राजनीति
ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बनीज 8-11 मार्च तक भारत दौरे पर आएंगे
ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीस 8-11 मार्च तक भारत की राजकीय यात्रा पर भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) सौदे को बंद करने के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों को भी उन्नत करेंगे। “प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री, एंथनी अल्बनीस, 08-11 मार्च 2023 को भारत का राजकीय दौरा करेंगे। उनके साथ सीनेटर डॉन फैरेल, व्यापार और पर्यटन मंत्री और मेडेलीन भी होंगे। राजा, संसाधन और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया मंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों और एक उच्च-स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ,” विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति पढ़ें।
होली के दिन भारत आएंगे ऑस्ट्रेलियाई पीएम
प्रधानमंत्री के रूप में अल्बनीज की यह पहली भारत यात्रा होगी। वह होली के दिन 8 मार्च, 2023 को अहमदाबाद पहुंचेंगे और दिल्ली जाने से पहले 9 मार्च को मुंबई भी जाएंगे। “दिल्ली में, प्रधान मंत्री अल्बनीस का 10 मार्च, 2023 को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। प्रधान मंत्री मोदी और प्रधान मंत्री अल्बनीस भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा करने के लिए वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करेंगे। , आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के अलावा,” रिलीज को जोड़ा। अल्बनीज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे।
अल्बनीज की यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापक सामरिक साझेदारी को गति मिलने की उम्मीद है
भारत और ऑस्ट्रेलिया सामान्य मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आधार पर गर्म और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को जून 2020 में एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में उन्नत किया गया था, जिसे लगातार उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के माध्यम से मजबूत और गहरा किया गया है। प्रधान मंत्री अल्बनीस की यात्रा से व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गति मिलने की उम्मीद है, विज्ञप्ति में कहा गया है। दोनों पक्ष स्वच्छ ऊर्जा, तकनीक, डिजिटल व्यापार और खरीद जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) 29 दिसंबर, 2022 को लागू हुआ। समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया को उस दिन से लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य द्वारा) के लिए भारत को शून्य-शुल्क पहुंच की पेशकश करनी थी। समझौता लागू है।
दोनों देश एक दूसरे को अधिमान्य पहुंच प्रदान करेंगे
ऑस्ट्रेलिया द्वारा अपनी 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर तरजीही बाजार पहुंच से भारत को लाभ होगा, जिसमें भारत को निर्यात हित के सभी श्रम-गहन क्षेत्र शामिल हैं, जैसे रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, भोजन और कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चिकित्सा उपकरण और ऑटोमोबाइल।
दूसरी ओर, भारत अपनी टैरिफ लाइनों के 70 प्रतिशत से अधिक पर ऑस्ट्रेलिया को तरजीह देने की पेशकश करेगा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया को निर्यात ब्याज की लाइनें शामिल हैं, जो मुख्य रूप से कच्चे माल और कोयला, खनिज अयस्क और वाइन जैसे मध्यस्थ हैं। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने भी भारत के साथ रक्षा साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया था। “मैं इसे मजबूत करने के साथ-साथ सुरक्षा मुद्दों पर भी तत्पर हूं। ऑपरेशन मालाबार, निश्चित रूप से आने वाले समय में होगा, जिसकी हम मेजबानी कर रहे हैं। हमारे पास आज के बारे में बात करने के लिए बहुत कुछ है,” अल्बनीज ने कहा। मालाबार, जो एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था, अब क्वाड बलों की सैन्य अंतःक्रियाशीलता की आधारशिलाओं में से एक है। मालाबार अभ्यास भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान की नौसेनाओं के बीच एक नौसेना अभ्यास है। हाल के वर्षों में, ऑस्ट्रेलिया ने भी अभ्यास में भाग लिया है, जिसे ‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (QUAD)’ करार दिया गया है। अभ्यास हिंद महासागर में होता है। शामिल जटिलता और मिशन के आधार पर, अभ्यास 6 से 14 समुद्री दिनों तक कहीं भी रहता है।
आपदा
भारत की आर्थिक उन्नति देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती पर निर्भर : नीति आयोग के सीईओ

मुंबई, 29 अक्टूबर: नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत की आर्थिक उन्नति देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती पर निर्भर करती है, लेकिन क्रमिक परिवर्तन काफी नहीं होंगे।
नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब ने ‘रिइमेजनिंग मैन्युफैक्चरिंग : इंडियाज रोडमैप टू ग्लोबल लीडरशिप इन एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग’ रोडमैप की पेशकश रखी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि यह रोडमैप 2035 तक एक एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनने के लिए निर्णायक और समयबद्ध मार्ग निर्धारित करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह रोडमैप हमारे मैन्युफैक्चरिंग डीएनए में सटीकता, मजबूती और सस्टेनेबिलिटी के लिए फ्रंटियर टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करते हुए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी ‘मेड इन इंडिया’ पहचान का निर्माण करता है।”
इस अवसर पर मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर देश को तीव्र वृद्धि हासिल करनी है, तो यह सामान्य व्यवसाय से संभव नहीं है।
उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, “फ्रंटियर टेक विज्ञान और प्रौद्योगिकी का संगम है। इस संगम के मैन्युफैक्चरिंग में प्रवेश से ऑटोमेशन, दक्षता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।”
इस रोडमैप में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में मैन्युफैक्चरिंग का 25 प्रतिशत से अधिक योगदान, 10 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन और 2035 तक भारत को एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के टॉप तीन ग्लोबल हब में स्थान दिलाने की परिकल्पना की गई है, जो कि देश के 2047 तक विकसित बनने की यात्रा में मील का पत्थर हैं।
नीति आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रोडमैप में चेतावनी दी गई है कि अगर भारत उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्रमुख फ्रंटियर टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाता है तो देश अवसरों से चूक जाएगा, जिससे 2035 तक 270 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2047 तक एडिशनल मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हानि होने की संभावना है।
नीति फ्रंटियर टेक हब, विकसित भारत के लिए एक एक्शन टैंक है। यह एक्शन टैंक सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के 100 से अधिक विशेषज्ञों के सहयोग से 20 से अधिक प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी विकास और सामाजिक विकास के लिए 10-वर्षीय रोडमैप तैयार कर रहा है। यह हब 2047 तक एक समृद्ध, मजबूत और तकनीकी रूप से उन्नत भारत की नींव रख रहा है।
राजनीति
मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला भुगतेगा परिणाम : मोहन यादव

भोपाल, 29 अक्टूबर: मध्य प्रदेश के कटनी जिले में हुई भाजपा नेता की हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि जो कानून-व्यवस्था को चुनौती देगा, उसे उसके कृत्य का परिणाम अवश्य भुगतना पड़ेगा।
मंगलवार को कटनी जिले में भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष नीलेश रजक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
इस हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ”कटनी में दो पक्षों के बीच हुए विवाद में एक व्यक्ति की मृत्यु अत्यंत दुखद है। मैं दिवंगत आत्मा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं तथा शोक-संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”
सीएम मोहन यादव ने अपराधियों को चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। जो कानून-व्यवस्था को चुनौती देगा, उसे उसके कृत्य का परिणाम अवश्य भुगतना पड़ेगा। घटना की जानकारी मिलते ही मैंने संबंधित पुलिस अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस ने एक आरोपी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर गिरफ्तार किया है।
उन्होंने इस हत्याकांड के बाद दिए गए निर्देशों का हवाला देते हुए बताया कि हाल ही में जबलपुर में संभागीय बैठक में मैंने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अपराधी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।
प्रभारी मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को कटनी जाकर शोक-संतप्त परिवार से भेंट कर संवेदना व्यक्त करने के निर्देश दिए हैं।
कटनी जिले में भाजपा नेता नीलेश रजक की हत्या की बड़ी वजह छेड़छाड़ का विरोध करना बताया जा रहा है। हत्या के आरोपी कॉलेज और स्कूल जाने वाली बालिकाओं से छेड़छाड़ किया करते थे, जिसका नीलेश रजक ने विरोध किया था।
इतना ही नहीं, आरोपियों ने छेड़छाड़ और छात्राओं को परेशान करने का विरोध करने पर पुलिस अधिकारी के सामने जान से मारने की धमकी तक दी थी, उसके बाद भी पुलिस ने धमकी देने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी।
राजनीति
सतारा महिला डॉक्टर सुसाइड केस : नाना पटोले ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, सीबीआई जांच की मांग

मुंबई, 29 अक्टूबर: महाराष्ट्र के सतारा जिले में महिला डॉक्टर संपदा मुंडे की आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। इस मामले को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है। महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा विधायक नाना पटोले ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है।
पटोले ने अपने पत्र में कहा है कि यह घटना अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है। उन्होंने लिखा कि डॉ. संपदा मुंडे एक समर्पित और परोपकारी चिकित्सक थीं, जिन्होंने अपने पेशे के प्रति ईमानदारी और मानवता के साथ सेवा की। लेकिन, कार्यस्थल पर उन्हें मानसिक उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने यह दुखद कदम उठाया।
नाना पटोले ने अपने पत्र में यह भी बताया कि डॉक्टर की आत्महत्या के बाद परिवार और स्थानीय चिकित्सक संघों ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें कहा गया है कि उन्हें लंबे समय से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इस कारण अब पूरे राज्य के स्वास्थ्यकर्मियों में आक्रोश है। कई जगह डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पटोले ने अपने पत्र में आगे लिखा कि राज्य सरकार ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस मामले में उच्च पदस्थ अधिकारियों की संभावित संलिप्तता को देखते हुए राज्य स्तर की जांच पर्याप्त नहीं होगी। केवल एक स्वतंत्र और पारदर्शी जांच एजेंसी सीबीआई ही सच्चाई को सामने ला सकती है।
कांग्रेस विधायक ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच के आदेश दिए जाएं ताकि डॉ. संपदा मुंडे को न्याय मिल सके।
फिलहाल, राज्य पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब सीबीआई जांच की मांग ने इस प्रकरण को नया मोड़ दे दिया है।
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