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बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने आपूर्ति कटौती के बीच अडानी समूह के साथ बिजली सौदों की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया: रिपोर्ट
बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने अडानी समूह के साथ सभी बिजली संबंधी समझौतों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा और कानून विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का आदेश दिया है, जैसा कि स्थानीय समाचार पोर्टल बिजनेस स्टैंडर्ड ने मंगलवार, 19 नवंबर को बताया।
न्यायमूर्ति फराह महबूब और न्यायमूर्ति देबाशीष रॉय चौधरी की पीठ ने कथित तौर पर कैबिनेट सचिव को एक महीने के भीतर समिति गठित करने और अगले दो महीनों में अदालत को रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
अडानी पावर के शेयर मंगलवार को 0.47 प्रतिशत गिरकर 524.10 रुपये पर बंद हुए, जबकि पिछले बाजार बंद के समय यह 526.60 रुपये पर थे।
कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा कि अडानी समूह के साथ किए गए असमान समझौतों को रद्द करने के निर्देश क्यों न दिए जाएं। साथ ही, एक महीने के भीतर सौदे पर हस्ताक्षर से संबंधित दस्तावेज भी मांगे हैं।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले बैरिस्टर एम अब्दुल कय्यूम ने हाईकोर्ट में रिट दायर कर अडानी समूह के साथ सभी बिजली सौदों को रद्द करने की मांग की। रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ने 2017 में 25 साल के बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे; उस समय बांग्लादेश में कोई भी आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र चालू नहीं था।
अडानी की बांग्लादेश बिजली आपूर्ति
अडानी समूह की बांग्लादेश को बिजली झारखंड के 1,600 मेगावाट बिजली संयंत्र से मिलती है। रिपोर्ट में बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि बिजली की लागत 0.1008 डॉलर प्रति यूनिट या 12 टका प्रति यूनिट है।
यह दर भारत के अन्य निजी उत्पादकों की दर से 27 प्रतिशत अधिक है तथा भारत के सरकारी स्वामित्व वाले संयंत्रों की दर से 63 प्रतिशत अधिक है।
अडानी पावर ने बकाया राशि के भुगतान को लेकर बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति आधी कर दी थी। साथ ही कंपनी ने बकाया राशि के भुगतान पर स्पष्टता नहीं होने की स्थिति में 7 नवंबर तक बिजली आपूर्ति बंद करने की समयसीमा भी तय की थी।
बांग्लादेश पर कथित तौर पर अडानी का लगभग 850 मिलियन डॉलर बकाया है। रिपोर्ट के अनुसार, बाद में अडानी समूह ने स्पष्ट किया कि उसने सात दिनों में पूरा भुगतान नहीं मांगा था।
बिजली की कमी
अडानी समूह को आंशिक भुगतान करने के बाद भी बांग्लादेश में बिजली की कमी बनी हुई है, जिससे ब्लैकआउट का खतरा बढ़ रहा है।
एजेंसी ने इस घटनाक्रम से अवगत दो लोगों के हवाले से बताया कि अदानी पावर को 170 मिलियन डॉलर का ऋण पत्र मिला है, जिससे ऋणदाताओं से दबाव कम हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि आंशिक भुगतान से संकट हल नहीं होता, लेकिन कंपनी झारखंड में गोड्डा थर्मल प्लांट के ऋणदाताओं के साथ बातचीत लंबित रहने तक आपूर्ति नहीं रोकेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अहसान एच मंसूर ने शुक्रवार को फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, “इस समय तक भुगतान हो जाना चाहिए था।” मंसूर ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि केंद्रीय बैंक ने “भुगतान के लिए निर्देश जारी किया है।”
अडानी बिजली आपूर्ति बांग्लादेश की कुल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत है। समाचार रिपोर्ट में उद्धृत पावर ग्रिड बांग्लादेश से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बिजली कंपनी ने गुरुवार को अपनी आपूर्ति को घटाकर 500 मेगावाट कर दिया, जबकि पहले इसे 700 मेगावाट तक घटा दिया था।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 436 अंक फिसला

share market
मुंबई, 9 दिसंबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 436.41 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,666.28 और निफ्टी 120.90 अंक या 0.47 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,839.65 पर था।
यह लगातार दूसरा सत्र था, जब बाजार में गिरावट देखी गई। इसका नेतृत्व आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी,मेटल और प्राइवेट बैंक इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए। दूसरी तरफ पीएसयू बैंक, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा तेजी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), टाइटन,अदाणी पोर्ट्स, बीईएल, एसबीआई, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी और भारती एयरटेल गेनर्स थे। एशियन पेंट्स,टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और अल्ट्राटेक लूजर्स थे।
लार्जकैप के उलट मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 188.10 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,676.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 194.15 अंक या 1.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,245.80 पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। इसकी वजह अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर फैसलों से पहले निवेशकों की ओर से मुनाफावसूली करना है। कमजोर रुपए, एफआईआई की बिकवाली और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अनिश्चितता के कारण बाजारों पर दबाव देखने को मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में निवेशकों की फेड की कमेंट्री और अर्थव्यवस्था को लेकर आउटलुक पर निगाहें होंगी।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी। सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर सेंसेक्स 577.81 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के बाद 84,524.88 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 191.15 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25,769 स्तर पर बना हुआ था।
व्यापार
अमेरिकी फेड पॉलिसी के नतीजों से पहले सोना-चांदी की कीमतें स्थिर बनी हुईं

GOLD
मुंबई, 9 दिसंबर: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर फैसले से पहले निवेशकों के सतर्क रुझान के चलते मंगलवार के कारोबारी दिन सोना और चांदी की कीमतें स्थिर रहीं।
शुरुआती कारोबार के दौरान मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की फरवरी वायदा कीमतें 1,29,978 रुपए प्रति 10 ग्राम पर स्थिर बनी हुई थीं।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा, “घरेलू बाजार में एमसीएक्स पर सोने की फरवरी वायदा कीमतें 1,29,952 रुपए के आसपास कारोबार कर रही थीं, जो वैश्विक तेजी के रुझान को ट्रैक कर रही थीं और रुपए की कमजोरी का समर्थन प्राप्त कर रही थीं।”
उन्होंने आगे कहा, “1,29,200 रुपए का क्षेत्र एक महत्वपूर्ण शॉर्ट-टर्म सपोर्ट के रूप में काम करना जारी रखता है। जब तक यह लेवल बना रहता है, 1,30,000 रुपए से 1,31,000 रुपए के रेजिस्टेंस जोन की ओर रास्ता खुला रहता है।”
हालांकि, चांदी की कीमतों में कुछ बढ़त दर्ज की गई। एमसीएक्स पर चांदी की मार्च वायदा कीमतें 0.50 प्रतिशत की बढ़त के बाद 1,82,705 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई थीं।
ग्लोबल मार्केट में अब फोकस फेडरल रिजर्व पर बना हुआ है, जो कि बुधवार को अपने नीतिगत निर्णय की घोषणा करेगा।
यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब यूएस जॉब मार्केट में कूलिंग के संकेत दिख रहे हैं, जबकि मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।
हाल के आंकड़ों बताते हैं कि पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडीचर (पीसीई) प्राइस इंडेक्स इस वर्ष सितंबर में 0.3 प्रतिशत बढ़ा, जो अगस्त में हुई वृद्धि के बराबर है। इंडेक्स सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत बढ़ा जो कि अगस्त की 2.7 प्रतिशत बढ़त से अधिक रही।
इस बीच, पिछले सप्ताह जारी किए गए यूएस प्राइवेट पेरोल डेटा से पता चला कि नवंबर में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 32,000 की गिरावट आई है, जो कि 2 से अधिक वर्षों की एक तेज गिरावट को दिखाता है।
कोमेरिका के अर्थशास्त्रियों को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी के फेडरल फंड रेट को 25 बेसिस पॉइंट से घटाने की उम्मीद है, जिससे यह 3.50 प्रतिशत से 3.75 प्रतिशत के बीच आ जाएगी।
व्यापार
लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 577 अंक टूटा

SHARE MARKET
मुंबई, 9 दिसंबर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांक मंगलवार को लाल निशान में खुले। शुरुआती कारोबार में निफ्टी ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी और मेटल सभी सेक्टर में बिकवाली देखी जा रही थी।
सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर सेंसेक्स 577.81 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के बाद 84,524.88 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 191.15 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25,769 स्तर पर बना हुआ था।
निफ्टी बैंक 225.30 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,013.25 स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 495.55 अंक या 0.83 प्रतिशत की गिरावट के बाद 58,992.55 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 149.30 अंक या 0.88 प्रतिशत के नुकसान के साथ 16,902.35 स्तर पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा, “हम जो देख पा रहे हैं वह यह है कि फंडामेंटल्स बाजार पर असर डाल रहे हैं। मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में ओवरवैल्यूड स्टॉक बेचे जा रहे हैं, जिससे उनकी शेयर कीमतों पर असर पड़ रहा है। इस ट्रेंड को पूरा होने में अभी थोड़ा और समय लगेगा। मिडकैप में और करेक्शन से लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए इस सेगमेंट में धीरे-धीरे हाई क्वालिटी ग्रोथ स्टॉक जमा करने के अवसर पेश होंगे। डिफेंस स्टॉक अब वैल्यू दे रहे हैं।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, इटरनल, ट्रेंट, टेक महिंद्रा, बीईएल, टाटा स्टील, टीसीएस, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, टीएमपीवी, बजाज फिनसर्व और इंफोसिस टॉप लूजर्स थे। वहीं, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाइटन टॉप गेनर्स थे।
एशियाई बाजारों में बैंकॉक और जापान हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं, जकार्ता, सोल, चीन और हांग कांग लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुए। डाउ जोंस 0.45 प्रतिशत या 215.67 अंक की गिरावट के बाद 47,739.32 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.35 प्रतिशत या 23.89 अंक के नुकसान के बाद 6,846.51स्तर और नैस्डेक 0.14 प्रतिशत या 32.22 अंक के नुकसान के बाद 23,545.90 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 8 दिसंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 655.59 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इस कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 2,542.49 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
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