राजनीति
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर किया दो अफसरों को निलंबित

मध्य प्रदेश में नौकरशाही की हीला-हवाली के मामले सामने आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर तल्ख बने हुए हैं। उन्होंने कामकाज में लापरवाही बरतने पर दो और अफसरों को निलंबित कर दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री चौहान ने समाधान ऑन लाइन कार्यक्रम की समीक्षा में शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले दो अधिकारियों एसडीएम शहडोल और सहायक आयुक्त, खरगोन को निलंबित करने के निर्देश दिए। इससे पहले राजगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गड़बड़ी पर दो अफसरों केा मंच पर से ही निलंबित कर दिया था।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजनाओं का लाभ देना और व्यवस्थाओं को बनाकर रखना गुड गवर्नेंस हैं। जिन विभागों की समस्याएँ ज्यादा हैं, उनकी समीक्षा की जाये। जिला एवं राज्य स्तर पर शिकायतों की सतत समीक्षा हो। सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों की पेंडेंसी नहीं रहे। इन शिकायतों के निराकरण के आधार पर जिलों की रैंकिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रसूति सहायता के प्रकरणों, मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में आवश्यक समस्त सुविधाओं का लाभ देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग में मजदूरी और सामग्री क्रय के भुगतान की शिकायतों का शीघ्रता से निराकरण करने को कहा।
राजनीति
सीएम रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए : गुलाम अली खटाना

नई दिल्ली, 20 अगस्त। भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हुए हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि हमला करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मिडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए और इस घटना के आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
मुंख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को सिविल लाइंस स्थित उनके सरकारी आवास पर जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ। हमलावर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर भाजपा सांसद ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि राधाकृष्णन एक प्रतिभाशाली और गंभीर व्यक्तित्व के धनी हैं, जिनके पास व्यापक अनुभव है। उन्होंने संसद सदस्य और विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। खटाना ने विश्वास जताया कि राधाकृष्णन का अनुभव राज्यसभा को लाभ पहुंचाएगा और वे राज्यसभा के सदस्यों के साथ अच्छा संबंध और समन्वय स्थापित करेंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है। लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का हक है।
विपक्ष के उम्मीदवार पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का हक है, कौन किसका समर्थन कर रहा है, यह पर्याप्त नहीं है। असली बात यह है कि लोकतंत्र में समाज में भ्रम या विभाजन नहीं फैलना चाहिए। यह चुनाव है, और इसे उसी गंभीरता व गरिमा से लेना चाहिए। इंडिया ब्लॉक का यह कहना कि एनडीए के साथी उनके उम्मीदवार का समर्थन करेंगे, ऐसा नहीं है। बल्कि, इंडिया ब्लॉक में शामिल सांसद एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव को चुनाव के तहत ही लिया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई में बेस्ट पोल में ‘ठाकरे ब्रांड’ चमकने में नाकाम; उद्धव-राज का गठबंधन शून्य पर गिरा, शशांक राव के पैनल को 14 सीटें, प्रसाद लाड के पैनल को 7 सीटें मिलीं

मुंबई: आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले एक बड़े झटके में, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच बहुप्रचारित गठबंधन शर्मनाक तरीके से समाप्त हो गया है।
वर्षों में पहली बार एक साथ चुनाव लड़ते हुए, ठाकरे बंधुओं ने प्रतिष्ठित बेस्ट वर्कर्स को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के चुनावों में अपना संयुक्त ‘उत्कर्ष पैनल’ उतारा था। लेकिन यह गठबंधन एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रहा, जिससे शहर के श्रमिक संघों और नगरपालिका की राजनीति पर कभी छाए रहे ‘ठाकरे ब्रांड’ को झटका लगा।
मंगलवार देर रात घोषित नतीजों में प्रतिद्वंद्वी पैनलों ने क्लीन स्वीप किया। शशांक राव के गुट ने 21 में से 14 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा नेता प्रसाद लाड के ‘श्रमिक पैनल’ को सात सीटें मिलीं। ठाकरे बंधुओं का संयुक्त मोर्चा खाता भी नहीं खोल पाया। यह हार विशेष रूप से प्रतीकात्मक है क्योंकि ठाकरे परिवार की कामगार सेना का बेस्ट यूनियन पर वर्षों से दबदबा रहा है, जिससे निकाय चुनावों से पहले सोसाइटी के चुनाव उनकी संयुक्त ताकत का लिटमस टेस्ट बन गए।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन पर राजनीतिक गलियारों में कड़ी नज़र रखी जा रही थी। उनके साथ आने को बीएमसी चुनावों के लिए एक ट्रायल के रूप में देखा गया था, जहाँ दोनों गुट एकता दिखाने और मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में अपना प्रभाव फिर से स्थापित करने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन, इस अपमानजनक हार ने इस बात पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या ठाकरे का नाम अब भी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के बीच उतना ही लोकप्रिय है।
अपने पैनल के प्रदर्शन से खुश प्रसाद लाड ने सोशल मीडिया पर ठाकरे बंधुओं का मज़ाक उड़ाया। लाड ने कभी ताकतवर रहे ठाकरे परिवार पर तीखा तंज कसते हुए लिखा, “ब्रांड के मालिक एक भी सीट नहीं जीत पाए। हमने उन्हें उनकी जगह दिखा दी।”
इस नतीजे का महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों पर भी असर पड़ने की उम्मीद है। ठाकरे परिवार, जिन्होंने इस मुकाबले को अपनी एकता और ताकत का प्रदर्शन बताया था, के लिए इस हार ने कड़े मुकाबले वाले बीएमसी चुनावों में उनकी कड़ी चुनौती पेश करने की क्षमता को लेकर अटकलों को जन्म दे दिया है।
राजनीति
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किए तीन अहम बिल, विपक्ष ने किया विरोध

नई दिल्ली, 20 अगस्त। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने यह बिल पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा, मैं यह भी प्रस्ताव करता हूं कि संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए।
लोकसभा में इन तीनों बिलों को पेश करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे संयुक्त संसदीय समिति में भेजने की सिफारिश की। इस बिल को लेकर संसद में विपक्षी दलों की ओर से विरोध किया गया। यही नहीं, विपक्षी दलों ने इस बिल पर रोष प्रकट करते हुए इसकी कॉपी फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंक दी।
वहीं, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि जब अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था, तो क्या उन्होंने अपनी नैतिकता दिखाई थी? इस पर अमित शाह ने कहा कि जब मुझे झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया था, तो मैंने इस्तीफा देकर अपनी नैतिकता दिखा दी थी। कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं होने तक मैंने किसी भी संवैधानिक पद की जिम्मेदारी ग्रहण नहीं की थी।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र2 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय12 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार6 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा