राष्ट्रीय समाचार
तेलंगाना में बाढ़ में बहे पांच लोगों के शव मिले, आठ की तलाश जारी

तेलंगाना में बाढ़ में बह गए पांच लोगों के शव शुक्रवार को मिल गए, जबकि आठ लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
मुलुगु जिले में स्थित एतुर्नागाराम गांव के आठ लोग जम्पन्ना वगु में बह गए थे। तडवई मंडल में मेदाराम के पास चार लोगों के शव मिले हैं। वहीं खम्मम जिले में बहे एक व्यक्ति का शव भी शुक्रवार को बरामद किया गया।
मुन्नेरु नदी में बहे एक अन्य व्यक्ति की भी तलाश जारी है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने वारंगल शहर के तीन युवकों की तलाश की, जो गुरुवार को लापता हो गए थे। ये म्यूजिकल गार्डन के पास मछली पकड़ने गए थे लेकिन वापस नहीं लौटे। इसके बाद उनके परिजनों ने अधिकारियों को मामले की जानकारी दी।
उत्तरी तेलंगाना में गुरुवार को भारी बारिश और बाढ़ ने जमकर कहर बरपाया। झीलों, टैंकों और सिंचाई परियोजनाओं में पानी भर जाने से वारंगल, हनुमाकोंडा और खम्मम कस्बों के 100 से अधिक गांवों और कई निचले इलाकों में पानी भर गया।
अचानक आई बाढ़ से दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क टूट गया। एनडीआरएफ ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिस की मदद से जयशंकर भूपालपल्ली जिले के मोरंचापल्ली गांव से 1,900 लोगों को बचाया।
एनडीआरएफ ने खम्मम जिले में मुन्नेरु नदी में फंसे सात लोगों को भी बचाया। मुख्य सचिव शांति कुमारी ने कहा कि 108 गांवों के 10,696 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
शांति कुमारी ने कहा कि भूपालपल्ली जिले के मोरंचापल्ली गांव के 600 लोगों और पेद्दापल्ली जिले के मंथनी के गोपालपुर के पास एक रेत खदान में फंसे 19 श्रमिकों को बचाया गया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इस बीच, वारंगल और हनुमाकोंडा शहरों में 200 से अधिक कॉलोनियां जलमग्न रहीं।
अपराध
दिल्ली: चार वर्षीय बच्ची को अपहरणकर्ता से छुड़ाया, महिला गिरफ्तार

नई दिल्ली, 23 जून। दिल्ली के चांदनी महल थाना पुलिस ने चार साल की बच्ची को अपहरणकर्ता के चंगुल से सुरक्षित छुड़ा लिया। 40 वर्षीय आरोपी बरखा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय यूपी पुलिस के सहयोग से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
घटना 18 जून 2025 को सामने आई, जब एक दंपति ने चांदनी महल थाने में अपनी चार वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि शाम करीब 5 बजे, उनकी पत्नी व्यस्त थी, तभी उनकी बेटी गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची का पता नहीं चला और उन्हें संदेह हुआ कि किसी ने गलत इरादे से अपहरण किया है। इस आधार पर पुलिस ने एफआईआर (संख्या 212/25, धारा 137(2) बीएनएस) दर्ज की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर महावीर प्रसाद, एसएचओ/चांदनी महल, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इसमें एसआई सतीश, एसआई समेंद्र, एसआई गोविंद, एसआई अवधेश नारायण, एचसी सतेश, कांस्टेबल विक्रम, घनश्याम, गौरव, नरेंद्र और महिला कांस्टेबल दिव्यांशी और सिमरन शामिल थे। टीम की निगरानी एसीपी (दरियागंज, मध्य जिला) ने की।
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें बच्ची को दिल्ली गेट के पास संचार भवन की ओर अकेले जाते देखा गया।
गुप्त सूत्रों से पता चला कि एक महिला भिखारी बच्ची को बाराबंकी के बेहटा गांव ले गई है। इस जानकारी को स्थानीय यूपी पुलिस के साथ साझा किया गया और एक टीम तुरंत बाराबंकी रवाना हुई। वहां पहुंचने पर पता चला कि संदिग्ध बरखा बच्ची को लेकर दिल्ली लौट आई थी, क्योंकि उसे पुलिस की तलाश का पता चल गया था।
21 जून को सुबह चांदनी महल थाना पुलिस ने नई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर सादे कपड़ों में निगरानी शुरू की। उसी दिन बरखा को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्ची के साथ उतरते देखा गया। वह छिपने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया। बच्ची को सुरक्षित छुड़ा लिया गया। पूछताछ में बरखा ने कबूल किया कि उसने बच्ची का अपहरण भीख मंगवाने और तस्करी के इरादे से किया था।
राष्ट्रीय समाचार
ऑपरेशन सिंदूर के बाद डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल घई की पदोन्नति, बने उप सेना प्रमुख (रणनीति)

नई दिल्ली, 9 जून। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सफल भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को पदोन्नति दी गई है। सोमवार को उनकी पदोन्नति की जानकारी सामने आई।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को अब भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है। बतौर उप सेना प्रमुख वह रणनीति मामलों को देखेंगे। उप सेना प्रमुख बनने के बावजूद लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई पूर्व की भांति फिलहाल डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी डीजीएमओ का कार्यभार भी संभालते रहेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, उप सेना प्रमुख (रणनीति) के पद पर पदोन्नत किए गए हैं।
दरअसल, भारतीय सेना में यह एक महत्वपूर्ण पद है। सेना के सभी ऑपरेशनल कार्यक्षेत्र, उप सेना प्रमुख (रणनीति) के कार्यालय को रिपोर्ट करते हैं। वहीं, भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर पर होने वाली बातचीत का नेतृत्व डीजीएमओ द्वारा किया जाता है। 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था।
ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान में और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित विभिन्न आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना ने हमला किया था, जिसमें सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तानी सेना ने इसके जवाब में भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले किए, जिसका मुंह तोड़ जवाब भारतीय सेना ने दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस व एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट कर दिए। इसके बाद पाकिस्तान ने युद्ध विराम की मांग की।
पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क किया। दोनों के बीच यह वार्ता हॉटलाइन पर हुई थी। बीते महीने हुई इस वार्ता में पाकिस्तान ने कहा था कि वह सीमा पार से एक भी गोली नहीं चलाएगा। वार्ता में कहा गया कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए।
सेना के मुताबिक, इस बात पर सहमति हुई कि दोनों पक्ष यानी भारत और पाकिस्तान सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करें। भारत व पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हुई अन्य बातचीत की पूरी जानकारी रक्षा मंत्री को दी गई थी। इससे स्पष्ट है कि भारतीय सेना में डीजीएमओ एक बेहद अहम पद है। वर्तमान में भारतीय सेना के डीजीएमओ यानी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई इस पद पर बने रहेंगे। वह महत्वपूर्ण विषयों पर थलसेना प्रमुख को सीधे रिपोर्ट करते हैं। इसके साथ ही, डीजीएमओ सेना, नौसेना तथा वायुसेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
राष्ट्रीय समाचार
पीएम मोदी के वंदे भारत एक्सप्रेस उद्घाटन पर रामबन और कटरा के निवासियों में उत्साह, क्षेत्र में विकास की उम्मीद

pm modi
कटरा, 6 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के उद्घाटन को लेकर जम्मू-कश्मीर के रामबन और कटरा के निवासियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
स्थानीय लोगों ने इस ट्रेन को कन्याकुमारी से कश्मीर तक देश को जोड़ने वाली एक बड़ी सौगात बताया। रामबन के निवासियों ने मिडिया से बातचीत में अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि आज का दिन उनके लिए सौभाग्यशाली है। उन्होंने इसे देश और जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व का क्षण बताया।
रामबन के स्थानीय लोगों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर का यह क्षेत्र, जिसमें डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी जैसे इलाके शामिल हैं, पहाड़ी क्षेत्रों के बीच बसा है। वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन इस क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन कश्मीर तक आसानी से पहुंच प्रदान करेगी। पहले सड़क मार्ग से यात्रा में दुर्घटनाएं, जाम और परेशानियां आम थीं, लेकिन अब ट्रेन से सुबह कश्मीर जाकर शाम को लौटा जा सकेगा। बच्चों के लिए शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे, क्योंकि वे कश्मीर और जम्मू के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आसानी से जा सकेंगे।
निवासियों ने इस परियोजना को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इसमें विश्व का सबसे बड़ा कोडी ब्रिज और 13 किलोमीटर लंबी सुरंग शामिल है, जो इस क्षेत्र के विकास को दर्शाती है। लोगों ने पहले की सरकारों, खासकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान की सराहना की। साथ ही, उन्होंने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल से बधाई दी। रामबन के लोगों ने जम्मू-कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार और उमर अब्दुल्ला को भी इस परियोजना में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उनका कहना है कि यह ट्रेन जम्मू-कश्मीर को नई पहचान और तरक्की देगी।
रामबन के एक अन्य निवासी ने कहा कि वे स्थानीय होने के नाते पीएम मोदी और भाजपा सरकार को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन दिल्ली से कश्मीर तक की दूरी को खत्म कर देगी। पहले पहाड़ी इलाकों में पैदल या गाड़ियों से सफर करना पड़ता था, जिसमें जाम और अन्य समस्याएं होती थीं। अब ट्रेन से यात्रा आसान हो गई है। सुरक्षाबलों के लिए भी यह मददगार होगी, क्योंकि आपात स्थिति में वे जल्दी कश्मीर पहुंच सकेंगे। निवासियों ने रोजगार के अवसर बढ़ने की बात भी कही। उन्होंने बताया कि रेलवे परियोजनाओं से कंपनियों को काम मिला और स्थानीय लोगों को नौकरियां मिली। उन्होंने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से अपील की कि रामबन में दो मिनट का स्टेशन बनाया जाए, ताकि स्थानीय लोगों और यात्रियों को और सुविधा हो।
कटरा के निवासियों ने भी पीएम मोदी के दौरे और वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन पर खुशी जताई। माता वैष्णो देवी की पावन धरती पर पीएम का आगमन गर्व का विषय है। कटरा के लोगों ने इसे 1947 के बाद का सबसे बड़ा काम बताया। उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक सड़क और रेल से जोड़ने का सपना साकार हुआ है।
लोगों का कहना है कि इस ट्रेन से पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। माता वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं, पिट्ठू वालों, घोड़े वालों, पालकी वालों और ढाबा संचालकों को फायदा होगा। जम्मू-कश्मीर में उन्नति हो रही है, आतंकवाद खत्म हुआ है और हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी मिलकर भाईचारे के साथ देश की कामयाबी के लिए दुआएं कर रहे हैं।
कटरा के भाजपा मंडल प्रधान चमेल सिंह ने कहा कि पीएम मोदी का दौरा सौभाग्य की बात है। वंदे भारत ट्रेन से बेरोजगारी खत्म होगी और नौजवानों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने पीएम मोदी को अब तक का सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री बताया। चमेल सिंह ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति मिली है कि मंडल अध्यक्ष पीएम का स्वागत करेंगे और उनसे मुलाकात करेंगे। उन्होंने जय हिंद और जय भारत के नारे के साथ अपनी बात खत्म की। निवासियों ने पीएम मोदी और भारतीय सेना को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी, जिसमें पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को खत्म किया गया।
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