राष्ट्रीय समाचार
झारखंड बोर्ड की मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं शुरू, 1,297 केंद्रों पर 7.83 लाख परीक्षार्थी शामिल

रांची, 11 फरवरी। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गईं। इन परीक्षाओं में 7 लाख 83 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं।
काउंसिल ने दावा किया है कि स्वच्छ एवं कदाचार रहित माहौल में परीक्षा के लिए सभी आवश्यक बंदोबस्त किए गए हैं। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मॉनिटरिंग जैक के हेडक्वार्टर में बनाए गए कंट्रोल रूम से की जा रही है। जिला मुख्यालयों में भी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
मैट्रिक की परीक्षा के लिए राज्यभर में 1,297 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा 789 केंद्रों पर ली जा रही है। मैट्रिक में 4,33,890 और इंटरमीडिएट में 3,50,138 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। जैक के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने कहा है कि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की अनियमितता की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई होगी।
मंगलवार को पहली पाली में मैट्रिक में आईआईटी और अन्य व्यावसायिक विषयों की परीक्षा सुबह 9.45 बजे शुरू हुई। दूसरी पाली में दो बजे से 5.15 बजे तक इंटरमीडिएट के तीनों संकायों के वोकेशनल विषयों की परीक्षा ली जा रही है। परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए अतिरिक्त 15 मिनट का समय दिया गया है। परीक्षाएं तीन मार्च तक चलेंगी।
लिखित परीक्षाओं के बाद 4 मार्च से विद्यालयों में प्रैक्टिकल विषयों की परीक्षाएं ली जाएंगी। रांची स्थित झारखंड एकेडमिक काउंसिल के मुख्यालय की ओर से बताया गया है कि सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण माहौल में परीक्षा शुरू हो गई है। सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बलों के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। प्रत्येक जिले में परीक्षा प्रक्रिया पर निगरानी के लिए उड़नदस्तों का गठन किया गया है।
जिलों के उपायुक्त, एसपी, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य अफसर परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। सभी परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू की गई है। परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों के आसपास फोटो कॉपी, प्रिंटिंग और साइबर कैफे की दुकानें बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर कुछ जगहों पर की फायरिंग, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

जम्मू, 25 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कुछ जगहों पर पाकिस्तानी सेना ने फायरिंग की, जिसका भारतीय सेना ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया।
भारतीय सेना ने कहा, “पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर कुछ स्थानों पर छोटे हथियारों से फायरिंग की। भारतीय सेना ने इसका प्रभावी ढंग से जवाब दिया। कोई हताहत नहीं हुआ। अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।”
बता दें कि आतंकवादियों द्वारा 26 नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद दोनों देशों के बीच तनाव नए स्तर पर पहुंच गया है।
पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा था कि आतंकियों, उनके हैंडलर्स और समर्थकों का पीछा किया जाएगा और दुनिया के किसी भी कोने में उनसे बदला लिया जाएगा।
नागरिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने और उनकी तलाश के लिए पहलगाम के बैसरन मैदान में चौथे दिन भी बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रहा।
अन्य आतंकवाद विरोधी अभियानों में गुरुवार को उधमपुर जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में एक सैनिक शहीद हो गया। सेना ने बताया था कि विशेष खुफिया सूचना के आधार पर गुरुवार को बसंतगढ़ (उधमपुर) में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान शुरू किया गया। संपर्क स्थापित किया गया और भीषण गोलीबारी शुरू हो गई। शुरुआती मुठभेड़ में हमारे एक बहादुर जवान को गंभीर चोटें आईं और बाद में बेहतरीन चिकित्सा प्रयासों के बावजूद उनका बलिदान हो गया। ऑपरेशन जारी है।”
गुरुवार को कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक और मुठभेड़ शुरू हुई। आतंकवादियों के खिलाफ अभियान गोलीबारी के साथ शुरू हुआ, लेकिन शुक्रवार सुबह से गोलीबारी की कोई खबर नहीं है।
सुरक्षा बलों ने गुरुवार को पुंछ जिले में आतंकवादियों के खिलाफ एक और अभियान शुरू किया। बैसरन मैदान हत्याकांड के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने और उनकी तलाश के लिए पहलगाम क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान के अलावा वर्तमान में तीन ऑपरेशन चल रहे हैं।
राष्ट्रीय समाचार
भारत ने पाकिस्तान सरकार का आधिकारिक एक्स अकाउंट किया ब्लॉक

नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स हैंडल को ब्लॉक कर दिया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हो गए। भारत ने इस हमले को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं।
इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट द्वारा अंजाम दिए जाने की आशंका है, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाइयों की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “निर्दोष नागरिकों पर कायराना कृत्य” करार देते हुए बुधवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक, आर्थिक और सैन्य संबंधों को लक्षित करने वाली कई कार्रवाइयों की घोषणा की।
भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित कर दिया है। इन अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही, भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है। दोनों पक्षों से इन पदों से जुड़े पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा। इसके अलावा, भारत ने 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता, यह निलंबन जारी रहेगा।
भारत ने दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण स्थलीय मार्ग अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की है। भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों, जिनके पास वैध यात्रा दस्तावेज हैं, को 1 मई 2025 तक आईसीपी के माध्यम से स्वदेश लौटने का निर्देश दिया गया है। इस तारीख के बाद दोनों देशों के बीच सभी स्थलीय यात्रा अनिश्चितकाल के लिए निलंबित रहेगी। इसके साथ ही, सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इस योजना के तहत जारी सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और इस योजना के तहत भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का भी फैसला किया है, जो 1 मई तक लागू होगा। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को सीमित करने और राजनयिक उपस्थिति को कम करने का हिस्सा है। सीसीएस ने भारतीय सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को उच्चतम स्तर की सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया है। पहलगाम हमले के दोषियों की तलाश तेज कर दी गई है, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक नई टीम जांच के लिए मैदान में उतरी है।
भारत ने आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए कहा कि वह न केवल हमले के अपराधियों, बल्कि उनके प्रायोजकों को भी जवाबदेह ठहराएगा। हाल के दिनों में तहव्वुर राणा जैसे आतंकवादियों के प्रत्यर्पण का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि भारत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए वैश्विक राजनयिक प्रयास जारी रखेगा।
राजनीति
भारत हर आतंकवादी की पहचान करेगा, उसे खोजेगा और सजा देगा : पीएम मोदी

मधुबनी, 24 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।
उन्होंने मंच से ऐलान किया, ”आज बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहता हूं, भारत हर आतंकवादी और उसके सरगना की पहचान करेगा, उसे खोजेगा और उसे सजा देगा। हम उन्हें धरती के कोने-कोने तक खदेड़ेंगे। आतंकवाद से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी। आतंकवाद को सजा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। पूरा देश इस संकल्प पर अडिग है। मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति हमारे साथ है। मैं विभिन्न देशों के लोगों और नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं, जो इस मुश्किल समय में हमारे साथ खड़े हैं।”
पीएम मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है, कोटि-कोटि देशवासी दुखी हैं। सभी पीड़ित परिवारों के दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। जिन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है, वे जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है। इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई और किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है। उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था, कोई मराठी था, कोई ओडिशा का था, कोई गुजराती था, कोई बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर कारगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख एक जैसा है, हमारा आक्रोश एक जैसा है।
उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी, सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपनी बात प्रारंभ करने से पहले मैं आप सबसे प्रार्थना करना चाहता हूं, आप जहां हैं, वहीं अपने स्थान पर बैठकर ही 22 अप्रैल को जिन परिवारजनों को हमने खोया है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए हम कुछ पल का मौन रखेंगे।
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