व्यापार
छह दिनों की गिरावट के दौरान बाजार में हुई जरूरत से ज्यादा बिकवाली
अमेरिका में बढ़ी हुई बॉन्ड यील्ड और पश्चिम एशिया में तनाव के कारण लगातार छह दिनों की गिरावट के दौरान शेयर बाजार में जरूरत से ज्यादा बिकवाली हुई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है।
उन्होंने कहा कि बैंकिंग और आईटी जैसे एफपीआई जैसे सेक्टरमें शॉर्टिंग ने बाजार में तेज गिरावट में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 4.9 फीसदी की वृद्धि का मतलब है कि फेड आक्रामक बना रहेगा और ‘लंबे समय तक ऊंची’ ब्याज दर व्यवस्था शेयर बाजार के लिए अच्छा नहीं है।
अच्छी बात ये रही कि इस दौरान वैलुएशन अब ठीक हो गए हैं। बैंकिंग जैसे सेक्टर में मूल्यांकन आकर्षक हैं। यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए निवेश करने का समय है। उन्होंने कहा, इतिहास हमें बताता है कि भू-राजनीतिक घटनाओं से उत्पन्न करेक्शन खरीदारी के अवसर होते हैं।
प्रभुदास लीलाधर में तकनीकी अनुसंधान की वाइस प्रेसिडेंट वैशाली पारेख ने कहा कि निफ्टी18,850 ज़ोन को छू लिया है, मतलब कि सेंटीमेंट्स कमजोर हैं।
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 551 अंक ऊपर 63,699 अंक पर है। एसबीआई 2.4 फीसदी ऊपर है।
व्यापार
आगामी एमपीसी बैठक में आरबीआई रेपो रेट को घटाकर 5 प्रतिशत तक कर सकता है : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 22 दिसंबर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) फरवरी में होने वाली अपनी अगली मौद्रिक नीति बैठक (एमपीसी) में रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 5 प्रतिशत कर सकता है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) की एक नई रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
यूबीआई ने इस रिपोर्ट में कहा है कि आरबीआई ने महंगाई कम होने और कीमतों पर दबाव कम रहने की बार-बार बात की है, इसलिए फरवरी या अप्रैल 2026 में यह आखिरी कट संभव है।
रिपोर्ट के अनुसार, अगर सोने की वजह से महंगाई में 50 बेसिस पॉइंट का असर कम कर दें, तो कीमतों का दबाव और भी कम दिखता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमें लगता है कि फरवरी या अप्रैल 2026 में अंतिम 25 बेसिस पॉइंट की रेट कटौती की संभावना है। नरम नीतिगत संकेतों को देखते हुए फरवरी 2026 की बैठक में रेपो रेट में कटौती कर 5 प्रतिशत तक किए जाने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता, हालांकि अंतिम ब्याज दर कटौती का समय तय करना आमतौर पर मुश्किल होता है।”
बैंक ने कहा कि समय निश्चित नहीं है क्योंकि फरवरी 2026 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) और जीडीपी के आधार वर्ष में बदलाव होने वाले हैं। इन कारणों से मौद्रिक नीति समिति वेट-एंड-वॉच की रणनीति अपना सकती है और संशोधित आंकड़े आने के बाद महंगाई और विकास के रुझानों का फिर से मूल्यांकन कर सकती है।
आरबीआई की एमपीसी ने दिसंबर में रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.25 प्रतिशत किया है और अगली बैठक 4 से 6 फरवरी 2026 को निर्धारित है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को संशोधित करके 7.3 प्रतिशत कर दिया है क्योंकि घरेलू सुधार, जैसे आयकर में बदलाव, आसान मौद्रिक नीति और जीएसटी सुधार से बढ़ावा मिलने के कारण वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में वृद्धि की संभावना है।
वहीं, यस बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यदि खाद्य कीमतों में गिरावट बनी रहती है तो आगे और कटौती का मौका कम हो सकता है, जब तक कि अर्थव्यवस्था में बड़ी कमजोरी नहीं आती।
आरबीआई की कोशिश है कि बाजार में पर्याप्त तरलता बनी रहे और रेपो रेट को आधार बनाकर मौद्रिक नीति लागू की जाए।
व्यापार
बीएसई ने निवेशकों को फर्जी निवेश सलाह से बचने की चेतावनी दी

SHARE MARKET
मुबंई, 18 दिसंबर: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने गुरुवार को निवेशकों को चेतावनी दी है कि वह सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप और फोन कॉल के जरिए आ रहे अनजान निवेश संदेशों से सावधान रहें।
एक्सचेंज ने बताया कि कुछ लोग ‘ए-1 लिमिटेड’ नाम की कंपनी में सोशल मीडिया पर निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहें।
बीएसई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि निवेशक ऐसी किसी भी सलाह पर भरोसा न करें जो व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, एसएमएस, कॉल या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी जा रही हो। ऐसी सलाह देने वाले लोग न तो बीएसई से जुड़े हैं और न ही उन्हें निवेश की अनुमति है। निवेशकों को ऐसे लोगों के झांसे में आने से बचना चाहिए।
देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज ने निवेशकों को यह भी चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर ज्यादा या गारंटीड रिटर्न देने के दावे अकसर झूठे होते हैं। यूट्यूब, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और एक्स (पहले ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म पर कई लोग ऐसे दावे करते हैं, जिससे निवेशक ठगे जा सकते हैं।
इससे पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी निवेशकों को पांच लोगों — कृष्णम राजू, प्रतिबान, पूजा शर्मा, अमन और एम अमित — के बारे में चेतावनी दी थी। एनएसई के अनुसार, यह लोग यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया के जरिए निवेश की अनधिकृत सलाह दे रहे थे।
एनएसई ने बताया कि यह लोग निवेशकों से उनका लॉगिन आईडी और पासवर्ड मांगते थे और गारंटीड रिटर्न का दावा करते थे। ये लोग ‘प्रॉफिट ट्रेडिंग’, ‘ट्रेड रूम ऑफिशियल’ और ‘प्रॉफिट मैक्सिमाइजर्स’ जैसे यूट्यूब चैनलों के जरिए काम कर रहे थे और गैरकानूनी तरीके से ट्रेडिंग कराते थे।
एनएसई ने निवेशकों को सलाह दी कि शेयर बाजार में किसी भी ऐसे व्यक्ति या योजना पर भरोसा न करें जो स्टॉक मार्केट में सुनिश्चित रिटर्न का वादा करे, क्योंकि ऐसा करना कानून के खिलाफ है।
राजनीति
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया कर सकता है दमदार वापसी : एसबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली, 17 दिसंबर: चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया दमदार वापसी कर सकता है और डॉलर के मुकाबले इसकी वैल्यू में इजाफा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एसबीआई रिसर्च की ओर से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
एसबीआई रिसर्च ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील में देरी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखने को मिली है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के व्यापार आंकड़ों से पता चलता है कि उसने लंबे समय तक चलने वाली अनिश्चितता, अधिक संरक्षणवाद और श्रम आपूर्ति में आए झटकों से निपटने में काफी मजबूती दिखाई है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ.सौम्या कांती घोष ने कहा, “जियोपोलिटिकल रिस्क इंडेक्स अप्रैल 2025 से कम हुआ है और अप्रैल-अक्टूबर 2025 अवधि के लिए इंडेक्स की मौजूदा औसत वैल्यू अपने दशकीय स्तर से ऊपर है। यह इंडेक्स दिखाता है कि वैश्विक अनिश्चितताएं भारतीय रुपए पर कितना दबाव डाल रही हैं।”
घोष ने आगे कहा कि रुपया अभी अपने गिरावट के दौर में है और जल्द यह इससे बाहर निकलेगा।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला देखा जा रहा है। रुपया अपने मनोवैज्ञानिक स्तर 90 को पार कर चुका है और 91 के स्तर पर पहुंच गया है।
हालांकि, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूत वृद्धि देखने को मिली है। यह 90.25 पर पहुंच गया है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रुपए में मौजूदा गिरावट (दिनों की संख्या के हिसाब से) सबसे तेज है। एक साल से भी कम समय में, रुपया प्रति डॉलर 85 से गिरकर 90 पर आ गया है।
2 अप्रैल, 2025 को अमेरिका द्वारा दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5.7 प्रतिशत (प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक) गिर गया है।
हालांकि, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के कारण बीच-बीच में इसमें तेजी भी देखने को मिली है।
-
व्यापार6 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र6 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार10 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
