिमोथी फॉक, एशियाई ओलंपिक परिषद की समाचार, प्रचार और प्रसारण समिति के निदेशक जोउ च्येन, साथ ही विभिन्न देशों और क्षेत्रों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख, एथलीट प्रतिनिधि और मीडिया रिपोर्टर इस कार्यक्रम में शामिल हुए और प्रदर्शन देखा।
इस कार्यक्रम के स्थल में विभिन्न एशियाई देशों के एथलीटों और मीडियाकर्मियों ने पारंपरिक चीनी लालटेन महोत्सव गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मीठी पकौड़ी बनाई और चखी, जो पुनर्मिलन का प्रतीक है, लालटेन पहेली खेलों में भाग लिया और लालटेन महोत्सव के पारंपरिक आकर्षण का अनुभव किया।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अफगानिस्तान के समांगन प्रांत में कोयला खदान में विस्फोट, तीन खनिकों की मौत
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काबुल 13 फरवरी। अफगानिस्तान के उत्तरी समांगन प्रांत में एक कोयला खदान में मीथेन गैस के विस्फोट के कारण तीन खनिकों की मौत हो गई। यह घटना दारा-ए-सूफी बाला जिले के एक कोयला खदान में हुई।
मीडिया ने प्रांतीय पुलिस के हवाले से बताया कि विस्फोट में तीन नाबालिग खनिकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर तीनों मृतकों के शव बरामद किए और उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया। यह घटना मंगलवार (12 फरवरी) को हुई।
पुलिस के मुताबिक, खदान में मीथेन गैस का उच्चतम स्तर होने के कारण विस्फोट हुआ, जिससे यह हादसा हुआ।
अफगानिस्तान में खनन कार्यों के दौरान ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। विशेष रूप से खनन में आधुनिक उपकरणों की कमी और खनिकों की अकुशलता के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। देश के कई खनिक अवैध खनन के कारण भी जान गंवाते हैं। इससे पहले, 11 फरवरी को उत्तरी बदख्शां प्रांत में एक भूस्खलन ने दो स्वर्ण खनिकों की जान ले ली थी।
12 दिसंबर 2024 को अफगानिस्तान के समांगन प्रांत में एक कोयला खदान के मलबे में कई खनिक फंस गए थे। स्थानीय अधिकारियों ने खुद इसकी जानकारी दी थी।
मीडिया ने प्रांतीय स्वास्थ्य निदेशक के हवाले से बताया था कि मलबे के नीचे 35 खनिकों के फंसे थे।
राष्ट्रीय समाचार
हजारीबाग : शहीद कैप्टन की अंतिम यात्रा में उमड़ा शहर, सैन्य सम्मान के साथ दी गई विदाई
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हजारीबाग, 13 फरवरी। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एलओसी पर आईईडी विस्फोट में शहीद हुए झारखंड के हजारीबाग निवासी आर्मी कैप्टन करमजीत सिंह की अंतिम यात्रा में गुरुवार को पूरा शहर उमड़ पड़ा। शहर के खीरगांव स्थित मुक्तिधाम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि कर दी गई।
शहर के जुलू पार्क स्थित आवास से शहीद की अंतिम यात्रा में “कैप्टन करमजीत अमर रहे” और “भारत माता की जय” के नारे गूंज उठे। हजारों लोग तिरंगा और शहीद की तस्वीरें लेकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए। हजारीबाग की उपायुक्त नैन्सी सहाय, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह सहित सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे।
शहर के जिन रास्तों से होकर शहीद की अंतिम यात्रा निकली, वहां सड़कों के दोनों किनारों और घरों की छतों पर मौजूद लोगों ने उनके आखिरी दर्शन किए और फूलों की बारिश की। अंतिम यात्रा में शामिल कई लोगों ने तिरंगे और शहीद की तस्वीरों वाली तख्तियां ले रखी थीं। उनके सम्मान में गुरुवार को शहर के गुरु गोविंद सिंह रोड की सभी दुकानें बंद रखी गई हैं।
मुक्तिधाम में शहीद कैप्टन को सशस्त्र सलामी देने के बाद जब सेना के अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर रखा तिरंगा उनकी मां नीलू बख्शी को सौंपा तो उन्होंने भर्राए स्वर से “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” का जयकारा लगाया। उनके पिता अजनिंदर सिंह ने आंखों से अविरल बहते आंसुओं के साथ उन्हें मुखाग्नि दी।
28 वर्षीय कैप्टन करमजीत सिंह शहर के मशहूर रेस्टोरेंट और टेंट हाउस के व्यवसायी अजनिंदर सिंह बख्शी और नीलू बख्शी के इकलौते पुत्र थे। उनकी शादी आगामी 5 अप्रैल को होने वाली थी। अपनी शादी की तैयारियों के सिलसिले में वह हाल में हजारीबाग आए थे और 10 दिन पहले वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उनका रिश्ता आर्मी में काम करने वाली एक मेडिकल ऑफिसर के साथ तय हुआ था। उनकी मंगेतर गुरुवार सुबह उन्हें नमन करने पहुंचीं तो हर किसी की आंखें नम हो उठीं।
करमजीत सिंह मंगलवार को एलओसी पर सेना की जिस टुकड़ी को लेकर गश्त कर रहे थे, वह आतंकियों द्वारा बिछाई गई आईईडी की चपेट में आ गई। करमजीत सिंह और टुकड़ी में शामिल एक कांस्टेबल इस विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सेना ने हॉस्पिटल में दाखिल कराया, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। उनका पार्थिव शरीर बुधवार शाम रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया था, तब राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाद में शहीद कैप्टन का शव रामगढ़ स्थित सेना के सिख रेजिमेंट ले जाया गया, जहां हजारों जवानों ने उनके अंतिम दर्शन किए। रेजिमेंट में गुरुवार सुबह सशस्त्र सलामी के बाद उनका शव हजारीबाग स्थित आवास लाया गया था।
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