राजनीति
प्रियंका गांधी का संसद में पहला संबोधन, जानिए किन –किन मुद्दों पर रखी अपनी बात
नई दिल्ली, 13 दिसंबर: कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपना संबोधन दिया। यह लोकसभा में प्रियंका गांधी का पहला संबोधन था। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने संबोधन की शुरुआत संविधान से करते हुए कहा कि संविधान ही हमारी आवाज है। संविधान ने हमें चर्चा का हक दिया है। संविधान ने आम आदमी को सरकार बदलने की भी ताकत दी है। वाद-विवाद संवाद की पुरानी परंपरा है। संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि इंसाफ और उम्मीद की ज्योति भी है। हमारा संविधान न्याय की गारंटी देता है। संविधान हमारा कवच है। पिछले 10 सालों में इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया गया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
प्रियंका गांधी ने कहा, “हमारा स्वतंत्रता संग्राम अपने आप में अनूठा था। आजादी की लड़ाई भी लोकतांत्रिक थी। जिसमें समाज के हर वर्ग ने हिस्सा लिया था। इस लड़ाई ने देश को एक आवाज दी। यह आवाज हमारे साहस की आवाज थी। इसी की गूंज ने हमारे संविधान को लिखने में अहम भूमिका निभाई। हम सभी लोगों को यह बात समझनी होगी कि संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है। बाबा अंबेडकर, मौलाना आजाद, जवाहरलाल नेहरू और तमाम नेताओं ने संविधान को बनाने में तमाम साल लगा दिए। हमारा संविधान ने हर भारतीय को एक नई पहचान दी है। हमारी आजादी के लिए लड़ाई ने हमारे अधिकारों के लिए आवाज उठाने की क्षमता दी। जब आवाज उठेगी तो सत्ता को उसके सामने झुकना पड़ेगा। संविधान ने हर किसी को अधिकार दिया कि वो सरकार बना भी सकता है और बदल भी सकता है।”
प्रियंका ने अपने संबोधन में विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मेरे सत्तापक्ष के लोग जो बड़े-बड़े दावे और वादे करते हैं। लेकिन, आज तक इन लोगों ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया है। संविधान में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय का वादा है, ये वादा सुरक्षा कवच है, जिसको तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है। अगर यह लोग लोकसभा चुनाव में अपेक्षित नतीजे प्राप्त करने में सफल रहते, तो संविधान बदलने का भी काम शुरू कर देते। इस चुनाव में इनको पता चल गया कि देश की जनता ही इस संविधान को सुरक्षित रखेगी। इस चुनाव में हारते-हारते जीतते हुए एहसास हुआ कि संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी।”
प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में जातिगत जनगणना पर बल दिया। उन्होंने कहा, “जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है, ताकि इस बात का पता चल सके कि किस जाति की मौजूदा स्थिति कैसी है। जब चुनाव में पूरे विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए तो इनका जवाब था- भैंस चुरा लेंगे, मंगलसूत्र चुरा लेंगे। ये गंभीरता है इनकी।”
उन्होंने कहा, “हमारे संविधान ने आर्थिक न्याय की नींव डाली। किसानों, गरीबों को जमीन बांटी। पहले जब संसद चलती थी, तो बेरोजगारी और महंगाई पर चर्चा होती थी। लोगों को उम्मीदें होती थी कि संसद में हमारे मुद्दे को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा होगी। लेकिन, आज ऐसा बिल्कुल भी देखने को नहीं मिल रहा है। उस वक्त आदिवासियों को इस बात का भरोसा था कि अगर उनकी जमीन से संबंधित दस्वातेजों में किसी भी प्रकार का संशोधन होगा, तो वो उनकी भलाई के लिए होगा, मगर आज देखने को नहीं मिल रहा है।”
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सत्तापक्ष के हमारे कई साथी अतीत की बात करते हैं कि जवाहर लाल नेहरू ने क्या किया। अरे वर्तमान की बात कीजिए कि आप लोग क्या कर रहे हैं। आपकी जिम्मेदारी क्या है। आप लोग अतीत की बात करके अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कृषि कानून उद्योगपतियों के लिए बनाए गए। वायनाड से लेकर ललितपुर तक इस देश का किसान रो रहा है। आपदा आती है, तो राहत की बात नहीं की जाती है। इस देश का किसान आज भगवान के भरोसे है। यह सरकार लगातार किसानों के हितों की अनदेखी कर उद्योगपतियों के लिए ही कानून बना रही है।”
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बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक के भाई के आवास पर ईडी ने मारा छापा
भुवनेश्वर, 18 दिसंबर। बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता और पार्टी की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक के भाई स्वर्गीय क्षीरोद मलिक के संबलपुर आवास पर छापेमारी की गई।
जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को संबलपुर के दानीपाली स्थित क्षीरोद मलिक के घर पर छापा मारा।
यह छापेमारी 231 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप से जुड़ी है।
बुधवार सुबह ईडी के अधिकारियों ने संबलपुर में तीन और दिल्ली में एक ठिकाने पर एक साथ छापा मारा।
प्रमिला मलिक के भाई क्षीरोद मलिक कथित तौर पर विश्व एनजीओ के संस्थापक थे।
छापेमारी में संबलपुर स्थित उनका कार्यालय और अन्य संबद्ध स्थान शामिल थे।
प्रमिला मलिक वर्तमान में विपक्षी दल की मुख्य सचेतक हैं।
संबलपुर में ईडी की छापेमारी भारी सुरक्षा के बीच की गई, जिसमें सीआरपीएफ कर्मियों की मौजूदगी से मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
इससे पहले 25 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के भुवनेश्वर जोनल ऑफिस ने मेसर्स जेड एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड (जेडईपीएल) और अन्य संबंधित संस्थाओं के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में 1.39 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और विदेशी निवेश से जुड़े कई संदिग्ध दस्तावेज मिले थे।
ईडी के अधिकारियों ने 22 नवंबर को ओडिशा, दिल्ली और गुरुग्राम में नौ स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें निदेशकों और प्रमुख व्यक्तियों के कार्यालयों और आवासीय परिसर भी शामिल थे।
यह छापेमारी मेसर्स जेडईपीएल और उसकी साझेदार कंपनी मेसर्स जेड हर्षप्रिया के खिलाफ की गई थी। प्रेस बयान में बताया गया था कि ईडी ने विदेशों में बनी कंपनियों के जरिए धन की राउंड-ट्रिपिंग के द्वारा विदेशी निवेश प्राप्त करने के मामले में फेमा, 1999 के तहत मेसर्स जेडईपीएल के खिलाफ जांच शुरू की।
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दिल्ली में नकली आधार कार्ड बनाया जा रहा है : वीरेंद्र सचदेवा
नई दिल्ली, 18 दिसंबर। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को नकली आधार कार्ड मामले को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह गंभीर समस्या उभरकर सामने आ रही है, जिसमें नकली आधार कार्ड और जाति प्रमाणपत्र बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “यह सब अरविंद केजरीवाल के नगीना विधायक और उनके समर्थकों के द्वारा हो रहा है। द्वारका सेक्टर 22 और 23 के इलाकों में इन मामलों की पुष्टि हुई है, इन मशीनों से आधार कार्ड तैयार किए जाते थे और यह प्रक्रिया लगातार चल रही थी।“
उन्होंने आगे कहा, “यह बात सामने आई कि लोकसभा चुनाव के दौरान जब शिकायत की गई थी कि यहां कुछ गड़बड़ी हो रही है, तो इन मशीनों को हटा दिया गया। लेकिन, इस दौरान कई दस्तावेज तैयार किए गए थे जो बेहद चौंकाने वाले हैं। हमें अब तक आठ मामलों की जानकारी मिली है। लेकिन, इसके अलावा हजारों मामले ऐसे हैं, जो हमारी निगाहों में हैं। यह तो केवल एक जिले का मामला है, लेकिन आप सोचिए दिल्ली के बाकी जिलों में क्या स्थिति होगी। जहां तक नकली आधार कार्ड और जाति प्रमाणपत्रों की बात है, तो यह सवाल उठता है कि किन लोगों को इन दस्तावेजों के जरिए लाभ पहुंचाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “क्या ये लोग असली भारतीय नागरिक हैं, या फिर रोहिंग्या या बांग्लादेशी हैं जो इन दस्तावेजों के जरिये अपना नाम बदलकर यहां रहने का प्रयास कर रहे हैं? यह एक गंभीर मुद्दा है और इसे हल करने के लिए एक गहरी जांच की आवश्यकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी ओर से इन मामलों को लेकर लगातार शिकायतें की जा रही हैं। लेकिन, ऐसे घपले के लगातार होते रहने से यह स्पष्ट होता है कि इन दस्तावेजों के अवैध निर्माण के कारण दिल्ली में असामाजिक तत्वों को फायदा हो रहा है। इन सब के पीछे का मकसद सिर्फ चुनावी लाभ उठाना और अवैध तरीके से सरकारी योजनाओं का फायदा प्राप्त करना है, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक बड़ा खतरा है।”
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यूपी विधानसभा का घेराव करेगी कांग्रेस, विरोध-प्रदर्शन में तमाम कार्यकर्ता लेंगे हिस्सा
लखनऊ, 18 दिसंबर। कांग्रेस की ओर से बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा घेराव की तैयारी की गई है। इस विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए कई जिलों के कार्यकर्ता लखनऊ पहुंच गए हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने घेराव के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, निवर्तमान प्रदेश महासचिव संगठन अनिल यादव, दिनेश सिंह सहित दो दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं को नोटिस भेजा है। कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता विधानसभा के घेराव के लिए सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं, जिससे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक हलचल बढ़ने की संभावना है।
यह प्रदर्शन राज्य सरकार की नीतियों और मुद्दों के खिलाफ किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी बेरोजगारी, महंगाई, हिन्दु-मुस्लिम की राजनीति, बिजली, स्वास्थ्य व्यावस्था, शिक्षा, संभल सहित तमाम मुद्दों पर योगी सरकार को घेरेगी।
लखनऊ में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। विधानसभा और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षाकर्मी चौकस हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके। इसके अलावा, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों पर भी नजर रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। पूरे शहर में यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है, इसलिए लोगों को समय रहते ट्रैफिक और सुरक्षा संबंधी निर्देशों का पालन करने के लिए चेतावनी दी गई है।
विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 17 हजार 865.72 करोड़ रुपए का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। मूल बजट 7 लाख 36 हजार 437.71 करोड़ का 2.42 फीसद है। इसमें 790.49 करोड़ के नए प्रस्ताव हैं। इसमें सबसे अधिक कृषि और उद्योग को बजट आवंटित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
विधानसभा का सत्र 17, 18, 19 व 20 दिसंबर को सत्र चलेगा। इस सत्र में राज्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। जिसमें संभल हिंसा, अतिक्रमण विरोधी अभियान, महाकुंभ की तैयारी, झांसी अग्निकांड आदि शामिल हैं।
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