राजनीति
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में जेसीबी से नाग की मौत, शव के करीब घंटों बैठी रही नागिन
शिवपुरी, 3 जनवरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां नाग की मौत होने पर उसके शव के पास ही नागिन घंटों बैठी रही। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बताया जाता है कि शिवपुरी जिले के नरवर क्षेत्र के छितरी गांव में सफाई के दौरान काम में लगी एक जेसीबी की चपेट में आने से एक नाग की मौत हो गई। जबकि, उसकी साथी नागिन बुरी तरह से घायल हो गई। नाग की मौत के गम में नागिन उसके शव के पास ही बैठी रही।
नाग-नागिन के साथ हुई इस घटना की सूचना नरवर में रहने वाले सर्प मित्र सलमान पठान को दी गई। सलमान पठान तुरंत छितरी गांव पहुंचे और देखा कि जेसीबी की चपेट में नाग-नागिन आ गए हैं।
सलमान ने बताया कि नाग की मौत हो चुकी थी। जबकि, नागिन नाग के शव के पास ही बैठी थी। उन्होंने नागिन को देखा तो पता चला कि उसके निचले हिस्से में चोट आई है।
सर्प मित्र सलमान पठान ने बताया कि घटनास्थल पर मौजूद दृश्य से ऐसा लगा कि दोनों नाग-नागिन का जोड़ा पिछले कई वर्षों से साथ में रह रहा था। सर्दी के मौसम में सांप धूप सेंकने बाहर निकलते हैं। इसी दौरान खेत में काम में लगी जेसीबी से नाग-नागिन घायल हुए हैं। जेसीबी की चपेट में आने से नाग की तो मौत हो गई, जबकि नागिन बुरी तरह घायल हो गई।
सर्प मित्र ने बताया कि ज्यादा घायल नागिन के भी बचने की संभावनाएं बहुत कम है। फिर भी नागिन का उपचार कर जंगल में छोड़ दिया गया।
दूसरी तरफ नाग-नागिन को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। कई लोगों ने दोनों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिस पर यूजर्स तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर 2024 में सुरक्षित-संपत्ति के रूप में खरीदा 8 टन सोना
मुंबई, 7 जनवरी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर 2024 में और आठ टन सोना खरीदा है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने नवंबर महीने के दौरान 53 टन कीमती धातु की सामूहिक खरीद जारी रखी है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी चुनाव के बाद नवंबर के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट ने कुछ केंद्रीय बैंकों को कीमती धातु जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आरबीआई ने दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह, सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोना खरीद रहा है।
सोना रखने की रणनीति भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के समय में मुख्य रूप से मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव और विदेशी मुद्रा जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से है।
नवंबर में अपने भंडार में आठ टन सोना जोड़ने के साथ आरबीआई ने 2024 के पहले 11 महीनों में अपनी खरीद को बढ़ाकर 73 टन कर और अपने कुल सोने के भंडार को 876 टन कर दिया है। इसके साथ आरबीआई ने पोलैंड के बाद वर्ष के दौरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार होने का अपना स्थान बनाए रखा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने भंडार में पांच टन सोना जोड़कर छह महीने के गैप के बाद सोने की खरीद फिर से शुरू की है और सालाना आधार पर शुद्ध खरीद को बढ़ाकर 34 टन कर दिया है। इसी के साथ, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने कुल सोने के भंडार को 2,264 टन (कुल भंडार का 5 प्रतिशत) कर दिया है।
इस बीच, सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण ( एमएएस ) महीने का सबसे बड़ा विक्रेता था, जिसने अपने सोने के भंडार को 5 टन कम कर दिया, जिससे सालाना आधार पर शुद्ध बिक्री 7 टन और कुल सोने की होल्डिंग 223 टन हो गई।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई की सोने की खरीद 2023 की इसी अवधि में खरीदी गई कीमती धातु की मात्रा से पांच गुना बढ़ गई है।
आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई का कुल स्वर्ण भंडार अब 890 टन हो गया है, जिसमें से 510 टन भारत में है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, महीने के दौरान सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में पोलैंड के 21 टन और उज्बेकिस्तान के नौ टन शामिल हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की इन बड़ी खरीदों से वैश्विक बाजार में कीमती धातु की कीमतों में भी तेजी आई है।
आरबीआई के आधे से अधिक स्वर्ण भंडार विदेशों में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित हिरासत में रखे गए हैं, जबकि लगभग एक तिहाई नागपुर और मुंबई में आरबीआई के वॉल्ट में संग्रहीत हैं।
रिजर्व बैंक ने यूनाइटेड किंगडम में बैंक वॉल्ट में रखे अपने 100 मीट्रिक टन सोने को 2024 में भारत में अपने वॉल्ट में शिफ्ट कर दिया क्योंकि देश में पर्याप्त घरेलू भंडारण क्षमता थी।
स्वर्ण भंडार को शिफ्ट करने से ब्रिटेन में वॉल्ट के इस्तेमाल के लिए भुगतान किए जाने वाले उच्च शुल्क में बचत होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय समाचार
तमिलनाडु में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दो मामलों की पुष्टि
बेंगलुरु, 7 जनवरी। चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) बहुत तेजी से फैल रहा है। यह वायरस अब धीरे-धीरे भारत में भी पैर पसारने लगा है। कर्नाटक, महाराष्ट्र , गुजरात और पश्चिम बंगाल के बाद तमिलनाडु में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दो केस सामने आए हैं।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अतिरिक्त मुख्य सचिव के अनुसार, तमिलनाडु में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से एक चेन्नई में और दूसरा सलेम में सामने आया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि दोनों संक्रमितों की हालत स्थिर है। तमिलनाडु सरकार के डीआईपीआर ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया किय एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान साल 2001 में की गई थी। पर्याप्त आराम और अच्छी मात्रा में पानी पीने तथा उचित देखभाल से यह संक्रमण ठीक हो जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कर्नाटक में दो, महाराष्ट्र में दो, गुजरात में एक, पश्चिम बंगाल में एक और तमिलनाडु में वायरस के दो मामले सामने आए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं। हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। इस वायरस से संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है। इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसे परेशानी भी हो सकती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं। सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
नेपाल-तिब्बत सीमा पर 7.1 तीव्रता के भूकंप से 32 लोगों की मौत
नई दिल्ली, 7 जनवरी। नेपाल-तिब्बत सीमा पर मंगलवार को आए 7.1 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और 38 घायल हो गए। कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह जानकारी सामने आई है।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) ने बताया कि भूकंप सुबह 6:35 बजे आया। जिसका केंद्र अक्षांश 28.86 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.51 डिग्री पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप का केंद्र नेपाल सीमा के पास शिजांग (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र) में स्थित था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, भूकंप के कारण जिजांग शहर में 32 लोग मारे गए तथा 38 अन्य घायल हो गए।
इसके अतिरिक्त, शिगाजे के डिंगरी के चांगसुओ कस्बे में स्थित टोंगलाई गांव में कई मकान ढहने की खबरें आईं, जिसे शिगात्से के नाम से भी जाना जाता है।
भूकंप से बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी झटके महसूस किए गए।
इसके कुछ ही समय बाद इस क्षेत्र में दो और भूकंप के झटके दर्ज किए गए। सुबह 7:02 बजे 4.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र अक्षांश 28.60 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.68 डिग्री पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई पर था।
कुछ ही मिनट बाद, सुबह 7:07 बजे 4.9 तीव्रता का एक और भूकंप 28.68 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.54 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 30 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया।
बिहार के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबराकर अपने घरों और अपार्टमेंट से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं है।
नेपाल भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय क्षेत्र है, जहां भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेट आपस में टकराती हैं। हिमालय में टेक्टोनिक गतिविधि के कारण देश में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में आया। खुंबू ग्लेशियर के पास स्थित लोबुचे, काठमांडू से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में और एवरेस्ट बेस कैंप से 8.5 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
भूकंपीय गतिविधि ने इस क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है। नेपाल और भारत के प्रभावित हिस्सों में अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
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