महाराष्ट्र
संसद की विशेषाधिकार समिति के सामने आज पेश होंगी नवनीत राणा

महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा आज लोकसभा की संसदीय विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर गिरफ्तारी और जेल में रहने के दौरान अपने साथ किए गए दुर्व्यवहार को लेकर अपना पक्ष रखेंगी। दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर हनुमान चालीसा पढ़ने के विवाद पर नवनीत राणा और उनके पति महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद रवि राणा को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए नवनीत राणा ने पुलिस पर यह आरोप लगाया कि उनकी जाति की वजह से उन्हें बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर कई तरह के आरोप लगाए थे। अदालत द्वारा जमानत पर रिहा करने के बाद नवनीत राणा ने दिल्ली आकर 9 मई को लोक सभा अध्यक्ष से मुलाकात कर उन्हें व्यक्तिगत तौर पर भी सारे मामले की जानकारी दी।
लोक सभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद आईएएनएस से बात करते हुए नवनीत राणा ने कहा था कि उन्होंने थाने और जेल में अपने साथ किए गए दुर्व्यवहार और अत्याचार की जानकारी देते हुए स्पीकर साहब से कार्रवाई की मांग की है।
इन्ही शिकायतों के मद्देनजर नवनीत राणा आज लोकसभा की संसदीय विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखेंगी। आपको बता दें कि, झारखंड से भाजपा सांसद सुनील कुमार सिंह, इस 15 सदस्यीय विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद इस समिति के सदस्य हैं, हालांकि फिलहाल समिति में एक स्थान खाली है।
महाराष्ट्र
सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद 17 साल बाद नागपुर जेल से बाहर आए अरुण गवली

नागपुर, 3 सितंबर 2025: गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद बुधवार दोपहर नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। गवली ने 2007 में शिवसेना कॉरपोरेटर कमलाकर जामसंदेकर की हत्या के मामले में 17 साल से अधिक समय जेल में बिताया था।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह माना कि गवली अब 76 वर्ष के हो चुके हैं और 17 साल से अधिक समय से जेल में हैं, जबकि उनकी अपील अभी तक लंबित है। इस आधार पर अदालत ने उन्हें ज़मानत दी, हालांकि शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा।
गवली को 2012 में मकोका के तहत दोषी ठहराया गया था और उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी। 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इस सज़ा को बरकरार रखा। कई बार ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने लम्बे कारावास और बढ़ती उम्र को देखते हुए राहत दी है।
नागपुर जेल से उनकी रिहाई के समय परिवार और समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई थी।
अरुण गवली ने 80 और 90 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड में अपना दबदबा बनाया और बाद में राजनीति में आकर अखिल भारतीय सेना की स्थापना की। वे 2004 से 2009 तक चिंचपोकली से विधायक भी रहे। जेल में रहते हुए भी वे चर्चा में बने रहे, खासकर 2018 में जब उन्होंने गांधी दर्शन की परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त किए।
हालांकि उन्हें ज़मानत मिल गई है, लेकिन मुकदमे की सुनवाई अभी बाकी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपील की अंतिम सुनवाई फरवरी 2026 के लिए निर्धारित की है।
महाराष्ट्र
मुंबई: मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच 4 दिन के निलंबन के बाद बेस्ट ने सीएसएमटी से बस सेवाएं फिर से शुरू कीं

मुंबई: मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण चार दिन तक सेवाएं निलंबित रहने के बाद बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम ने मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से बस परिचालन फिर से शुरू कर दिया।
सेवाओं के पुनः शुरू होने से कार्यालय जाने वाले लोगों को बहुत राहत मिली, जिन्हें नरीमन प्वाइंट, बैकबे और कोलाबा जैसे क्षेत्रों में कार्यस्थलों तक पैदल जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने पिछले कुछ दिनों से सीएसएमटी के आसपास प्रमुख जंक्शनों को अवरुद्ध कर रखा था।
कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में हजारों मराठा प्रदर्शनकारियों के शहर में आने के बाद सीएसएमटी और दक्षिण मुंबई के कई हिस्सों से बस सेवाएं बाधित हो गईं।
एक अधिकारी ने कहा, “बेस्ट ने सीएसएमटी के बाहर भाटिया बाग से बस सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं। रूट 138 और 115 अब चालू हैं।” उन्होंने कहा कि क्षेत्र में परिचालन अभी भी आंशिक रूप से प्रभावित है।
पुलिस द्वारा डीएन रोड, महापालिका मार्ग और हजारीमल सोमानी मार्ग को बंद कर दिए जाने के कारण बसों को महात्मा फुले मार्केट, एलटी मार्ग और मेट्रो जंक्शन होते हुए हुतात्मा चौक की ओर मोड़ दिया गया है।
हालाँकि, आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन के कारण कई बस मार्गों को डायवर्ट किया गया है, निलंबित किया गया है, या उनकी संख्या कम कर दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि यातायात पुलिस ने जेजे फ्लाईओवर और हुतात्मा चौक के बीच डीएन रोड की दोनों लेन खोल दी हैं, हालांकि सीएसएमटी के बाहर चौक का एक हिस्सा प्रदर्शनकारियों और उनके वाहनों द्वारा अवरुद्ध है।
महाराष्ट्र
मराठा आरक्षण आंदोलन: सरकार ने जारी करने का दिया आश्वासन, आज़ाद मैदान में डटे रहे मनोज जरांगे पाटिल

मुंबई: मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर आज़ाद मैदान में चल रहे मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व वाले आंदोलन में आज अहम मोड़ आया। राज्य मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि सरकार हैदराबाद गजट लागू करने के लिए एक सरकारी आदेश (जीआर) जारी करेगी। इसके तहत मराठवाड़ा के मराठाओं को कुंभी का दर्जा दिया जाएगा, जिससे उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह जीआर एक घंटे के भीतर जारी किया जाएगा। यह आश्वासन बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा आंदोलनकारियों को सरकार की उपसमिति से वार्ता करने के लिए मिली राहत के बाद आया है।
इस बीच, मराठा नेताओं ने आज़ाद मैदान में मौजूद प्रदर्शनकारियों से अपील की कि करीब 5,000 लोग वहीं बने रहें और बाकी लोग हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार नवी मुंबई के लिए रवाना हों।
इससे पहले, पाटिल ने ऐलान किया था कि वह पुलिस नोटिस के बावजूद आज़ाद मैदान खाली नहीं करेंगे, “चाहे जान चली जाए।” पुलिस ने नोटिस में अदालत के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि आंदोलन निर्धारित शर्तों का उल्लंघन कर रहा है। इसके बाद पुलिस ने सीएसएमटी रेलवे स्टेशन पर जमा प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू किया। बड़ी संख्या में पुलिस बल बीएमसी मुख्यालय और किला कोर्ट इलाके में भी तैनात किया गया, जहां अधिकारियों ने लोगों से सड़कों और फुटपाथों को खाली करने की अपील की।
सरकार की ओर से आधिकारिक जीआर जारी होने का इंतजार है, वहीं प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने और मराठा समाज की मांगों के बीच संतुलन साधने में जुटा है।
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