राजनीति
ज्ञानवापी कार्बन डेटिंग मामले पर टला फैसला, केस की दोबारी होगी सुनवाई

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले फव्वारे जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है, उसकी कार्बन डेटिंग पर शुक्रवार को फैसला आने वाला था..लेकिन मुस्लिम पक्ष की आपत्ति के बाद अदालत ने फैसला टाल दिया..जानकारी के मुताबिक अब आपत्ति के बाद इस केस की दोबारा सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी..इसके बाद ही कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा..
हिंदू पक्ष के चार वादियों की तरफ से शिवलिंग के होने और उसकी उम्र का पता लगाए जाने को लेकर याचिका डाली गई थी। इस मामले पर सुनवाई हो चुकी थी और आज कोर्ट को अपना फैसला सुनाना था।
महाराष्ट्र
विशेष अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए इंडियन मुजाहिदीन के कार्यकर्ता को जमानत देने से इनकार किया

मुंबई: एक विशेष सत्र अदालत ने 2008 के गुजरात विस्फोटों के कथित मुख्य आरोपी और इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के आतंकवादी अफजल उस्मानी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि 2008 के अहमदाबाद श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में उसे पहले ही एक अदालत द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है।
उनकी ज़मानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा, “आरोपी की बेगुनाही की दलील स्वीकार्य नहीं है। इस मामले में आरोपी और सह-आरोपी के खिलाफ़ लगाए गए अपराध राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हैं। राष्ट्र और समाज पर उनका प्रभाव काफी महत्वपूर्ण है।”
उस्मानी ने अहमदाबाद सेंट्रल जेल से विशेष अदालत में जमानत की गुहार लगाई थी, जहां वह 15 साल से सलाखों के पीछे है। अभियोजन पक्ष ने उसकी याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उस्मानी ने अहमदाबाद और सूरत में बम लगाने और विस्फोट करने के लिए चोरी की गई चार कारों का इस्तेमाल करने से जुड़े गंभीर अपराध किए हैं। आवेदक/आरोपी ने खुद ही उस उद्देश्य के लिए कारें चुराई थीं और उन्हें अपने सह-आरोपी को मुहैया कराया था। वह स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का सक्रिय सहयोगी है।
दावा किया जाता है कि धमाकों के बाद कई जगहों पर कई ईमेल भेजे गए, जिसमें हमलों की जिम्मेदारी ली गई। मुंबई पुलिस ने आईएम की साजिश के सिलसिले में एक अलग मामला भी दर्ज किया था, जिसमें उस्मानी पर मामला दर्ज किया गया था।
हालांकि, उस्मानी ने खुद को निर्दोष बताते हुए दलील दी कि उन्हें दोहरे खतरे का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि सूरत और अहमदाबाद के मामले पूरी तरह से अलग-अलग तथ्यों पर आधारित थे। हालांकि सीरियल बम विस्फोट करने की आपराधिक साजिश एक ही हो सकती है, लेकिन अपराधों की तारीखें, समय और स्थान बिल्कुल अलग-अलग हैं।
अभिलेखों की समीक्षा करने के बाद, अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष के अनुसार, अभियुक्त और अन्य लोगों को विस्फोटक और समयबद्ध बम लगाने का प्रशिक्षण दिया गया था। अभियुक्तों में से एक की कपड़ा फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि उस्मानी ने अपराध की साजिश और उसे अंजाम देने में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे उसकी संलिप्तता की गंभीरता उजागर हुई। नतीजतन, अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
राजनीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर पृथ्वीराज चव्हाण के बाद उदित राज ने उठाए सवाल, ‘नाम’ पर जताई आपत्ति

नई दिल्ली, 8 मई। भारतीय सेना के शौर्य पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कहा कि सरकार इसका भावनात्मक लाभ ले रही है तो अब दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने अभियान के नाम पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जगह कोई और नाम दिया जाता।
गुरुवार को मिडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि सिंदूर एक खास धर्म से जुड़ा है, और अगर कोई दूसरा नाम चुना जाता तो बेहतर होता। हालांकि, यह बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया गया है।
सर्वदलीय बैठक पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि सरकार को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताना चाहिए। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ओर से उनकी संसद में कहा गया है कि उन्होंने तीन राफेल मार गिराए। मेरा मानना है कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि शहबाज शरीफ कितने झूठे हैं। वह कैसे दावा कर सकते हैं कि तीन राफेल मार गिराए गए। जहां तक सरकार और सर्वदलीय बैठकों में हुई चर्चाओं का सवाल है, हम उन विवरणों को साझा नहीं कर सकते।
पाकिस्तान के झूठे दावों पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि मैंने पाकिस्तान की संसद में देखा कि पीएम शहबाज शरीफ दावा कर रहे थे कि उन्होंने तीन राफेल मार गिराए हैं। यह बकवास है और वे इस तरह के झूठे दावे करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना कद बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा मानना है कि वे भारतीय सेना के हताहतों के बारे में भी झूठ बोल रहे हैं।
पुंछ हमले को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अभी सबक सिखाने की और जरूरत है क्योंकि वह सबक सीखने के बाद भी नापाक हरकत लगातार कर रहा है। पाकिस्तान ने पुंछ के गुरुद्वारे में फिर से गोलीबारी की, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। पाकिस्तान अभी सबक सीखा नहीं है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके के 9 जगहों पर गोलीबारी की। लेकिन, मुझे लगता है कि पाकिस्तान को अभी बड़ा सबक सिखाने की जरूरत है।
राष्ट्रीय समाचार
ऑपरेशन सिंदूर : शिवसेना ने पीएम मोदी को बताया योद्धा, लगाए पोस्टर

मुंबई , 8 मई। मुंबई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई जगहों पर शिवसेना ने भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए पोस्टर लगाए हैं। खास तौर पर यह पोस्टर दादर में लगाया गया है। इस पोस्टर में प्रधानमंत्री मोदी को एक योद्धा के रूप में दिखाया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पूरा देश एक स्वर में प्रधानमंत्री और भारतीय सेना की तारीफ कर रही है। विपक्ष ने भी इस अहम वक्त में भारतीय सेना और केंद्र सरकार के साथ खड़े रहने का वादा किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार की ओर से प्रेस ब्रीफिंग की गई। इसमें सैन्य अफसरों ने हवाई अटैक की जानकारी दी। एक क्लिप भी चलाई गई जिसमें अटैक से पहले और बाद की स्थिति दिखाई गई। थल सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, “पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ है।”
उन्होंने बताया कि इसमें भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। ये हमले नौ लक्षित स्थानों- मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल में किए गए।
वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार संसद के पुस्तकालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया, “सरकार ने 8 मई, 2025 को सुबह 11 बजे नई दिल्ली में संसद पुस्तकालय भवन, संसद परिसर में समिति कक्ष: जी-074 में सर्वदलीय नेताओं की बैठक बुलाई है।”
इससे पहले 7 मई को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन के लिए भारतीय सेना की बहादुरी की जमकर सराहना की। कैबिनेट मंत्रियों ने इस सफल अभियान के लिए पीएम मोदी को बधाई दी और उनके नेतृत्व में पूर्ण विश्वास जताया।
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