राजनीति
योगी सरकार की संजीदगी से संरक्षित हो रहे बेसहारा गोवंश
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गोरखपुर, 28 जनवरी। बेसहारा गोवंश के संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संजीदगी जगजाहिर है। इसके लिए उनकी सरकार दो विशेष कार्यक्रम चला रही है, निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना और निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान। एक तरफ पशुपालकों को मुफ्त गोवंश देने के साथ उनके भरण-पोषण का खर्च भी दे रही है, तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में बेसहारा गोवंश को सरकारी खर्च पर आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जा रहा है।
‘निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ का दोतरफा लाभ दिख रहा है। इससे बेसहारा गोवंश को पोषणयुक्त संरक्षण मिल रहा है तो साथ ही गोवंश पालने के इच्छुक लोग बिना कुछ खर्च किए ही पशु मालिक बन जा रहे हैं। इस योजना में सरकार बेसहारा गोवंश लेने वाले व्यक्ति को गाय या नंदी मुफ्त देने के साथ उनके भरण-पोषण के लिए प्रतिदिन प्रति गोवंश 50 रुपये की दर से भुगतान भी करती है, यानी एक गोवंश के लिए प्रतिमाह 1,500 रुपये का भरण-पोषण खर्च योगी सरकार देती है। एक व्यक्ति अधिकतम चार गोवंश ले सकता है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र पांडेय बताते हैं कि गोरखपुर में ‘निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ की प्रगति काफी उत्साहजनक है। ‘निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 361 गोवंश की सुपुर्दगी का क्रमिक लक्ष्य तय किया गया, जबकि अद्यतन 474 गोवंश सुपुर्द किए गए हैं। इस सुपुर्दगी से 260 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। सुपुर्द किए गए गोवंश के सापेक्ष उनके भरण-पोषण के लिए पशुपालकों को 70 लाख 44 हजार रुपये का भुगतान किया गया है।
लोगों को मुफ्त पशुपालक बनाने के साथ ही सरकार बड़ी संख्या में आश्रय स्थलों के माध्यम से भी गोवंश का संरक्षण कर रही है। प्रायः पशुपालक बछड़ों को अपने लिए अनुपयोगी समझते हैं तो उन्हें खुले में ही छोड़ देते हैं। इससे ये पशु खुद तो असुरक्षित हो ही जाते हैं। कई बार दुर्घटनाओं के कारण भी बन जाते हैं। उनके खाने-पीने का भी संकट होता है। इसके लिए योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर गो आश्रय स्थल खोले हैं।
‘निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान’ के अंतर्गत जिले के 25 अस्थायी गो आश्रय स्थलों में 1,391, तीन कान्हा गोशाला में 3,040, दो वृहद गो संरक्षण केंद्रों में 2,886, चार पंजीकृत गोशाला में 553, तीन अपंजीकृत गोशाला में 304 और 23 कांजी हाउस में 1,697 गोवंश संरक्षित हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 8,851 गोवंश के संरक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि वास्तविकता में 9,871 गोवंश संरक्षित हो रहे हैं। लक्ष्य के सापेक्ष यह उपलब्धि 111.52 प्रतिशत है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, किसी को गोवंश, खासकर बछड़ों को पालने में यदि किसी भी तरह की दिक्कत आ रही हो तो उन्हें खुले में छोड़ देने की बजाय सरकार की पहल पर संचालित गो आश्रय स्थल पहुंचा देना चाहिए। इससे गोवंश को आसरा भी मिल जाएगा और लोग किसी भी तरह की कार्यवाही से भी बच जाएंगे।
राष्ट्रीय समाचार
नया सीईसी चुनने का निर्णय अपमानजनक और गलत : राहुल गांधी
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नई दिल्ली, 18 फरवरी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। जिस तरह से सोमवार देर रात सीईसी की नियुक्ति की घोषणा की गई, उन्होंने इसे अपमानजनक और गलत बताया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के कारण तीन सदस्यीय समिति में शामिल राहुल गांधी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अगले चुनाव आयुक्त के चयन के लिए हुई समिति की बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को एक असहमति पत्र सौंपा। इसमें कहा गया था कि चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन की प्रक्रिया स्वतंत्र होनी चाहिए, ताकि चुनाव आयोग पर किसी तरह का कार्यकारी हस्तक्षेप न हो।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाकर और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए जो कदम उठाया, वह करोड़ों भारतीय मतदाताओं की चिंता बढ़ाने वाला है, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि सीईसी का चयन करने वाली तीन सदस्यीय समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं जबकि एक कैबिनेट मंत्री (वर्तमान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष इसके अन्य सदस्य होते हैं। पहले कैबिनेट मंत्री की जगह भारत के मुख्य न्यायाधीश इसके सदस्य होते थे, लेकिन 2023 में समिति की संरचना में बदलाव किया गया था।
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा, “विपक्ष के नेता के रूप में मेरा यह कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे राष्ट्र निर्माताओं के सिद्धांतों का पालन करूं और सरकार की गलतियों को उजागर करूं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा आधी रात को नया मुख्य चुनाव आयुक्त चुनने का निर्णय न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह गलत भी है, खासकर जब सर्वोच्च न्यायालय में इस समिति की संरचना और प्रक्रिया पर 48 घंटे के भीतर सुनवाई होने वाली है।”
उल्लेखनीय है कि मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को अगला मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया है। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में सोमवार देर रात अधिसूचना जारी की।
इससे पहले सोमवार शाम दिल्ली में चयन समिति की बैठक हुई थी जिसमें बहुमत से ज्ञानेश कुमार को सीईसी नियुक्त करने का फैसला किया गया था। साथ ही हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को भारतीय निर्वाचन आयोग का सदस्य बनाया गया है। सुखबीर सिंह संधू आयोग के तीसरे सदस्य हैं। मौजूदा सीईसी राजीव कुमार मंगलवार को रिटायर हो रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन लगातार तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन देगा
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बीजिंग, 18 फरवरी। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने राजधानी पेइचिंग में निजी उद्यमों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। संगोष्ठी में शी चिनफिंग ने कहा कि नए युग और नई यात्रा में निजी अर्थव्यवस्था के विकास की विशाल संभावनाएं हैं। अब समय आ गया है कि निजी उद्यम और निजी उद्यमी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें।
चीन के सर्वोच्च नेता होने के नाते शी चिनफिंग निजी अर्थव्यवस्था के विकास पर बड़ा ध्यान देते हैं। उन्होंने वर्ष 2018 और 2020 में संबंधित संगोष्ठी का आयोजन किया। वर्ष 2024 के अंत में चीन ने निजी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने संबंधी कानून का मसौदा जारी किया। यह चीन में निजी अर्थव्यवस्था के विकास से संबंधित पहला बुनियादी कानून है।
बताया जाता है कि संगोष्ठी में उपस्थित उद्यमी इंटरनेट, एआई, नवीन ऊर्जा, कृषि और पशुपालन, डेयरी, इलेक्ट्रॉनिक संचार, ऑटोमोबाइल विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, नेटवर्क सुरक्षा और वाणिज्यिक एयरोस्पेस आदि क्षेत्रों से आते हैं, जो चीन के सुधार और खुलेपन के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
चीन की अर्थव्यवस्था में निजी अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आंकड़ों के अनुसार टैक्स में निजी अर्थव्यवस्था की योगदान दर 50 प्रतिशत से अधिक है। जीडीपी में 60 प्रतिशत का अनुपात निजी अर्थव्यवस्था से आता है। निजी अर्थव्यवस्था ने 70 फीसदी से ज्यादा तकनीकी नवाचार उपलब्धियां प्राप्त कीं और 80 प्रतिशत से अधिक शहरी रोजगार तैयार किए।
विश्लेषकों का मानना है कि निजी उद्यमों के साथ संगोष्ठी में शी चिनफिंग के भाषण से महत्वपूर्ण संकेत दिया गया कि चीन लगातार तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन देगा और दृढ़ता से खुलेपन को लागू करेगा।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन में हेलीकॉप्टर एयरबोर्न मैग्नेटोटेल्यूरिक डिटेक्शन सिस्टम का सर्वेक्षण मिशन पूरा
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बीजिंग, 18 फरवरी। चीन के पहले हेलीकॉप्टर एयरबोर्न मैग्नेटोटेल्यूरिक डिटेक्शन सिस्टम ने हाल में सफलता से 5,000 मीटर ऊंचे, ठंडे और जटिल भूभाग वाले क्षेत्रों में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण मिशन पूरा किया। इससे चीन में मुख्य रेलवे निर्माण परियोजनाओं के डिजाइन और निर्माण को महत्वपूर्ण समर्थन मिला।
बताया जाता है कि इस व्यवस्था का अनुसंधान चीनी विज्ञान अकादमी के एयरोस्पेस सूचना नवाचार अनुसंधान संस्थान ने किया, जिसके पास पूरी तरह से स्वतंत्र बौद्धिक संपदा अधिकार हैं।
चीनी शोधकर्ताओं ने उच्च संवेदनशील चुंबकीय क्षेत्र सेंसर, बड़े गतिशील सिग्नल रिसेप्शन और विमानन पॉड स्थिर मंच आदि कई प्रमुख प्रौद्योगिकियों पर काबू पाया। इस व्यवस्था से भूमिगत दोष, दरार, भूजल और खनिज संसाधन के वितरण आदि की जानकारी मिल सकती है और संभावित भूवैज्ञानिक सुरक्षा जोखिम वाले क्षेत्रों की सटीक पहचान की जा सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, वायुजनित विद्युत चुंबकीय पहचान प्रौद्योगिकी संसाधन अन्वेषण और इंजीनियरिंग सर्वेक्षण का मुख्य तकनीकी साधन है। भूमिगत मीडिया के विद्युत गुणों में अंतर के आधार पर खनिज, जल संसाधन और भूवैज्ञानिक संरचना की खोज की जाती है।
इस तकनीक में तेज गति, उच्च रिज़ॉल्यूशन और बड़ी रेंज के फायदे हैं, जो क्षेत्र मनुष्य के प्रवेश के लिए कठिन है, जैसे कि पठार, जटिल भूभाग, जंगल, रेगिस्तान, गोबी और दलदल आदि, इनमें भूमिगत जांच वायुजनित विद्युत चुंबकीय पहचान प्रौद्योगिकी से की जा सकती है। यह प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
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