राजनीति
संभल में लाउडस्पीकर से अजान मामले में इमाम की गिरफ्तारी, ये कैसा संविधान ? जियाउर्रहमान ने संसद में उठाया मामला
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने लोकसभा में संविधान पर चल रही चर्चा में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने अल्पसंख्यक हितों का मुद्दा उठाया। सांसद ने संभल हिंसा मुद्दे का जिक्र करते हुए यूपी सरकार को घेरा। साथ ही, संभल के इमाम की गिरफ्तारी का मसला भी जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि संविधान के जरिए जो अधिकार अल्पसंख्यकों को दिए गए हैं, उन्हें छीनने की कोशिश की जा रही है। संभल के इमाम को केवल इस कारण अरेस्ट कर लिया गया, क्योंकि उसने लाउडस्पीकर पर अजान दी थी। यह किस प्रकार का कानून है। अपने भाषण में जियाउर्रहमान ने कई बार कहा कि हम बांटने वाली बात नहीं करते हैं। हम तो देश को एकजुट रखने का प्रयास करने की बात करते हैं।
संविधान से जताई उम्मीद
जियाउर्रहमान ने संविधान से उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि मैं उन करोड़ों भारतीय मुसलमान और मजलूमों की बात करना चाहता हूं जो इस देश का टूट हिस्सा है। मेरे अल्फाज बंटवारे के नहीं बल्कि इत्तेहाद के हैं। मेरे अल्फाज मायूसी के नहीं बल्कि एक उम्मीद के हैं। ऐसी उम्मीद जो कि हमारे इस देश को जोड़ना चाहती है। हमारे संविधान को बनाने के लिए बड़ी लड़ाइयां लड़ी गई। हमारे बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉ. जाकिर हुसैन ने मिलकर के संविधान को बहुत मेहनत के साथ बनाया था।
संभल सांसद ने कहा कि यह संविधान सिर्फ किताब की शक्ल में देने के लिए नहीं है। मैं कहना चाहता हूं कि भारत का संविधान इंसाफ, आजादी और भाईचारा की जिंदा गवाही है। यह गारंटी देता है कि नागरिक, हर मजहब को मानने वाला इज्जत के साथ जिंदगी गुजार सकते हैं।
अल्पसंख्यकों से भेदभाव का आरोप
संभल सांसद ने कहा कि अफसोस है एक मुस्लिम, अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव हो रहा है। एक मुस्लिम रहनुमा के तौर पर हमें इस दस्तावेज पर बेहद फख्र है। यह संविधान हमें जो इजाजत देता है, उससे रोका जा रहा है। आर्टिकल 15 के मुताबिक किसी भी नागरिक के मजहब, जात, लिंग, स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। आर्टिकल 19 में बोलने का, अभिव्यक्ति की आजादी का हक दिया गया है, जिसे हमसे छीनने का काम किया जा रहा है।
जियाउर्रहमान ने कहा कि आर्टिकल 25 अपने मजहब को मानने और उस पर अमल करने की आजादी देता है। आर्टिकल 29 के तहत अल्पसंख्यकों की हिफाजत करने के लिए प्रावधान किए गए हैं, लेकिन आप तो हमारे हकों को छीनना चाहते हैं। आर्टिकल 30 के तहत अपने तालिम इदारों को कायम करने और उनके चलाने का हक है, लेकिन हमारे साथ ज्यादती हो रही है।
संभल की घटना का जिक्र
जियाउर्रहमान ने कहा कि संविधान को अगर आप कमजोर करेंगे तो याद रखना यह देश कमजोर होगा। हमारा मुल्क कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि जो संविधान के प्रति वफाधन नहीं हो सकते, वह मुल्क के प्रति वफादार नहीं हो सकते। संभल की घटना का जिक्र करते हुए सांसद ने कहा कि वहां पर 15 दिन पहले संविधान को कमजोर करने का काम किया गया। वहां पर जिस प्रकार से पांच मजलूम की जान ले ली गई। 30 से अधिक लोगों को गोली मारकर घायल किया गया। 2750 से अधिक लोगों पर केस किया गया, वह सवाल खड़े करता है।
खुद पर हुए केस पर हमला
जियाउर्रहमान ने संभल हिंसा मामले में अपने ऊपर दर्ज हुए मुकदमे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इससे हम नहीं डरने वाले हैं। साथ ही कहा कि चाहे विपक्ष के सांसद हों या सत्ता पक्ष के, आप याद रखें कि आप जनता की आवाज हो। जनता के बीच में जाना आपकी जवाबदेही बनती है। मैंने अपनी जनता की आवाज को उठाने का काम किया तो क्या गलत किया था?
सांसद ने कहा कि उन लोगों को इंसाफ मिलना चाहिए जिनके साथ ज्यादती हुई है। जिन लोगों ने ज्यादती की है, उनको सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए आवाज उठाना कैसे गुनाह हो गया। संभल में इमाम की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि आज एक इमाम को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उसने लाउडस्पीकर से अजान दिया था।
गिरफ्तारी का उठाया मुद्दा
सांसद ने कहा कि हमारे संविधान को मजबूती देने वाले इस देश की रीढ़ की हड्डी किसानों के मसले पर सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि 130 किसान 10 दिनों से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। आप किसानों को हक नहीं दे पा रहे तो किसको हक देने का काम करोगे? उन्होंने कहा कि आज देश में मॉब लिंचिंग के जरिए हत्या कर दी जा रही है।
जियाउर्रहमान ने कहा कि अगर कोई मुस्लिम है, अल्पसंख्यक है, दलित है, पिछड़ा है, ओबीसी समाज का है तो उसका नाम पूछ कर उसकी हत्या कर दी जा रही है। उसके घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। हेट स्पीच का केस दर्ज किया जा रहा है। जो हमारे परवरदिगार के खिलाफ इस प्रकार की बात करता है, उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है।
देश की आजादी में सबका योगदान
जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि देश की आजादी के लिए हमारे मुस्लिम और हिंदू समाज सब लोगों ने मिलकर लड़ाई लड़ी। फिर आज एक वर्ग के साथ ज्यादती क्यों की जा रही है। हम लोग अपने इस मुल्क के अंदर मजबूरी से नहीं रुके। हम यहां अपनी मर्जी से रुके थे। इस देश को आजाद कराने में हमारे हजारों लोगों ने कुर्बानी दी थी। आजादी के बाद बने संविधान के मुताबिक और नागरिक के अधिकार के लिए जो वादा किया गया, उसे पूरा किया किया जाए। लोगों के भरोसे को बहाल किया जाए।
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जम्मू कश्मीर: पुंछ में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भारतीय सेना ने शुरू किया ड्राइविंग कोर्स
पुंछ, 18 दिसंबर। भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स ने 25 सीमावर्ती गांवों की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 40 दिवसीय ड्राइविंग कोर्स शुरू किया है। भारत-पाकिस्तान एलओसी के पास पुंछ के मेंढर में कोर्स शुरू कराया गया है।
यह 40 दिवसीय ड्राइविंग कोर्स क्षेत्र के 25 सीमावर्ती गांवों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाएं दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाने में सक्षम होंगी। सीमावर्ती इलाकों में महिलाओं के लिए वाहन चलाने का प्रशिक्षण न केवल उनकी आजीविका के लिए बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी उपयोगी साबित होगा।
सेना द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में महिलाओं को इस कोर्स की जानकारी दी गई, ताकि वे इसका पूरा लाभ उठा सकें। इस पहल का महिलाओं ने खुले दिल से स्वागत किया और भारतीय सेना का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सेना की इस सकारात्मक मुहिम से वे न केवल आत्मनिर्भर बनेंगी बल्कि अपने परिवारों और समाज के लिए भी योगदान दे पाएंगी।
एक प्रतिभागी मीनाक्षी बक्शी का कहना है कि मैं भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को देखकर बहुत खुश हूं, एलओसी के किनारे रहने वाली महिलाओं के लिए यह एक अच्छी पहल है। इससे उन्हें अपने सशक्तिकरण को समझने में मदद मिलेगी और हर क्षेत्र में वो आगे बढ़ेगी। सेना ने जो ड्राइविंग कोर्स लागू किया है, वह महिलाओं को भाग लेने और अपने कौशल को बढ़ाने में सक्षम बनाएगा। मेरा मानना है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर होना चाहिए। एलओसी के किनारे रहने वाली महिलाओं के लिए हमारी सेना जो यह पहल शुरू की है, उसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं।
वहीं जेबा अंजुम ने कहा कि मैं सेना का धन्यवाद करना चाहूंगी कि उन्होंने ऑपरेशन सद्भाव के तहत जो ये मिशन शुरू किया है। एलओसी के पास रहने वाली महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ड्राइविंग कोर्स शुरू किया है। यहां हम लोग बिना पैसे से ड्राइविंग कोर्स करेंगे। भारत की सेना की यह अच्छी पहल है। मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। भारतीय सेना का यह कदम सीमावर्ती क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सामाजिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास है।
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बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक के भाई के आवास पर ईडी ने मारा छापा
भुवनेश्वर, 18 दिसंबर। बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता और पार्टी की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक के भाई स्वर्गीय क्षीरोद मलिक के संबलपुर आवास पर छापेमारी की गई।
जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को संबलपुर के दानीपाली स्थित क्षीरोद मलिक के घर पर छापा मारा।
यह छापेमारी 231 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप से जुड़ी है।
बुधवार सुबह ईडी के अधिकारियों ने संबलपुर में तीन और दिल्ली में एक ठिकाने पर एक साथ छापा मारा।
प्रमिला मलिक के भाई क्षीरोद मलिक कथित तौर पर विश्व एनजीओ के संस्थापक थे।
छापेमारी में संबलपुर स्थित उनका कार्यालय और अन्य संबद्ध स्थान शामिल थे।
प्रमिला मलिक वर्तमान में विपक्षी दल की मुख्य सचेतक हैं।
संबलपुर में ईडी की छापेमारी भारी सुरक्षा के बीच की गई, जिसमें सीआरपीएफ कर्मियों की मौजूदगी से मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
इससे पहले 25 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के भुवनेश्वर जोनल ऑफिस ने मेसर्स जेड एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड (जेडईपीएल) और अन्य संबंधित संस्थाओं के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में 1.39 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और विदेशी निवेश से जुड़े कई संदिग्ध दस्तावेज मिले थे।
ईडी के अधिकारियों ने 22 नवंबर को ओडिशा, दिल्ली और गुरुग्राम में नौ स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें निदेशकों और प्रमुख व्यक्तियों के कार्यालयों और आवासीय परिसर भी शामिल थे।
यह छापेमारी मेसर्स जेडईपीएल और उसकी साझेदार कंपनी मेसर्स जेड हर्षप्रिया के खिलाफ की गई थी। प्रेस बयान में बताया गया था कि ईडी ने विदेशों में बनी कंपनियों के जरिए धन की राउंड-ट्रिपिंग के द्वारा विदेशी निवेश प्राप्त करने के मामले में फेमा, 1999 के तहत मेसर्स जेडईपीएल के खिलाफ जांच शुरू की।
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दिल्ली में नकली आधार कार्ड बनाया जा रहा है : वीरेंद्र सचदेवा
नई दिल्ली, 18 दिसंबर। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को नकली आधार कार्ड मामले को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह गंभीर समस्या उभरकर सामने आ रही है, जिसमें नकली आधार कार्ड और जाति प्रमाणपत्र बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “यह सब अरविंद केजरीवाल के नगीना विधायक और उनके समर्थकों के द्वारा हो रहा है। द्वारका सेक्टर 22 और 23 के इलाकों में इन मामलों की पुष्टि हुई है, इन मशीनों से आधार कार्ड तैयार किए जाते थे और यह प्रक्रिया लगातार चल रही थी।“
उन्होंने आगे कहा, “यह बात सामने आई कि लोकसभा चुनाव के दौरान जब शिकायत की गई थी कि यहां कुछ गड़बड़ी हो रही है, तो इन मशीनों को हटा दिया गया। लेकिन, इस दौरान कई दस्तावेज तैयार किए गए थे जो बेहद चौंकाने वाले हैं। हमें अब तक आठ मामलों की जानकारी मिली है। लेकिन, इसके अलावा हजारों मामले ऐसे हैं, जो हमारी निगाहों में हैं। यह तो केवल एक जिले का मामला है, लेकिन आप सोचिए दिल्ली के बाकी जिलों में क्या स्थिति होगी। जहां तक नकली आधार कार्ड और जाति प्रमाणपत्रों की बात है, तो यह सवाल उठता है कि किन लोगों को इन दस्तावेजों के जरिए लाभ पहुंचाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “क्या ये लोग असली भारतीय नागरिक हैं, या फिर रोहिंग्या या बांग्लादेशी हैं जो इन दस्तावेजों के जरिये अपना नाम बदलकर यहां रहने का प्रयास कर रहे हैं? यह एक गंभीर मुद्दा है और इसे हल करने के लिए एक गहरी जांच की आवश्यकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी ओर से इन मामलों को लेकर लगातार शिकायतें की जा रही हैं। लेकिन, ऐसे घपले के लगातार होते रहने से यह स्पष्ट होता है कि इन दस्तावेजों के अवैध निर्माण के कारण दिल्ली में असामाजिक तत्वों को फायदा हो रहा है। इन सब के पीछे का मकसद सिर्फ चुनावी लाभ उठाना और अवैध तरीके से सरकारी योजनाओं का फायदा प्राप्त करना है, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक बड़ा खतरा है।”
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