राजनीति
पीएम ने तिरुवनंतपुरम से पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई

तिरुवनंतपुरम, 25 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन से केरल की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। राज्य को अपनी पहली वंदे भारत ट्रेन मिलने का उत्साह पिछले एक सप्ताह से हवा में है, जब यह बहुत धूमधाम से यहां पहुंची। उद्घाटन के तुरंत बाद ही ट्रेन को सिर्फ आमंत्रित लोगों के लिए चलाया जा रहा है. पहली व्यावसायिक सेवा बुधवार को कासरगोड से शुरू होगी और 7 घंटे 50 मिनट में यहां पहुंचेगी। यहां से कासरगोड के लिए पहली सेवा गुरुवार से शुरू होगी। जबकि नियमित वाणिज्यिक सेवा कोल्लम, कोट्टायम, त्रिशूर, शोरनूर, कोझिकोड और कन्नूर में रुकती है और कासरगोड में समाप्त होती है, मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाने वाली उद्घाटन विशेष ट्रेन अधिक स्टेशनों पर रुकेगी। सोमवार शाम कोच्चि पहुंचे पीएम मोदी आज सुबह तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन पहुंचे.
स्कूली बच्चों के एक समूह के साथ संक्षिप्त बातचीत के बाद, जिन्हें उद्घाटन दौड़ में यात्रा करने का अवसर दिया गया था, पीएम नीचे उतरे और ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। ट्रेन में 16 कोच हैं जिनमें से दो एग्जीक्यूटिव कोच हैं जिनमें 104 सीटें हैं। इसके उद्घाटन के दौरान, राज्य की राजधानी में नागरिक समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आए सभी लोगों को आमंत्रित किया गया था और इसमें धार्मिक नेता, व्यवसायी और टेक्नोक्रेट शामिल थे, जिन्हें सुबह से ही ट्रेन में बैठे देखा गया था। हरी झंडी दिखाने के दौरान मोदी के साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, स्थानीय सांसद-शशि थरूर सहित अन्य लोग मौजूद थे। 17 अप्रैल को कन्नूर तक पहला ट्रायल रन किया गया और उसके बाद कासरगोड को क्यों छोड़ा जा रहा है, इस पर हंगामा किया गया और जल्द ही कई भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने केंद्र से संपर्क किया और फिर इसे कासरगोड तक बढ़ाया गया और फिर रुकने का रोना आया। शोरनूर में जो प्रदान भी किया गया था।
लेकिन विजयन की अगुआई वाली राज्य सरकार को जो बात परेशान कर रही है वह यह है कि केंद्र ने वंदे भारत ट्रेन के लिए मंजूरी को एक शीर्ष रहस्य बना रखा है। इस महीने की शुरुआत में चेन्नई से राजधानी शहर के कोचुवेली स्टेशन तक ट्रेन शुरू होने तक किसी को कोई सुराग नहीं था। मीडिया द्वारा इसके आगमन पर भारी ध्यान देने के साथ, CPI(M) की साइबर टीम और उसके करीबी समर्थकों ने एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसमें कुछ राज्य मंत्री भी शामिल हुए हैं, जिसमें कहा गया है कि वंदे भारत मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के लिए कोई विकल्प नहीं है, जिसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। पालतू परियोजना के-रेल।
अभियान वंदे भारत और के-रेल की तुलनात्मक तालिका देता है और तालिका के-रेल के लागत कारक को छोड़कर सभी विवरण देती है जो कि दो लाख करोड़ रुपये के करीब है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है: पुलिस आयुक्त देवेन भारती

मुंबई: मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के संदर्भ में कड़े सुरक्षा इंतजाम करने का दावा किया है। मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती के नेतृत्व में संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त, 36 डीसीपी, 51 एसीपी, 2336 अधिकारी, 14430 जवानों सहित अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा पुलिस बलों में दंगा निरोधक दस्ता, आरपीएफ, एसआरपीएफ, त्वरित प्रतिक्रिया बल, डेल्टा कॉम्बैट, होमगार्ड और अन्य बल भी तैनात किए गए हैं। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने गणपति मंडलों पर विशेष व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। इसलिए पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे भीड़ के दौरान धैर्य और संयम दिखाएं, संदिग्ध और संदिग्ध लोगों पर नजर रखें और भीड़ के दौरान पुलिस का सहयोग करें
राजनीति
नया बिल संविधान की रक्षा के लिए, विपक्ष को डरने की जरूरत नहीं : श्रीकांत शिंदे

मुंबई, 25 अगस्त। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों को लेकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बिल संविधान की रक्षा के लिए लाया जा रहा है, न कि किसी को जेल में डालने के लिए।
उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि देश में कई बड़े नेता, यहां तक कि मुख्यमंत्री और मंत्री भी जेल गए। लेकिन, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। लोकतंत्र में जब किसी पर आरोप लगता है, तो जांच और विचार-विमर्श जरूरी होता है। इसी सोच के साथ सरकार यह नया बिल ला रही है, जो संविधान की रक्षा के लिए है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए है।
उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा, “अगर विपक्ष के नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया, तो उन्हें इस बिल से डरने की क्या जरूरत है? यह बिल लोकतंत्र और संविधान के हित में है। सरकार का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।”
दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए थे। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल थे।
लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
सीएसडीएस एनालिस्ट संजय कुमार को ‘सुप्रीम’ राहत, महाराष्ट्र वोटर डेटा मामले में एफआईआर पर रोक

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 25 अगस्त। ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज’ (सीएसडीएस) के एनालिस्ट संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर स्टे लगा दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित वोटर डेटा पर कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने को लेकर संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में संजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएसडीएस के एनालिस्ट संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगली सुनवाई तक पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार को राहत दी है।
इससे पहले, संजय कुमार ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए माफी भी मांगी थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, “महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं तहे दिल से माफी चाहता हूं। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई। पंक्ति में दिए गए आंकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। ट्वीट को अब हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”
आपको बताते चलें, संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का जिक्र करते हुए मतदाताओं की संख्या में भारी बदलाव होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि रामटेक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 38.45 फीसदी की कमी आई। वहीं, देवलाली में भी उन्होंने 36.82 फीसदी मतदाताओं की कमी का दावा किया था।
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