महाराष्ट्र
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ मोर्चा खोलना नवनीत राणा दंपत्ति को पड़ा महंगा, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

शनिवार की शाम मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए विधायक रवि राणा और उनकी पत्नी सांसद नवनीत कौर राणा को रविवार को बांद्रा की हॉलीडे कोर्ट में पेश किया गया..कोर्ट ने राणा दंपत्ति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है..मुंबई पुलिस ने दोनों की 7 दिन की कस्टडी मांगी थी..लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए दोनों को 6 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है..हालाकि दोनों की जमानत पर 29 अप्रैल को सुनवाई होगी…
आपको बता दें कि नवनीत राणा और उनके पति पर धारा 153 ए यानि कि धर्म के आधार पर दो समूहों में दुश्मनी को बढ़ावा देने का मामला दर्ज किया गया है..इसके अलावा सांसद नवनीत राणा पर सरकारी काम में दखल देने के आरोप में IPC की धारा 353 के तहत एक और मामला दर्ज किया गया है…
बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट ने देशद्रोह के मामले में इन्हे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने कहा कि अदालत ने राणा की जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई से भी इनकार कर दिया, जो अब अगले शुक्रवार (29 अप्रैल) को होगी।
राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने मामले को ‘फर्जी’ करार दिया और कहा कि पुलिस ने दबाव में आकर आरोप जोड़े है। दंपति ने कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है।
उन्होंने दावा किया कि सरकारी वकील ने एक भी ऐसा सबूत कोर्ट में पेश नहीं किया है। जिससे दंपत्ति के आरोप साबित हो सके।
अदालत के फैसले के बाद, नवनीत राणा को भायखला महिला जेल ले जाया जा सकता है जबकि रवि राणा को आर्थर रोड सेंट्रल जेल में बंद किया जा सकता है।
रवि राणा ने दावा किया कि उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।राणा दंपत्ति को पहले नोटिस जारी किया गया और फिर हिरासत में लिया गया।
सांसद नवनीत राणा की तरफ से इस मामले में तीसरा केस शिवसैनिकों के खिलाफ दर्ज किया गया है..इस मामले में राणा दंपति के खार स्थित घर के बाहर हंगामा करने वाले 6 शिवसैनिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि 600 से 700 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी…
शनिवार को दो दिनों के हाई-वोल्टेज ड्रामा के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल, दंपत्ति ने मुख्यमंत्री के निजी आवास तक मार्च करने और ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ने का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद सैंकड़ों कार्यकर्ता जमा हो गए। कई कार्यकर्ता तो बैरिकेड्स तोड़कर गेट के अंदर भी घुस गए। इस मामले को लेकर खूब सियासत हो रही है।
महाराष्ट्र
ठाणे: कल्याण के सैनिक चॉल इलाके से दो नाबालिग लड़कियां लापता; पुलिस ने जांच शुरू की

ठाणे: कल्याण पश्चिम के अमरदीप वसाहटी स्थित सैनिक चॉल की 15 और 16 साल की दो नाबालिग लड़कियाँ पिछले पाँच दिनों से लापता हैं, जिससे उनके परिवारों में गंभीर चिंताएँ हैं। मानपाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है, जहाँ संदेह है कि लड़कियों का किसी अज्ञात व्यक्ति ने अपहरण कर लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्षीय लड़की की मां आशाबाई गणपत काले ने लापता होने की सूचना दी और भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 137 (2) के तहत औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। लड़कियां सैनिक चॉल की निवासी हैं, और उनके परिवार नींबू और मिर्च बेचने का छोटा व्यापार करते हैं, जैसा कि लोकसत्ता ने बताया है।
यह परिवार मूल रूप से सांगली जिले के जाट तालुका के पांडाधारी गाँव, पारधी टांडा का रहने वाला है। दोनों लड़कियों के लापता होने से परिवार में गहरा शोक व्याप्त है। निरंतर प्रयासों के बावजूद, उनका कोई पता नहीं चल पाया है।
दोनों लड़कियाँ 30 अगस्त की दोपहर 12 बजे से लापता हैं। शुरुआत में, परिवार को लगा कि शायद लड़कियाँ गणेशोत्सव के दौरान कल्याण में सार्वजनिक गणपति प्रतिमा देखने गई होंगी। लेकिन, जब वे भोजन के बाद भी वापस नहीं लौटीं, तो परिवार चिंतित हो गया और रिपोर्ट के अनुसार, आसपास के इलाके में उनकी तलाश शुरू कर दी।
उन्होंने लड़कियों के स्कूल के दोस्तों से संपर्क किया और रिश्तेदारों से भी पूछताछ की, लेकिन लड़कियाँ नहीं मिलीं। कल्याण में काफ़ी तलाश के बाद, लेकिन असफल रहने पर, परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्हें शक था कि उन्हें बहला-फुसलाकर अगवा किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संदीपन शिंदे ने मामले को गंभीरता से लिया है और लापता लड़कियों की तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। इसके अतिरिक्त, सहायक पुलिस निरीक्षक रूपाली करकड़े भी घटना की गहन जाँच सुनिश्चित करने के लिए समानांतर जाँच कर रही हैं। पुलिस मामले की सक्रियता से जाँच कर रही है और नाबालिगों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
महाराष्ट्र
उर्दू स्वर्ण जयंती समारोह: अबू आसिम आज़मी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बाबुन कोकाटे से की मुलाकात, सभी मांगों का तत्काल समाधान, उर्दू अकादमी की जल्द स्थापना की जाएगी

मुंबई: मुंबई महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी द्वारा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री कोकाटे से मुस्लिम मुद्दों और उर्दू अकादमी के संबंध में की गई मांगों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने जल्द से जल्द उर्दू अकादमी की स्थापना और वैश्विक स्तर पर उर्दू स्वर्ण जयंती समारोह मनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि नाडियाडवाला द्वारा यहां उर्दू समारोह आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही उर्दू अकादमी की स्थापना में उर्दू भाषी और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही माणिक राव कोकाटे ने अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों से जुड़े मुद्दों को हल करने का आश्वासन भी दिया है। आज़मी ने अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति और ओबीसी मॉडल पर मुसलमानों और छात्रों के लिए शैक्षिक छात्रवृत्ति की भी मांग की। आज़मी ने पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए शैक्षिक छात्रवृत्ति पर भी जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने नेट और यूपीएससी प्रशिक्षण शिविर और कक्षाएं शुरू करने की भी मांग की। उन्होंने एमपीएससी परीक्षा में उर्दू भाषा के उम्मीदवारों को उर्दू में परीक्षा देने की सुविधा की भी मांग की। मुसलमानों के शैक्षिक, आर्थिक और अन्य पिछड़ेपन का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाने की भी मांग की गई। इसी सिलसिले में आज अबू आसिम आज़मी ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्री माणिक राव कोकाटे से मुलाकात की और सभी मुद्दों पर ध्यान दिलाते हुए उनके समाधान की माँग की। मंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया और समस्याओं के समाधान का वादा किया। इस दौरान अबू आसिम आज़मी के साथ वरिष्ठ पत्रकार सईद हमीद भी थे और उन्होंने भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्री से उर्दू के मुद्दों पर चर्चा की। इस पर मंत्री ने सभी माँगों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
महाराष्ट्र
जुलूसे मोहम्मदी के लिए सार्वजनिक अवकाश 8 सितंबर को रहेगा

मुंबई: ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश शुक्रवार के बजाय सोमवार, 8 सितंबर को होगा, यह सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया है। मुंबई और उसके उपनगरों में ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर अवकाश शुक्रवार, 5 सितंबर से बदलकर 8 सितंबर कर दिया गया है। इससे पहले, राज्य में गणपति विसर्जन के अवसर पर मुसलमानों ने सर्वसम्मति से 8 सितंबर को मोहम्मदी जुलूस निकालने का निर्णय लिया था। यह निर्णय खिलाफत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सरफराज आरज़ू ने मौलाना मोइनुद्दीन अशरफ उर्फ मोइन मियां के नेतृत्व में मुंबई स्थित खिलाफत हाउस में आयोजित एक बैठक में लिया।
मुसलमानों ने मांग की थी कि आधिकारिक अवकाश 8 सितंबर, यानी सोमवार को दिया जाए, जिसे सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वीकार कर लिया है और एक परिपत्र जारी किया है। अब ईद मिलादुन्नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की छुट्टी 5 सितंबर की बजाय 8 सितंबर को होगी। मुसलमानों और जुलूस समितियों ने इस पर खुशी जताई है। गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के कारण मुसलमानों ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस 8 सितंबर को निकालने का फैसला किया। यह सांप्रदायिक सौहार्द और गंगा-जमनी सभ्यता का एक स्पष्ट उदाहरण था। यह हिंदू-मुस्लिम एकता का एक ज्वलंत उदाहरण है। इसीलिए सरकार ने अब 8 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है।
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