व्यापार
आईटी शेयरों के दम पर उछला शेयर बाजार, सेंसेक्स 566 अंक बढ़ा
मुंबई, 22 जनवरी। भारतीय शेयर बाजार के लिए बुधवार का कारोबारी सत्र मुनाफे वाला रहा। बाजार के मुख्य सूचकांकों में खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 566 अंक या 0.73 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76,404 और निफ्टी 130 अंक या 0.57 प्रतिशत बढ़कर 23,155 पर था।
बाजार में तेजी की वजह आईटी शेयरों में खरीदारी होना था। इन्फोसिस 3.16 प्रतिशत, टीसीएस 2.97 प्रतिशत और टेक महिंद्रा 2.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ सेंसेक्स के टॉप तीन गेनर्स थे। वहीं, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, एसबीआई और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे।
लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 721 अंक या 1.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,113 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 283 अंक या 1.63 प्रतिशत गिरकर 17,172 पर बंद हुआ।
व्यापक बाजार का रुझान नकारात्मक था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,153 शेयर हरे निशान में और 2,791 शेयर लाल निशान में और 115 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए। गिरने वाले शेयरों की संख्या अधिक होने के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट 3 लाख करोड़ रुपये गिरकर 421 करोड़ रुपये रह गया है, जो कि मंगलवार को 424 लाख करोड़ रुपये पर था।
आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा और प्राइवेट बैंक सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। ऑटो, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, रियल्टी और एनर्जी इंडेक्स में दबाव देखा गया।
एलपीके सिक्योरिटीज में तकनीकी विश्लेषक, वत्सल भुव ने कहा कि निफ्टी ने बुधवार को अपने पिछले सत्र के निचले स्तर 22,980 पर सपोर्ट लिया है और तेजी दिखाई। ऐसे में निफ्टी के 23,350 तक जाने की उम्मीद है। अगर तेजी जारी रहती है तो यह 23,500 तक भी जा सकता है। निफ्टी के लिए 23,000 एक मजबूत सपोर्ट के रूप में कार्य करेगा। वहीं, 23,350 से लेकर 23,400 एक रुकावट का जोन होगा।
व्यापार
इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस ने 2025 में अब तक इक्विटी में किया रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपए का निवेश

मुंबई, 11 नवंबर: घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) ने भारतीय इक्विटी बाजारों में 2025 में अब तक एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। यह इन दोनों सेगमेंट से आया अब तक का सबसे अधिक निवेश है। यह जानकारी मंगलवार को डेटा से मिली।
इस साल की शुरुआत से इक्विटी में अब तक घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों ने 56,821 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि एनपीएस ने 51,308 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह दोनों की ओर से 2024 में क्रमश: 23,062 करोड़ रुपए और 13,328 करोड़ रुपए के निवेश से काफी अधिक है।
बाजार में निवेश ऐसे समय पर देखा गया है, जब इक्विटी ने बीते एक वर्ष में सुस्त प्रदर्शन किया है।
एनालिस्ट का कहना है कि नियमों में लचीलापन बढ़ने और एयूएम में इजाफा होने के कारण इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस की ओर से अधिक रिटर्न पाने के लिए इक्विटी में निवेश किया गया है।
हाल के वर्षों में, पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने अपने नियमों में संशोधन करते हुए टियर-I एनपीएस खातों के लिए 75 प्रतिशत और टियर-II खातों के लिए 100 प्रतिशत तक इक्विटी निवेश की अनुमति दी है।
इस बीच, आईआरडीएआई द्वारा दी गई छूटों ने इंश्योरेंस कंपनियों को सरकारी और अनुमोदित प्रतिभूतियों में बड़ी हिस्सेदारी बनाए रखते हुए, विवेकपूर्ण निवेश सीमा के भीतर इक्विटी आवंटन बनाए रखने की अनुमति दी।
म्यूचुअल फंड जैसे अन्य घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2025 में इक्विटी में 4.44 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया, जो पिछले वर्ष के 4.15 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। इस बीच, बैंकों और कुछ घरेलू वित्तीय संस्थानों ने इक्विटी में क्रमशः 16,941 करोड़ रुपए और 158 करोड़ रुपए की बिकवाली की।
एफआईआई द्वारा भारी बिकवाली के बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की शुद्ध खरीदारी इस साल भारतीय बाजारों को सहारा दे रही है।
जानकारों के मुताबिक, भारत में निरंतर बिकवाली और सस्ते बाजारों में पैसा लगाने की एफआईआई रणनीति निकट भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है।
भारतीय कंपनियों की वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही की आय अनुमान से बेहतर रही है, जिसमें प्रमुख क्षेत्रों, खासकर मिड-कैप कंपनियों की आय में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
राष्ट्रीय समाचार
बैंक ऑफ अमेरिका ने अदाणी ग्रुप की कवरेज शुरू की, ‘ओवरवेट’ की दी रेटिंग

नई दिल्ली, 11 नवंबर: बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) ग्लोबल रिसर्च ने अदाणी ग्रुप की कवरेज शुरू कर दी है, साथ ही कुछ यूएस डॉलर बॉन्ड्स को ‘ओवरवेट’ की रेटिंग दी है। इसकी वजह समूह का मजबूत आधार और एसेट बेस और कठिन बाजार चुनौतियों के बावजूद फंड जुटाने की क्षमता है।
बोफा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक जांच के बीच समूह ने मजबूत प्रदर्शन, विस्तार और बाजार पहुंच को प्रदर्शित किया है। पोर्ट्स, यूटिलिटीज और रिन्यूएबल बिजनेस में मजबूत संपत्ति आधार अच्छा कैश फ्लो और क्रेडिट प्रोफाल को मजबूत रखने में समूह की मदद कर रहा है।
बोफा की ओर से अदाणी ग्रुप के कई बॉन्ड्स पर ओवरवेट की राय दी गई है, जिनमें अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एडीएसईजेड) 2031एस और 2032एस बॉन्ड्स, अदाणी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (एनडीआईएनसीओ) 2031एस, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस (एडीटीआईएन) 2036एस और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (एडीएएनईएम) 2030एस का नाम शामिल है।
बोफा के मुताबिक, ग्रुप की यूएसडी बॉन्ड इश्यू करने वाली कंपनियों का प्रदर्शन बीते दो वर्षों में अच्छा रहा है , जो कि क्षमता विस्तार के चलते ईबीआईटीडीए में बढ़त से संचालित था।
अदाणी ग्रुप देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह में से एक है और ग्रुप की 12 कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं, जिनका मार्केट कैप 200 अरब डॉलर के करीब है।
बोफा ने नोट में कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एडीटीआईएन) और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (एडीएएनईएम) अपने विविध परिचालनों और लंबी अवधि के फिक्स्ड-प्राइस कॉन्ट्रैक्ट द्वारा समर्थित स्थिर क्रेडिट प्रोफाइल बनाए रखेंगे।”
बोफा ने कहा कि उनका अनुमान है कि एडीटीआईएन और एडीएएनईएम दोनों अगले तीन वर्षों में 6 गुना से कम लीवरेज और 2गुना से अधिक कवरेज बनाए रखेंगे, जबकि एडीएएनईएम को मॉड्यूलर आउटले जैसे रखरखाव से और अधिक लाभ होगा।
अदाणी ग्रुप के यूएसडी बॉन्ड ने 2023 की शुरुआत से काफी उतार-चढ़ाव का अनुभव किया है। हालांकि, लगातार बाजार पहुंच और घरेलू नियामकों से प्रतिकूल निष्कर्षों की कमी ने पूरे समूह की मजबूत वापसी का समर्थन किया है।
व्यापार
मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान में खुला शेयर बाजार, फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली

मुंबई, 11 नवंबर: मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ खुला। सुबह 9:32 पर सेंसेक्स 191 अंक या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,332 और निफ्टी 55 अंक या 0.22 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,518 पर था।
शुरुआती सत्र में गिरावट का नेतृत्व फाइनेंशियल और बैंकिंग शेयर कर रहे थे। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.85 प्रतिशत, निफ्टी पीएसयू बैंक 0.71 प्रतिशत, निफ्टी एनर्जी 0.31 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 0.25 प्रतिशत, निफ्टी कमोडिटीज 0.25 प्रतिशत और निफ्टी पीएसई 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 174 अंक या 0.29 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 59,907 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 41 अंक या 0.23 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18,097 पर था।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, एमएंडएम, भारती एयरटेल, अदाणी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, सन फार्मा, एचयूएल,अल्ट्राटेक सीमेंट, इटरनल, मारुति सुजुकी और आईटीसी गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, एनटीपीसी और कोटक महिंद्रा बैंक लूजर्स थे।
ज्यादातर एशियाई बाजारों में लाल निशान में कारोबार हो रहा था। टोक्यो और सोल हरे निशान में थे। शंघाई, बैंकॉक, हांगकांग और जकार्ता लाल निशान में थे। अमेरिकी शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ था।
जानकारों के मुताबिक, मिलेजुले वैश्विक संकेतों और कोई मजबूत घरेलू संकेत न होने के कारण निवेशक सतर्क बने हुए हैं। छोटी अवधि में निवेशकों की निगाहें वैश्विक बाजार के रुझान, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और संस्थागत इनफ्लो पर होंगी।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 10 नवंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 4,114 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इस बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने अपनी खरीदारी का सिलसिला जारी रखते हुए 5,805 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयर खरीदे।
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