अंतरराष्ट्रीय
न्यूजीलैंड पर शानदार जीत से इंग्लैंड की उम्मीदें कायम

प्लेयर ऑफ द मैच जोस बटलर की 73 रन की शानदार पारी और गेंदबाजों के सधे हुए प्रदर्शन से इंग्लैंड ने करो या मरो के सुपर 12 मुकाबले में न्यूजीलैंड को मंगलवार को 20 रन से हराकर टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को कायम रखा।
इंग्लैंड ने 20 ओवर में छह विकेट पर 179 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया और फिर शानदार गेंदबाजी करते हुए न्यूजीलैंड को छह विकेट पर 159 रन पर रोक दिया। जोस बटलर को 47 गेंदों में सात चौकों और दो छक्कों से सजी 73 रन की पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। एलेक्स हेल्स ने 40 गेंदों में 52 रन बनाये। लियाम लिविंगस्टोन ने 20 रनों का योगदान दिया।
न्यूजरलैंड की तरफ से ग्लेन फिलिप्स ने 62 और कप्तान केन विलियम्सन ने 40 रन बनाये। इंग्लैंड की तरफ से क्रिस वोक्स और सैम करेन ने दो-दो विकेट लिए।
इंग्लैेंड की इस जीत ने ग्रुप एक में सेमीफाइनल की दौड़ को और भी दिलचस्प कर दिया है। इंग्लैंड पांच मैचों में दूसरी जीत और पांच अंकों के साथ तालिका में दूसरे स्थान पर आ गया है जबकि न्यूजीलैंड चार मैचों में पहली हार और पांच अंकों के साथ शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के भी चार मैचों से पांच अंक हैं लेकिन नेट रन रेट के आधार पर वह तीसरे स्थान पर है। श्रीलंका चार मैचों में चार अंक लेकर चौथे स्थान पर हैं।
इस जीत से इंग्लैंड के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गयी है क्योंकि यह जीत बहुत आवश्यक थी। बटलर की कप्तानी पारी के बाद नई गेंद के साथ शुरूआती झटके देकर इंग्लैंड ने बढ़िया शुरूआत की। केन विलियमसन की धीमी और ग्लेन फिलिप्स की तूफानी पारी ने न्यूजीलैंड को मैच में बनाकर रखा था। हालांकि 16वें और 17वें ओवर में मार्क वुड और क्रिस वोक्स ने मैच की कहानी पलटकर रख दी। दो अंक मिले इंग्लैंड को और न्यूजीलैंड हार के बावजूद अब भी अंक तालिका के शीर्ष स्थान पर है। उनके नेट रन रेट को ठेस जरूर पहुंची है लेकिन अब भी वह प्लस 2.233 पर है।
प्लेयर ऑफ द मैच जॉस बटलर ने मैच के बाद कहा, “मैंने टॉस पर कहा था कि हमने अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था लेकिन हमारी टीम में कई खतरनाक खिलाड़ी हैं। आज हमने मैदान पर यह करके दिखाया। यह एक मुश्किल टूर्नामेंट है। मुझे पता है कि पिछले साल दक्षिण अफ्ऱीका चार मैच जीतने के बाद भी अंतिम चार में नहीं जा पाया था। इस टूर्नामेंट में आपको हमेशा सतर्क रहना होता है। यह पिच थोड़ी कठिन थी और एलेक्स हेल्स ने दूसरे छोर पर अच्छी पारी खेली। किसी दिन मैं इस स्थिति में रहूंगा और किसी दिन वह। साझेदारी में आपको ऐसा करना पड़ता है। व्यक्तिगत कीर्तिमान आगे चलकर अच्छे लगते हैं। हम हमेशा अपने बल्लेबाजी क्रम को लेकर लचीले रहेंगे। गेंद के साथ भी मैंने गेंदबाजों को हमेशा तैयार रहने को कहा है।
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने कहा, “इस जीत का पूरा श्रेय इंग्लैंड की टीम को जाता है। उन्होंने आज बहुत अच्छा खेला और हमारे ऊपर दबाव बनाए रखा। उन्होंने काफी अच्छा स्कोर खड़ा किया था जिसे हासिल करना इतना आसान नहीं था। हमने मैच को डीप ले जाने की कोशिश की लेकिन इंग्लैंड ने बेहद अच्छी गेंदबाजी की। वह (फिलिप्स) बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। पिछले मैच में उन्होंने अपने शतक से गेम को हमारे पक्ष में झुका दिया हालांकि आज भी बहुत हद तक उन्होंने ऐसा कर ही दिया था। बड़े टूर्नामेंट में अक्सर आप पर दबाव बनाया जाता है लेकिन हमें इस मुकाबले से सकारात्मक चीजें लेकर अगले मुकाबले की तरफ बढ़ना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका में इजरायली दूतावास के दो कर्मियों की गोली मारकर हत्या, जांच शुरू

वाशिंगटन, 22 मई। वाशिंगटन में यहूदी संग्रहालय के पास इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी ने इस घटना की पुष्टि की है।
होमलैंड सिक्योरिटी के मुताबिक, वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी को बुधवार रात (अमेरिकी समयानुसार) कैपिटल यहूदी संग्रहालय से बाहर निकलते समय एक अज्ञात हमलावर ने गोली मार दी।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने बताया, “इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की आज रात वाशिंगटन डीसी में यहूदी संग्रहालय के पास बेरहमी से हत्या कर दी गई। हम जांच कर रहे हैं। कृपया पीड़ितों के परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम इस अमानवीय अपराधी को न्याय के कटघरे तक अवश्य लाएंगे।”
इस बीच, इजरायल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत डैनी डैनन ने इस हमले को “यहूदी-विरोधी आतंकवादी घटना” करार दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “यहूदी समुदाय को निशाना बनाना एक ‘लाल रेखा’ (खतरे के निशान ) को पार करना है। हमें विश्वास है कि अमेरिकी अधिकारी इस अपराध के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इजरायल अपने नागरिकों और प्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए दृढ़ता से काम करता रहेगा।”
वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने हत्याओं की निंदा की और कहा, “हमें स्थानीय और संघीय स्तर पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे शूटर को पकड़ लेंगे और अमेरिका में इजरायल के प्रतिनिधियों और यहूदी समुदायों की रक्षा करेंगे।”
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है और वे मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मेरी टीम और मुझे आज रात कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर और हमारे वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास हुई शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। हम एमपीडी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। अभी के लिए, कृपया पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम जनता को अपडेट रखेंगे।”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट फॉक्स 5 से बात करते हुए अमेरिकन ज्यूइश कमेटी (एजेसी) ने पुष्टि की है कि बुधवार शाम को कैपिटल यहूदी संग्रहालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
एजेसी ने एक बयान में कहा, “हम इस बात से स्तब्ध हैं कि आयोजन स्थल के बाहर हिंसा की एक अकल्पनीय घटना हुई। इस समय, जब हम पुलिस से यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ, हमारा ध्यान और हमारी संवेदनाएं केवल उन लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं, जो प्रभावित हुए हैं।”
अंतरराष्ट्रीय
नेतन्याहू ने दोहराया गाजा पर पूर्ण कब्जे का इरादा, ट्रंप से मतभेद की खबरों को बताया बेबुनियाद

यरूशलम, 22 मई। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को गाजा पर पूरी तरह से कब्जा करने के अपने इरादे को दोहराया और युद्ध समाप्ति के लिए किसी भी प्रकार के समझौते की संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि “गाजा में 20 बंधक अब भी जीवित हैं, जबकि 38 अन्य के मारे जाने की आशंका है।”
पश्चिम यरूशलम स्थित अपने कार्यालय में बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेतन्याहू ने अपनी मंशा जाहिर की।
फिलिस्तीनी संगठन हमास ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वह युद्ध समाप्ति, गाजा से इजरायली सेना की वापसी और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में इजरायली बंदियों को एकमुश्त रिहा करने के लिए तैयार है।
नेतन्याहू ने इन शर्तों को खारिज कर दिया है। इसके बजाय उन्होंने फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के निरस्त्रीकरण की मांग की है और गाजा पर पूरी तरह से फिर से कब्जा करने पर जोर दिया है।
नेतन्याहू ने दावा किया कि एक बार ये लक्ष्य हासिल हो जाने के बाद, इजरायल तथाकथित ट्रंप योजना को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगा -जिसे व्यापक रूप से गाजा से फिलिस्तीनियों के पुनर्वास की रूपरेखा के रूप में देखा जाता है।
नेतन्याहू ने ट्रंप की खाड़ी यात्रा के बाद अमेरिकी प्रशासन के साथ मतभेद की अटकलों को भी खारिज कर दिया, जिसमें इजरायल को शामिल नहीं किया गया था।
ट्रंप की सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा ने कई बड़े व्यापारिक सौदे किए। इसे लेकर मीडिया में कई तरह की बातें उठीं। खासकर वाशिंगटन के सबसे करीबी सहयोगी इजरायल को शामिल न किए जाने को लेकर तमाम सवाल खड़े किए गए।
यह यात्रा ट्रंप के यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी बमबारी अभियान को समाप्त करने के निर्णय के बाद हुई।
नेतन्याहू, जिन्होंने पहले इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की थी, ने एक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि: ” मैं इजरायल के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं।'”
इजरायल पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच, ट्रंप ने गाजा में युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने और मानवीय सहायता सामग्री की राह बाधित न करने का आग्रह किया था।
कुछ दिनों पहले एक अलग बातचीत में, नेतन्याहू ने कहा था कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने उनसे कहा था: “हमारे बीच पड़ रही दरार को लेकर उठ रही सभी फर्जी खबरों पर ध्यान न दें’।
अंतरराष्ट्रीय
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सच्चाई बताने संजय झा के नेतृत्व में जापान पहुंचा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल

टोक्यो, 22 मई। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) सांसद संजय झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान पहुंचा है। यह दौरा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार के कदमों की जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा करने के उद्देश्य से किया गया है। संजय झा ने इस संबंध में जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की।
इसमें उन्होंने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान पहुंच चुका है। हमें यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आम लोगों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदम का हम समर्थन करते हैं।
जेडीयू सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर कहा कि इस ऑपरेशन से आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति साफ जाहिर होती है। जापान और भारत आतंकवाद के खिलाफ एक साथ हैं और हम शांति की पैरोकारी करते हैं।
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजदूत मोहन कुमार, भाजपा सांसद डॉ. हेमांग जोशी, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, भाजपा सांसद बृज लाल और भाजपा सांसद प्रदान बरुआ शामिल हैं।
यह वैश्विक अभियान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करेगा। जापान के बाद, सभी दक्षिण कोरिया (24 मई), सिंगापुर (27 मई), इंडोनेशिया (28 मई) और मलेशिया (31 मई) जाएंगे।
उनके आगमन पर, जापान में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज ने नेताओं का स्वागत किया, जिन्होंने जापानी नेतृत्व और नागरिक समाज के साथ जुड़ाव के लिए रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा बताई।
बता दें कि भारत ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान का आतंकी चेहरा बेनकाब करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। यह सभी प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में जाएंगे। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जेडीयू सांसद संजय झा कर रहे हैं, जो अब जापान पहुंच चुके हैं, जबकि दूसरे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं, जो अबु धाबी पहुंच चुके हैं।
विदेश मंत्रालय ने इसके लिए प्रतिनिधिमंडल को 150 पन्नों का डोजियर भी सौंपा है, जिसमें पाकिस्तान के काले कारनामों का पूरा लेखा-जोखा है।
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