अपराध
ट्रेन में मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए RPF और AVA ने किया समझौता

मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल ने रेलवे को एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के साथ एक समझौता किया है जिसके अनुसार दोनों संगठन अब मिलकर काम करेंगे। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने तस्करी मुक्त राष्ट्र के लिए एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (एवीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। दरअसल भारतीय रेल देश के लिए प्राथमिक ट्रांसपोर्टर है और इसलिए मानव तस्करों के लिए परिवहन का एक प्रमुख मार्ग है। रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में तैनात आरपीएफ कर्मियों को पीड़ित के गंतव्य तक पहुंचने और शोषण शुरू होने से पहले तस्करी को रोकने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात किया जाता है।
इसके मद्देनजर देश को तस्करी मुक्त बनाने के एक साझा लक्ष्य के साथ मिलकर काम करने की ²ष्टि से, आरपीएफ डीजी संजय चंदर ने इस संबंध में कैलाश सत्यार्थी की उपस्थिति में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) की सीईओ रजनी सिब्बल के साथ बीते माह अप्रैल में विस्तृत विचार-विमर्श शुरू किया था। जिसके बाद शुक्रवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ विचार-विमर्श को आगे बढ़ाया गया है, जिसमें आरपीएफ और एवीए (बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है) दोनों ने सूचना साझा करने, मानव तस्करी के खिलाफ काम करने के लिए आरपीएफ कर्मियों और रेलवे कर्मचारियों की क्षमता बनाने, संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
मानव तस्करी के मामलों की जागरूकता पैदा करने और पहचान व पता लगाने में दोनों संगठन एक दूसरे की मदद करेंगे। रेलवे के अनुसार समझौता के तहत दोनों संगठनो की एक संयुक्त कार्रवाई निश्चित रूप से देश भर में आरपीएफ द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन एएएचटी (मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई) के पैमाने, पहुंच और प्रभावशीलता को बढ़ाएगी।
रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत 2018 से अब तक 50,000 से अधिक बच्चों को बचाया गया है। आरपीएफ ने देशभर में 740 से अधिक स्थानों पर मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) की स्थापना की है, इस क्षेत्र में अन्य एजेंसियों के समन्वय में मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
वहीं स्वैच्छिक कार्रवाई संघ, जिसे बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के रूप में भी जाना जाता है, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 1980 में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में हुई। ये संगठन कमजोर और शोषित बच्चों को मुक्त और पुनर्वास करता है और अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाने में मदद करता है।
ये साझेदारी तीन महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित है: प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, संवेदीकरण और जागरूकता अभियान और छापे और बचाव सहायता।
संयुक्त बयान के अनुसार, बीबीए विभिन्न स्टेशनों पर काम कर रहे 750 मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) और अन्य रेलवे कर्मचारियों के लिए आरपीएफ कर्मियों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
यात्रियों को संवेदनशील बनाने और सूचित करने और अपराधियों के बीच प्रतिरोध पैदा करने के लिए, बीबीए ऑडियो-विजुअल सामग्री भी प्रदान करेगा, जिसे वीडियो क्लिप के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है या ट्रेनों या रेलवे स्टेशनों पर ध्वनि संदेशों के रूप में घोषित किया जा सकता है।
इसमें छापे और बचाव साझेदारी में संभावित पीड़ितों की पहचान करने के लिए रेलवे कर्मियों को प्रशिक्षण देना शामिल है। बयान में कहा गया है कि बीबीए और उसके सहयोगी, साइबर सेल, राज्य पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सूचना पर आरपीएफ तुरंत कार्रवाई करेगा।
इस मसले पर बचपन बचाओ आंदोलन की सीईओ रजनी सेखरी सिब्बल ने कहा, हमें रेलवे सुरक्षा बल से जुड़े होने पर बेहद गर्व है और यह हमारे देश में बच्चों को तस्करी से निपटने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। बीबीए ने महामारी के दौरान तस्करी किए गए 10,000 से अधिक बच्चों को बचाया है, और अधिकांश रेलवे स्टेशनों से थे। हम भविष्य में आरपीएफ का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अपराध
नोएडा : 3.90 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला शातिर अभियुक्त गिरफ्तार

नोएडा, 12 अप्रैल। नोएडा क्राइम ब्रांच और सेक्टर-58 पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 3.90 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में वांछित अभियुक्त वरुण कुमार त्यागी को गिरफ्तार कर लिया।
अभियुक्त पर 25,000 रुपए का इनाम घोषित था। उसे दिल्ली के मानसरोवर पार्क थाना क्षेत्र के राम नगर एक्सटेंशन से पकड़ा गया।
यह धोखाधड़ी जुलाई 2023 में सामने आई थी, जब नोएडा विकास प्राधिकरण ने बैंक ऑफ इंडिया, सेक्टर-62 में 200 करोड़ रुपए की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) कराई थी। एफडी के लिए रकम एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 और इंडियन बैंक सेक्टर-61 से भेजी गई थी। बैंक ऑफ इंडिया ने दो एफडी की मूल प्रतियां भी प्राधिकरण को सौंपी थीं।
हालांकि, जब 3 जुलाई 2023 को प्राधिकरण की ओर से बैंक में जाकर एफडी की पुष्टि की गई, तब पता चला कि वास्तव में कोई एफडी बनाई ही नहीं गई थी। वहीं, 30 जून को खाते से 3.90 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए थे। बैंक ने तत्काल 9 करोड़ रुपए के एक अन्य ट्रांसफर को रोकते हुए खाते को फ्रीज कर दिया था।
इस पूरे मामले की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के जरिए नोएडा प्राधिकरण के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया में फर्जी खाता खुलवाया।
इस खाते का संचालन अब्दुल खादर नामक व्यक्ति कर रहा था, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस गिरोह ने नोएडा प्राधिकरण के फर्जी हस्ताक्षरों वाले दस्तावेजों के आधार पर बैंक को धोखा देकर धनराशि ट्रांसफर कराई थी।
गिरफ्तार आरोपी वरुण कुमार त्यागी ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस पूरे षड्यंत्र को अंजाम दिया था। फर्जी एफडी के माध्यम से 3.90 करोड़ रुपए तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए थे।
आरोपी ने बताया कि इस अपराध के बदले उसे करीब 4 लाख रुपए मिले थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह केवल ‘त्यागी’ नाम का इस्तेमाल करता था। इस केस में पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों में अब्दुल खादर, राजेश पांडेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू, मनु भोला (मास्टरमाइंड), त्रिदिब दास, राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा और अजय कुमार पटेल शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच जारी है और अन्य संभावित संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।
अपराध
जम्मू-कश्मीर : कठुआ में पुलिस ने अफीम की अवैध खेती नष्ट की, एक व्यक्ति गिरफ्तार

कठुआ, 10 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पुलिस ने नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गुरुवार को बसोहली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव में अफीम की खेती को नष्ट कर भारी मात्रा में पौधे जब्त किए हैं। साथ ही, एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
जम्मू-कश्मीर में कठुआ के एसएसपी शोभित सक्सेना आईपीएस की निगरानी में पुलिस ने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए एक सफल अभियान चलाया। पुलिस टीम ने थाना बसोहली के अधिकार क्षेत्र पलासी में उगाए गए लगभग 126 किलोग्राम अफीम के पौधे (पोस्त) जब्त किए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
गत 7 अप्रैल को बसोहली थाने की गश्ती टीम को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि पलासी निवासी माखन लाल अपने घर के पीछे कृषि भूमि में अवैध रूप से अफीम के पौधे उगा रहा है। सूत्रों ने बताया कि वह इन पौधों को बेचने और व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा था। सूचना के आधार पर बसोहली थाने की पुलिस टीम ने एसएचओ बसोहली की देखरेख में और एसडीपीओ बसोहली तथा ईएमआईसी बसोहली की निगरानी में मौके पर पहुंचकर छापा मारा।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 126 किलोग्राम वजन के 1,700 अफीम के पौधे जब्त किए। साथ ही आरोपी माखन लाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में बसोहली थाने में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई है। जांच अभी जारी है।
कठुआ पुलिस ने कहा कि वह कानून को बनाए रखने और ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समाज की सुरक्षा और संरक्षा को प्रभावित करती हैं। अफीम की खेती और इसका अवैध व्यापार गंभीर अपराध हैं। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
अपराध
ओडिशा: राउरकेला पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का किया भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार

राउरकेला, 10 अप्रैल। ओडिशा के राउरकेला में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए राउरकेला पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह “ट्रेड नाउ” नामक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए देशभर के लोगों को ठग रहा था और उच्च रिटर्न का लालच देकर लाखों रुपये की उगाही कर रहा था। स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान रखने वाला राउरकेला अनजाने में इन साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया था, जिनका नेटवर्क भारत से बाहर दुबई जैसे देशों तक फैला हुआ था।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। पहला छापा सिविल टाउनशिप इलाके के एक अपार्टमेंट में मारा गया, जहां से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बसंती कॉलोनी में एक अन्य अपार्टमेंट पर छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप पांच और लोग पकड़े गए। जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंची, जहां दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इस तरह कुल 9 लोग पुलिस की गिरफ्त में आए। गिरोह से भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ, जिसमें 68 बेनामी सिम कार्ड, 31 हाई-एंड मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 19 एटीएम कार्ड, एक मारुति स्विफ्ट कार और एक स्कूटी शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह एक रैकेट चला रहा था, जो हवाला नेटवर्क के जरिए प्रतिदिन 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करता था। जांच में खुलासा हुआ कि इस ऑपरेशन का मास्टरमाइंड किशन अग्रवाल है, जो दुबई से काम कर रहा है और दक्षिण व पश्चिम एशियाई देशों में इसके कनेक्शन फैले हुए हैं। अब तक की जांच में 23 बैंक खातों से 1.41 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जबकि 176 अन्य खातों की जांच जारी है।
राउरकेला पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने इसे साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन साइबर ठगी के बढ़ते खतरे से निपटने में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम इस नेटवर्क के हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं।”
गिरोह का तरीका बेहद चालाकी भरा था। यह लोगों को फर्जी ऐप पर निवेश के लिए लुभाता था और फिर उनके पैसे हवाला के जरिए विदेश भेज देता था। पीड़ितों में ज्यादातर आम नागरिक थे, जो कमाई के झांसे में आ गए थे।
राउरकेला के निवासियों ने पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की है। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की, वरना यह गिरोह और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता था।”
पुलिस अब किशन अग्रवाल तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क में है। साथ ही, इस रैकेट से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करती है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय8 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार2 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें