Connect with us
Thursday,07-August-2025
ताज़ा खबर

राजनीति

भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले की न्यायिक जांच की मांग की

Published

on

भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड को अरविंद केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का पर्याय बताते हुए इसकी न्यायिक जांच की मांग की है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी, दिल्ली भाजपा सचिव हरीश खुराना और दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा।

मनोज तिवारी ने कहा कि 1998 में दिल्ली जल बोर्ड की स्थापना का उद्देश्य था कि यह बोर्ड स्वयं अपना मूलभूत ढांचा तैयार करेगा और अपने राजस्व से अपने खर्चे चलायेगा। दिल्ली सरकार इसको केवल बड़ी प्लान हेड योजनाओं के लिये आर्थिक संसाधन उपलब्ध करायेगी। यह खेद का विषय है कि 1999 से 2013 तक कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के संसाधनों की लूट मचाई और जल बोर्ड को टैंकर माफिया के सामने गिरवी रख दिया, जिसके परिणाम स्वरूप 2013-14 के अंत में दिल्ली जल बोर्ड पर लगभग 20 हजार करोड़ रूपये की देनदारी खड़ी हो गई।

उन्होंने कहा कि 2015 में सत्ता में आई आम आदमी पार्टी ने 14 लाख घरों को नल से जल देने का सपना दिखाया और फिर 2020 में हर घर को जल देने का सपना दिखाया पर दिल्ली की जल उपलब्धता बढ़ाने के लिये कोई काम नहीं किया। 2013-14 में दिल्ली में 850 एम.जी.डी. पानी उपलब्ध था, राष्ट्रपति शासन के दौरान 2014 में ओखला में 100 एम.जी.डी. पानी का प्लांट लगा, जिसके बाद दिल्ली में 950 एम.जी.डी. पेय जल की उलब्धता बनी।

तिवारी ने कहा कि हर घर को पानी देने का सपना दिखाने वाली केजरीवाल सरकार ने जनता को किस तरह धोखा दिया है, इसका एक प्रमाण है कि आज दिल्ली में 1350 एम.जी.डी. पेय जल की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता मात्र 950 एम.जी.डी. की है। यह खेद पूर्ण है कि लगभग 9 वर्ष के शासन में केजरीवाल ने पेय जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिये कोई प्रयास नहीं किये हैं और दिल्ली आज भी टैंकर माफिया की शिकार है।

उन्होंने कहा कि विगत 5 वित्त वर्षों में दिल्ली सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को 12,700 करोड़ रूपये के ऋण एवं अनुदान दिये हैं पर इस पैसे का कोई हिसाब-किताब नहीं है। वित्त विभाग ने जब भी हिसाब मांगा तो केजरीवाल सरकार ने विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया। किसी भी संस्था में हेरफेर का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि 6 वित्त वर्ष तक उसके खाते ही न लिखे जायें जैसा कि दिल्ली जल बोर्ड में हो रहा है। 2016-17 के बाद से दिल्ली जल बोर्ड के न तो खाते बने हैं और न ही कोई ऑडिट हुआ है। इस हेरफेर के चलते 31 मार्च, 2018 को दिल्ली जल बोर्ड का घाटा जो 26 हजार करोड़ रूपये था, 31 मार्च, 2023 को उसका अनुमान 70 हजार करोड़ का लगाया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि सीएजी ने लगभग 22 पत्र दिल्ली जल बोर्ड को खाते ऑडिट कराने के लिये लिखे हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 में दिल्ली सरकार के बजट में दिल्ली जल बोर्ड को 6342 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं और उसमें से 1557 करोड़ रूपये मई, 2023 में दिल्ली जल बोर्ड के खाते में भेज दिये गये और जानकारी अनुसार दिल्ली जल बोर्ड ने 750 करोड़ रूपये ऐसे कामों पर खर्च किये, जिनका कोई प्रावधान नहीं था। दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने जब बजट राशि की अगली किस्त देने के लिये दिल्ली जल बोर्ड से 1557 करोड़ रूपये का हिसाब मांगा तो हिसाब देने की बजाय जल मंत्री आतिशी ने दिल्ली में जल संकट की धमकी देना शुरू कर दिया।

दिल्ली भाजपा के सचिव हरीश खुराना, जिन्होंने 2021 में दिल्ली जल बोर्ड को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका डाली थी और दिल्ली जल बोर्ड के खातों के सीएजी ऑडिट की मांग की थी, ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड आज भारत का सबसे भ्रष्ट सरकारी संस्था है, जिस पर 76 हजार करोड़ रूपये के ऐसे ऋण और अनुदान हैं, जिनका कोई हिसाब-किताब नहीं है।

खुराना ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने उनकी याचिका को दबाने का भरसक प्रयास किया, न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया और इसी के अंतर्गत गत 11 अक्टूबर, 2023 में कोर्ट में एक एफिडेविट दायर कर दिल्ली जल बोर्ड के खाते प्रस्तुत करने के लिये एक वर्ष का समय मांगा है।

खुराना ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार का एक बड़ा नमूना है कि उन्होंने एफिडेविट में कहा है कि उनके खातों में प्रति डिवीजन 3 लाख एंट्रियां होती हैं इसलिये समय तो लगेगा।

दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आज दिल्ली वाले स्तब्ध हैं कि केजरीवाल सरकार का कोई ऐसा विभाग नहीं, जिसके कार्यों में भ्रष्टाचार ना हो, आबकारी विभाग हो, लोक निर्माण विभाग हो, राशन विभाग हो, परिवहन विभाग हो, प्राइवेट डिस्कॉम का बिजली बिल घोटाला हो, जल बोर्ड हो, हर ओर हेरफेर ही हेरफेर है।

राष्ट्रीय समाचार

‘हे आमचा महाराष्ट्र आहे’: मुंबई लोकल ट्रेन में महिला ने सह-यात्री को मराठी बोलने के लिए मजबूर किया;

Published

on

मुंबई: मुंबई की एक भीड़ भरी लोकल ट्रेन में दो महिलाओं के बीच हुई तीखी बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे महाराष्ट्र में भाषा, क्षेत्रीय पहचान और सार्वजनिक व्यवहार को लेकर व्यापक चर्चा शुरू हो गई है।

वीडियो में, एक महिला अपने बच्चे को गोद में लिए हुए एक साथी यात्री को मराठी में बात करने के लिए मजबूर करती हुई दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि यह झगड़ा तब शुरू हुआ जब उसने दूसरी महिला को मराठी भाषा न बोलने के लिए टोका और तर्क दिया कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा बोली जानी चाहिए। मामला तेज़ी से बिगड़ गया और दोनों महिलाएँ अपने फ़ोन में एक-दूसरे की बातें रिकॉर्ड करने लगीं और दूसरे यात्री देखते ही देखते बहस जारी रखने लगीं।

वीडियो में, एक बच्चे को गोद में लिए महिला कहती सुनाई देती है, “नहीं रहूँ देनार महाराष्ट्र माधे। मराठी बोल। मज़ा महाराष्ट्र है।” (मैं तुम्हें महाराष्ट्र में नहीं रहने दूँगी, मराठी में बोलो। मैं महाराष्ट्र की हूँ।) दूसरी महिला उसे धक्का देते हुए पूछती है, “कहाँ लिखा है ये?” (यह कहाँ लिखा है?), सार्वजनिक स्थानों पर भाषा के पालन पर सवाल उठाती है। यह वीडियो, जो तब से ऑनलाइन व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है, ने तीखी बहस छेड़ दी है।

मुंबई की एक लोकल ट्रेन में एक अलग घटना में, सीट को लेकर शुरू हुई एक सामान्य बहस जल्द ही भाषा के एक गरमागरम विवाद में बदल गई, जहाँ एक महिला ने कथित तौर पर दूसरी महिला से कहा, “मराठी बोलो या बाहर निकल जाओ।” यह घटना 18 जुलाई की देर शाम सीएसएमटी-खोपोली लोकल ट्रेन में हुई और तब से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिससे महाराष्ट्र में भाषा को लेकर चल रहा तनाव फिर से भड़क गया है।

मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, यह विवाद भायखला स्टेशन पर शुरू हुआ और मुलुंड तक जारी रहा, जहाँ रेलवे कर्मचारियों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की। हालाँकि, महिला डिब्बे में भारी भीड़ के कारण, अधिकारी शिकायतकर्ता तक नहीं पहुँच पाए।

सोशल मीडिया पर कई जगहों पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कई महिलाओं के बीच बहस होती दिख रही है, जो मुंबई लोकल ट्रेनों में आम बात है। लेकिन इस बहस ने तब तूल पकड़ लिया जब एक महिला ने दूसरी महिला की मराठी न बोलने पर आलोचना करते हुए कहा, “अगर हमारी मुंबई में रहना है तो मराठी बोलो, वरना निकल जाओ।”

Continue Reading

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में विधायक रईस शेख का पत्ता कटा, यूसुफ अब्राहनी ने ली जगह

Published

on

मुंबई: (कमर अंसारी) महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में चल रही आंतरिक खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है। पिछले कई दिनों से पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू असीम आज़मी, अपने ही विधायक रईस शेख से नाराज़ चल रहे थे। कई बार उन्होंने अपने बयानों में भी इस नाराज़गी का परोक्ष रूप से उल्लेख किया था। अब यह मामला पूरी तरह उजागर हो चुका है — महाराष्ट्र में अबू असीम आज़मी ने रईस शेख की जगह कांग्रेस छोड़कर आए यूसुफ अब्राहनी को तरजीह दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि रईस शेख को बाहर का रास्ता दिखाने की पूरी तैयारी हो चुकी है।

अगर जमीनी हकीकत पर नज़र डालें, तो रईस शेख की लोकप्रियता भी इस पूरे घटनाक्रम की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। मुंबई और भिवंडी में रईस शेख ने अपने कार्यकाल के दौरान जनहित में कई अहम कार्य किए हैं, जिससे उनकी पकड़ जनता में मजबूत हुई है। भिवंडी विधानसभा क्षेत्र से वह लगातार दूसरी बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए हैं। क्षेत्र की जनता का भी मानना है कि उन्होंने रईस शेख को उनके काम के आधार पर ही दोबारा मौका दिया।

शिक्षा, सड़क, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं को हल करने के साथ-साथ रईस शेख का आम जनता से सीधे जुड़ाव उनकी लोकप्रियता में इज़ाफा कर रहा है। यही नहीं, दक्षिण मुंबई में नगरसेवक के रूप में उनके किए गए कार्यों को आज भी लोग सराहते हैं। यही कारण है कि आगामी नगर निगम चुनावों में उनके समर्थित उम्मीदवारों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अबू असीम आज़मी को रईस शेख की इसी बढ़ती लोकप्रियता से खतरा महसूस होने लगा था। पार्टी हाईकमान अखिलेश यादव की आज़मी से नाराज़गी भी इसी क्रम में देखी जा रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, रईस शेख को और अधिक सशक्त होने से रोकने के लिए उन्हें अबू असीम द्वारा पार्टी से बाहर किया जा रहा है।

वहीं, कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए यूसुफ अब्राहनी को अब पार्टी में नई जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन यह वही यूसुफ अब्राहनी हैं, जिन्होंने करीब 20 साल पहले समाजवादी पार्टी के दर्जनों नगरसेवकों को साथ लेकर कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी और मुंबई में समाजवादी पार्टी को लगभग तोड़ दिया था। कांग्रेस ने उन्हें मानखुर्द विधानसभा क्षेत्र से टिकट देकर विधायक बना दिया, लेकिन अगली बार वह चुनाव नहीं जीत सके।

बाद में मानखुर्द से अबू असीम आज़मी ने चुनाव लड़ा और यूसुफ अब्राहनी को हराया। दिलचस्प बात यह है कि आज़मी की इस जीत में रईस शेख की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। लेकिन अब पार्टी से रईस शेख को निकालने के लिए आज़मी ने उन्हीं यूसुफ अब्राहनी को पुनः पार्टी में शामिल कर लिया है, इस उम्मीद में कि वह फिर से दर्जनों नगरसेवक पार्टी में ला सकेंगे।

रईस शेख जिस पार्टी कार्यालय से वर्षों से कार्य कर रहे थे, उसे भी अब यूसुफ अब्राहनी को सौंप दिया गया है — एक स्पष्ट संकेत कि पार्टी में अब रईस शेख के लिए कोई स्थान नहीं है।

उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के हाईकमान और अखिलेश यादव के करीबी सूत्रों के अनुसार, पार्टी महाराष्ट्र में अब एक ऐसे नेता की तलाश में है, जो अबू असीम आज़मी की जगह ले सके। पार्टी को भविष्य में किसी नुकसान से बचाने के लिए आज़मी के हर निर्णय को अब अनदेखा किया जा रहा है।

Continue Reading

महाराष्ट्र

उर्दू पत्रकारों के लिए पेंशन की मांग, विधायक अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र

Published

on

मुंबई: महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उर्दू पत्रकारों को पेंशन और वजीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन, चिकित्सा सहायता और उनके बच्चों की शादी में सहायता प्रदान करनी चाहिए और इसके लिए एक कोष आवंटित किया जाना चाहिए। अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि महाराष्ट्र में कई दैनिक और मासिक पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, जिनमें कार्यरत पत्रकार सेवानिवृत्ति के बाद भी कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन उनका खर्चा पूरा नहीं हो पाता और वे बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रहते हैं। इसलिए, ऐसे सेवानिवृत्त वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन दी जानी चाहिए जो अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और गरीबी से जूझ रहे हैं। आज़मी ने पत्र में मांग की है कि इन पत्रकारों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए और उनके बच्चों की शादी में भी मदद की जाए ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी से बचाया जा सके और उनकी दैनिक ज़रूरतें पूरी हो सकें।

Continue Reading
Advertisement
राष्ट्रीय समाचार43 mins ago

‘हे आमचा महाराष्ट्र आहे’: मुंबई लोकल ट्रेन में महिला ने सह-यात्री को मराठी बोलने के लिए मजबूर किया;

अपराध1 hour ago

मुंबई क्राइम: विक्रोली में एमडी ड्रग बेचने के आरोप में पान दुकानदार गिरफ्तार; 1.8 लाख रुपये की तस्करी जब्त

महाराष्ट्र2 hours ago

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में विधायक रईस शेख का पत्ता कटा, यूसुफ अब्राहनी ने ली जगह

महाराष्ट्र3 hours ago

उर्दू पत्रकारों के लिए पेंशन की मांग, विधायक अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र

राजनीति4 hours ago

अमेरिका पर भारत सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत : हर्षवर्धन सपकाल

व्यापार5 hours ago

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सेमीकंडक्टर और चिप्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी

दुर्घटना5 hours ago

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सीआरपीएफ का बंकर व्हीकल खाई में गिरा, दो जवान शहीद

राजनीति5 hours ago

महाराष्ट्र की राजनीति: ठाकरे बंधुओं का पहला चुनाव एक साथ, मनसे-शिवसेना गठबंधन बेस्ट पटपेढ़ी से चुनाव लड़ेगा

अपराध6 hours ago

मुंबई कस्टम्स ने बैंकॉक से आए एक यात्री को किया गिरफ्तार, 14 करोड़ की ड्रग्स बरामद

राजनीति6 hours ago

ट्रंप को भारत पर लगाए गए टैरिफ को वापस लेना चाहिए: ‘आप’ सांसद अशोक कुमार मित्तल

महाराष्ट्र2 weeks ago

सुप्रीम कोर्ट ने 2006 मुंबई ट्रेन धमाकों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के बरी करने के फैसले पर लगाई रोक

महाराष्ट्र3 weeks ago

मुंबई: बीएमसी ने मराठी साइनबोर्ड न लगाने वाली दुकानों का संपत्ति कर दोगुना किया, लाइसेंस रद्द करने की योजना

अपराध4 weeks ago

महाराष्ट्र में 5,001 मामलों में 153 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स जब्त; ई-सिगरेट, गुटखा और जुए पर भी कार्रवाई तेज

अंतरराष्ट्रीय4 weeks ago

भारत और ग्रीस के बीच रक्षा बातचीत हुई तेज, भारत ने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का दिया ऑफर… तुर्की और पाकिस्तान में हड़कंप

महाराष्ट्र3 weeks ago

‘मराठी बोलो या बाहर निकलो’: मुंबई लोकल ट्रेन में भाषा विवाद को लेकर महिलाओं के बीच तीखी झड़प

अपराध2 weeks ago

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा: 15-20 गाड़ियों की टक्कर में एक की मौत, कई घायल; भीषण ट्रैफिक जाम की सूचना 

महाराष्ट्र4 weeks ago

मुंबई की 1,000 मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए गए: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र3 weeks ago

भिवंडी में छात्रा ने ऑटो चालक से बचने के लिए दिखाई बहादुरी

राजनीति2 weeks ago

‘कांग्रेस को माफ़ी मांगनी चाहिए’: 2006 मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद

महाराष्ट्र2 weeks ago

2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया, कहा- “प्रॉसिक्यूशन केस साबित करने में पूरी तरह विफल रहा”

रुझान