राष्ट्रीय समाचार
झारखंड में एचएमपीवी के संदिग्धों की स्क्रीनिंग के लिए रिम्स और एमजीएम में बने नोडल सेंटर

रांची, 8 जनवरी। झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यनूमो वायरस) के संदिग्धों की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है। रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) और जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को नोडल सेंटर बनाते हुए सैंपल की जांच की व्यवस्था की गई है।
पड़ोसी राज्य बंगाल में एचएमपीवी के केस मिलने की वजह से एहतियाती तौर पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी स्क्रीनिंग शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर सभी प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम का रियलिटी चेक कराया जा रहा है, ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति में अफरा-तफरी न हो। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर एचएमपीवी के संदिग्ध मामलों की निगरानी और नियंत्रण के सभी एहतियाती उपाय करने का निर्देश दिया है। सांस के मरीजों, इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस यानी सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण वाले मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों की विशेष तौर पर निगरानी करने को कहा गया है। अपर सचिव ने सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की है। सरकार के निर्देश पर सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत कर्मियों को इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि सिविल सर्जनों को मुख्यतः चार बिंदुओं पर निर्देश दिया गया है। चूंकि यह कोई नया वायरस नहीं है, इसलिए इसे लेकर किसी तरह की घबराहट और अफरा-तफरी न फैले, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। लोगों को इसके लक्षणों और इससे बचाव के लिए हाइजीन के नियमों के प्रति जागरूक करने का अभियान शुरू करने को कहा गया है। कोविड के दौरान लोगों ने जिस तरह के प्रोटोकॉल का पालन किया था, उसी तरह की सतर्कता अपनाई जानी चाहिए। हॉस्पिटल में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
इधर, रिम्स के निदेशक डॉ. राजकुमार ने कहा है कि एचएमपीवी को लेकर लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसे लेकर सावधानी जरूर बरती जानी चाहिए। समय पर इसकी पहचान होने से सामान्य उपचार से मरीज ठीक हो जाता है। फ्लू, सर्दी, खांसी और संक्रमण अगर सात दिनों तक रहता है तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
राजनीति
संसद में अमित शाह का ऐलान,’ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले के 3 आतंकी किए ढेर’

नई दिल्ली, 29 जुलाई। पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया है। इसका ऐलान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में किया। बताया कि कैसे ‘ऑपरेशन महादेव’ ने आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया। सदन में शाह ने बताया कि सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के जरिए तीन आतंकवादियों को मारा है, जिनमें सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान शामिल हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था, जो गगनगीर आतंकी हमले में शामिल था। इसके सारे सबूत एजेंसियों के पास हैं। आतंकी अफगान और जिबरान, लश्कर के ‘ए’ श्रेणी के आतंकी थे। अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तीनों आतंकवादी बैसरन घाटी हमले में शामिल थे।
अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को एक सुरक्षा मीटिंग की गई। सबसे पहले फैसला लिया गया कि आतंकी देश छोड़कर पाकिस्तान भाग न पाएं। इसकी पूरी पुख्ता व्यवस्था की और आतंकियों को भागने नहीं दिया।
गृह मंत्री ने बताया कि 22 मई को आईबी के पास सूचना आई थी। डाचीगाम क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। सेना और आईबी ने सिग्नल कैप्चर करके 22 आतंकवादियों के बारे में जानकारी पुख्ता की। 22 जुलाई को सेंसर के जरिए आतंकियों के मौजूद होने की पुष्टि हुई। सेना के 4 पैरा के जवान, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान एक साथ आतंकियों को घेरने का काम किया। सोमवार को ऑपरेशन हुआ, उसमें पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी मौत के घाट उतार दिए गए।
अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि पहलगाम हमले के दौरान मिले कारतूस के खोखे और आतंकवादियों की राइफल के खोखे का मिलान हुआ है। आतंकवादियों के पास से एक एम-9 अमेरिकन और दो एके-47 राइफल बरामद की गई थीं। गृह मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि चंडीगढ़ एफएसएल की रिपोर्ट में कारतूस के मिलान हुए हैं। 6 वैज्ञानिकों ने क्रॉस चेक किया है। वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि यह वही गोलियां हैं जो पहलगाम में चलाई गई थीं।
राष्ट्रीय समाचार
बिहार एसआईआर विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई 12 और 13 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की

नई दिल्ली, 29 जुलाई। बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम टिप्पणी की। चुनाव आयोग द्वारा तैयार की जा रही मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के बाहर हो जाने की आशंका पर अदालत ने कहा कि यदि ‘सामूहिक रूप से बाहर करने’ की कोई स्थिति आती है, तो सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करेगा।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 12 और 13 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की इस आशंका को दूर करने की कोशिश की कि चुनाव आयोग की ओर से तैयार की जा रही मतदाता सूची से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर किया जा रहा है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण पेश हुए। उन्होंने कहा कि जिन 65 लाख लोगों ने फॉर्म जमा नहीं किया, उन्हें बाहर कर दिया गया है। चुनाव आयोग का दावा है कि वे या तो मर चुके हैं या स्थायी रूप से दूसरी जगह चले गए हैं। प्रशांत भूषण ने पीठ को बताया कि इन लोगों को सूची में शामिल होने के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बड़े पैमाने पर लोगों को बाहर किया गया है, तो अदालत इस पर गौर करेगी ऐसे मामलों को अदालत के संज्ञान में लाया जाना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा, “हम बात सुनेंगे। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, और उससे अपेक्षा की जाती है कि वह कानून के अनुसार कार्य करे।”
वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने अदालत को बताया कि अभी तक सिर्फ ड्राफ्ट लिस्ट प्रकाशित हुई है। लोग आपत्तियां दर्ज कराने के लिए स्वतंत्र हैं। अंतिम सूची 15 सितंबर के आसपास आने की उम्मीद है।
राजनीति
कांग्रेस पार्टी और कुछ नेता भारत में पाकिस्तान के प्रवक्ता बने बैठे हैं: राम कदम

मुंबई, 29 जुलाई। लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष के हंगामे पर भाजपा नेता राम कदम ने कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कांग्रेस और कुछ विपक्षी नेताओं पर पाकिस्तान के प्रवक्ता जैसे व्यवहार करने का आरोप लगाया।
मंगलवार को मिडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि विपक्ष का आचरण ऐसा नहीं होना चाहिए जिससे पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों को खुशी मिले। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या विपक्ष को भारतीय जवानों पर भरोसा नहीं है; जब पूरी दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को माना है, तो विपक्ष हंगामा क्यों कर रहा है?
कदम ने विपक्ष से आग्रह किया कि राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों पर राजनीति न करें और देश के साथ एकजुटता दिखाएं। उन्होंने कहा कि विपक्ष जिस ऑपरेशन को तमाशा कह रहा है, उस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को उसकी हैसियत दिखाई। विपक्ष सवाल उठाने से पहले वीर सैनिकों के बारे में सोचे। केंद्र सरकार की नीतियों की तारीफ करते हुए कहा कि अतीत में हमने एक ऐसा दौर देखा है जब पाकिस्तानी आतंकवादी हमारे देश में घुस आते थे, हमले करते थे और बिना किसी चुनौती के निकल जाते थे। पिछली सरकारों में उन्हें उनकी ही धरती पर हमला करने का साहस नहीं था। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में हम दुश्मनों के घर में घुसकर मारते हैं। चाहे बालाकोट हमला हो या उससे पहले हुए दो हमले या फिर हाल ही में हुई पहलगाम की घटना, हर परिस्थिति में हमने उनकी धरती में घुसकर पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर किया। यह सब केवल प्रधानमंत्री मोदी के सशक्त नेतृत्व में ही संभव हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह का जवाब विपक्ष को लोकसभा में मिला है, वैसा ही जवाब राज्यसभा में भी मिलेगा।
भाजपा नेता ने कहा कि विपक्ष वास्तविकता से अच्छी तरह वाकिफ है और जानता है कि भारत सरकार ने पाकिस्तानी आतंकवादियों से कितनी सख्ती से निपटा है। लेकिन जो लोग सोते रहना चाहते हैं, उन्हें जगाया नहीं जा सकता, चाहे आप उन्हें कितने भी जवाब दें। विपक्ष द्वारा अनजान बनने का नाटक पूरी तरह से जानबूझकर किया जा रहा है। साहसी फौज के प्रति संदेह पैदा करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ हद तक सवाल उठाने का अधिकार है। सवालों की आड़ में सरकार को घेरना और सैनिकों का अपमान करना ठीक नहीं है। दुर्भाग्य से विपक्ष अपनी सेना की छवि को धूमिल कर रहा है।
एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि बिहार में विपक्ष की करारी हार होने वाली है, इसके लिए वह अभी से भूमिका बना रहे हैं। विपक्ष के सभी सवालों के जवाब चुनाव आयोग ने दिए। झूठ बोलकर भ्रम फैला रहे हैं। राहुल गांधी को पहले भी कोर्ट से फटकार लग चुकी है। झूठ फैलाकर चुनाव नहीं जीते जाते हैं।
‘ऑपरेशन महादेव’ पर भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि यह सावन का पवित्र महीना है और हमने अपने वीर जवानों द्वारा चलाए गए इस अभियान को ऑपरेशन महादेव नाम दिया है। इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? महादेव पूरे देशवासियों के ईष्ट हैं। माताओं से सिंदूर छीनने का काम करने वाले आतंकियों का सफाया किया गया। अगर अब भी किसी को आपत्ति है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
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