अपराध
निक्की यादव केस में बड़ा ट्विस्ट! आरोपी साहिल के पिता 25 साल पहले हत्या के आरोप में जेल जा चुके हैं

निक्की यादव हत्याकांड की चल रही जांच में एक चौंकाने वाला मोड़ आया, जिसमें पुलिस को पता चला कि आरोपी साहिल गहलोत के पिता वीरेंद्र पहले से ही एक हत्यारा था। वीरेंद्र को 25 साल पहले हत्या के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। सूत्रों ने कहा कि मुकदमा कई वर्षों तक चला था और सिंह को अंततः एक अदालत ने दोषी ठहराया था। हालांकि, बाद में उन्होंने सजा के खिलाफ अपील की और उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें बरी कर दिया गया। वीरेंद्र के खिलाफ हत्या का मामला जून 1997 में दर्ज किया गया था और यह गांव में एक विवाद से संबंधित था। पुलिस ने मामले की और जानकारी मांगी है। सूत्रों ने कहा कि हत्या की सूचना मिलने के कुछ दिनों के भीतर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
निक्की की हत्या की साजिश रचने के आरोप में वीरेंद्र को चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया
वीरेंद्र उन पांच सह-आरोपियों में से एक था, जिन्हें शनिवार को क्राइम ब्रांच ने साजिश में अपने बेटे की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार 5 आरोपियों को पुलिस ने बीती रात कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 2 दिन की रिमांड पर दिया है। पुलिस ने उस आर्य समाज मंदिर के पुजारी से भी पूछताछ की जहां निक्की की शादी हुई थी। स्पेशल सीपी रविंदर यादव ने कहा, ‘मुख्य आरोपी साहिल गहलोत के अलावा दिल्ली पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। उसके पिता को भी साजिश में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।’ “साहिल के पिता वीरेंद्र सिंह को तब गिरफ्तार किया गया जब पुलिस ने पाया कि वह जानता था कि उसके बेटे ने कथित तौर पर निक्की की हत्या कर दी थी। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी साहिल गहलोत के दोस्त, चचेरे भाई और भाई सहित 4 अन्य को गिरफ्तार किया गया है।” ,” उसने जोड़ा। पुलिस ने रिमांड के दौरान साहिल और निक्की के मैरिज सर्टिफिकेट भी बरामद किए हैं। स्थानीय समाचार सूत्रों ने कहा कि साहिल के दोस्त और चचेरे भाई ने निक्की के शव को फ्रिज में छिपाने में उसकी मदद की।
निक्की यादव की हत्या के बारे में
दिल्ली पुलिस द्वारा मंगलवार को एक लड़की की हत्या करने और उसके शव को फ्रिज में रखने के आरोप में ढाबा मालिक साहिल गहलोत को गिरफ्तार करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी से श्रद्धा वाकर हत्याकांड जैसा ही एक अपराध सामने आया था। पीड़िता की पहचान निक्की यादव के रूप में हुई थी, जिसे गहलोत ने अपनी कार में गला घोंट कर मार डाला था, जिसके बाद वह उसके शव को उत्तम नगर के पास अपने गाँव ले गया और उसे अपने स्वामित्व वाले एक ढाबे में फ्रिज में रख दिया। फ्रीजर में लड़की का शव मिलने के बाद गहलोत को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, निक्की यादव की हत्या आरोपी की दूसरी महिला से शादी पर आपत्ति जताने के बाद की गई थी। आरोपी ने उसे मारने के लिए डेटा केबल का इस्तेमाल किया और बाद में उसके शरीर को फ्रीजर में रख दिया।
अपराध
महाराष्ट्र: उद्योगपति विश्वनाथ पनवेलकर के घर के बाहर फायरिंग, घटना सीसीटीवी में कैद

अंबरनाथ, 21 अप्रैल। महाराष्ट्र के अंबरनाथ में प्रसिद्ध उद्योगपति विश्वनाथ पनवेलकर के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की। घटना अंबरनाथ के हुतात्मा चौक के पास स्थित पनवेलकर के ‘सीताई सदन’ निवास स्थान पर आज दोपहर लगभग 2.30 बजे घटी। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार, दो अज्ञात हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और पनवेलकर के घर के गेट की दिशा में दो राउंड फायरिंग कर मौके से फरार हो गए। गनीमत रही कि इस हमले में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
पूरी घटना पनवेलकर के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फायरिंग की सूचना मिलने के बाद शिवाजीनगर थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की गहन जांच शुरू की।
पुलिस आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है और हमलावरों की पहचान में जुटी है। इस फायरिंग की वजह क्या थी और इसके पीछे कौन हो सकता है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं। गोलीबारी की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों में इस घटना के बाद से दहशत का माहौल है। पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
बता दें कि हाल ही के दिनों में नवी मुंबई के बेलापुर में बिल्डर सदरुद्दीन खान (50) पर चेंबूर के डायमंड गार्डन के पास फायरिंग हुई थी। शुरुआती जांच में बिल्डर पर फायरिंग की घटना के पीछे संपत्ति या निजी विवाद को कारण माना गया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोप है कि सदरुद्दीन खान लंबे समय से तेल चोरी के मामलों में शामिल रहा है। मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
हालांकि, पुलिस ने बिल्डर पर फायरिंग के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ था कि इस फायरिंग के पीछे का कारण संपत्ति विवाद था।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
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