राजनीति
उत्तराखंड निकाय चुनाव की मतगणना शुरू, नतीजों पर सबकी नजर
देहरादून, 25 जनवरी। आज उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की मतगणना हो रही है। यह मतगणना सुबह 8 बजे से जारी है। मतगणना के लिए राज्यभर में कुल 54 मतगणना केंद्र बनाए हैं, जहां 6366 कर्मचारी वोटों की गिनती में लगे हुए हैं।
वहीं, मतगणना के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा गया है। प्रशासन की तरफ से बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, जो पूरी गतिविधियों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।
प्रदेश में 23 जनवरी को नगर निकाय के चुनाव हुए थे। तीनों निकायों का कुल मतदान प्रतिशत 57.71 था।
नगर पालिका बागेश्वर में 54.18 फीसदी, नगर पंचायत कपकोट में 65.70 फीसदी, नगर पंचायत गरुड़ में 66.37 फीसदी, जनपद पिथौरागढ़ में 65 फीसदी, धारचूला में 66 फीसदी, डीडीहाट में 72.36 फीसदी मतदान हुआ था।
अल्मोड़ा जिले में 63 फीसदी, नैनीताल में 69.78 फीसदी, राजधानी देहरादून में 55 फीसदी मतदान हुआ था।
वहीं, रुद्रप्रयाग जिले में सबसे अधिक 71.15 फीसदी मतदान हुआ था और उधम सिंह नगर 70.06 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर रहा था।
उधर, हरिद्वार में 65 फीसदी, चमोली में 66.64 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि उत्तरकाशी और टिहरी जिले में क्रमशः 61 फीसदी और 61.8 फीसदी मतदान हुआ था।
पौड़ी गढ़वाल जिले में 66.05 फीसदी और बागेश्वर में 67.19 फीसदी मतदान हुआ था।
उधर, चंपावत जिले में मतदान प्रतिशत 64 फीसदी रहा, जबकि पिथौरागढ़ 64.75 फीसदी पर मतदान हुआ था।
प्रदेश में कुल 11 नगर निगम हैं, जहां मतदान हुए थे।
2023 में राज्य में कुल 9 नगर निगम थे, जहां 2024 में बढ़ाकर 11 कर दिया गया।
अगस्त 2024 में धामी सरकार ने पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा देने को मंजूरी दे दी थी।
राज्य का सबसे पुराना नगर निगम देहरादून नगर निगम है। इसे 9 दिसंबर 1998 को नगर निगम घोषित किया गया था। लेकिन, उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद देहरादून का नगर निगम का दर्जा समाप्त कर दिया गया था। लेकिन, 2003 में उत्तराखंड सरकार द्वारा इसे एक बार फिर से पुनर्गठित कर नगर निगम घोषित कर दिया गया था।
अपराध
नोएडा : आवारा कुत्तों को खाना देने पर डॉग लवर्स और सोसायटी निवासियों के बीच हंगामा, पुलिस कर रही जांच
नोएडा, 27 जनवरी। नोएडा के सेक्टर-134 स्थित कॉसमॉस सोसाइटी में रविवार देर रात हंगामा हो गया। सोसायटी के लोगों ने एक महिला पर बाहर से लोगों को बुलाकर मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने आरोपियों को एम्बुलेंस से बाहर खींचने का प्रयास किया। सोसायटी पहुंची पुलिस से भी लोग बहस करते दिखे। पुलिस बार-बार समझाने का प्रयास कर रही है। हालांकि इसके बाद पुलिस आरोपियों को लेकर थाने पहुंची, यहां भी बड़ी संख्या में सोसायटी के लोग पहुंचे।
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर महिला समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। दरअसल, पूरा विवाद डॉग को लेकर हुआ। आरोप है कि तमन्ना नाम की एक महिला सोसायटी में डॉग को खाना देती है, जिससे यहां स्ट्रीट डॉग्स की संख्या बढ़ रही है। कई बार बच्चों और सोसायटी के लोग भी डॉग बाइट का शिकार हो चुके हैं। रविवार को भी यही हुआ।
सोसायटी के राहुल ने तमन्ना को डॉग्स को खाना देने से मना किया, जिस पर बहस हो गई। आरोप है कि तमन्ना ने बाहर से तीन से चार लोगों को बुलाया और सोसायटी के लोगों के साथ गाली गलौज और मारपीट की। इसके विरोध में सोसायटी के लोग थाना एक्सप्रेसवे पहुंचे और वहां हंगामा किया।
मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और मामले को शांत कराया। इसके बाद पीड़ित की शिकायत पर तमन्ना ग्रोवर समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हो रहे हैं। पहले वीडियो में सोसायटी के लोग थाने में मौजूद हैं। वहां सोसायटी के और लोगों को बुलाने के लिए कहा जा रहा है। थाने में करीब 60 से ज्यादा लोग वीडियो में दिख रहे हैं।
दूसरे वीडियो में भी भीड़ दिख रही है। लोग आपस में बात कर रहे हैं कि ये लोग हमें बार-बार गोली मारने की धमकी देते हैं। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है।
राष्ट्रीय समाचार
गिरिडीह: घर में ब्लास्ट, एक की मौत छह घायल
गिरिडीह, 27 जनवरी। झारखंड के गिरिडीह के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के शीतलपुर स्थित एक घर में जोरदार ब्लास्ट हुआ, जिसमें परिवार के एक सदस्य की मौत हो गई और छह गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह घटना देर रात करीब 2 बजे हुई। ब्लास्ट इतना जोरदार था कि पूरा मकान क्षतिग्रस्त हो गया। तेज आवाज से पास-पड़ोस के लोग जगकर बाहर आ गए।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। घायलों में उमेश दास, उनकी पत्नी सबिता देवी, पुत्र संदीप, सन्नी, बेटी लक्ष्मी, और सास बेदन्ति देवी शामिल हैं। सभी को प्राथमिक उपचार के बाद धनबाद रेफर किया गया है।
हालांकि, ब्लास्ट का कारण अब तक पता नहीं चल सका है, लेकिन कुछ लोग इसे अवैध विस्फोटक से जोड़कर देख रहे हैं।
इस संबंध में एसडीपीओ जीतवाहन उरांव ने मीडिया को जानकारी दी। उन्हीं के नेतृत्व में इस मामले की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि उमेश दास के घर में ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट की वजह से घर की दीवार बाहर की ओर गिर गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि घर के अंदर कुछ ऐसी चीज़ हुई होगी, जिससे धमाका हुआ हो। इस समय फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर जांच कर रही है और सैंपल एकत्रित कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि धमाका किस कारण हुआ।
उन्होंने कहा कि इस घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक की मृत्यु हो गई है, जबकि बाकी लोग घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल भेजा गया है। इस समय जांच में यह भी देखा जा रहा है कि कहीं यह धमाका अवैध खनन गतिविधियों के कारण तो नहीं हुआ, जिसमें कोई विस्फोटक सामग्री इस्तेमाल हुई हो।
उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक टीम यह पता लगाने के लिए जांच कर रही है कि आखिरकार धमाका किस चीज से हुआ और उस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
दक्षिण कोरिया में 9 साल बाद जन्म दर में पहली वृद्धि दर्ज करने का अनुमान
सियोल, 27 जनवरी। दक्षिण कोरिया में नौ साल बाद पहली बार जन्म दर बढ़ने का अनुमान है, लेकिन इसमें क्षेत्रीय अंतर भी देखने को मिल रहा है। यह जानकारी सोमवार को देश के सांख्यिकी विभाग ने दी।
जनवरी से नवंबर के बीच 2,20,094 बच्चों का जन्म हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 3 प्रतिशत ज्यादा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में यह संख्या 7.7 प्रतिशत कम थी, जिससे जन्म दर में लगातार आठवें साल गिरावट दर्ज की गई थी।
आंकड़ों से पता चलता है कि सियोल और अन्य महानगरीय क्षेत्रों में जन्म दर बढ़ी है, जबकि अन्य क्षेत्रों में यह वृद्धि कम रही। सियोल में पिछले साल जनवरी और मार्च को छोड़कर जन्म दर में बढ़ोतरी जारी रही।
खास बात यह है कि सियोल में सितंबर से लगातार तीन महीने तक जन्म दर में दहाई अंक की वृद्धि देखी गई। इसी तरह, राजधानी के आसपास के ग्योंगगी प्रांत में भी सितंबर से नवंबर तक तीन महीने तक दहाई अंक की वृद्धि दर्ज की गई।
इसके विपरीत, उत्तर चुंगचोंग प्रांत और दक्षिणी द्वीप जेजू में वृद्धि की दर अपेक्षाकृत कम रही, जहां नवंबर में क्रमशः 3.1 प्रतिशत और 6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
सांख्यिकी विभाग ने बताया कि क्षेत्रीय अंतर का मुख्य कारण यह है कि नवविवाहित और 20-30 की उम्र के लोग अधिकतर महानगरों में रहना पसंद करते हैं।
दक्षिण कोरिया लंबे समय से गिरती जन्म दर की समस्या से जूझ रहा है, क्योंकि युवा लोग शादी और परिवार शुरू करने में देरी कर रहे हैं या इसे टाल रहे हैं।
2045 तक दक्षिण कोरिया में सबसे बुजुर्ग जनसंख्या होने की उम्मीद है, जब 37.3 प्रतिशत लोग वरिष्ठ नागरिक होंगे।
दिसंबर में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 65 या उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 1.02 करोड़ हो गई, जो कुल 5.12 करोड़ जनसंख्या का 20 प्रतिशत है।
सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए शादी और बच्चों की परवरिश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें नवविवाहितों के लिए लाभ और चाइल्डकेयर सहायता शामिल हैं।
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