राजनीति
उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती के विकास की बुनियाद बनेंगे गोवंश
लखनऊ, 19 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश, देश में प्राकृतिक खेती का हब बने। इसके लिए वह हर मुमकिन मंच से इसकी पुरजोर पैरवी करते हैं। वह किसानों को भारतीय कृषि की इस परंपरागत कृषि पद्धति को तकनीक से जोड़कर और समृद्ध करने की बात भी करते हैं। इसके लिए उनकी सरकार किसानों को कई तरह की सुविधाएं भी दे रही है। गंगा के तटवर्ती गांवों और बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती पर सरकार का खासा जोर है।
सरकार की मंशा के अनुरूप प्राकृतिक खेती की तरक्की की बुनियाद गोवंश बनेंगे। निराश्रित गोवंशों की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस खेती के अन्य लाभ होंगे। मसलन, जहरीले रासायनिक खादों और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं होने से क्रमशः जन, जमीन और जल की सेहत सुधरेगी। इनके नहीं प्रयोग होने से किसानों की खेती की लागत कम होगी। उत्पाद प्राकृतिक होने से किसानों को अपने उत्पाद के दाम भी अच्छे मिलेंगे।
वैश्विक महामारी कोरोना के बाद पूरी दुनिया स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुई है। हर जगह ऐसे उत्पादों की मांग बढ़ी है। मांग बढ़ने से इनके दाम भी अच्छे मिलेंगे। मालूम हो कि प्रदेश का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। सात वर्षों में यह बढ़कर दोगुना हो गया है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार 2017-2018 में उत्तर प्रदेश का निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये था। 2023-2024 में यह बढ़कर 170 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ने से अन्नदाता खुशहाल होंगे। खास बात यह है कि प्राकृतिक खेती से जो भी सुधार होगा, वह टिकाऊ (सस्टेनेबल), ठोस और स्थायी होगा।
मुख्यमंत्री का गोवंश के प्रति प्रेम जगजाहिर है। वह अपने पहले कार्यकाल से ही गोवंश के संरक्षण पर जोर दे रहे हैं। इस बाबत निराश्रित गोवंश के लिए गोआश्रय खोले गए। प्रति पशु के अनुसार भरण-पोषण के लिए पैसा भी दिया जाता है। चंद रोज पहले पेश किए गए अनुपूरक बजट में भी इस बाबत 1,001 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री की मंशा इन गोआश्रयों को आत्मनिर्भर बनाने की है। ऐसा तभी संभव है, जब इनके गोबर और मूत्र को आर्थिक रूप से उपयोगी बनाया जाए। इसके लिए समय-समय पर सरकार स्किल डेवलपमेंट का भी कार्यक्रम चलाती है। साथ ही मनरेगा के तहत भी पशुपालकों को सस्ते में कैटल शेड, पशु बाड़ा और गोबर गैस लगाने की सहूलियत दी जा रही है। मिनी नंदिनी योजना भी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन को ही ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसमें भी योगी सरकार कई तरह के अनुदान दे रही है।
अपराध
भोपाल के जंगल में एक कार में मिला 52 किलो सोना
भोपाल, 20 दिसंबर। मध्य प्रदेश में आयकर विभाग की जारी कार्रवाई के दौरान राजधानी भोपाल के करीब स्थित मेडोरा के जंगल में एक कार से 52 किलोग्राम सोना बरामद हुआ है। यह सोना किसका है और कहां से लाकर कहां ले जाया जा रहा था, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
राज्य में इन दिनों आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में आयकर विभाग ने बिल्डर के भोपाल, ग्वालियर के अलावा इंदौर में कई ठिकानों पर दबिश दी। इसके साथ परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक के यहां भी तलाशी का अभियान चला। यह कार्रवाई चल रही थी कि गुरुवार की देर रात राजधानी के करीब रातीबड़ क्षेत्र में स्थित मेंडोरा के जंगल में एक लावारिस कार मिली। इस कार का कांच तोड़कर देखा गया तो उसमें 52 किलोग्राम सोना मिला।
बताया जा रहा है कि आयकर विभाग के दल ने पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह कार ग्वालियर नंबर की है। इतना ही नहीं इस कार पर सायरन लगे हुए हैं और पुलिस का निशान भी अंकित है। पता चला है कि इस कार का पंजीकरण किसी महिला के नाम पर है।
कार के भीतर एक महिला का शॉल और मेकअप का सामान भी मिला है। इस आधार पर यह आशंका जताई जा रही है कि जब कार को लावारिस हालत में छोड़ा गया, उस वक्त कोई महिला भी कार में रही होगी। इसके साथ ही जिस क्षेत्र में यह कार मिली है, उस क्षेत्र में कई वरिष्ठ अधिकारियों के फार्म हाउस भी हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कार्रवाई की जा रही है। इंदौर में कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री के यहां प्रवर्तन निदेशालय ने दबिश दी थी। वहीं, एक कारोबारी उमेश शाहरा के ठिकानों पर भी प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की थी।
राजनीति
महाराष्ट्र : संजय राउत के बंगले पर रेकी करते दिखे बाइक सवार, सीसीटीवी खंगालने में जुटी पुलिस
मुंबई, 20 दिसंबर। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत के बंगले की रेकी करने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे एक बाइक पर सवार दो व्यक्तियों ने मुंबई के भांडुप स्थित उनके घर की रेकी की।
सीसीटीवी फुटेज में बाइक पर सवार दो लोग बंगले की रेकी करने हुए देखे गए। संजय राउत के सुरक्षा कर्मियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सुरक्षा कर्मियों ने देखा कि बाइक पर सवार दो लोग बंगले के आसपास चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की।
सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि दो लोग बाइक रोक कर खड़े हैं। थोड़ी देर बाद वह यू-टर्न लेकर चले जाते हैं। दो में से एक शख्स ने हेलमेट पहन रखा था। वहीं, बाइक पर पीछे बैठे शख्स ने अपना चेहरा पूरी तरह से ढक रखा था।
पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिये रेकी करने वालों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। अभी तक किसी भी प्रकार का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस अब दोनों संदिग्धों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस के अधिकारी इन सवालों के जवाब तलाश रहे हैं कि वे कौन लोग हैं, जिन्होंने राउत के बंगले की रेकी की और उनका इरादा क्या था।
संजय राउत के भाई और शिवसेना (यूबीटी) विधायक सुनील राउत ने कहा कि मुंबई के भांडुप में उनका घर है, जहां हेलमेट और मास्क पहने दो बाइक सवारों ने उनके घर की रेकी की। वहीं, राउत के परिवार का दावा है कि बाइक सवार युवकों ने उनके घर की तस्वीरें भी लीं।
अपराध
डोंबिवली में बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी
डोंबिवली (महाराष्ट्र), 20 दिसंबर। कोलसेवाड़ी पुलिस थाने के अंतर्गत दो दिन पहले बांग्लादेशी दंपति की गिरफ्तारी के बाद अब डोंबिवली की मानपाड़ा पुलिस ने फिर से कार्रवाई करते हुए छह और बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस के अनुसार, ये सभी अवैध तरीके से भारत में रह रहे थे।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग लगभग 15 दिन पहले बांग्लादेश से आए थे और इनमें से कुछ कपड़ा कंपनी में काम कर रहे थे। पुलिस ने वहीं से ही यह गिरफ्तारी की है।
बता दें कि मानपाड़ा पुलिस ने पांच पुरुष और एक महिला समेत 6 को पकड़ा है। इनकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं की गई है, लेकिन पुलिस ने इन्हें तत्काल हिरासत में लेकर बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी पहचान पत्रों और दस्तावेजों का इस्तेमाल करके रह रहे थे। डोंबिवली और आसपास के इलाकों में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे न केवल स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ा है, बल्कि सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी बढ़ी हैं।
इस मामले में पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाने का निर्णय लिया है। नागरिकों से अपील की गई है कि अगर उनके आसपास संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियां दिखाई दें, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। इस तरह की कार्रवाइयों से स्थानीय नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत हो रही है।
हालांकि स्थानीय लोग पुलिस की इस कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन यह सवाल भी उठा रहे हैं कि इन अवैध निवासियों को रोकने के लिए पहले कदम क्यों नहीं उठाए गए। बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या यह संकेत देती है कि सीमावर्ती इलाकों से भारत में घुसपैठ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
मानपाड़ा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ”हमें खबर मिली कि कपड़ा कंपनी में कुछ बांग्लादेशी नागरिकों अवैध रूप से काम कर रहे है। हमने उनकी गिरफ्तारी कर उन्हें आज कोर्ट में पेश किया। उन्हें अब हिरासत में रखा जाएगा, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी कि वह भारत कैसे आए।”
आगे बताया कि आरोपियों के पास कोई दस्तावेज नहीं है। उनके पास केवल मोबाइल थे जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है।
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