राष्ट्रीय समाचार
आरबीआई एमपीसी से पहले सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार, ऑटो और मेटल शेयरों में तेजी
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मुंबई, 7 फरवरी। आरबीआई एमपीसी के फैसलों के ऐलान से पहले भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के सत्र में सपाट खुला। सुबह 9:17 पर सेंसेक्स 42 अंक की मामूली गिरावट के साथ 78,015 और निफ्टी 12 अंक गिरकर 23,591 पर था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसलों की घोषणा नए गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा सुबह 10 बजे की जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार विकास दर को बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है, जो कि फिलहाल 6.50 प्रतिशत पर है।
लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप में बिकवाली देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 224 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,280 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 150 अंक या 0.88 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 16,908 पर था।
चॉइस ब्रोकिंग का कहना है कि सपाट शुरुआत के बाद निफ्टी 23,550, 23,500 और फिर 23,400 पर सपोर्ट ले सकता है। तेजी की स्थिति में 23,700 एक अहम सपोर्ट है। अगर यह टूटता है तो 23,800 और 24,000 के स्तर भी देखने को मिल सकते हैं।
सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट, जोमैटो, टाटा स्टील, एमएंडएम, एचडीएफसी बैंक, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक और टाटा मोटर्स टॉप गेनर्स थे। पावर ग्रिड, आईटीसी, एसबीआई, नेस्ले इंडिया, टीसीएस, एचसीएल टेक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स और टेक महिंद्रा टॉप गेनर्स थे।
व्यापक बाजार का रुझान नकारात्मक बना हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,123 शेयर हरे निशान में, 1,675 शेयर लाल निशान में और 127 शेयर बिना किसी बदलाव के कारोबार कर रहे हैं।
निफ्टी ऑटो, मेटल, प्राइवेट बैंक, इन्फ्रा और सर्विसेज इंडेक्स हरे निशान में हैं। आईटी, पीएसयू बैंक, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी और एनर्जी इंडेक्स में दबाव के साथ कारोबार हो रहा है।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो, सियोल और जकार्ता के बाजार लाल निशान में हैं। शंघाई, हांगकांग और बैंकॉक के बाजार हरे निशान में हैं। अमेरिकी बाजार भी गुरुवार को मिलेजुले बंद हुए थे। डाओ 0.28 प्रतिशत गिरकर और नैस्डैक 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ था।
राष्ट्रीय समाचार
जम्मू-कश्मीर : सीमा पर भारतीय सेना ने मार गिराए 7 पाकिस्तानी घुसपैठिए, अल-बदर का कुख्यात आतंकी भी इसमें शामिल
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7 फरवरी, जम्मू-कश्मीर। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी इलाके में नियंत्रण रेखा पर 7 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया है। इनमें अल-बदर के आतंकवादी और पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल थे।
जानकारी के अनुसार, यह घुसपैठिए भारतीय चौकी पर हमला करने की कोशिश कर रहे थे। इन पाकिस्तानी घुसपैठियों को 4-5 फरवरी के दौरान मार गिराया गया है। इन घुसपैठियों में अधिकतर का संबंध पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम से था।
इस बार सर्दियों में कम बर्फबारी हुई है, जिससे आतंकियों के आने-जाने वाले पहाड़ी रास्ते खुले हुए हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा बलों और भारतीय सेना ने एलओसी और जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास बारूदी सुरंगें बिछाई हैं। इसके अलावा रात में देखने वाले उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और सैनिकों की सतर्कता जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ रोकने की व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
आमतौर पर एलओसी के नजदीकी क्षेत्र को ‘नो मैन्स लैंड’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि कोई भी इस जमीन पर नहीं आ सकता।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। उन्होंने सुरक्षा बलों को ‘शून्य घुसपैठ’ और आतंकियों के प्रति ‘पूर्ण सख्ती’ बरतने के निर्देश दिए थे।
यह बैठक उस घटना के बाद हुई, जिसमें कुलगाम जिले में आतंकियों ने पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे की हत्या कर दी। इस हमले में उनकी पत्नी और बेटी भी घायल हो गई थीं।
इस हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार पर प्रदेश में हालात सामान्य होने के दावे को लेकर सवाल उठाए।
अपराध
मुंबई: बांद्रा ईस्ट में डंपर ट्रक ने स्कूल से लौट रही 10 साल की बच्ची को कुचला
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मुंबई: 5 फरवरी को बांद्रा पूर्व में एक डम्पर ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे स्कूल एस्कॉर्ट के साथ मोटरसाइकिल पर पीछे बैठी 10 वर्षीय लड़की की मौत हो गई।
शिफा शेख नाम की लड़की और उसके भाई को 36 वर्षीय जफर पठान अपने ऑटो-रिक्शा पर स्कूल और वापस घर ले गया। दुर्घटना वाले दिन वह मोटरसाइकिल लेकर गया था, जिसे डंपर ने टक्कर मार दी। तीनों सड़क पर गिर गए और डंपर लड़की के ऊपर से गुजर गया।
पीड़िता का परिवार मोतीलाल नेहरू नगर में रहता है और वह बांद्रा पश्चिम स्थित डुरुएलो कॉन्वेंट हाई स्कूल में कक्षा 4 की छात्रा थी, जबकि उसका सात वर्षीय भाई दूसरे स्कूल में पढ़ता था।
राष्ट्रीय समाचार
स्वास्थ्य बीमाकर्ता वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रीमियम में 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी न करें : आईआरडीएआई
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नई दिल्ली, 7 फरवरी। भारत में स्वास्थ्य बीमा कंपनियों ने विभिन्न आयु वर्गों के लिए प्रीमियम दरों में भारी बढ़ोतरी की है। कुछ कंपनियों ने तो स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को 200 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इसे देखते हुए, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक उम्र) के लिए बीमा प्रीमियम दरों को हर साल 10 प्रतिशत से अधिक न बढ़ाएं।
बीमा नियामक संस्था ने इस बात पर ध्यान दिया कि कुछ बीमा उत्पादों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रीमियम दरें बहुत अधिक बढ़ाई जा रही हैं। चूंकि वरिष्ठ नागरिकों की आय सीमित होती है और वे बढ़े हुए प्रीमियम से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, इसलिए आईआरडीएआई ने यह निर्देश जारी किया है।
आईआरडीएआई ने निर्देश दिया है कि अगर किसी बीमा कंपनी को 10 प्रतिशत से अधिक प्रीमियम बढ़ाना हो, तो उन्हें पहले आईआरडीएआई से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, कोई भी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा योजना वापस लेने से पहले भी बीमा कंपनियों को आईआरडीएआई से सलाह-मशविरा करना अनिवार्य होगा।
नए निर्देशों में बीमा कंपनियों को यह भी कहा गया है कि वे अधिक से अधिक अस्पतालों को अपने नेटवर्क में शामिल करें और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की तर्ज पर अस्पतालों के साथ पैकेज दरों को तय करें। इस योजना के तहत, अस्पतालों में इलाज के शुल्क को पहले से तय किया जाता है ताकि सभी को एक समान दर पर इलाज मिले।
आईआरडीएआई का यह कदम बीमा कंपनियों और पॉलिसीधारकों, दोनों के हितों को संतुलित करने के लिए उठाया गया है।
इसके अलावा, जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी घटाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। माना जाता है कि अगर बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कम किया जाता है, तो इससे बीमा कंपनियों और पॉलिसीधारकों, दोनों का कर भार कम होगा।
बीमा से जुड़े विभिन्न मामलों पर जीएसटी दरों को लेकर मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस विषय पर चर्चा होगी और बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली छूट की समीक्षा की जाएगी।
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