राजनीति
मनमोहन सिंह के निधन पर योगी आदित्यानाथ, हिमंत बिस्वा सरमा, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी ने जताया दुख
नई दिल्ली, 27 दिसंबर। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को दु:ख जताया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन अत्यंत दुखद एवं भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति है। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की शासन व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल परिजनों तथा समर्थकों को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मुझे डॉ. मनमोहन सिंह को 1991 से जानने का सौभाग्य मिला है, जब वह असम से पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे। एक ऐसा राज्य, जिसका उन्होंने 28 वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया। डॉ. साहब विनम्रता के प्रतीक थे और वह कभी सत्ता के मोह में नहीं झुके। उनके साथ मेरी सभी बातचीत में उनकी सादगी और शालीनता, उनके बौद्धिक कौशल के साथ हमेशा सामने आई। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मुझे असम से संबंधित मुद्दों पर उनसे बातचीत करने का अवसर मिला और उन्होंने हमेशा हमें धैर्यपूर्वक सुना और सामाजिक मुद्दों के प्रति दृढ़ विश्वास दिखाया। विभाजन के बाद के भारत में साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर राष्ट्र की सेवा की। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महान देशभक्त, एक असाधारण विद्वान, एक अपरंपरागत राजनीतिज्ञ और एक बेहतरीन राजनेता खो दिया है।”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन दुःखद है। वह एक कुशल राजनेता एवं अर्थशास्त्री थे। उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए प्रार्थना है।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मनमोहन सिंह के निधन पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आकस्मिक निधन से मैं बहुत स्तब्ध और दुखी हूं। मैंने उनके साथ काम किया था और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें बहुत करीब से देखा था। उनकी विद्वता और बुद्धिमत्ता पर कोई सवाल नहीं था और देश में उनके द्वारा शुरू किए गए वित्तीय सुधारों की गहराई को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। देश को उनकी देखरेख की कमी खलेगी और मुझे उनके स्नेह की कमी खलेगी। उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुःख हुआ। वह अद्वितीय बुद्धि के धनी राजनेता थे, उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता ने हमारे राष्ट्र पर अमिट छाप छोड़ी। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही मैं पहली बार कर्नाटक का मुख्यमंत्री बना। हमारे बजटीय उपायों को लेकर उनके प्रोत्साहन और खाद्य अधिकार अधिनियम जैसी ऐतिहासिक यूपीए नीतियों के प्रभाव ने कर्नाटक की प्रगति और कल्याणकारी पहलों को आकार दिया। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”
दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश ने न केवल एक विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री खो दिया है, बल्कि एक ऐसा नेता भी खो दिया है, जिसकी विद्वता और गरिमा को हमेशा याद रखा जाएगा।”
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, “हमारे समय के सबसे महान अर्थशास्त्रियों, नेताओं, सुधारकों और सबसे बढ़कर मानवतावादी मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने दिखाया कि कैसे शालीनता और शिष्टता राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन के बहुत जरूरी पहलू हैं। वह एक ऐसे महापुरुष थे, जिनके निधन से भारत ने एक महान सपूत खो दिया है।”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से मन अत्यंत व्यथित है। पूरे देश और कांग्रेस परिवार के लिए यह अपूरणीय क्षति है। आज भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।”
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन राजनीतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत की पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें। आरबीआई के गवर्नर, देश के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री जैसे दायित्व को निभाते हुए उन्होंने अपनी कुशल और दूरदर्शी नीतियों से देश की आर्थिक समृद्धि के प्रयासों में सहभागिता की और विभिन्न चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। देश के आर्थिक विकास में योगदान के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र की सेवा के प्रति समर्पित रहा। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों और समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताते हुए कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक महान विद्वान, अर्थशास्त्री और राजनेता खो दिया है। भारतीय आर्थिक सुधारों में उनके योगदान और 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री के रूप में हमारे देश की सेवा करने को हमेशा याद किया जाएगा। उन्हें मेरी श्रद्धांजलि।”
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे उनसे बातचीत करने और उनसे सीखने के कई अवसर मिले। वह वास्तव में एक बौद्धिक दिग्गज थे, एक कुशल अर्थशास्त्री थे, लेकिन सबसे बढ़कर वह एक सज्जन व्यक्ति थे। उनके निधन से भारत ने एक महान सपूत खो दिया है।”
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुख हुआ। वह एक ऐसे राजनेता थे, जिनके नेतृत्व ने भारत के आर्थिक परिवर्तन को दिशा दी। उनके कार्यकाल ने स्थिर विकास, सामाजिक प्रगति और सुधारों के युग को चिह्नित किया, जिसने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारजनों के साथ है। प्रभु श्री राम दिवंगत आत्मा को अपने परम धाम में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल ने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है। विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रभु उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिवार और समर्थकों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “आज देश ने अपना एक महान लाल खो दिया। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्वविख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के निधन का समाचार अत्यंत दुखदायी है। विकासशील राजनीति और गवर्नेंस के पुरोधा आदरणीय मनमोहन सिंह ने निःस्वार्थ भाव के साथ देश और देशवासियों की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया था। आज मनमोहन सिंह हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनके आदर्श और विचार हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।”
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की दुखद खबर मिली। देश के लिए यह बड़ा नुकसान है। भारत की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने वाले इस महान अर्थशास्त्री की कमी देशवासियों को हमेशा खलती रहेगी। परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि वह दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार सहित प्रशंसकों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध एक प्रतिष्ठित राजनेता डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुःख हुआ। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदना।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भूकंप प्रभावित वानुअतु की मदद, इंडोनेशिया ने भेजी मेडिकल टीम और खाद्य समाग्री
जकार्ता, 28 दिसंबर। इंडोनेशियाई सरकार ने भूकंप से प्रभावित वानुअतु को आपातकालीन सहायता प्रदान की है। 17 दिसंबर को आए 7.3 तीव्रता के भूकंप के बाद देश में एक दर्जन लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे।
शुक्रवार दोपहर पूर्वी जकार्ता के हलीम पेरदानकुसुमा एयरफोर्स बेस से एक विमान मेडिकल टीम और 50.5 टन रसद और खाद्य सामग्री लेकर रवाना हुआ।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री बुदी सादिकिन ने बताया कि मेडिकल टीम टीम 14 दिनों के लिए मानवीय मिशन का संचालन करेगी।
इससे पहले 24 दिसंबर को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भी घोषणा की थी कि उसने वानुअतु में आपातकालीन राहत प्रयासों के लिए 5 मिलियन डॉलर की आकस्मिक आपदा वित्तपोषण राशि उपलब्ध कराई है।
वानुअतु में आए भीषण भूकंप के बाद स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सरकार ने 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय सहायता का अनुरोध किया था।
7.3 तीव्रता के भूकंप के बाद वानुअतु की सरकार ने सात दिनों के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी। कम से कम 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, भूकंप से अस्पताल, आवासीय और सार्वजनिक भवन, सड़कें, जलाशय और गैस पाइप सहित व्यापक क्षति हुई थी। कई क्षेत्रों में संचार कट गया था।
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने बताया कि राजधानी शहर में पोर्ट विला इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर परिचालन में भी देरी हुई थी, क्योंकि इसके टर्मिनल भवन और सड़क नेटवर्क को नुकसान पहुंचा था, हालांकि रनवे काम कर रहा था। हवाई अड्डा सभी वाणिज्यिक सेवाओं के लिए बंद रहा। 22 दिसंबर को पोर्ट विला अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को वाणिज्यिक एयरलाइन परिचालन के लिए फिर से खोल दिया गया था।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
जंगल में लगी आग ने अर्जेंटीना में नेशनल पार्क के 1,400 हेक्टेयर इलाके को किया नष्ट
ब्यूनस आयर्स, 28 दिसंबर। दक्षिणी अर्जेंटीना के रियो नीग्रो प्रांत में जंगल की आग ने नहुएल हुआपी राष्ट्रीय उद्यान की लगभग 1,450 हेक्टेयर ज़मीन को नष्ट कर दिया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, शुक्रवार को पार्क प्रशासन ने एक रिपोर्ट में बताया कि बुधवार को पार्क के दक्षिणी हिस्से में आग लगी थी, जो अब लेक मार्टिन के उत्तरी हिस्से तक फैल गई है। यह क्षेत्र पहले ही 2022 में लगी जंगल की आग से बर्बाद हो चुका था।
इसमें कहा गया, “सुरक्षा के लिहाज से, संरक्षित क्षेत्र के दक्षिणी और मध्य हिस्सों में रास्तों को बंद कर दिया गया है।”
रिपोर्ट में कहा गया कि आग के पीछे के हिस्से में अग्निशमन प्रयासों को बढ़ाने और बचाव दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 46 अग्निशामकों को तैनात किया गया था। इसके अलावा, जंगल की आग से निकलने वाले धुएं की वजह से दृश्यता बहुत खराब हो गई, इससे हवाई मदद संभव नहीं हो पाई।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, जंगल की आग का धुआं “पहले ही बारिलोचे शहर को प्रभावित कर रहा है,” जो अर्जेंटीना के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह शहर सर्दियों में स्की ढलानों और गर्मियों में झीलों और पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध है।
2024 में अर्जेंटीना के मुख्य रूप से उत्तरी और मध्य हिस्सों में जंगल की आग का बड़ा प्रकोप हुआ, इससे जंगलों और कृषि भूमि का काफी हिस्सा नष्ट हो गया। सूखा और गर्मी के कारण अगस्त और इस साी सितंबर में जंगल में लगी आग और तेज हो गई।
ब्राजील और पेरू जैसे कई अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों में भी भीषण गर्मी के कारण जंगल में जगी विनाशकारी आग से भारी नुकसान हुआ।
अर्जेंटीना के अधिकारियों के अनुसार, इस साल जंगल की आग ने कम से कम 91,540 हेक्टेयर (226,200 एकड़) जमीन को जला दिया।
राष्ट्रीय समाचार
उत्तर प्रदेश के संभल में पुलिस चौकी निर्माण से पहले हुआ भूमि पूजन
संभल, 28 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के पास स्थित खाली भूमि पर पुलिस चौकी के निर्माण के लिए शनिवार को भूमि पूजन हुआ। संभल एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि सुरक्षा-व्यवस्था को देखते हुए पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है।
एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि इसके आस-पास पुलिसकर्मियों की आवासीय व्यवस्था भी की जाएगी। भूमि पूजन सम्पन्न हो गया है। अब लेआउट के अनुसार काम होगा। यहां पर पर्याप्त पुलिस बल मौजूद रहेगा जिससे सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रहे।
पंडित शोभित शास्त्री ने बताया कि किसी भवन के निर्माण से पहले हम लोग वास्तु मंडल देवता का पूजन करते हैं। यहां पर चौकी के निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ है। इसके निर्माण में कोई वास्तु दोष न रहे, भगवान से यही कामना की गई है। शुभ मुहूर्त में इसका स्थिर लग्न में पूजन हुआ है। बहुत शुभ नक्षत्र में इसका पूजन हुआ है। चौकी का नाम रखना प्रशासनिक निर्णय है। लेकिन सत्यव्रत रखते हैं तो अच्छा है।
उन्होंने बताया कि सत्यव्रत का अर्थ सत्य का संकल्प होता है। सत्यव्रत नाम का ऐतिहासिक महत्व है। प्रारंभिक समय में संभल को सतयुग के दौरान सत्यव्रत नाम से जाना जाता था।
पुलिस चौकी के निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन के दौरान एडिशनल एसपी और एसएचओ महोदय भी शामिल रहे।
दरअसल, संभल में हुई हिंसा के बाद क्षेत्र में शांति और संवेदनशीलता बनाए रखने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। शाही जामा मस्जिद के गेट पर लंबे समय से पुलिस बल तैनात था। अब चौकी निर्माण के बाद क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति और प्रभाव और मजबूत होगी।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को पुलिस प्रशासन ने जामा मस्जिद के सामने खाली पड़ी भूमि को पुलिस चौकी बनाने के लिए चिह्नित कर लिया था। साथ ही मजदूरों और बुलडोजर की मदद से नींव की खुदाई शुरू करा दी गई। नींव खुदाई का कार्य पहले ही पूरा हो चुका था। शनिवार को इस प्रस्तावित चौकी की नींव का विधिवत पूजन किया गया।
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