राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के खिलाफ जालसाजी की शिकायत की जांच शुरू कर दी है।
नई दिल्ली:- महाराष्ट्र पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और अन्य सह-अभियुक्तों के खिलाफ जांच शुरू की थी। श्री द्वारा दी गई शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है। रशीद खान पठान, ‘सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट लिटिगेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (एससी और एचसीएलएआई) के अध्यक्ष। शिकायतकर्ता और वकील. विजय कुर्ले ने 19.03.2019 को जस्टिस आर.एफ. के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन पर अपने गुप्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए और एक अन्य आरोपी न्यायाधीश एस.जे. कथावाला की मदद करने के लिए गैरकानूनी आदेश पारित करने का आरोप लगाया। आरोपी न्यायाधीशों को आरोपों से बचाने के लिए, सह-साजिशकर्ता एडवोकेट द्वारा एक साजिश रची गई थी। बॉम्बे बार एसोसिएशन के मिलिंद सत्ये और बॉम्बे इनकॉर्पोरेटेड लॉ सोसाइटी के काइवान कल्याणिवलाला और उक्त साजिश को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को दिनांक 23.03.2019 को एक संयुक्त पत्र भेजा। भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री रंजन गोगोई ने इसमें कुछ भी कार्रवाई योग्य नहीं पाया। बॉम्बे बार एसोसिएशन और बॉम्बे इनकॉर्पोरेटेड लॉ सोसाइटी द्वारा दिनांक 23.03.2019 को उक्त पत्र दिया गया और इसलिए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने उक्त शिकायत को बंद करने का आदेश पारित किया।
लेकिन आरोपी मिलिंद साठे और अन्य ने आरोपी न्यायाधीश रोहिंटन नरीमन के साथ एक आपराधिक साजिश रची और सुप्रीम कोर्ट का एक जाली रिकॉर्ड तैयार किया कि भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने उक्त शिकायत को न्यायमूर्ति आर.एफ. की खंडपीठ को भेज दिया था। नरीमन. उक्त फर्जी अभिलेख के आधार पर आरोपी न्यायाधीश आर.एफ. नरीमन ने स्वयं शिकायतकर्ता के खिलाफ अवमानना का संज्ञान लिया जहां उक्त न्यायाधीशों पर आरोप लगाया गया था। जब अवमानना का मुकदमा शुरू हुआ, तो प्रतिवादियों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश कार्यालय और सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के रिकॉर्ड सहित सभी सबूत पेश किए। इन अभिलेखों को आरोपी न्यायाधीशों द्वारा नष्ट/चोरी किया जाना पाया गया जो कि आईपीसी की धारा 409 के तहत अपराध है और आरोपी न्यायाधीशों को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। आरोपी न्यायाधीशों ने 27.04.2020 को शिकायतकर्ता के खिलाफ दोषसिद्धि और सजा का आदेश सुनाया।
उक्त दोषसिद्धि और सजा को राशिद खान पठान और अन्य द्वारा दायर रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है। प्रशांत भूषण के मामले में 14 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ ने दोषसिद्धि के उक्त फैसले को आंशिक रूप से खारिज कर दिया है। बड़ी पीठ ने विशेष रूप से देखा है कि पी.एन. मामले में निर्धारित नियम। डूडा का मामला सर्वोच्च न्यायालय के लिए बाध्यकारी है और केवल मुख्य न्यायाधीश ही पक्षों द्वारा भेजे गए पत्र पर स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना का संज्ञान ले सकते हैं। यदि उक्त नियम का पालन नहीं किया जाता है, तो अवमानना का दोष सिद्ध हो जाता है। इसी तरह का कानून बाल ठाकरे बनाम पिम्पलखुटे (2005) 1 एससीसी 254 और न्यायिक जवाबदेही और सुधार अभियान बनाम भारत संघ, (2018) 1 एससीसी 196 में दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त सजा पर रोक लगा दी और याचिकाओं को इसके साथ टैग किया गया है। वकील द्वारा दायर की गई रिट याचिका। प्रशांत भूषण डब्ल्यू.पी. (सी) नंबर 1037 ऑफ 2020। अन्य रिट याचिकाएं राशिद खान पठान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया हैं जिनका नंबर डब्ल्यूपी (सी) नंबर 1377 ऑफ 2020, एड. विजय कुर्ले बनाम भारत का सर्वोच्च न्यायालय महासचिव और अन्य के माध्यम से संख्या डब्ल्यूपी (सीआरआई) संख्या 243 2020 और सलाह। नीलेश ओझा बनाम भारत का सर्वोच्च न्यायालय, महासचिव और अन्य के माध्यम से, 2020 की संख्या डब्ल्यूपी (सीआरआई) संख्या 244।
इस बीच, दो एजेंटों को सेवानिवृत्त द्वारा भेजा गया। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता, न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन ने शिकायतकर्ता से उनके आवास पर संपर्क किया और रुपये की पेशकश की। पूरे मामले को निपटाने के लिए 400 करोड़ रु. सुप्रीम कोर्ट के भ्रष्ट जजों के एजेंटों के रैकेट को उजागर करने वाली एक और बातचीत हुई। शिकायतकर्ता के पास सभी साक्ष्य उपलब्ध हैं। शिकायतकर्ता ने तुरंत इसकी शिकायत सीबीआई और अन्य अधिकारियों से की। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर महाराष्ट्र पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने जांच शुरू कर दी है. शिकायतकर्ता को संबंधित सबूत पेश करने के लिए बुलाया गया था। शिकायतकर्ता ने सबूत दिए और पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया. आरोपी सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के खिलाफ खुलासा किया गया अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती है और आजीवन कारावास और रुपये की नकद राशि की पेशकश के साथ दंडनीय है। 400 करोड़. भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिए गए लिखित संचार से जालसाजी और सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड को नष्ट करने की बात प्रथम दृष्टया साबित होती है। इसलिए, विभिन्न भारतीय बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट वकील एसोसिएशन ने आरोपी न्यायाधीशों और सह-साजिशकर्ताओं वकील की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी। मिलिंद सत्ये, काइवान कल्याणीवाला और अन्य।
राष्ट्रीय समाचार
अनिल अंबानी पूछताछ के लिए ईडी के मुख्यालय नहीं पहुंचे, वर्चुअल पेशी की भी नहीं मिली अनुमति

नई दिल्ली, 14 नवंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस एडीएजी ग्रुप के चेयरमैन अनिल डी.अंबानी को किसी भी तरह की वर्चुअल पेशी की अनुमति नहीं दी है। यह जानकारी शुक्रवार को सूत्रों की ओर से दी गई।
अनिल डी.अंबानी को बैंक फ्रॉड मामले में दूसरे दौर की पूछताछ के लिए शुक्रवार (14 नवंबर) को ईडी के दिल्ली मुख्यालय में पेश होना था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। हालांकि, उन्होंने वर्चुअल पेशी का प्रस्ताव रखा है।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी को ईमेल के माध्यम से वर्चुअल रूप से पेश होने की उनकी इच्छा की जानकारी मिली थी, लेकिन ईडी ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी है।
अनिल डी. अंबानी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि वह सभी मामलों में ईडी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है और वे वर्चुअल माध्यम से पेश हो सकते हैं।
बयान में आगे कहा गया, “अनिल डी. अंबानी को ईडी की ओर से भेजा गया समन फेमा जांच से संबंधित है, न कि पीएमएलए के किसी मामले से इसका जुड़ाव है।”
बयान में आगे कहा गया,”अनिल डी. अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक लगभग पंद्रह वर्षों तक कंपनी में केवल एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया और कंपनी के डे-टू-डे मैनेजमेंट में कभी शामिल नहीं रहे।”
ईडी ने समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए अनिल अंबानी को 14 नवंबर को फिर से तलब किया था। अगस्त में ईडी मुख्यालय में कथित 17,000 करोड़ रुपए के ऋण धोखाधड़ी मामले में उनसे लगभग नौ घंटे तक कड़ी पूछताछ हुई थी।
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब ईडी ने सोमवार को नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 4,462.81 करोड़ रुपए मूल्य की 132 एकड़ से अधिक जमीन को धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
ईडी ने इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के बैंक धोखाधड़ी मामलों में 3,083 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 42 संपत्तियां जब्त की थीं।
राजनीति
बिहार चुनाव: एनडीए ने बढ़त बनाई, मोकामा से अनंत सिंह आगे, मंगल पांडेय पीछे

पटना, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए ने बढ़त बना रखी है।
शुरुआती रुझानों में चर्चित सीट मोकामा से जदयू के प्रत्याशी अनंत सिंह ने बढ़त बना ली है, जबकि सीवान से मंत्री मंगल पांडेय पीछे चल रहे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, शुरुआती रुझानों में एनडीए में शामिल भाजपा जहां 48 सीटों पर आगे बढ़ चुकी है, वहीं जदयू ने 47 सीटों पर बढ़त बना ली है।
लोजपा (रामविलास) 13 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने तीन सीटों पर बढ़त बनाई है। महागठबंधन की ओर से राजद 23 सीटों पर बढ़त बना चुकी है, जबकि कांग्रेस सात सीटों पर आगे चल रही है। एआईएमआईएम और वीआईपी ने भी एक सीट पर बढ़त बना ली है।
शुरुआती रुझानों में बेतिया से पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी आगे चल रही हैं, जबकि अलीनगर से मैथिली ठाकुर बढ़त बनाए हुए हैं। राघोपुर से तेजस्वी यादव और तारापुर से सम्राट चौधरी भी आगे चल रहे हैं। शुरुआती रुझानों में एनडीए आगे दिख रही है, हालांकि यह शुरुआती रुझान है।
243 रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और 243 मतगणना पर्यवेक्षकों की सहायता से, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और उनके अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 122 सीटों के लिए मतदान हुआ था, जिसके साथ ही 243 सीटों के लिए मतदान का कार्य समाप्त हो गया था। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 है।
प्रदेश में इस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच माना जा रहा है।
राजनीति
बिहार चुनाव : 243 सीटों के लिए काउंटिंग शुरू, एनडीए नेताओं ने कहा- जीत पक्की

पटना, 14 नवंबर: बिहार में वोटों की गिनती शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू होने के साथ ही सियासी तापमान तेज हो गया है। शुरुआती रुझानों में एनडीए बढ़त बनाए हुए है, जबकि राजद दूसरे स्थान पर दिखाई दे रहा है। इस बीच एनडीए खेमे में उत्साह और आत्मविश्वास दोनों लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
पटना से जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से कहा, “गिनती के पहले ही राउंड से यह साफ हो जाएगा कि एनडीए जबरदस्त जीत की ओर बढ़ रही है। एक बार फिर बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे और विपक्ष पूरी तरह परास्त होगा।”
इसी बीच भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने भी जीत का दावा किया। उन्होंने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि एनडीए 160 से ज्यादा सीटें लाएगी। हमें पूरा भरोसा है कि इस बार एनडीए के पक्ष में बंपर मतदान हुआ है। महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में वोट डालकर हमारी जीत को और मजबूत किया है।”
आगे उन्होंने यह भी जोड़ा कि ‘विकसित भारत के संकल्प की नींव विकसित बिहार ही रखेगा।’
इधर कटोरिया विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार पुरन लाल टुडू ने भी कार्यकर्ताओं के योगदान को सलाम करते हुए कहा, “हमारे समर्थकों ने पूरी निष्ठा और दिल से मेहनत की है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह योगदान पूरी तरह ईमानदार और सार्थक साबित होगा।”
पटना से भाजपा नेता संजीव चौरसिया ने भी सकारात्मक परिणामों की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, “हर तरह का नतीजा सकारात्मक, रचनात्मक और प्यार से भरा होगा।”
शुरुआती रुझान एनडीए को बढ़त देते दिख रहे हैं और एनडीए नेताओं के चेहरों पर साफ तौर पर आत्मविश्वास नजर आ रहा है। अब सबकी निगाहें अंतिम नतीजों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि बिहार की सत्ता की बागडोर एक बार फिर किसके हाथों में जाएगी।
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