राष्ट्रीय समाचार
मकर संक्रांति पर अमित शाह पहुंचे शांति निकेतन सोसाइटी, उड़ाया पतंग
अहमदाबाद, 14 जनवरी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार को अहमदाबाद के घाटलोढ़िया इलाके स्थित शांति निकेतन सोसाइटी पहुंचे, जहां उन्होंने संक्रांति पर्व मनाया। गुजरात में संक्रांति को उत्तरायण कहा जाता है और इस दिन लोग पतंग उड़ाते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अपनी पत्नी के साथ शांति निकेतन सोसाइटी पहुंचे, जहां उन्होंने पतंग उड़ाया।
वहीं भाजपा प्रवक्ता एग्रेश दवे ने इस संबंध में आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मकर संक्रांति के मौके पर आज गुजरात में पतंग महोत्सव में शिरकत करने आए थे। इस दौरान, उन्होंने महोत्सव में हिस्सा लिया। उन्होंने कई लोगों से बातचीत की। इस खास मौके पर यहां के विधायक और मेयर भी उपस्थित रहे। इस दौरान यहां के लोगों ने अमित शाह का अद्भुत तरीके से अभिवादन किया और उन्होंने भी लोगों के साथ मिलकर पतंग महोत्सव का आनंद उठाया।
इससे पहले इस कार्यक्रम के बारे में शांति निकेतन समिति के अध्यक्ष और गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि किरीट पटेल ने आईएएनएस को जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था, “हमारे बीच देश के प्रेरणास्त्रोत गृहमंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। हम सभी इस उत्सव को लेकर बहुत उत्साहित हैं।”
पटेल ने यह भी याद दिलाया था कि जब अमित शाह गुजरात के गृहमंत्री थे, तब वे नवरात्रि के दौरान बार-बार शांतिनिकेतन आया करते थे। इस बार की पतंगबाजी में भी शांति निकेतन समिति ने भव्य तैयारी की है।
अध्यक्ष किरीट पटेल ने बताया था कि इस आयोजन में विशेष साड़ियों, चनिया-चोली और बच्चों के ड्रेस कोड के साथ पूरी सोसाइटी उत्सव में भाग लेगी, ताकि समाज में आनंद और ऊर्जा का संचार हो सके। उत्सव की सजावट भी खास होगी, जिसमें रंगोली, फूलों की सजावट और ढोल-नगाड़े के साथ लाइव म्यूजिक का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया था कि शांति निकेतन में इस उत्सव का स्वागत एक खास अंदाज में किया जाएगा और इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए सभी सदस्य उत्साहित हैं।
दुर्घटना
मथुरा : वृंदावन में खड़ी बस में लगी आग, एक की मौत, कई घायल
मथुरा, 14 जनवरी। उत्तर प्रदेश में मथुरा के वृंदावन में मंगलवार को पर्यटक सुविधा केंद्र में खड़ी एक बस में अचानक आग लग गई। इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई यात्री बुरी तरह से झुलस गए। हादसा उस समय हुआ, जब बस तेलंगाना के श्रद्धालुओं को महाकुंभ में स्नान कराकर वापस लौट रही थी।
आग लगने के कारणों की अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि यह हादसा सिगरेट जलाने से हुआ। बस में खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर रखे गए थे, जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। हादसे के समय बस में 50 यात्री सवार थे। यह बस दोपहर बाद करीब 2:30 बजे वृंदावन के पर्यटक सुविधा केंद्र पहुंची थी और कुछ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए बस से उतर गए थे।
लगभग साढ़े पांच बजे खड़ी बस में अचानक आग लग गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। बस में मौजूद यात्रियों ने शीशा तोड़कर अपनी जान बचाई, लेकिन एक व्यक्ति की जलने से मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी।
घटना की जानकारी मिलने के बाद तुरंत जिले के बड़े-बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आग लगने के कारण की जांच करने के लिए पुलिस और दमकल विभाग को निर्देशित किया है। पुलिस और दमकल विभाग की टीम मामले की जांच में जुटी हुई है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। फिलहाल पुलिस अधिकारी मामले की जांच करने में जुटे हैं।
राजनीति
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी चेतावनी, ‘आतंक को शह देना बंद करे पाकिस्तान’
जम्मू, 14 जनवरी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अखनूर से पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकियों को प्रशिक्षण देने की गतिविधियां बंद करने की कड़ी चेतावनी दी है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद का खतरनाक कारोबार चलाने में किया जा रहा है। वहां आज भी आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं। सीमा से सटे इलाकों में लॉन्च पैड बने हुए हैं। भारत सरकार को सब पता चल रहा है। पाकिस्तान को इनको खत्म करना होगा।
पीओके में रह रही अवाम को एक गरिमापूर्ण जीवन से महरूम रखा जा रहा है। पाकिस्तान के हुक्मरानों द्वारा उन्हें मजहब के नाम पर हिंदुस्तान के खिलाफ बरगलाने और उकसाने की कोशिश की जा रही है। आतंकवाद को खत्म करने की शुरुआत हमने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करके की है। आज यहां हालात काफी हद तक बदले हैं। जम्मू कश्मीर पीओके के बिना अधूरा है। पीओके भारत के माथे का मुकुट मणि है। वैसे भी पीओके पाकिस्तान के लिए एक विदेशी क्षेत्र से अधिक कुछ नहीं है।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि 1965 के युद्ध में भारतीय सेनाओं ने हाजी पीर पर तिरंगा लहराने में सफलता हासिल की, मगर उसे बातचीत की मेज पर छोड़ दिया गया। यदि यह न हुआ होता तो आतंकवादियों की घुसपैठ के रास्ते उसी समय बंद हो गए होते। पाकिस्तान ने आज तक आतंकवाद का दामन नहीं छोड़ा है। आज भी अस्सी फीसद से अधिक आतंकवादी पाकिस्तान से ही भारत में आते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में अखनूर में युद्ध लड़ा गया था। भारत पाकिस्तानी सेना के प्रयासों को विफल करने में सफल रहा। पाकिस्तान 1965 से ही अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। उसकी यही उम्मीद रही है कि जम्मू एवं कश्मीर में जो मुस्लिम आबादी है, वह पाक फौज के साथ खड़ी होगी। मगर न 1965 में यहां के लोगों ने पाकिस्तान का साथ दिया न ही आतंकवाद के उस दौर में साथ दिया। सीमा पार आतंकवाद 1965 में ही समाप्त हो गया होता, लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार युद्ध में प्राप्त सामरिक लाभ को रणनीतिक लाभ में बदलने में असमर्थ रही।
अपराध
रांची में कोयला कंपनी के रिटायर अफसर को 11 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 2.27 करोड़ की ठगी
रांची, 14 जनवरी। साइबर क्रिमिनल के एक गैंग ने रांची में रहने वाले कोयला कंपनी के एक रिटायर अफसर को 11 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 2.27 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। जेल भेजने और सख्त एक्शन का खौफ दिखाकर उनसे यह रकम आठ अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराई गई। इस मामले की एफआईआर सीआईडी साइबर थाना में दर्ज कराई गई है। इसके अलावा साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराई गई है। सीआईडी की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि इस ठगी को अंजाम देने वाला गिरोह महाराष्ट्र का है। गिरोह ने जिन बैंक अकाउंट में रकम ली है, वे महाराष्ट्र के हैं।
ठगी का शिकार हुए कोल इंडिया के रिटायर अफसर रांची के बरियातू इलाके में रहते हैं। उन्होंने एफआईआर में बताया है कि 10 दिसंबर, 2024 को उनके मोबाइल पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम अभिराज शुक्ला बताया और अपना परिचय ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अफसर के रूप में दिया। उनसे कहा गया कि उनके नंबर से कई लोगों को भ्रामक विज्ञापन और मेसेज ट्रांसफर किए गए हैं। भुक्तभोगी ने जब अपने नंबर से किसी तरह का मेसेज भेजे जाने से इनकार किया, तो उन्हें बताया गया कि हो सकता है कि किसी जगह पर जमा किए गए उनके दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड लेकर साइबर क्रिमिनल ने इस तरह की हरकत की हो। उन्हें बताया गया कि चूंकि आपके नंबर के जरिए बड़े पैमाने पर ठगी की गई है, इसलिए उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस बन रहा है। उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दी गई।
इसके साथ ही कॉल करने वाले ने उन्हें भरोसा दिया कि अगर वे खुद को निर्दोष मानते हैं तो गिरफ्तारी और कार्रवाई से बचाने के लिए दिल्ली साइबर ब्रांच से उनकी मदद कराई जा सकती है। इसके बाद उन्हें दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच की अफसर बताने वाली पूनम गुप्ता नामक महिला का कॉल आया। उन्हें मोबाइल कैमरा ऑन करने कर उसके सामने रहने को कहा गया। फिर, उनकी बात कई लोगों से कराई गई, जिसमें एक व्यक्ति को सीनियर आईपीएस बताया गया। उन्हें लगातार धमकी देकर असली अपराधियों के पकड़े जाने तक वीडियो कॉल पर रहने की हिदायत की गई। यह सिलसिला लगातार 11 दिनों तक जारी रहा। इस दौरान उनसे अलग-अलग अकाउंट में यह कहकर रकम ट्रांसफर कराई गई कि ऐसा करने से ही यह साबित होगा कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग नहीं की है। भयभीत भुक्तभोगी ने खुद और अपनी पत्नी के अकाउंट में जमा 2.27 करोड की राशि ट्रांसफर कर दी।
इस घटना में पीड़ित की जिंदगीभर की जमा पूंजी चली गई। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने ठगों के नबंर पर कॉल करने की कोशिश की। लेकिन नबंर ब्लॉक कर दिया गया था।
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