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Friday,23-May-2025
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देवघर रोपवे हादसा : 6 महीने बाद भी कोई जांच रिपोर्ट नहीं, किसी पर नहीं हुआ कोई एक्शन

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 झारखंड के देवघर की त्रिकूट पहाड़ी पर इसी साल 10 अप्रैल को हुए रोपवे हादसे की दर्दनाक यादें अब भी लोगों के जेहन से उतरी नहीं हैं, लेकिन अब शायद ही किसी को फिक्र है कि हादसे की जांच के लिए सरकार ने जो हाईलेवल कमेटी बनाई थी उसकी रिपोर्ट कहां है? हकीकत यह है कि जिस कमेटी को दो महीने में जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौंपनी थी, उसने तकरीबन छह माह बाद भी यह टास्क पूरा नहीं किया है।

हादसों के तुरंत बाद तो सरकारें जबर्दस्त तेजी दिखाती हैं और उसके कुछ दिनों बाद किस तरह पूरा का पूरा सिस्टम बेफिक्री की चादर ओढ़कर सो जाता है, यह उसी का एक आदर्श उदाहरण है।

याद दिला दें कि झारखंड के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन केंद्र देवघर के त्रिकूट पर्वत पर बीते 10 अप्रैल की शाम लगभग 6 बजे रोपवे का एक तार टूट जाने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।

रोपवे की 24 में से 23 ट्रॉलियों पर सवार कुल 78 लोग पहाड़ी और खाई के बीच हवा में फंस गये थे। इनमें से 28 लोगों को उसी रोज सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि 48 लोग 36 से लेकर 45 घंटे तक बगैर कुछ खाए-पिए पहाड़ी और खाई के बीच हवा में लटके रह गए। वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी के लगातार 45 घंटे के जोखिम भरे ऑपरेशन के बाद हवा में लटके इन 48 में से 46 लोगों को बचा लिया गया था, जबकि रेस्क्यू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी।

एक व्यक्ति की मौत ट्रॉली गिरने से पहले ही हो गई थी। तब यह बात सामने आई थी कि रोपवे चलाने वाली कंपनी ने न तो मापदंडों के अनुसार इसका मेंटेनेंस किया था और न ही सेफ्टी ऑडिट में सामने आई खामियों को दूर करने की जरूरत समझी थी।

हादसे से तीन हफ्ते पहले ही एक सरकारी एजेंसी ने 1,770 मीटर लंबे इस रोपवे का सेफ्टी ऑडिट किया था और इसमें करीब 24 खामियां बताई थीं। इन्हें नजरअंदाज कर रोपवे का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा था।

हादसे के बाद झारखंड सरकार ने 19 अप्रैल को राज्य के वित्त सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया था। नोटिफिकेशन में कहा गया था कि कमेटी दो महीने में रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। आप हैरान हो सकते हैं, लेकिन सच यह है कि जिस कमेटी को दो महीने यानी 60 दिनों में रिपोर्ट देनी थी, वह पूरे 70 दिन बाद घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची।

अब बताया जा रहा है कि रोपवे के जिस शाफ्ट के टूटने से यह हादसा हुआ था, उसकी मेटालर्जिकल लैब से जांच रिपोर्ट आने में देर होने की वजह से कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाई है। इस प्रकरण में हैरान करने वाली बात यह भी है कि मेटालर्जिकल लैब की रिपोर्ट करीब एक माह पहले ही राज्य के पर्यटन विभाग को मिल चुकी है, लेकिन यह अब तक जांच कमेटी तक नहीं पहुंची है।

इसी हफ्ते जब गुजरात के मोरबी का हादसा सामने आया तो रोपवे हादसे की जांच कमेटी ने पर्यटन विभाग को पत्र लिखकर मेटालर्जिकल लैब की रिपोर्ट की मांग की है। अब कहा जा रहा है कि जल्द ही कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।

पिछले साले 27 मई को यास तूफान के दौरान रांची के पास कांची नदी पर हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल पर 13 करोड़ की लागत से बना पुल उद्घाटन के पहले ही बह गया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तब इसकी जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाने की घोषणा करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जांच कमेटी में पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख मुरारी भगत को अध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता जेपी सिंह सदस्य थे। कमेटी को पुल ढहने के कारणों की जांच कर एक माह में रिपोर्ट देने को कहा गया था। डेढ़ साल बाद भी न तो इस मामले की जांच रिपोर्ट का कोई अता-पता है और न ही किसी पर कोई कार्रवाई हो पाई है।

वर्ष 2017 में हजारीबाग के सदर प्रखंड के डंडई कलां में सेवाने नदी पर बना पुल मात्र चार साल में धंस गया था। यह पुल जब बना, तभी इसके घटिया निर्माण की शिकायत आई।

जांच में भी यह बात साबित हुई तो 2013 में विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता गोपाल राम रजक को सस्पेंड किया किया था। ठेकेदार को फिर से पुल का पिलर बनाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन पहली ही बारिश में पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

दरअसल झारखंड में घटिया निर्माण कार्य की वजह से बीते एक दशक में तीन दर्जन से भी ज्यादा पुल ध्वस्त हुए हैं, लेकिन किसी भी मामले में दोषियों को चिह्न्ति कर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई हुई हो, ऐसा कोई उदाहरण नहीं है। कुछ अधिकारी कुछ महीनों के लिए सस्पेंड जरूर हुए, लेकिन इससे ज्यादा बड़ी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मसलन, रांची के सोनाहातू में बलमाडीह के पास कांची नदी पर पुल धंसने, पलामू के चैनपुर में शाहपुर-गढ़वा मार्ग पर तहले नदी के ऊपर बने पुल के बह जाने, चैनपुर में ही कोयल नदी पर बने पुल के ध्वस्त होने, धनबाद के निरसा में पुसई नदी पर स्थित पुल के क्षतिग्रस्त होने जैसे कई हादसे हुए हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर आईवॉश का खेल चलता रहा।

राज्य में अब भी ऐसे कई पुल हैं, जो हर रोज खतरों को दावत दे रहे हैं। मसलन धनबाद में झारखंड और बंगाल को जोड़ने वाला चिरकुंडा-बराकर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके दो पिलर ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। चिरकुंडा की ओर से पुल के दूसरे पिलर के नीचे की मिट्टी व पत्थर हट चुके हैं, जबकि चौथे पिलर में दरार आ गई है। यह पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है।

अगर ऐसा हुआ तो जान-माल की भारी क्षति तो होगी ही, साथ ही झारखंड व बंगाल का संपर्क भी टूट जाएगा। इस पुल का निर्माण वर्ष 1925 में कुमारधुबी इंजीनियरिंग वर्कस लिमिटेड (केईडब्ल्यू) ने किया था। पुल पर लगे शिलापट्ट पर साफ लिखा है कि अधिकतम 10 टन भार लेकर कोई भी वाहन गुजर सकता है। मगर इस निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए हर रोज मालवाहक वाहन यहां से होकर गुजरते हैं।

इसी तरह हजारीबाग जिले में दारू और टाटीझरिया प्रखंड को आपस में जोड़ने वाली सेवाने नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त होकर एक तरफ धंसता जा रहा है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस पुल का निर्माण कुछ वर्ष पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ था और बेहद कम समय में यह पुल खतरनाक ढंग से क्षतिग्रस्त हो गया है। यह पुल धनबाद, गिरिडीह, गोमिया, बोकारो आदि को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर स्थित है।

बराकर नदी के बजरा घाट पर धनबाद-जामताड़ा को जोड़ने वाला पुल बालू के अवैध खनन के कारण खतरे में है। लातेहार जिला मुख्यालय में औरंगा नदी पुल भी नदी में बालू के अंधाधुंध खनन की वजह से खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। खूंटी जिले के तोरपा में गोविंदपुर-उरमी रोड में कारो नदी पर बना पुल बीते अगस्त महीने में क्षतिग्रस्त हो गया। पुल का एक हिस्सा नीचे झुक चुका है और यह किसी भी रोज बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

अपराध

अहमदाबाद से फरार हत्या के आरोपी को मुंबई पुलिस ने घाटकोपर से गिरफ्तार किया

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मुंबई: घाटकोपर के पंत नगर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने एक त्वरित और रणनीतिक कार्रवाई करते हुए गुरुवार को अहमदाबाद में अपनी पत्नी की हत्या के आरोपी एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। फरार चल रहे आरोपी को मुंबई के घाटकोपर के रमाबाई अंबेडकरनगर से ट्रैक करके पकड़ा गया।

यह मामला गुजरात के अहमदाबाद के नारोल पुलिस स्टेशन में दर्ज एक हत्या से जुड़ा है, जिसमें एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी पत्नी की हत्या कर दी और शहर से भाग गया। प्रारंभिक जांच के बाद, अहमदाबाद पुलिस ने मुंबई में उसके संभावित आंदोलनों का पता लगाया, जिससे शहर में अपने समकक्षों के साथ समन्वय स्थापित करने में मदद मिली।

मुंबई पुलिस द्वारा शेयर की गई एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में, अधिकारियों ने एक हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि की, जो अपनी पत्नी की कथित हत्या के बाद अहमदाबाद से भाग गया था। आरोपी को पंत नगर पुलिस स्टेशन की टीम ने घाटकोपर के रमाबाई नगर से पकड़ा। पोस्ट में गिरफ्तार व्यक्ति की एक तस्वीर भी शामिल थी।

अलर्ट मिलने पर पंत नगर पुलिस स्टेशन की डिटेक्शन टीम ने तेजी से तलाशी अभियान शुरू किया। तकनीकी खुफिया जानकारी और स्थानीय इनपुट के आधार पर टीम ने पूर्वी मुंबई के एक प्रसिद्ध शहरी इलाके रमाबाई नगर के घनी आबादी वाले इलाके में आरोपी के ठिकाने पर ध्यान केंद्रित किया।

आरोपी को कुछ ही घंटों में ढूंढ़कर गिरफ्तार कर लिया गया। सूत्रों ने बताया कि वह व्यक्ति रडार से दूर रह रहा था और बार-बार अपना ठिकाना बदलकर पहचान से बचने की कोशिश कर रहा था। गिरफ्तार आरोपी को आगे की कानूनी कार्यवाही और जांच के लिए अहमदाबाद से नारोल पुलिस को सौंप दिया गया है।

यह घटना कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच दक्षता और अंतर-शहर सहयोग को उजागर करती है, यह दर्शाती है कि कैसे समय पर सूचना साझा करने और त्वरित कार्रवाई से भगोड़ों को न्याय के कटघरे में लाया जा सकता है। पुलिस अपराध की पूरी परिस्थितियों को उजागर करने और यह पता लगाने के लिए जांच जारी रखे हुए है कि क्या उसके भागने में अन्य लोग शामिल थे।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

‘नफरत और कट्टरता की अमेरिका में कोई जगह नहीं’, इजरायली कर्मियों की हत्या पर बोले डोनाल्ड ट्रंप

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वाशिंगटन, 22 मई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात (अमेरिकी समयानुसार) वाशिंगटन में कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या किए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे यहूदी विरोधी कृत्य बताया है।

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, पीड़ित इजरायली दूतावास के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी हैं, जिनको अज्ञात हमलावर ने म्यूजियम से बाहर निकलते समय गोली मार दी।

अधिकारियों ने हत्या की पुष्टि की और इसे यहूदी-विरोधी भावना से प्रेरित अपराध मानकर एक बहु-एजेंसी जांच शुरू की।

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “डीसी में ये भयानक हत्याएं, जो स्पष्ट रूप से यहूदी-विरोधी हैं, इन्हें अब खत्म होना चाहिए। नफरत और कट्टरता का अमेरिका में कोई स्थान नहीं है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना। बहुत दुख की बात है कि ऐसी चीजें भी हो सकती हैं, भगवान आप सभी का भला करे।”

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी हत्याओं की निंदा की और कहा, “यह कायराना, यहूदी-विरोधी हिंसा का एक निंदनीय कृत्य था। कोई गलती न करें, हम जिम्मेदार लोगों का पता लगाएंगे और उन्हें न्याय के कटघरे में लाएंगे।”

इजरायल में अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने भी घटना पर गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने इसे “आतंक का भयानक कृत्य” बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी शूटिंग के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंची थीं।

संयुक्त राष्ट्र में इजरायली राजदूत डैनी डैनन ने इस घातक हमले को “यहूदी-विरोधी आतंकवाद का जघन्य कृत्य” करार दिया और कहा कि यहूदी समुदाय को नुकसान पहुंचाना खतरे के लाल निशान को पार करना है। उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा जताया और इजरायल की अपने नागरिकों व प्रतिनिधियों की वैश्विक स्तर पर रक्षा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने हत्याओं की निंदा की और कहा, “हमें स्थानीय और संघीय स्तर पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे शूटर को पकड़ लेंगे और अमेरिका में इजरायल के प्रतिनिधियों और यहूदी समुदायों की रक्षा करेंगे।”

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है और वे मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं।”

उन्होंने कहा, “मेरी टीम और मुझे आज रात कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर और हमारे वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास हुई शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। हम एमपीडी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। अभी के लिए, कृपया पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम जनता को अपडेट करते रहेंगे।”

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अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका में इजरायली दूतावास के दो कर्मियों की गोली मारकर हत्या, जांच शुरू

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वाशिंगटन, 22 मई। वाशिंगटन में यहूदी संग्रहालय के पास इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी ने इस घटना की पुष्टि की है।

होमलैंड सिक्योरिटी के मुताबिक, वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी को बुधवार रात (अमेरिकी समयानुसार) कैपिटल यहूदी संग्रहालय से बाहर निकलते समय एक अज्ञात हमलावर ने गोली मार दी।

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने बताया, “इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की आज रात वाशिंगटन डीसी में यहूदी संग्रहालय के पास बेरहमी से हत्या कर दी गई। हम जांच कर रहे हैं। कृपया पीड़ितों के परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम इस अमानवीय अपराधी को न्याय के कटघरे तक अवश्य लाएंगे।”

इस बीच, इजरायल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत डैनी डैनन ने इस हमले को “यहूदी-विरोधी आतंकवादी घटना” करार दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “यहूदी समुदाय को निशाना बनाना एक ‘लाल रेखा’ (खतरे के निशान ) को पार करना है। हमें विश्वास है कि अमेरिकी अधिकारी इस अपराध के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इजरायल अपने नागरिकों और प्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए दृढ़ता से काम करता रहेगा।”

वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने हत्याओं की निंदा की और कहा, “हमें स्थानीय और संघीय स्तर पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे शूटर को पकड़ लेंगे और अमेरिका में इजरायल के प्रतिनिधियों और यहूदी समुदायों की रक्षा करेंगे।”

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है और वे मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं।”

उन्होंने कहा, “मेरी टीम और मुझे आज रात कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर और हमारे वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास हुई शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। हम एमपीडी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। अभी के लिए, कृपया पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम जनता को अपडेट रखेंगे।”

अमेरिकी मीडिया आउटलेट फॉक्स 5 से बात करते हुए अमेरिकन ज्यूइश कमेटी (एजेसी) ने पुष्टि की है कि बुधवार शाम को कैपिटल यहूदी संग्रहालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

एजेसी ने एक बयान में कहा, “हम इस बात से स्तब्ध हैं कि आयोजन स्थल के बाहर हिंसा की एक अकल्पनीय घटना हुई। इस समय, जब हम पुलिस से यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ, हमारा ध्यान और हमारी संवेदनाएं केवल उन लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं, जो प्रभावित हुए हैं।”

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