अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप दक्षिण अफ्रीका ने टीम का किया ऐलान, बावुमा की वापसी

दक्षिण अफ्रीका के सफेद गेंद के कप्तान और टेस्ट उपकप्तान तेम्बा बावुमा कोहनी की चोट के कारण इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला से बाहर हो गए थे, लेकिन वह आस्ट्रेलिया में आईसीसी टी20 विश्व कप में 15 सदस्यीय टीम का नेतृत्व करने के लिए वापसी करेंगे। 32 वर्षीय बावुमा को जून में भारत के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज के दौरान कोहनी में चोट लगी थी और वह टूर्नामेंट के लिए पूरी तरह से ठीक होने पर ध्यान दे रहे हैं।
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के अनुसार, इस महीने के अंत में होने वाली तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए टी20 विश्व कप से पहले 15 सदस्यीय टीम और तीन अतिरिक्त खिलाड़ी भी भारत का दौरा करेंगे।
मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान चोट के कारण रैसी वान डेर डुसेन टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। उन्हें सर्जरी की आवश्यकता होगी और उन्हें ठीक होने में कम से कम छह सप्ताह तक का समय लगने की उम्मीद है।
हाल ही में, इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में एक प्रभावशाली टूर्नामेंट के बाद 22 वर्षीय ट्रिस्टन स्टब्स को विश्व कप टीम में जगह दी गई है। अन्य उल्लेखनीय चयनों में रिली रोसौव और वेन पार्नेल शामिल हैं। ब्योर्न फोर्टुइन, मार्को जेनसन और एंडिले फेहलुकवेओ तीन अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में जुड़ेंगे।
सभी 18 खिलाड़ी भारत के खिलाफ 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक टी20 श्रृंखला में खेलने के लिए उपलब्ध होंगे, जबकि तीन वनडे मैचों की श्रृंखला के लिए 15-सदस्यीय टीम का नाम दिया गया है।
टीम 23 सितंबर को भारत के लिए रवाना होगी।
दक्षिण अफ्रीका टीम (टी20 विश्व कप आस्ट्रेलिया 2022 और भारत के खिलाफ टी20 सीरीज)
तेम्बा बावुमा (कप्तान), क्विंटन डी कॉक, रीजा हेंड्रिक्स, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, एडेन मार्करम, डेविड मिलर, लुंगी एनगिडी, एनरिक नॉर्टजे, वेन पार्नेल, ड्वेन प्रिटोरियस, कगिसो रबाडा, रिली रोसौव, तबरेज शम्सी और ट्रिस्टन स्टब्स।
अतिरिक्त: ब्योर्न फोर्टुइन, मार्को जेनसन, और एंडिले फेहलुकवेओ।
भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका वनडे टीम:
तेम्बा बावुमा (कप्तान), क्विंटन डी कॉक, रीजा हेंड्रिक्स, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, जेनमैन मलान, एडेन मार्करम, डेविड मिलर, लुंगी एनगिडी, एनरिक नॉर्टजे, वेन पार्नेल, एंडिले फेहलुकवेओ, ड्वेन प्रिटोरियस और कगिसो रबाडा।
अंतरराष्ट्रीय
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून मुकदमे की छठी सुनवाई में रहे मौजूद

सोल, 9 जून। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक येओल सोमवार को अपने खिलाफ चल रहे विद्रोह के मुकदमे की छठी सुनवाई में शामिल हुए। 3 जून को राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम के बाद यून पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए।
समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक येओल सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में प्रवेश करते समय पत्रकारों के बीच से होकर गुजरे। इस दौरान उनसे चुनाव या नेशनल असेंबली के उन्हें और उनकी पत्नी किम किऑन ही को निशाना बनाकर विशेष वकील विधेयक पारित करने के बारे में सवाल पूछे गए। लेकिन, बिना किसी सवाल का जवाब दिए वे आगे बढ़ गए।
पूर्व राष्ट्रपति यून पर उनके शासनकाल के दौरान विद्रोह का नेतृत्व करने और दिसंबर में मार्शल लॉ लगाकर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप है। इसके बाद महाभियोग चलाकर उन्हें पद से हटा दिया गया था।
6 महीने पहले यानी 3 दिसंबर 2024 को जब दक्षिण कोरिया में छह घंटे के लिए मार्शल लॉ लगाया गया था।
यून को हटाए जाने के बाद दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव हुए। इसमें ली जे-म्यांग ने जीत हासिल की और पद की शपथ ली।
प्रथम एयरबोर्न स्पेशल फोर्स ब्रिगेड के पूर्व प्रमुख ली सांग-ह्यून को लगातार दूसरी सुनवाई के लिए गवाह के रूप में बुलाया गया है।
पिछले सत्र के दौरान ली सांग-ह्यून ने मार्शल लॉ लागू होने के दिन हुई सुनवाई के दौरान गवाही दी थी।
उन्होंने कहा कि यून ने सेना के विशेष युद्ध कमान के प्रमुख को सांसदों को नेशनल असेंबली भवन से बाहर निकाल देने का आदेश दिया था।
ह्यून ने कहा था कि यून ने अपने आदेश का पालन कराने के लिए असेंबली का दरवाजा तोड़ने तक का आदेश दिया था।
अगर यून सूक येओल को विद्रोह भड़काने का दोषी पाया जाता है तो उन्हें अधिकतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशियाई नेताओं से आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट किया

कुआलालंपुर, 3 जून। जनता दल यूनाइटेड के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को पेश करते हुए कुआलालंपुर में प्रमुख मलेशियाई राजनीतिक नेताओं से बातचीत की।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक प्रेस बयान में कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया के प्रमुख राजनीतिक दलों और थिंक टैंक के प्रतिनिधियों से उच्च स्तरीय बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के हर रूप और उसके किसी भी तरीके के खिलाफ भारत की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट रूप से सामने रखा।
प्रेस बयान में कहा गया कि इस यात्रा से यह स्पष्ट हुआ कि आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्त और उचित कदम उठाने को लेकर भारत में एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति है।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने अपने प्रेस बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए मलेशिया जैसे रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर काम करने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृज लाल, हेमांग जोशी और प्रदान बरुआ, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य जॉन बरिटास, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं।
जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया की यात्रा पूरी करने के बाद प्रतिनिधिमंडल अपने दौरे के अंतिम चरण में मलेशिया पहुंचा है। वहां वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के महत्व और पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लगातार चल रही लड़ाई पर प्रकाश डालेगा।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने अपने बयान में कहा कि पीपुल्स जस्टिस पार्टी (केदिलन राक्यत) के नेता सिम त्से त्सिन के साथ हुई बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के मजबूत रुख को उजागर किया और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता को दोहराया।
पीकेआर प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा साझा की गई विस्तृत जानकारी की सराहना की।
प्रतिनिधिमंडल के नेता संजय कुमार झा ने इस दौरान मलेशिया की राष्ट्रीय एकता मामलों की उप मंत्री सरस्वती कंडासामी से भी मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय (कानून और संस्थागत सुधार) में उप मंत्री एम. कुला सेगरन के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी (डीएपी) के साथ सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत की।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका का दावा, इजरायल ने गाजा में अस्थायी युद्धविराम प्रस्ताव स्वीकार किया

वाशिंगटन, 30 मई। व्हाइट हाउस ने कहा कि इजरायल ने 60 दिन के गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिया है। इस बीच, इजरायली सेना की ओर से युद्ध ग्रस्त क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई जारी है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि मध्य पूर्व के लिए अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने “हमास को युद्ध विराम का प्रस्ताव सौंपा, जिसका इजरायल ने समर्थन किया।”
लेविट ने कहा, “इजरायल ने हमास को भेजे जाने से पहले ही इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए थे। मैं यह भी पुष्टि कर सकता हूं कि ये चर्चाएं जारी हैं, और हमें उम्मीद है कि गाजा में युद्ध विराम हो जाएगा ताकि हम सभी बंधकों को वापस उनके घर भेज सकें।”
उन्होंने कहा, “मैं इस पर और कोई टिप्पणी नहीं करूंगी, क्योंकि हम अभी इसी दौर से गुजर रहे हैं।”
मिडिया ने न्यूज के हवाले से बताया कि एक इजरायली अधिकारी और मामले से परिचित एक अमेरिकी सूत्र ने पुष्टि की है कि प्रस्तावित समझौते में न केवल 60 दिन का युद्धविराम शामिल है, बल्कि 10 जीवित बंधकों और 18 मृत बंधकों के अवशेषों को सौंपने की योजना भी शामिल है।
हमास ने गुरुवार को कहा कि उसके नेतृत्व को मध्यस्थों के माध्यम से विटकॉफ से गाजा में नए युद्धविराम का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है और वे उसका अध्ययन कर रहे हैं।
हमास ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, “हमास नेतृत्व को मध्यस्थों से विटकॉफ का नया प्रस्ताव प्राप्त हुआ है और हम जिम्मेदारी से इसका अध्ययन कर रहे हैं, जिससे हमारे लोगों के हितों की पूर्ति हो, राहत मिले और गाजा पट्टी में स्थायी युद्ध विराम हो सके।”
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