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Tuesday,13-May-2025
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मौसम की मार से टमाटर की कीमतों में भारी उछाल

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जहां मानसून आने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं टमाटर की बढ़ती कीमतों ने लोगों को रुला दिया है। बता दें, कि देशभर में मौसम की मार से टमाटर की कीमतों में भारी उछाल आया है।

अचानक से कीमताें में आई तेजी से दिल्‍ली की आजादपुर मंडी सहित कई स्थानों पर टमाटर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बेचा जा रहा है।

टमाटर की बढ़ी कीमतों पर थोेक व्यापारियों का कहना है कि यह उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आई भारी वर्षा के कारण हुआ है। बारिश ने टमाटर की फसल को बर्बाद कर दिया है। जिससे कीमतों में भारी उछाल आया है।

आजादपुर मंडी में थोक व्यापारी महेश ने कहा कि इन बढ़ती कीमतों से लोगों को काफी परेशानी आ रही है। इसके लिए उन्‍हाेंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से सीमित आपूर्ति को जिम्मेदार ठहराया।

वहीं, पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में सब्जी विक्रेता श्याम लाल ने कहा कि कीमतों में वृद्धि के कारण बिक्री में काफी गिरावट आई है।

टमाटर अदरक और अन्य सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। हमें भी मंडियों से सीमित स्टॉक खरीदना पड़ता है, क्योंकि अब ग्राहक कम हैं। इसमें हमारा मुनाफा भी न के बराबर है।

एक खरीदार कुलदीप शर्मा ने कहा कि टमाटर जैसी आम तौर पर उपयोग की जाने वाली सब्जियों की कीमतों में अचानक वृद्धि से बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है।

वहीं एक अन्य खरीदार, राजेंद्र ने बताया कि वह अपने परिवार में कमाने वाले अकेले हैं, अन्य खर्चों को पूरा करने के अलावा, टमाटर की आसमान छूती कीमतों ने उन्‍हें आहत किया है।

टमाटर की बढ़ती कीमतों के साथ अन्‍य सब्जियाें के भाव भी बढ़े हैं।

करेला और परवल 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। तोरई और भिंडी बाजार में 45 से 50 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है। वहीं अदरक की कीमत अब 400 रुपये प्रति किलो है। इस बीच आलू 20 से 25 रुपये प्रति किलो के भाव पर उपलब्ध है।

राष्ट्रीय समाचार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की

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नई दिल्ली, 13 मई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को साउथ ब्लॉक में एक अहम बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद हैं। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंचकर जवानों से मुलाकात की है।

इससे पहले, 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बड़ी बैठक हुई थी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस, तीनों सेना के अध्यक्ष और अन्य कई अधिकारी भी मौजूद रहे थे।

11 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे थे।

यह बैठक पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनावपूर्ण शांति के बीच हुई थी, जहां फिलहाल संघर्ष विराम के उल्लंघन की कोई नई घटना सामने नहीं आई है।

दरअसल, शनिवार शाम को पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, लेकिन देर रात में शांति बनी रही। पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का पालन करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी।

सोमवार को भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) के बीच हॉटलाइन पर भी बात हुई। बातचीत में पाकिस्तान ने कहा कि वह सीमा पार से एक भी गोली नहीं चलाएगा। वार्ता में कहा गया है कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए।

डीजीएमओ ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा 9 और 10 मई की रात को किए गए हवाई हमलों को भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह विफल कर दिया। ये हमले हमारी एयर डिफेंस और वायुसेना के महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए थे, लेकिन हमारी पहले से तैयार बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली के सामने पाकिस्तान की सारी कोशिशें नाकाम रहीं।

इससे पहले, सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां कहीं भी आतंकवादी हमले होते हैं, उसके तार पाकिस्तान से जुड़ते हैं। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ एक नई लकीर खींच दी है जो आगे किसी भी आतंकवादी कार्रवाई के खिलाफ नए नॉर्मल की तरह काम करेगी।

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राष्ट्रीय समाचार

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंच बढ़ाया जवानों का हौसला

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जालंधर, 13 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर पहुंचकर एयरफोर्स अधिकारियों और बहादुर जवानों के साथ मुलाकात और बातचीत की। पीएम मोदी मंगलवार सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे।

पीएम मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें और जानकारी अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर भी शेयर की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “आज सुबह मैं एएफएस आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक लोगों के साथ रहना एक बहुत ही खास अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा, क्योंकि वे हमारे देश के लिए सब कुछ करते हैं।”

पीएम मोदी की वायुसेना के जवानों से बातचीत की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। फोटो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी सेना के जवानों का हौसला अफजाई करते हुए दिख रहे हैं। खास बात यह है कि एक फोटो में पीएम मोदी के पीछे भारतीय लड़ाकू विमान की तस्वीर भी नजर आ रही है, इसके ऊपर लिखा है- “क्यों दुश्मनों के पायलट ठीक से सो नहीं पाते?”

इससे पहले, पीएम मोदी ने सोमवार को रात 8 बजे ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख को स्पष्ट किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ में इस बात पर जोर दिया कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक नई लकीर खींची है। उन्होंने कहा कि आतंक की लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पहला पैमाना यह है कि भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्रवाई करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं।

दूसरा पैमाना यह है कि कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकवादी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा तीसरा पैमाना यह है कि हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान दुनिया ने पाकिस्तान का वह घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। सरकार प्रायोजित आतंकवाद का यह बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के मैदान में हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में ‘मेड इन इंडिया’ डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार राज्य भर में सभी 22 आरटीओ सीमा चौकियों को बंद करने जा रही है; जानिए क्यों

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महाराष्ट्र सरकार राज्य भर में सभी 22 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) सीमा चौकियों को बंद करने जा रही है। यह निर्णय केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप है और देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) के लागू होने के कारण लिया गया है, जिसके कारण कई पारंपरिक चौकियाँ अप्रचलित हो गई हैं।

परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी आवश्यक प्रशासनिक कार्य पूरे कर लिए गए हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक अनुकूल रिपोर्ट भेज दी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा अंतिम मंजूरी दिए जाने के बाद, चेकपोस्टों को हटाने का काम शुरू हो जाएगा।

सरनाईक ने जोर देकर कहा कि जीएसटी प्रणाली अब मजबूती से लागू हो गई है और डिजिटल ट्रैकिंग तकनीक में सुधार हुआ है, इसलिए मैनुअल बॉर्डर चेकिंग की जरूरत काफी कम हो गई है। इन चेकपोस्टों के बंद होने से यातायात की भीड़ कम होने, सड़क सुरक्षा में सुधार, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और महाराष्ट्र के भीतर व्यापार संचालन को सरल बनाने से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को लाभ मिलने की उम्मीद है।

मूल रूप से 1966 में स्थापित, इन चेकपोस्टों का उद्देश्य वाहनों की आवाजाही पर नज़र रखना, कानूनी अनुपालन लागू करना और सड़क कर एकत्र करना था। हालाँकि, वास्तविक समय की ट्रैकिंग, इलेक्ट्रॉनिक कर संग्रह और डिजिटल प्रवर्तन में प्रगति ने इन भौतिक संरचनाओं को निरर्थक बना दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम फडणवीस दोनों ने पहले पुरानी प्रणाली को समाप्त करने की वकालत की थी।

इस बदलाव में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) परियोजना को चलाने के लिए जिम्मेदार अडानी रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड को 505 करोड़ रुपये का मुआवजा देना शामिल है। इस भुगतान के बाद, सभी चेकपोस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सिस्टम परिवहन विभाग को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे।

मिडिया रिपोर्ट के अनुसार , परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार की अध्यक्षता वाली समीक्षा समिति ने इन मैनुअल चेकपोस्ट को हटाने के परिणामों का मूल्यांकन किया। समिति के निष्कर्षों ने सुझाव दिया कि डिजिटल विकल्प मालवाहक वाहनों की जांच को सहजता से संभाल सकते हैं, साथ ही देरी को कम कर सकते हैं, दक्षता बढ़ा सकते हैं और कदाचार की गुंजाइश को कम कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से विनियामक प्रवर्तन में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।

एक बार लागू होने के बाद, महाराष्ट्र उन 18 अन्य भारतीय राज्यों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने पहले ही प्रौद्योगिकी-संचालित, कागज़ रहित ढाँचों का उपयोग करके अपने परिवहन विनियमन प्रणालियों का आधुनिकीकरण कर लिया है। यह राज्य के भीतर शासन और रसद में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। अंतिम मंज़ूरी अब मुख्यमंत्री फडणवीस के पास है, जिनकी मंज़ूरी के साथ ही आधिकारिक तौर पर राज्य के सीमा चेकपोस्ट युग का अंत हो जाएगा।

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