राजनीति
‘आम आदमी चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह फंसा हुआ है’: राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट पर पीएम मोदी पर निशाना साधने के लिए महाभारत का उदाहरण दिया।
कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 पर बात की। अपने भाषण में राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट की निंदा करते हुए कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य बड़े व्यवसायों, एकाधिकार, लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार के ढांचे और अंत में डीप स्टेट या एजेंसियों के ढांचे को मजबूत करना है।
कांग्रेस नेता ने 18वीं लोकसभा के उद्घाटन सत्र के दौरान की गई अपनी टिप्पणियों को याद करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। राहुल ने कहा, “अपने पिछले भाषण में मैंने कुछ धार्मिक अवधारणाओं के बारे में बात की थी। शिव जी की अहिंसा की अवधारणा, यह तथ्य कि त्रिशूल हाथ में नहीं बल्कि उनकी पीठ के पीछे रखा जाता है। मैंने शिव जी के गले में सांप के बारे में बात की और मैंने यह भी कहा कि कैसे हमारे देश के सभी धर्म अहिंसा के विचार का प्रस्ताव करते हैं और इसे ‘डरो मत, डराओ मत’ वाक्यांश में समाहित किया जा सकता है।
” उन्होंने कहा, “मैंने यह भी कहा कि व्यक्तिगत से परे एक विचार है, अभय मुद्रा का विचार, जो स्नेह और अहिंसा की भावना को हर किसी तक पहुंचाता है।
” भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा, “भारत में डर का माहौल है और यह डर हमारे देश के हर हिस्से में व्याप्त है। समस्या यह है कि भाजपा में केवल एक आदमी ही प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकता है। अगर रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, तो यह एक बड़ी समस्या है; डर है।
राहुल ने कहा कि केन्द्रीय बजट में कर आतंकवाद के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया है, जिससे छोटे कारोबारियों को भारी नुकसान पहुंचा है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि छह लोग- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी- सब कुछ नियंत्रित करते हैं।
“हजारों साल पहले, कुरुक्षेत्र में, छह लोगों ने अभिमन्यु को ‘चक्रव्यूह’ में फंसाया और उसे मार डाला, मैंने थोड़ा शोध किया और पाया कि ‘चक्रव्यूह’ को ‘पद्मव्यूह’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘कमल का निर्माण’। ‘चक्रव्यूह’ कमल के आकार का होता है। 21वीं सदी में, एक नया ‘चक्रव्यूह’ बनाया गया है, वह भी कमल के आकार का,” राहुल ने कहा।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री इसका प्रतीक अपने सीने पर पहनते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वही भारत के साथ किया जा रहा है। युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यवसाय आज भी चक्रव्यूह के केंद्र में छह लोग है, आज भी छह लोग नियंत्रण करते हैं, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी।
” राहुल ने आगे कहा कि चक्रव्यूह के पीछे तीन ताकतें हैं, जिसने भारत पर कब्जा कर लिया है। पहली ताकत वित्तीय शक्ति के संकेन्द्रण से आ रही है। उन्होंने कहा, “पहली है एकाधिकार पूंजी का विचार कि दो लोगों को पूरे भारतीय धन का मालिक बनने दिया जाना चाहिए।”
“दूसरा तत्व इस देश की संस्थाएं, एजेंसियां, सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग और तीसरा राजनीतिक कार्यपालिका है। ये तीनों मिलकर चक्रव्यूह के केंद्र में हैं और उन्होंने इस देश को तबाह कर दिया है।” 22 जुलाई से शुरू हुआ बजट सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने की उम्मीद है।
राजनीति
मध्य प्रदेश के मंत्री का बयान शर्मनाक : जीतू पटवारी

JITU PATVARI
भोपाल, 27 अक्टूबर: मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप में हिस्सा लेने आई ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ियों के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा दिए गए बयान की कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने निंदा की और इसे शर्मनाक भी करार दिया है।
दरअसल, पिछले दिनों इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई थी। इस मामले में एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सलाह देने वाले अंदाज में कहा कि खिलाड़ी जब भी बाहर जाएं तो उन्हें प्रशासन को अवगत कराना चाहिए।
मंत्री विजयवर्गीय के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर्स से छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना के बाद भाजपा के मंत्री का बयान पूरे मध्य प्रदेश के लिए शर्म की बात है। बेटियों की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं और मंत्री सलाह दे रहे हैं कि बाहर जाने से पहले प्रशासन को बताएं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सवालिया अंदाज में पूछा कि क्या अब मध्य प्रदेश इतना असुरक्षित हो गया है कि हर बेटी को घर से निकलने से पहले प्रशासन को सूचना देनी पड़े? भाजपा सरकार बेटियों की सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा नेताओं के असंवेदनशील बयानों से जनता का गुस्सा बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को जवाब देना चाहिए कि आखिर प्रदेश में ऑस्ट्रेलिया की महिला खिलाड़ियों के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ बयानबाजी ही क्यों हो रही है और ऐसे शर्मनाक बयान पर कार्रवाई करें।
महिला क्रिकेटर के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद सरकार का रवैया सख्त है और वह दोषियों पर कार्रवाई की बात कर रही है, वहीं कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी दौरान कैलाश विजयवर्गीय का बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि खिलाड़ी कहीं भी जाए तो स्थानीय शासन को सूचना देकर जाए, वास्तव में यह घटना हमारे लिए सबक है।
मंत्री विजयवर्गीय ने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि हम लोग भी जब कहीं जाते हैं तो किसी एक स्थानीय व्यक्ति को बताते हैं, खिलाड़ियों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र: लातूर में विषदंत विहीन नाग लेकर भीख मांग रहे लोग पकडे गए, वन विभाग की कार्रवाई

लातूर, 27 अक्टूबर: महाराष्ट्र में लातूर जिले के औसा शहर में सर्पमित्रों और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सांप को लेकर भीख मांग रहे लोगों को पकड़ा है। वन विभाग को उनके पास से विष दंत विहीन नाग मिला।
वन्यजीवों का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक जिंदा नाग को बरामद किया। इस नाग के दांत तोड़ दिए गए थे और कुछ लोग इसे लेकर भीख मांगते घूम रहे थे।
दिवाली के दौरान औसा शहर में कुछ लोग एक दंतविहीन नाग को लेकर सड़कों पर घूम रहे थे। वे इसे अपनी आजीविका के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। सूचना मिलते ही सर्पमित्रों और वन विभाग की टीम ने मौके पर छापा मारा और नाग को इन लोगों के चंगुल से छुड़ा लिया। नाग की हालत गंभीर थी, क्योंकि उसके विषदंत (फैंग्स) पूरी तरह से निकाल दिए गए थे।
बरामदगी के बाद नाग को लातूर में सर्पमित्र भीमाशंकर गाढवे और पशुचिकित्सक डॉक्टर नेताजी शिंगटे की देखरेख में इलाज के लिए भेजा गया। डॉक्टरों के अनुसार, नाग के प्राकृतिक दांत फिर से उगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसमें शुरुआती सफलता मिली है। नाग के नए दांत लगभग दो मिलीमीटर तक बढ़ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा।
डॉक्टर शिंगटे ने बताया, “नाग अब बेहतर प्रतिक्रिया दे रहा है। हम उसे कृत्रिम तरीके से खाना और दवाएं दे रहे हैं। उसके दांतों का वापस आना सकारात्मक संकेत है।”
वन विभाग ने इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, क्योंकि वन्यजीवों का इस तरह इस्तेमाल करना गैरकानूनी है।
स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई की तारीफ की है और विभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने की अपील की है। वन विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वे वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की सूचना तुरंत दें।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली दंगा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार, 31 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

suprim court
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि जब पिछली तारीख पर पुलिस को जवाब दाखिल करने का पर्याप्त समय दिया गया था, तो फिर अब तक जवाब क्यों दाखिल नहीं किया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान उसने स्पष्ट रूप से कहा था कि सोमवार को मामले की सुनवाई होगी। अदालत ने सवाल किया, “जब याचिकाकर्ता पहले ही 5 साल जेल में बिता चुके हैं, तब भी पुलिस की ओर से जवाब दाखिल न करना बेहद गंभीर लापरवाही है।”
अदालत ने कहा कि अब इस मामले में और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 31 अक्टूबर तय की है और तब तक दिल्ली पुलिस को अपना जवाब हर हाल में दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह मामला पहले भी सुप्रीम कोर्ट में उठ चुका है। दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिकाएं 2 सितंबर को खारिज कर दी गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था।
हालांकि, पुलिस की ओर से अब तक कोई जवाब पेश नहीं किया गया, जिससे अदालत ने नाराजगी जाहिर की। अदालत ने साफ कहा कि यह मामला वर्षों से लंबित है और याचिकाकर्ता पहले से ही लंबे समय से जेल में हैं, इसलिए अब इस पर निर्णायक सुनवाई जरूरी है।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि विरोध या प्रदर्शन के नाम पर साजिशन हिंसा को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। अदालत ने माना था कि दंगों की घटनाएं योजनाबद्ध थीं, जिनका उद्देश्य समाज में विभाजन और अशांति फैलाना था।
हाईकोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतर खान, अब्दुल खालिद सैफी और शादाब अहमद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। वहीं, एक अन्य आरोपी तसलीम अहमद की याचिका भी 2 सितंबर को अलग पीठ ने खारिज की थी।
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