राजनीति
राजस्थान : 150 फीट गहरे बोरवेल में फंसी तीन साल की बच्ची, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
कोटपूतली, 24 दिसंबर। राजस्थान के कोटपूतली के बड़ियाली गांव में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां तीन साल की एक बच्ची खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई। 20 घंटे से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी बच्ची बोरवेल में फंसी हुई है।
मिली जानकारी के मुताबिक बच्ची 150 फीट की गहराई में पिछले 17 घंटों से फंसी हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में बच्ची को करीब 60 फुट ऊपर तक लाया गया है, लेकिन अभी भी वह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। बोरवेल की गहराई और संकरे रास्ते की वजह से रेस्क्यू टीम को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
इस मुश्किल समय में सैकड़ों ग्रामीण मौके पर मौजूद हैं और सभी लोग बच्ची की सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं। प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें अपनी पूरी कोशिश कर रही हैं ताकि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
दरअसल यह घटना कोटपूतली के बड़ियाली गांव की है, जहां सोमवार 23 दिसंबर को यह घटना घटी। 3 साल की बच्ची चेतना जब खेल रही थी, तो उसका पैर फिसल गया और वह बोरवेल में गिर गई। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। गांव में हर कोई इस हादसे से स्तब्ध है।
कोटपूतली के बड़ियाली गांव में 3 साल की बच्ची के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही पुलिस और रेस्क्यू टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी तत्काल मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा, लेकिन अभी तक बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता नहीं मिल पाई है।
रेस्क्यू टीम ने बोरवेल में रस्सी के सहारे एक कैमरा डाला है, ताकि बच्ची की हरकत पर नजर रखी जा सके। इस कैमरे में बच्ची का हाथ हिलता हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे बचावकर्मियों और ग्रामीणों में उम्मीदें बढ़ गई हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक तेज किया जा रहा है, ताकि बच्ची को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
राजनीति
पटना : बीपीएससी कार्यालय घेराव करने पहुंचे छात्रों पर पुलिस ने चलाई लाठियां
पटना, 25 दिसंबर। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर धरना पर बैठे अभ्यर्थी बुधवार को बीपीएससी कार्यालय घेराव करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। आरोप है कि जब वे नहीं रुके तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
छात्रों की मांग थी कि परीक्षा को लेकर जो समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, उनका समाधान किया जाए। छात्र पीटी परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर छात्र बीपीएससी कार्यालय पहुंचे थे। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए हैं।
दरअसल, 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में प्रदेश की राजधानी पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैल गई थी, जिसके बाद सैकड़ों उम्मीदवारों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए परीक्षा का बहिष्कार भी किया था।
बीपीएससी ने दावा किया कि ऐसी अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्व थे। हालांकि, बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा देने वाले 5,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है। छात्र परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हुए हैं। इसके बाद छात्र बुधवार को बीपीएससी कार्यालय पहुंचे।
वहीं, बीपीएससी ने साफ कर दिया है कि अन्य केंद्रों में परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी। बीपीएससी परीक्षा को लेकर सियासत भी गर्म है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी धरनास्थल पहुंचकर धरने पर बैठे छात्रों का समर्थन कर चुके हैं। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर बिहार बंद की भी घोषणा की है।
राजनीति
देश में बढ़ा रोजगार, ईपीएफओ से अक्टूबर में जुड़े 13.41 लाख सदस्य
नई दिल्ली, 25 दिसंबर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से अक्टूबर में 13.41 लाख सदस्य जुड़े हैं। यह दिखाता है कि देश में तेजी से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। यह बयान केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा बुधवार को दिया गया।
अक्टूबर में ईपीएफओ से करीब 7.50 लाख नए सदस्य जुड़े हैं, जिनमें से 58.49 प्रतिशत 18-25 आयु वर्ग के थे। इस युवा आयु वर्ग की कुल संख्या 5.43 लाख है।
मंत्रालय ने बताया है कि यह आंकड़ा पहले के रुझान के अनुरूप है, जो दर्शाता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं, जिसमें मुख्य रूप से पहली बार नौकरी की तलाश करने वाले लोग शामिल हैं। यह अर्थव्यवस्था में रोजगार के बढ़ते अवसरों का संकेत देता है।
पेरोल डेटा से मिली जानकारी के अनुसार, करीब 12.90 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए और फिर से इसमें शामिल हो गए हैं। यह आंकड़ा अक्टूबर 2023 की तुलना में सालाना आधार पर 16.23 प्रतिशत अधिक है।
इन ईपीएफओ सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले कंपनियों में फिर से शामिल हो गए। इन सदस्यों ने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचयित धन को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना और इस प्रकार अपनी सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा का विस्तार किया।
पेरोल डेटा का लिंग-वार विश्लेषण करने पर पता चलता है कि महीने के दौरान जोड़े गए नए सदस्यों में से लगभग 2.09 लाख नई महिला सदस्य हैं। यह आंकड़ा अक्टूबर 2023 की तुलना में सालाना आधार पर 2.12 प्रतिशत अधिक है।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि समीक्षा अवधि के दौरान कुल महिला सदस्यों की संख्या में वृद्धि करीब 2.79 लाख रही। महिला सदस्यों की संख्या में वृद्धि अधिक समावेशी और विविधतापूर्ण कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत देता है।
पेरोल डेटा का राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि ईपीएफओ से जुड़े कुल सदस्यों में शीर्ष पांच और केंद्र शासित प्रदेशों की हिस्सेदारी 61.32 प्रतिशत की रही है।
राष्ट्रीय समाचार
नमो भारत ट्रेनों में अब तक 50 लाख से अधिक यात्रियों ने किया सफर
गाजियाबाद, 25 दिसंबर। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होने के बाद से अब तक 50 लाख से अधिक यात्री नमो भारत ट्रेनों में यात्रा का लुत्फ उठा चुके हैं।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किमी लंबे पहले खंड (साहिबाबाद-दुहाई डिपो) का उद्घाटन 23 अक्तूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर किया गया था। इसके बाद 6 मार्च 2024 को दुहाई से मोदी नगर नॉर्थ तक अतिरिक्त 17 किमी लंबे खंड पर सेवा का विस्तार किया गया। इसी कड़ी में 18 अगस्त 2024 को मोदी नगर नॉर्थ से मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन तक आठ किमी के अतिरिक्त हिस्से को प्रथम खंड से जोड़ा गया था।
मेरठ से कनेक्ट होते ही यात्रियों में आरआरटीएस कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों में यात्रा का उत्साह और बढ़ा। इसके एक दिन बाद ही 19 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन नमो भारत ट्रेनों में सबसे ज्यादा लगभग 34 हजार यात्रियों ने सफर कर रिकॉर्ड बनाया। हाल ही में नमो भारत ट्रेनों में यात्रा का आंकड़ा 50 लाख के पार पहुंचा है।
कॉरिडोर के गाजियाबाद और मेरठ साउथ स्टेशनों से सबसे ज्यादा यात्रियों ने नमो भारत ट्रेनों में यात्रा की। साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक परिचालित खंड की कुल लंबाई 42 किमी है, जिसमें नौ आरआरटीएस स्टेशन शामिल हैं। यात्री महज 30 मिनट में साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक का सफर पूरा कर रहे हैं।
इसके साथ ही वर्तमान में साहिबाबाद से दिल्ली की ओर आनंद विहार और न्यू अशोक नगर स्टेशनों पर नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन अंतिम चरण में है। आनंद विहार एक भूमिगत स्टेशन है, जो आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित होने वाला पहला भूमिगत स्टेशन होगा। जल्द ही साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक नमो भारत ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा और इस हिस्से के जुड़ने पर परिचालित खंड की लंबाई बढ़कर 55 किमी हो जाएगी। साथ ही दिल्ली से मेरठ के बीच आवागमन भी आसान हो जाएगा।
युवाओं में नमो भारत ट्रेनों के प्रति काफी उत्साह है, जो अपनी शैक्षणिक और व्यावसायिक जरूरतों की पूर्ति के लिए नमो भारत ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं। नमो भारत ट्रेनें आरामदायक होने के साथ ही सुरक्षित, आधुनिक और समय की बचत करने वाली हैं, जिसकी वजह से इनकी विश्वसनीयता इन्हें अन्य परिवहन माध्यमों से अलग करती है। खास बात यह है कि नमो भारत ट्रेनें कोहरे की स्थिति में भी यात्रियों को बिना किसी रुकावट के समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाने में सक्षम हैं।
एनसीआरटीसी ने हाल ही में यात्रियों की सुविधा के लिए किराये पर 10 प्रतिशत की छूट का लाभ उठाने के लिए लॉयल्टी पॉइंट्स प्रोग्राम भी शुरू किया है, जिसके तहत यात्री आरआरटीएस कनेक्ट ऐप के माध्यम से क्यूआर कोड बेस्ड टिकट खरीदकर लॉयल्टी पॉइंट्स हासिल कर सकते हैं।
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