Connect with us
Wednesday,29-October-2025
ताज़ा खबर

राजनीति

छत्तीसगढ़ के 21 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास होगा, 83 आरओबी और अंडर ब्रिज भी बनेंगे

Published

on

रायपुर, 26 फरवरी। छत्तीसगढ़ में 21 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और 83 रोड ओवर ब्रिज, अंडर ब्रिज का निर्माण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य को यह सौगात दी।

इस अवसर पर रायपुर रेलवे स्टेशन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद रायपुर सुनील सोनी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्यों एवं 1,500 फ्लाईओवर और अंडरपास निर्माण कार्यों का उद्घाटन एवं शिलान्यास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इसमें छत्तीसगढ़ के 21 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास शामिल है।

इस अवसर पर राज्यपाल हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश बदलाव की नई इबारत लिख रहा है और भारतीय रेलवे भी अपने कायाकल्प के स्वर्णिम दौर से गुजर रहा है। बीते वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर दिए गए विशेष जोर के ही कारण आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती रेल नेटवर्क प्रणाली है।

राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष के रेल बजट में हमारे राज्य को केंद्र सरकार द्वारा 6,896 करोड़ से अधिक का बजट आवंटित किया गया है। यह वर्ष 2009 से वर्ष 2014 के बीच दिए गए औसतन बजट के मुकाबले 22 गुना है। दुर्ग एवं रायपुर दोनों स्टेशनों को पुनर्विकसित कर विश्वस्तरीय बनाने की योजना है। राज्य में वन्दे भारत ट्रेन भी चल रही है। राज्य में रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प का जो अभियान चल रहा है, उसके अंतर्गत 32 स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य तीव्र गति से चालू है।

राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि छत्तीसगढ़ का रेल नेटवर्क 100 फीसदी विद्युतीकृत हो चुका है। राज्य में बीते 10 वर्षों में प्रतिवर्ष औसतन 162 किलोमीटर रेल नेटवर्क का विस्तार हुआ जो कि वर्ष 2009 से 2014 की तुलना में कई गुना ज्यादा है। इसके अतिरिक्त आने वाले 3 से 5 साल में छत्तीसगढ़ में 36 हजार 968 करोड़ रुपए उन्नयन के लिये खर्च किये जाएंगे।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 41 हजार करोड़ रुपए लागत की रिकॉर्ड 2,000 से अधिक रेल परियोजनाओं की देशवासियों को सौगात दी है। यह इतना आसान नहीं था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा रेलवे में किए गए रिकॉर्ड निवेश के कारण आज हम सब इस ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी बने हैं।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए किये जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नये रोड ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज बनाये जाने से छत्तीसगढ़ राज्य में सड़क एवं रेल परिवहन और भी अधिक सुगम, सुचारू एवं सुरक्षित रूप से संचालित होगा।

रायपुर लोकसभा के सांसद सुनील सोनी ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के माध्यम से छोटे से छोटा स्टेशन भी मॉडल स्टेशन बन रहा है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन की तरह और भी तेज गति की ट्रेन चलेंगी। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्कूली बच्चों के लिए निबंध, कविता, भाषण, प्रतियोगिताएं आयोजित गई थी।

इन प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को राज्यपाल नेे पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए। गौरतलब है कि इस योजना में छत्तीसगढ़ के 21 रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है, जिनमें कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव, सरोना, भाटापारा, डोंगरगढ़, भिलाई नगर, हथबंध, बिल्हा, बैकुन्ठपुर रोड, अंबिकापुर, उसलापुर, पेंड्रा रोड, जांजगीर नैला, चांपा, बाराद्वार, दल्लीराजहरा, भानुप्रतापपुर, निपनिया, मंदिरहसौद, भिलाई के स्टेशनों का पुनर्विकास किया जायेगा।

राजनीति

1984 के सिख विरोधी दंगे: सज्जन कुमार के खिलाफ मामले में आज अंतिम दलीलें सुनेगा राउज एवेन्यू कोर्ट

Published

on

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट ने आरोपी सज्जन कुमार के खिलाफ चल रहे केस की सुनवाई पूरी कर ली है। ये मामला जनकपुरी और विकासपुरी इलाकों में हुई हिंसा का है। बुधवार को कोर्ट दोनों पक्षों की आखिरी दलीलों को सुनेगा।

7 जुलाई को सज्जन कुमार ने अदालत में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी इस तरह के अपराध नहीं किए और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है। इससे पहले, 9 नवंबर 2023 को इस केस की पीड़िता मंजीत कौर ने अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराया था।

सज्जन कुमार उस समय सांसद थे जब दंगे हुए थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ को सिख समुदाय के लोगों को मारने के लिए उकसाया।

1984 के सिख विरोधी दंगे तब शुरू हुए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या कर दी गई। इसके पीछे कारण यह था कि इंदिरा गांधी ने उस साल पहले स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना को भेजने का फैसला किया था। इस फैसले से सिख समुदाय में आक्रोश था।

प्रधानमंत्री की हत्या के बाद, कई लोग सिखों को निशाना बनाने लगे। खासकर दिल्ली में बड़ी संख्या में आगजनी और हत्याएं हुईं। ये दंगे पूरे देश में फैल गए और 3,000 से अधिक सिखों की जानें गईं। सबसे ज्यादा हिंसा और मौतें दिल्ली में हुईं, जहां 2,700 से ज्यादा लोग मारे गए।

तीन दशकों तक कई बड़े नेताओं पर दंगों में शामिल होने के आरोप लगे, लेकिन उन्हें सजा नहीं हुई। हालांकि, यह स्थिति बदल गई जब दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। उनके वकील ने बताया कि सज्जन कुमार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

सज्जन कुमार पर कई मामले दर्ज हैं। इनमें से एक केस दिल्ली में पांच लोगों के परिवार की हत्या से जुड़ा है। वर्तमान केस में उन पर आरोप है कि उन्होंने जनकपुरी में दो सिखों, सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या में भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन पर विकासपुरी में गुरचरण सिंह को आग के हवाले करने का भी आरोप है।

राउज एवेन्यू कोर्ट में बयान देते समय 77 वर्षीय सज्जन कुमार ने कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और यह केस राजनीतिक रूप से उनके खिलाफ बनाया गया है।

हिंसा की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 587 एफआईआर दंगों के सिलसिले में दर्ज हुई। इन दंगों में 2,733 लोग मारे गए। इनमें से लगभग 240 केस पुलिस ने अज्ञात बताकर बंद कर दिए और 250 केसों में आरोपी बरी हो गए। केवल 28 केसों में दोषी पाए गए, जिनमें लगभग 400 लोग शामिल थे। इन लोगों में करीब 50 को हत्या के लिए सजा मिली, जिनमें सज्जन कुमार भी शामिल हैं।

सज्जन कुमार उस समय वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद थे। उन्हें दिल्ली के पालम कॉलोनी में 1 और 2 नवंबर 1984 को पांच लोगों की हत्या के एक और केस में भी दोषी ठहराया गया। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। इस सजा को चुनौती देने के लिए उनकी अपील अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

Continue Reading

राष्ट्रीय समाचार

डीजीसीए ने पायलटों की मेडिकल जांच आसान की, 10 नए एयरोमेडिकल सेंटर जोड़े

Published

on

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों और एयरक्रू की मेडिकल जांच को तेज और आसान बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को 10 नए एयरोमेडिकल मूल्यांकन केंद्रों को मंजूरी दी गई, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले हैं।

डीजीसीए के इस कदम से क्लास 1, 2 और 3 मेडिकल जांच की क्षमता बढ़ेगी, और पायलटों को समय पर सर्टिफिकेट मिल सकेगा।

पहले सिर्फ 8 केंद्र थे, जो सिर्फ क्लास 1 की शुरुआती जांच करते थे। अब नए केंद्र सभी तरह की जांच करेंगे, जिसमें शुरुआती, स्पेशल, अस्थायी अयोग्यता के बाद और उम्र से जुड़ी जांच भी शामिल हैं।

ये केंद्र भारतीय वायुसेना के बोर्डिंग सेंटरों के अलावा हैं। सभी में आधुनिक मशीनें, अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर और विशेष डॉक्टर उपलब्ध हैं। डीजीसीए के सख्त नियम और आईसीएओ (अंतरराष्ट्रीय मानक) का पालन होगा।

नए केंद्रों की लोकेशन की बात करें तो अपोलो हॉस्पिटल्स (नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, इंदौर), मुंबई: नानावटी हॉस्पिटल्स, पुणे: रूबी हॉल क्लिनिक, वीएम मेडिकल केयर सेंटर, नई दिल्ली: मैक्स मल्टी स्पेशियलिटी सेंटर और मेदांता मेडिसिटी शामिल हैं।

डीजीसीए का कहना है कि इससे जांच में देरी कम होगी, पायलटों की कमी नहीं होगी और उड़ान सुरक्षा मजबूत रहेगी। भारत दुनिया का सबसे तेज बढ़ता एविएशन मार्केट है, इसलिए नियामक ढांचे को मजबूत करना जरूरी है।

इस संबंध में सभी विस्तृत दिशा-निर्देशों और अनुदेशों के साथ डीजीसीए की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘सार्वजनिक सूचना’ प्रकाशित की गई है।

यह विस्तार चिकित्सा प्रमाणन प्रक्रिया को अधिक कुशल और कम समय लेने वाला बनाकर विमानन समुदाय के कल्याण के प्रति डीजीसीए की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे प्रशासनिक देरी के कारण संभावित पायलटों की कमी को कम करने में मदद मिलेगी।

यह पहल दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए भारत के नागरिक विमानन नियामक ढांचे को आधुनिक बनाने और बढ़ाने के डीजीसीए के निरंतर प्रयास का एक हिस्सा है।

Continue Reading

अंतरराष्ट्रीय समाचार

सोनम वांगचुक की नजरबंदी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Published

on

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट लद्दाख स्थित जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा।

वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो की ओर से दायर इस मामले में उनकी नजरबंदी की वैधता और अधिकारियों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।

इस महीने की शुरुआत में, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने अंगमो को अपनी रिट याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी थी, जब उनके वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सरकार की ओर से दिए गए नए विवरण शामिल करने की अनुमति मांगी थी।

सिब्बल ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार ने वांगचुक को नजरबंदी के आधार बता दिए हैं, जिससे मूल याचिका में संशोधन करना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा, “मैं याचिका में संशोधन करूंगा ताकि मामला यहीं जारी रह सके।” इसके बाद, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय कर दी।

सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में मूल रूप से यह तर्क दिया गया था कि अधिकारी एनएसए की धारा 8 के तहत हिरासत के आधार प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं, जिसके अनुसार बंदियों को एक निश्चित समय के भीतर उनकी हिरासत के कारणों के बारे में सूचित किया जाना आवश्यक है।

हालांकि, लेह प्रशासन ने जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक के माध्यम से दायर अपने हलफनामे में दावा किया कि निर्धारित अवधि के भीतर बंदी को कारणों से विधिवत अवगत करा दिया गया था।

इस बीच, एनएसए के तहत गठित सलाहकार बोर्ड ने हाल ही में वांगचुक की हिरासत की समीक्षा की। पूर्व न्यायाधीश एमके हुजुरा (अध्यक्ष), जिला न्यायाधीश मनोज परिहार और सामाजिक कार्यकर्ता स्पल जयेश अंगमो सहित तीन सदस्यीय पैनल ने राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में तीन घंटे तक बंद कमरे में सुनवाई की। कार्यवाही के दौरान वांगचुक और उनकी पत्नी दोनों मौजूद थे।

सुनवाई कथित तौर पर एनएसए लगाने के प्रशासन के औचित्य और वांगचुक के प्रतिनिधित्व पर केंद्रित थी, जिसमें इसे चुनौती दी गई थी।

सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। इसके बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए और नागरिक अधिकार समूहों ने भी इसकी आलोचना की। उन्होंने वांगचुक की हिरासत को मनमाना और अनुचित बताया।

Continue Reading
Advertisement
राजनीति2 mins ago

1984 के सिख विरोधी दंगे: सज्जन कुमार के खिलाफ मामले में आज अंतिम दलीलें सुनेगा राउज एवेन्यू कोर्ट

राष्ट्रीय समाचार10 mins ago

डीजीसीए ने पायलटों की मेडिकल जांच आसान की, 10 नए एयरोमेडिकल सेंटर जोड़े

व्यापार21 mins ago

पीएम मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा को लेकर आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा भारत : हरदीप पुरी

अंतरराष्ट्रीय समाचार34 mins ago

सोनम वांगचुक की नजरबंदी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

राजनीति41 mins ago

महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए तेजस्वी के साथ राहुल गांधी शुरू करेंगे चुनावी प्रचार

दुर्घटना58 mins ago

महाराष्ट्र : भीषण सड़क दुर्घटना में साईं दर्शन को जा रहे तीन श्रद्धालुओं की मौके पर मौत, चार घायल

खेल1 hour ago

पहला टी20 मैच : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का बदलना लेने उतरेगी टीम इंडिया

व्यापार1 hour ago

हरे निशान में खुले सेंसेक्स-निफ्टी, बाजार को फेड से पॉजिटिव खबर मिलने की उम्मीद

महाराष्ट्र2 hours ago

मुंबई मौसम अपडेट: शहर में हवा साफ, AQI 85 पर; मध्यम बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी

राजनीति18 hours ago

नीतीश कुमार का राजगीर, लालू यादव का दिल अपने बेटे में बसता है : असदुद्दीन ओवैसी

राष्ट्रीय1 week ago

अशफाकउल्ला खान : हंसते हुए फांसी को गले लगाने वाला एकता का सिपाही, बलिदान बना मिसाल

अंतरराष्ट्रीय समाचार2 weeks ago

मुंबई: अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, वर्षों से दे रहा था धोखा

बॉलीवुड3 weeks ago

अभिनेत्री राम्या को अश्लील मैसेज भेजने के मामले में कर्नाटक पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

बॉलीवुड4 weeks ago

पंजाब: बाढ़ पीड़ितों की फिर से मदद करते नजर आए सोनू सूद, लोगों से सहायता जारी रखने की अपील

बॉलीवुड3 weeks ago

यौन उत्पीड़न के मामले में न्यायिक हिरासत में भेजे गए फिल्म निर्माता हेमंत कुमार

मनोरंजन3 weeks ago

‘पहले जमा करें धोखाधड़ी के 60 करोड़,’ शिल्पा शेट्टी की याचिका पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

बॉलीवुड4 weeks ago

प्रियंका चोपड़ा ने मानवता की सेवा में लगे लोगों से मिलकर जताई खुशी, कहा- ‘आप लोग सच्ची प्रेरणा हैं’

व्यापार1 week ago

दीपावली गिफ्ट! चांदी 9,000 रुपए से अधिक सस्ती हुई

बॉलीवुड1 week ago

कादर खान : हर फन में माहिर कलाकार, जिन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से बॉलीवुड को दिया नया रंग

अपराध4 weeks ago

बहराइच में 2 नाबालिग की हत्या के बाद शख्स ने परिवार संग खुद को लगाई आग, 6 की मौत

रुझान