राजनीति
जद (एस) सुप्रीमो देवेगौड़ा जनवरी से शुरू करेंगे चुनाव अभियान

जद (एस) सुप्रीमो व पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने गुरुवार को घोषणा की कि वह जनवरी 2023 से अपना चुनाव अभियान शुरू करेंगे। कर्नाटक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जद(एस) को सत्ता में लाने का संकल्प लेने वाले 89 वर्षीय वरिष्ठ नेता ने पार्टी कार्यकतार्ओं और नेताओं से आम जनता तक पहुंचने के लिए घर-घर जाकर अभियान तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी (उनके बेटे) और अन्य नेताओं ने पहले ही पूरे राज्य में पंचरत्न रथ यात्रा शुरू कर दी है। प्रत्येक पार्टी नेता के लिए हर गांव में जिम्मेदारी तय की गई है।
देवेगौड़ा ने कहा कि पार्टी के नेताओं, विधायकों और पूर्व विधायकों को भी जिम्मेदारियां दी गई हैं, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी द्वारा घोषित पहली सूची अभी अंतिम नहीं है।
उन्होंने कहा, हर दिन सूची की समीक्षा की जाएगी। रोजाना सर्वेक्षण किए जाते हैं। मतभेद रखने वाले नेता कुमारस्वामी के साथ बातचीत कर रहे हैं।
जेडी (एस), जिसे राष्ट्रीय दलों कांग्रेस और भाजपा के साथ तीसरी ताकत के रूप में जाना जाता है, अगले साल के विधानसभा चुनावों के बाद नई सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाह रही है। उसकी कोशिश 224 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 30 से 40 सीटें जीतकर किंगमेकर बनने की है।
राजनीति
देश में दलितों के खिलाफ अन्याय, अत्याचार और हिंसा का सिलसिला भयावह: प्रियंका गांधी

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर : कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने हरियाणा आईपीएस आत्महत्या मामले में भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जातीय प्रताड़ना से परेशान होकर हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या से पूरा देश स्तब्ध है। देश भर में दलितों के खिलाफ जिस तरह अन्याय, अत्याचार और हिंसा का सिलसिला चल रहा है, वह भयावह है।
उन्होंने कहा कि पहले रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, फिर मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब एक वरिष्ठ अधिकारी की आत्महत्या यह साबित करती है कि भाजपा राज दलितों के लिए अभिशाप बन गया है। चाहे कोई आम नागरिक हो या ऊंचे पद पर हो, अगर वह दलित समाज से है तो अन्याय और अमानवीयता उसका पीछा नहीं छोड़ते। जब ऊंचे ओहदे पर बैठे दलितों का यह हाल है तो सोचिए आम दलित समाज किन हालात में जी रहा होगा।
इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी हरियाणा आईपीएस सुसाइड मामले की निंदा की थी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि भाजपा का मनुवादी तंत्र इस देश के एससी, एसटी, ओबीसी और कमजोर वर्गों के लिए एक अभिशाप बन चुका है। हरियाणा के वरिष्ठ दलित आईपीएस अधिकारी, एडीजीपी, वाई. पूरन कुमार की मजबूरन आत्महत्या की खबर न केवल स्तब्ध करने वाली है, बल्कि सामाजिक अन्याय, अमानवीयता और संवेदनहीनता का भयावह प्रमाण है। परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।
उन्होंने आगे लिखा, “पिछले 11 वर्षों में इस देश में भाजपा ने मनुवादी मानसिकता इतनी गहरी कर दी है कि एडीजीपी रैंक के दलित अधिकारी को भी न्याय और सुनवाई नहीं मिलती है। जब सुप्रीम कोर्ट में सरेआम माननीय मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पर हमला हो सकता है और उसे भाजपा का इकोसिस्टम जातिवाद और धर्म का हवाला देकर डिफेंड कर सकता है, तो हमें ये समझ लेना चाहिए कि ‘सबका साथ’ का नारा एक भद्दा मजाक था।”
उन्होंने लिखा कि हजारों वर्षों से मनुवादी मानसिकता का शोषण करने की आदत इतनी जल्दी तो नहीं बदल सकती। तभी हरिओम वाल्मीकि जैसे निहत्थे दलित की मॉब लिंचिंग से नृशंस हत्या हो जाती है और प्रधानमंत्री मोदी निंदा के दो शब्द भी नहीं बोलते! यह सिर्फ कुछ व्यक्तियों की त्रासदी नहीं, यह उस भाजपा और संघ द्वारा पोषित अन्यायपूर्ण व्यवस्था का आईना है, जो दलित, आदिवासी, पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्गों के आत्मसम्मान को बार-बार कुचलती रही है। ये संविधान और लोकतंत्र के लिए घातक है।
अपराध
दिल्ली: मोती नगर में मालिक के 18.25 लाख रुपए लेकर भागा कर्मचारी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: दिल्ली के मोती नगर थाना क्षेत्र में मालिक के 18.25 लाख रुपए लेकर फरार हुए कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से 17.65 लाख कैश बरामद कर लिया है।
घटना 6 अक्टूबर को गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-1 निवासी अजय सतीजा ने मोती नगर थाने में शिकायत दर्ज की। उन्होंने बताया कि वे रामा रोड औद्योगिक क्षेत्र, मोती नगर में केमिकल सेंटर नामक कार्यालय चलाते हैं। उन्होंने 3 अक्टूबर को अपने कर्मचारी संदीप कुमार सिंह को 18.25 लाख रुपए देकर भाई के अशोक विहार स्थित घर भेजा था, लेकिन संदीप न तो वहां पहुंचा और न ही लौटा। साथ ही उसका मोबाइल भी बंद मिला।
संदीप पिछले 15 साल से उनके साथ काम कर रहा था और कैश जमा और संभालने का काम करता था। शिकायत के आधार पर मोती नगर थाने में मामला दर्ज हुआ और एएसआई दीपक सैनी ने जांच शुरू की।
इंस्पेक्टर वरुण दलाल के नेतृत्व में और एसीपी शिवम के पर्यवेक्षण में एएसआई दीपक सैनी, एएसआई राजेंद्र, एचसी पवन और एचसी राजेंद्र की एक टीम बनाई गई।
टीम ने संदीप (38) के गृहनगर फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश) और फिर दिल्ली के हर्ष विहार में स्थानीय पते के बारे में खुफिया जानकारी जुटाई। सूचना मिलते ही पुलिस ने गगन सिनेमा, हर्ष विहार के पास से संदीप को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में संदीप ने बताया कि उसने चोरी की रकम को घर पर काले बैग में छिपाया था। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने उसके घर से 17,65,500 कैश बरामद कर लिया।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जो सक्रियता दिखाई, उसकी वजह से केस जल्द सॉल्व हो गया।
पुलिस की त्वरित और पेशेवर कार्रवाई से न सिर्फ आरोपी पकड़ा गया, बल्कि चोरी की रकम का ज्यादातर हिस्सा भी वापस मिल गया। इस उपलब्धि के लिए पुलिस उपायुक्त पश्चिम जिला, दिल्ली शरद भास्कर ने टीम की तारीफ की है।
अपराध
मुंबई पुलिस ने दायर की जीशान सिद्दीकी और क्रिकेटर रिंकू सिंह को धमकी देने वाले आरोपी के खिलाफ चार्जशीट

मुंबई, 10 अक्टूबर: मुंबई क्राइम ब्रांच ने दिवंगत एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और क्रिकेटर रिंकू सिंह को धमकी देने वाले मामले में बड़ा खुलासा किया है।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में आरोपी मोहम्मद दिलशाद नौशाद को जुलाई में त्रिनिदाद और टोबैगो से प्रत्यर्पित किया गया है। नौशाद ने अंडरवर्ल्ड के नाम पर धमकी भरे ईमेल भेजे थे। क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने इस मामले में 90 पन्नों की चार्जशीट दायर की है, जिसमें 8 गवाहों के बयान शामिल हैं।
मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी के ईमेल की जांच के दौरान पता चला कि उसने ज़ीशान सिद्दीकी और रिंकू सिंह के अलावा एक बड़े विदेशी व्यापारी को भी धमकी दी थी। जांच में सामने आया कि नौशाद ने फरवरी 2025 में रिंकू सिंह को ईमेल भेजकर पहले आर्थिक मदद मांगी थी। जवाब न मिलने पर उसने अंडरवर्ल्ड के नाम का इस्तेमाल कर धमकी भरे ईमेल भेजे और करोड़ों रुपये की उगाही की मांग की।
रिंकू सिंह के दो इवेंट मैनेजरों के बयान अगस्त में दर्ज किए गए। एक मैनेजर ने बताया कि रिंकू के नाम पर कई ईमेल आते हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण नहीं होते। नौशाद का धमकी भरा ईमेल तब सामने आया जब पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
वहीं, ज़ीशान सिद्दीकी ने अप्रैल में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें 19 से 21 अप्रैल के बीच धमकी भरे ईमेल मिले। इनमें डी-कंपनी का नाम इस्तेमाल कर 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। ईमेल में लिखा था कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो उनका अंजाम उनके पिता बाबा सिद्दीकी जैसा होगा। आरोपी ने यह भी दावा किया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या से लॉरेंस बिश्नोई का कोई संबंध नहीं है, जिससे पुलिस जांच को गुमराह करने की कोशिश की गई।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इंटरपोल के जरिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया और आरोपी को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि नौशाद ने कई लोगों को निशाना बनाया था। क्राइम ब्रांच अब इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि अन्य संभावित पीड़ितों का पता लगाया जा सके।
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