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Tuesday,08-April-2025
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जलवायु परिवर्तन से कॉफी, बादाम और टमाटर की फसल सर्वाधिक प्रभावित

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वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में सर्वाधिक प्रभाव कॉफी,बादाम और टमाटर की फसल पर पड़ रहा है। इटली यूरोप का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक है और वह हर साल औसतन 60 से 70 लाख मीट्रिक टन टमाटर की आपूर्ति करता है।

गत साल लेकिन उत्तरी इटली में टमाटर की फसल में 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी और इसमें और अधिक कमी आने की आशंका है।

इटली में जलवायु के कारण ऐसा हो रहा है। एक समय यहां का गर्म मौसम टमाटर की फसल के लिये बिल्कुल उपयुक्त था लेकिन अब यहां सर्दी पड़ रही है और साथ ही बारिश की आशंका भी बनी रहती है।

मौसम के ठंडा होने से टमाटर की फसल देर से पकती है और वर्ष 2019 में ऐसी हालत हो गयी थी कि मात्र आधी फसल ही समय पर तैयार हो पायी थी।

अगर ऐसी ही स्थिति आगे भी बनी रही तो जल्द ही सुपरमार्केट में टमाटर की किल्लत होने लगी जिससे इसके दाम बढ़ जायेंगे।

बीमा कंपनी सीआईए लैंडलॉर्ड के शोध के मुताबिक जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर पांच फसलों पर पड़ता है, जिनमें से टमाटर भी एक है। टमाटर के अलावा, बादाम, कॉफी, हेजलनट और सोयाबीन की फसल पर जलवायु परिवर्तन का अधिक असर होता है।

इटली में वनक्षेत्र भी हाल के वर्षो में घटा है क्योंकि इटली में चमड़े के लिये गायों को पाला जाता है और गाय के लिये चारागाह जरूरी है। इन्हीं चारागाहों के लिये जंगलों की कटाई की जाती है।

जंगल की कटाई होने से हवा में ऑक्सीजन और कार्बन डाइ ऑक्साइड का संतुलन बिगड़ जाता है। प्रदूषित हवा न सिर्फ श्वसन संबंधी परेशानियों को अधिक कर देती है बल्कि इससे स्वस्थ व्यक्ति को भी सांस की तकलीफ होने लगती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्ष 2040 तक इंसानों के पास समय है कि वे जलवायु परिवर्तन के इस चक्र को बदलें क्योंकि उसके बाद कुछ भी हमारे हाथ में नहीं होगा।

कैलिफोर्निया दुनिया के बादाम के निर्यात का 80 प्रतिशत हिस्सा उगाता है और इसका कारोबार छह अरब डॉलर का है।

हालांकि, बादाम को उगाने की प्रक्रिया लंबी होती है और इसके लिए शारीरिक और मानवीय दोनों तरह की ऊर्जा की बहुत अधिक आवश्यकता होती है।

कैलिफोर्निया 60 प्रतिशत मधुमक्खी के छत्तों का उपयोग केवल बादाम परागण के लिये प्रत्येक सर्दियों में करता है और मधुमक्खियों के परिवहन की लागत और उन्हें कोल्ड स्टोरेज में रखने का मतलब है कि बादाम उत्पादन में कार्बन उर्त्सजन अधिक होता है।

बादाम को सभी सूखे मेवों में सबसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है। बादाम का दूध बनाने के लिये मात्र एक बीज को आवश्यक आकार तक पहुंचने के लिये 3.2 गैलन पानी की आवश्यकता होती है।

बादाम के दूध की लोकप्रियता बढ़ी है। यह डेयरी विकल्प के रूप में लिया जा रहा है। पौधा आधारित दूध बाजार में इसकी हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है।

हालांकि, पूरे कैलिफोर्निया में सूखे के कारण किसान अपने बागों को छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें बनाये रखने के लिये पर्याप्त पानी का जुगाड़ मुश्किल से हो रहा है।

सूखे का मतलब यह भी है कि किसानों को विभिन्न कीटनाशकों को बादाम पर डालना पड़ रहा है, जिनमें से कुछ मधुमक्खियों के लिये घातक हैं और मधुमक्खियां पहले से ही लुप्तप्राय प्रजाति हैं।

इनके कारण कैलिफोर्निया में हरियाली और फूलों की संख्या में गिरावट देखने को मिल सकती है। मधुमक्खियां ही परागण कर सकती हैं और इसी वजह से इन पर भी इसका असर हो रहा है।

यही हाल सोयाबीन का है। ब्राजील में मौसम गर्म और शुष्क होता जा रहा है लेकिन सोयाबीन गर्म और नम जलवायु में सबसे अच्छी तरह से होता है। किसानों को यह तय करना होगा कि अब वे इस फसल को कैसे उगाते हैं।

विभिन्न कीटनाशकों का उपयोग करके और पौधों को अलग-अलग जलवायु के प्रति अधिक सहिष्णु बनने के लिये मजबूर करके, किसान सोयाबीन के उत्पादन की मात्रा को प्रभावी ढंग से बढ़ाने में सक्षम हुये हैं।

हालांकि, यह टिकाऊ उपाय नहीं है क्योंकि इस प्रकार जलवायु खराब होती रहेगी। इसी वजह से यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2050 तक सोयाबीन का उत्पादन 86-92 प्रतिशत कम हो जायेगा।

सोयाबीन के पौधों को भी बहुत अधिक जगह की आवश्यकता होती है और इसके लिये पूरे ब्राजील में वनों की कटाई की गयी है। यह अमेजन के जंगलों में सबसे अधिक हुआ है, जहां फसलों के लिये जगह बनाने के लिये बड़े पैमाने पर आग जलायी गयी। वैज्ञानिकों ने इसी वजह से चेतावनी दी है कि ये वन अब कार्बन डाइ ऑक्साइड के अवशोषण की तुलना में उसका अधिक उर्त्सजन करते हैं।

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है, यह एक वैश्विक समस्या है क्योंकि हम दुनिया की छह प्रतिशत ऑक्सीजन आपूर्ति प्रदान करने और कार्बन को वायुमंडल से बाहर रखने के लिये अमेजन के जंगहों पर ही पर निर्भर हैं। अगर हम इस स्थान को नष्ट करना जारी रखते हैं तो हमारे ग्रह की वायु गुणवत्ता में कमी आयेगी और ग्लोबल वामिर्ंग तेज हो जायेगी।

यह तापमान में बढ़ोतरी, बदलते वर्षा पैटर्न, जैव विविधता और कृषि में दुनिया भर में गिरावट के रूप में सामने आयेगा।

सीआईए लैंडलॉर्ड के शोध के अनुसार, ब्राजील में अगले कुछ वर्षों में कॉफी उत्पादन में 76 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है क्योंकि देश में शुष्क जलवायु हो रही है।

कॉफी के पौधे नम, उष्णकटिबंधीय जलवायु में सबसे अच्छे तरीके से बढ़ते हैं ,जहां मिट्टी और तापमान लगभग 21 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

जलवायु परिवर्तन के कारण ब्राजील की हवा शुष्क हो रही है, जिससे कॉफी बीन उत्पादन में गिरावट आ रही है। दूसरी तरफ इटली अपने बढ़ते तापमान के कारण जल्द ही देश की पसंदीदा बीन का उत्पादन करने उम्मीद कर रहा है।

खेल

आईपीएल 2025 : एलएसजी और मुंबई इंडियंस के बीच होगा महामुकाबला, जानिए हेड टू हेड रिकॉर्ड

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नई दिल्ली, 4 अप्रैल। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2025) में लखनऊ सुपरजायंट्स (एलएसजी) और मुंबई इंडियंस (एमआई) के बीच शुक्रवार को लखनऊ के भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई इकाना क्रिकेट स्टेडियम में सीजन का 16वां मैच खेला जाएगा। भारतीय समयानुसार, शाम 7.30 बजे से मैच का प्रसारण होगा।

मुंबई इंडियंस प्वाइंट टेबल की सूची में एलएसजी से ऊपर है। एमआई छठे स्थान पर है, तो वहीं लखनऊ फ्रेंचाइजी सातवें स्थान पर है। दोनों टीम के पास दो अंक हैं। हालांकि, अगर दोनों टीम के बीच पूर्व में खेले गए मैचों की बात करें तो पांच बार की आईपीएल विजेता टीम मुंबई इंडियंस का सुपरजायंट्स के सामने बुरा हाल हो जाता है।

आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक दोनों टीम के बीच कुल 6 मैच हुए हैं। पांच मैचों में एलएसजी ने जीत दर्ज की और मुंबई इंडियंस को सिर्फ एक मैच में जीत हासिल हुई है। बीते तीन मैचों में भी एलएसजी ने ही एमआई के खिलाफ जीत हासिल की है। इसी जीत की लय बरकरार रखने के इरादे से आज लखनऊ के मैदान में एलएसजी की टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ उतरेगी। वहीं, मुंबई इंडियंस भी दो लगातार हार के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ तीसरे मैच में जीत के साथ खाता खोल चुकी है। टीम इस जीत की लय लखनऊ सुपरजायंट्स के सामने भी बरकरार रखना चाहेगी।

लखनऊ सुपरजायंट्स के पास मिशेल मार्श, एडेन मार्कराम और निकोलस पूरन की शानदार तिकड़ी है। इन तीनों विदेशी बल्लेबाजों में निकोलस पूरन ने एलएसजी के लिए अब तक सबसे ज्यादा चौके-छक्के लगाए हैं। पूरन टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाकर ऑरेंज कैप की रेस में टॉप पर बने हुए हैं। मुंबई के खिलाफ भी एलएसजी को उनसे एक अच्छी पारी की उम्मीद है। वहीं, मुंबई इंडियंस के लिए हार्दिक पांड्या ने वापसी कर ली है। कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ टीम ने अपने घर पर जीत हासिल की।

टीम के पास रोहित शर्मा, रयान रिकेल्टन, सूर्यकुमार यादव जैसे बल्लेबाज हैं जो अपने दम पर मैच का रुख बदल सकते हैं। अगर दोनों टीम की गेंदबाजी की बात करें तो मुंबई के सामने लखनऊ के पास कम अनुभवी गेंदबाज हैं जो विपक्षी टीमों के बल्लेबाजों पर ज्यादा दबाव नहीं डाल पा रहे हैं। वहीं, मुंबई को अश्विनी कुमार के तौर पर एक उभरता हुआ सितारा मिला है, जिसकी गेंदबाजी ने कोलकाता के बल्लेबाजों को वानखेड़े में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

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अंतरराष्ट्रीय

भूकंप प्रभावित म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजेगा भारत

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नई दिल्ली, 29 मार्च। म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस तबाही में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। इस बीच, भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद को हाथ बढ़ाया है। सूत्रों ने बताया कि भारत म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजेगा, क्योंकि वहां कई शक्तिशाली भूकंपों ने 144 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

सूत्रों ने बताया कि भारत राहत सामग्री को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सी-130जे विमान से म्यांमार भेजेगा, जो वायुसेना स्टेशन हिंडन से रवाना होगा।

सूत्रों के अनुसार, राहत पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां जैसी आवश्यक दवाएं शामिल हैं।

इस बीच, भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और उसने कहा कि अभी तक किसी भी भारतीय के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य भागों में आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद भारतीय दूतावास थाई अधिकारियों के साथ स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। अब तक, किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। किसी भी आपात स्थिति में थाईलैंड में भारतीय नागरिकों को आपातकालीन नंबर +66 618819218 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। बैंकॉक में भारतीय दूतावास और चियांग माई में वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत शुक्रवार को आए बड़े भूकंप के बाद म्यांमार को मदद भेजने के लिए तैयार है।”

पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक्स पर कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।”

बता दें कि भारत और बांग्लादेश के अधिकारियों ने म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से कोई बड़ा प्रभाव नहीं होने की सूचना दी। भूकंप के बाद आए झटकों ने म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में दहशत पैदा कर दी है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, शुक्रवार को रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) म्यांमार में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया।

एनसीएस के अनुसार, नवीनतम भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील है। एनसीएस ने बताया कि भूकंप अक्षांश 22.15 एन और देशांतर 95.41 ई पर दर्ज किया गया था।

शुक्रवार को आया शक्तिशाली भूकंप बैंकॉक और थाईलैंड के कई हिस्सों में महसूस किया गया, प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट और स्थानीय मीडिया के अनुसार बैंकॉक में हिलती हुई इमारतों से सैकड़ों लोग बाहर निकल आए।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार को म्यांमार में छह भूकंप आए।

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अंतरराष्ट्रीय

पीएम मोदी करेंगे थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा, बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

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नई दिल्ली, 28 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अप्रैल से 6 अप्रैल तक थाईलैंड और श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।

थाई प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर, पीएम मोदी 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 03-04 अप्रैल को बैंकॉक का दौरा करेंगे।

04 अप्रैल को होने वाले इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी बिम्सटेक के वर्तमान अध्यक्ष थाईलैंड कर रहा है। यह पीएम मोदी की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।

यह 2018 में नेपाल के काठमांडू में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद बिम्सटेक नेताओं की पहली आमने-सामने की बैठक भी होगी। 5वां बिम्सटेक शिखर सम्मेलन, मार्च 2022 में कोलंबो, श्रीलंका में वर्चुअली आयोजित किया गया था। छठे शिखर सम्मेलन का विषय है ‘बिम्सटेक – समृद्ध, लचीला और खुला।’

यात्रा की घोषणा करते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा, “नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक सहयोग को और अधिक गति देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है।”

बयान में कहा गया, “भारत क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने के लिए बिम्सटेक में कई पहल कर रहा है, जिसमें सुरक्षा बढ़ाना, व्यापार, निवेश को सुविधाजनक बनाना, भौतिक, समुद्री, डिजिटल संपर्क स्थापित करना, खाद्य, ऊर्जा, जलवायु और मानव सुरक्षा में सहयोग करना, क्षमता निर्माण और कौशल विकास और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाना शामिल है।”

द्विपक्षीय मोर्चे पर, प्रधानमंत्री मोदी 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री शिनावात्रा के साथ बैठक करेंगे। मीटिंग में मौजूदा सहयोग की समीक्षा की जाएगी और दोनों देशों के बीच भविष्य की साझेदारी के रोडमैप पर चर्चा की जाएगी।

भारत और थाईलैंड के बीच मजबूत सभ्यतागत संबंध हैं, जो दोनों देशों की समुद्री निकटता से और मजबूत होते हैं।

थाईलैंड की अपनी यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर 04-06 अप्रैल तक राजकीय यात्रा पर श्रीलंका जाएंगे। यात्रा के दौरान, वे राष्ट्रपति दिसानायके के साथ चर्चा करेंगे

उच्च स्तरीय चर्चाओं के अलावा, पीएम मोदी वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे। वह भारतीय वित्तीय सहायता वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए अनुराधापुरा का दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था। इससे पहले, श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना था, जो दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है।

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