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‘मेड इन इंडिया’ 5-डोर जिम्नी एसयूवी जापान में हुई लॉन्च
नई दिल्ली, 30 जनवरी। ‘मेड इन इंडिया’ 5-डोर जिम्नी को गुरुवार को जापान में लॉन्च किया गया। यह वित्त वर्ष 2024-25 में मारुति सुजुकी द्वारा दूसरा सबसे अधिक निर्यात किया जाने वाला मॉडल है।
कंपनी ने बयान में कहा कि 5-डोर जिम्नी को दिल्ली के पास स्थित हरियाणा के गुरुग्राम में मौजूद मारुति सुजुकी की मैन्युफैक्चरिंग सुविधा में मैन्युफैक्चर किया जा रहा है। वैश्विक ऑफ-रोडर के रूप में इसकी मजबूत विरासत है और इसे लगभग 100 देशों में निर्यात किया जाता है।
कंपनी ने कहा कि जापान में इस 4 व्हील ड्राइव एसयूवी का लॉन्च मारुति सुजुकी की निर्यात योजना में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह वित्त वर्ष 2024-25 में फ्रोंक्स के बाद जापान में निर्यात की जाने वाली दूसरी एसयूवी बन गई है।
मारुति सुजुकी के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी ताकेउची ने कहा, “जापान में ‘मेड इन इंडिया’ जिम्नी 5-डोर की शुरूआत हमारी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में उत्कृष्टता के वैश्विक स्तर का प्रमाण है। मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे बाजारों में इसकी शानदार सफलता के बाद हमें विश्वास है कि यह एसयूवी जापान में ग्राहकों को पसंद आएगी। जिम्नी का निर्यात ‘दुनिया के लिए मेक-इन-इंडिया’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।”
सुजुकी पूरी दुनिया में 35 लाख से अधिक जिम्नी एसयूवी बेच चुकी है। जापानी बाजार में जिम्नी का 3-डोर वर्जन पहले से ही बिक्री के लिए उपलब्ध है।
मारुति सुजुकी भारत की अग्रणी यात्री वाहन निर्यातक कंपनी बनकर उभरी है। कंपनी ने कैलेंडर वर्ष 2024 में लगभग 100 देशों को 3.23 लाख से अधिक वाहनों का निर्यात किया है। 2024 में भारत के कुल यात्री वाहन निर्यात में कंपनी की हिस्सेदारी 43.5 प्रतिशत है। मारुति सुजुकी ने अगस्त 2024 में जापान को फ्रोंक्स का निर्यात शुरू किया था।
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पायलट और एटीसी को जीपीएस स्पूफिंग पर डीजीसीए का सख्त निर्देश, गड़बड़ी को 10 मिनट के अंदर रिपोर्ट करें

मुंबई, 12 नवंबर: भारत के एविएशन रेगुलेटर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलट, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (एटीसी) और एयरलाइन को जीपीएस स्पूफिंग और अन्य ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) में गड़बड़ी को 10 मिनट के अंदर रिपोर्ट करने को कहा है।
डीजीसीए की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया कि इस निर्देश का उद्देश्य फ्लाइट सेफ्टी और ऑपरेशनल इंटीग्रिटी को बनाए रखना है।
रेगुलेटर ने कहा, “अगर किसी भी पायलट, एटीसी कंट्रोलर और टेक्निकल यूनिट को जीपीसी का व्यवहार असामान्य जैसे नेविगेशन एरर, लॉस ऑफ जीएनएसएस सिग्नल इंटीग्रिटी और स्पूफड लोकेशन डेटा आदि लगता है, तो उसे रियल-टाइम में 10 मिनट के अंदर रिपोर्ट करें।
हाल ही में दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जीपीएस में गड़बड़ी को देखा गया था, जो कि 1,500 से ज्यादा फ्लाइट मूवमेंट्स को प्रतिदिन संभालता है।
नियामक ने सभी पक्षकारों से प्रभावित क्षेत्र की तारीख, समय, विमान का प्रकार, पंजीकरण, मार्ग और निर्देशांक जैसे विवरण तुरंत दर्ज करने और साझा करने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा सर्कुलर में गड़बड़ी के प्रकार, जैसे जैमिंग, स्पूफिंग, सिग्नल लॉस या इंटीग्रिटी एरर और प्रभावित विमान उपकरण का विवरण देने का आग्रह किया गया। साथ ही कहा गया कि अगर संभव हो तो सिस्टम लॉग, स्क्रीनशॉट या फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम डेटा जैसी चीजों से इसकी पुष्टि करें।
नवंबर 2023 और फरवरी 2025 के बीच लगभग 465 जीपीएस गड़बड़ी और स्पूफिंग की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से अधिकांश अमृतसर और जम्मू जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में हुईं।
कई एयरलाइनंस ने पहले भी वैश्विक स्तर पर संघर्ष क्षेत्रों के ऊपर या उनके पास उड़ान भरते समय जीपीएस सिग्नल संबंधी समस्याओं की सूचना दी है। डीजीसीए वर्तमान में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर स्पूफिंग की घटनाओं की जांच कर रहा है और गड़बड़ी के पैमाने एवं पैटर्न का आकलन करने के लिए डेटा विश्लेषण कर रहा है।
वैश्विक स्तर पर, आईसीएओ (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) और आईएटीए (अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ) दोनों ने जीएनएसएस स्पूफिंग और जैमिंग की बढ़ती समस्याओं पर चिंता जताई है।
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मजबूत वैश्विक संकेतों से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

मुंबई, 12 नवंबर: मजबूत वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। सुबह 9:22 पर सेंसेक्स 455 अंक या 0.54 प्रतिशत की तेजी के साथ 84,321 और निफ्टी 131 अंक या 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,826 पर था।
शुरुआती सत्र में बाजार में तेजी का नेतृत्व आईटी शेयर कर रहे थे। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.28 प्रतिशत, निफ्टी पीएसयू बैंक 0.69 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.59 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 0.66 प्रतिशत, निफ्टी एनर्जी 0.57 प्रतिशत, निफ्टी इन्फ्रा 0.60 और निफ्टी कमोडिटीज 0.42 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 342 अंक या 0.57 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,769 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 116 अंक या 0.64 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,200 पर था।
सेंसेक्स पैक में टीसीएस, टेक महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस, इटरनल (जोमैटो), भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, एसबीआई, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावर ग्रिड गेनर्स थे। बीईएल, एचयूएल, ट्रेंट, मारुति सुजुकी, आईटीसी और सनफार्मा लूजर्स थे।
बाजार के जानकारों ने कहा कि अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील जल्द पूरी होने की संभावना और बिहार के चुनावों में एक्जिट पोल में एनडीए के आगे रहने की उम्मीद के कारण शेयर बाजार हरे निशान में खुला। इससे आने वाले समय में भी बाजार में तेजी बनी रह सकती है।
ज्यादातर एशियाई बाजारों में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। सोल, जकार्ता और हांगकांग हरे निशान में थे, जबकि टोक्यो और शंघाई लाल निशान में थे। हालांकि, अमेरिकी बाजार मंगलवार को मिलेजुले बंद हुए थे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने लगातार दूसरे दिन 11 नवंबर को अपनी बिकवाली जारी रखी और 803 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने इस महीने अब तक अपनी खरीदारी जारी रखी और उसी दिन 2188 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
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इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस ने 2025 में अब तक इक्विटी में किया रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपए का निवेश

मुंबई, 11 नवंबर: घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) ने भारतीय इक्विटी बाजारों में 2025 में अब तक एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। यह इन दोनों सेगमेंट से आया अब तक का सबसे अधिक निवेश है। यह जानकारी मंगलवार को डेटा से मिली।
इस साल की शुरुआत से इक्विटी में अब तक घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों ने 56,821 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि एनपीएस ने 51,308 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह दोनों की ओर से 2024 में क्रमश: 23,062 करोड़ रुपए और 13,328 करोड़ रुपए के निवेश से काफी अधिक है।
बाजार में निवेश ऐसे समय पर देखा गया है, जब इक्विटी ने बीते एक वर्ष में सुस्त प्रदर्शन किया है।
एनालिस्ट का कहना है कि नियमों में लचीलापन बढ़ने और एयूएम में इजाफा होने के कारण इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस की ओर से अधिक रिटर्न पाने के लिए इक्विटी में निवेश किया गया है।
हाल के वर्षों में, पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने अपने नियमों में संशोधन करते हुए टियर-I एनपीएस खातों के लिए 75 प्रतिशत और टियर-II खातों के लिए 100 प्रतिशत तक इक्विटी निवेश की अनुमति दी है।
इस बीच, आईआरडीएआई द्वारा दी गई छूटों ने इंश्योरेंस कंपनियों को सरकारी और अनुमोदित प्रतिभूतियों में बड़ी हिस्सेदारी बनाए रखते हुए, विवेकपूर्ण निवेश सीमा के भीतर इक्विटी आवंटन बनाए रखने की अनुमति दी।
म्यूचुअल फंड जैसे अन्य घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2025 में इक्विटी में 4.44 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया, जो पिछले वर्ष के 4.15 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। इस बीच, बैंकों और कुछ घरेलू वित्तीय संस्थानों ने इक्विटी में क्रमशः 16,941 करोड़ रुपए और 158 करोड़ रुपए की बिकवाली की।
एफआईआई द्वारा भारी बिकवाली के बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की शुद्ध खरीदारी इस साल भारतीय बाजारों को सहारा दे रही है।
जानकारों के मुताबिक, भारत में निरंतर बिकवाली और सस्ते बाजारों में पैसा लगाने की एफआईआई रणनीति निकट भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है।
भारतीय कंपनियों की वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही की आय अनुमान से बेहतर रही है, जिसमें प्रमुख क्षेत्रों, खासकर मिड-कैप कंपनियों की आय में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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