अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप: रोहित शर्मा बोले, नीदरलैंड्स पर जीत भारत के लिए ‘लगभग परफेक्ट’

भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने टी20 विश्व कप के सुपर 12 मैच में नीदरलैंड पर 56 रन की बड़ी जीत के बाद खुशी जाहिर की। उन्होंने बल्लेबाजी में धीमी शुरूआत के बावजूद बुधवार को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर जीत को लगभग परफेक्ट कहा। उन्होंने कहा, “जब आपसे जीतने की उम्मीद की जाती है, तो दबाव बहुत अधिक होता है। यह हमारे लिए बिल्कुल सही मैच था। यह नहीं कहेंगे कि हम शुरूआत में परेशान थे, विकेट धीमी थी और हम शुरूआत में अपने शॉट नहीं खेल पा रहे थे।”
मैच के बाद रोहित ने कहा, “हां, हमने शुरूआत में थोड़ा धीमा खेला, लेकिन यह मेरे और विराट के बीच की बातचीत थी, हमें बड़े शॉट खेलने के लिए इंतजार करना पड़ा। हमारी गेंदबाजी अच्छी रही।”
रोहित (53), विराट कोहली (नाबाद 62) और सूर्यकुमार यादव (नाबाद 51) के अर्धशतकों ने भारत को 179/2 का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने में मदद की। जवाब में, गेंदबाजों ने नीदरलैंड को 123/9 तक सीमित करने के लिए शीर्ष श्रेणी का प्रदर्शन किया, जिससे भारत ग्रुप 2 अंक तालिका में शीर्ष पर चला गया।
रोहित ने कहा, “मैंने सोचा था कि यह एक करीबी जीत होगी। जिस तरह से उन्होंने सुपर 12 के लिए क्वालीफाई किया है, उसे देखते हुए, उन्हें श्रेय दिया जाता है। हालांकि हमने हमेशा देखा कि हम क्या बेहतर कर सकते हैं। ईमानदारी से कहूं, तो विपक्ष के बारे में परेशान नहीं हैं। यह एकदम सही जीत है।”
हालांकि रोहित ने 35 गेंदों में 53 रन बनाए, लेकिन एक खराब शुरूआत के बाद उन्होंने बल्ले से अपने प्रयासों से खुश नहीं होने की बात स्वीकार की।
उन्होंने कहा, “अपने अर्धशतक से बहुत खुश नहीं हूं, लेकिन रन बनाना महत्वपूर्ण है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि रन कैसे आए, क्योंकि रन बनाने से आत्मविश्वास मिलता है।”
रोहित ने कहा कि भारत अब रविवार को पर्थ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने अगले मैच में आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, “सौभाग्य से हमारे लिए, उस विशेष जीत (मेलबर्न में पाकिस्तान पर) पर काबू पाने के लिए हमारे पास कुछ दिन थे। जैसे ही मैच खत्म हुआ, हम सिडनी आए और फिर से संगठित हो गए। हमें अभी आगे बढ़ना है, और आने वाले मैच पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।”
नीदरलैंड के कप्तान स्कॉट एडवर्डस ने स्वीकार किया कि भारत के 179/2 के चुनौतीपूर्ण स्कोर के रूप में पीछा करना मुश्किल हो गया था।
उन्होंने कहा, “जिस तरह से उन दो बल्लेबाजों (सूर्यकुमार और कोहली) ने अंत में खेला और 180 तक ले गए, यह हमारे लिए मुश्किल होने वाला था। हमने काफी अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन अगर आपको विकेट नहीं मिलते हैं और उनके पास बल्लेबाजी क्रम है, तो उन्हें रोक पाना मुश्किल हो गया था।”
एडवर्डस ने 36, 426 प्रशसंकों के सामने खेलने के अनुभव का भी आनंद लिया। उन्होंने कहा कि यह एक शानदार अनुभव है।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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