राजनीति
यूपी विधानसभा 2022: AIMIM ने जारी की पहली सूची

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने उम्मीदवारों की सूची का ऐलान कर रही हैं। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है।
इससे पहले भाजपा, सपा, बीएसपी और कांग्रेस ने अपनी पहली सूची का ऐलान किया, अब एआईएमआईएम ने अपने उत्तरप्रदेश में 9 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। जारी सूची के मुताबिक, जारी की गई लिस्ट के मुताबिक गाजियाबाद के लोनी से डॉ. मेहताब, हापुड़ के गढ़ मुक्तेश्वर से फुरकान चौधरी, धुलना हापुड़ से हाजी आरिफ, मेरठ के सिवाल खास से रिफत खान उम्मीदवार घोषित किया है।
इसके अलावा मेरठ के सरधना से जीशान आलम, किठौर मेरठ से तस्लीम अहमद, सहारनपुर से अमजद अली को, बरेली से शाहीन रजा खान, सहारनपुर देहात से मरगूब अली को उम्मीदवार बनाया गया है।
इससे पहले उत्तरप्रदेश चुनाव को लेकर सत्ताधारी भाजपा ने पहले और दूसरे चरण के लिए 105 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। वहीं कांग्रेस ने भी 150 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
दरअसल यूपी में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं। यूपी में 10 फरवरी को पहले और 14 फरवरी को दूसरे चरण के चुनाव होने हैं इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज की हुई हैं। यूपी में मुस्लिम वोटर्स की आबादी करीब 20 फीसदी है। करीब 125 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स ही हार और जीत का फैसला करते हैं।
राष्ट्रीय समाचार
आरबीआई करेगा मौद्रिक नीति की घोषणा, गवर्नर देंगे जानकारी

नई दिल्ली, 9 अप्रैल। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा आज सुबह 10 बजे प्रमुख ब्याज दर को लेकर बड़ा ऐलान करेंगे। मल्होत्रा का संबोधन आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है। तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक का आज आखिरी दिन है। 7 अप्रैल को ये बैठक शुरू हुई थी। यह वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली और कैलेंडर वर्ष में दूसरी बैठक है। संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है। इसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
इससे पहले चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 की आखिरी मीटिंग में आरबीआई ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी। फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया। ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी।
केंद्रीय बैंक जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट घटने से बैंक को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। बैंकों के लोन सस्ता मिलता है, तो वो इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलता है, वो इसलिए क्योंकि बैंक भी अपनी ब्याज दरें घटा देते हैं।
बता दें, गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली आरबीआई की एमपीसी में छह सदस्य हैं जिनमें से तीन बाहरी सदस्य शामिल हैं। इससे पहले अक्टूबर में केंद्र ने तीन बाहरी सदस्यों की नियुक्ति की थी। नए सदस्य सौगत भट्टाचार्य, अर्थशास्त्री हैं; डॉ. नागेश कुमार, निदेशक और मुख्य कार्यकारी, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान; और प्रोफेसर राम सिंह, निदेशक, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय।
तीन आंतरिक सदस्य चेयरपर्सन संजय मल्होत्रा, आरबीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ राजीव रंजन और डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव हैं।
बता दें, मार्च में ही आरबीआई ने बैठक का शेड्यूल जारी किया था। इसमें स्पष्ट किया गया कि छह बैठकें होंगी। पहली 7-9 अप्रैल, दूसरी 4 से 6 जून, तीसरी 5 से 7 अगस्त, चौथी 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, पांचवीं 3 से 5 दिसंबर और छठी बैठक 4 से 6 फरवरी, 2026 को निर्धारित है।
महाराष्ट्र
मुंबई और ठाणे में गैर अनुदान प्राप्त स्कूलों को बंद करने का आदेश…लाखों बच्चों के भविष्य पर लटकी तलवार, अबू आसिम आज़मी ने सरकार से आदेश वापस लेने की मांग की

मुंबई और ठाणे में निजी गैर अनुदान प्राप्त स्कूलों को अवैध घोषित कर बंद करने के आदेश जारी करने के बाद स्कूलों की बिजली और पानी की आपूर्ति पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा मामले दर्ज किए जाएं और इन स्कूलों को बंद करने की प्रक्रिया स्थगित की जाए, यह मांग महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने आज यहां शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शिक्षा मंत्री दादभाषा से मुलाकात के दौरान की।
अबू आसिम आज़मी ने कहा कि ठाणे और गोवंडी में कई स्कूल हैं जो गरीब बच्चों को 400 से 500 रुपये की कम और उचित फीस पर अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, लेकिन अब इन स्कूलों को बंद करने के लिए उनके बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। इन स्कूलों में पुलिस भेजी जा रही है। इन स्कूलों के बंद होने से हजारों बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। पहले इन बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की जाए और फिर इस संबंध में निर्णय लिया जाए।
अबू आसिम आज़मी ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर बताया कि ठाणे जिले में 81 निगम स्कूलों को अवैध घोषित कर उन्हें बंद करने का नोटिस दिया गया है। यहां के लाखों गरीब बच्चे कहां जाएंगे? उन्होंने बताया कि 5000 वर्ग फीट जमीन और 30 साल के लीज एग्रीमेंट के साथ 1.5 लाख रुपए की एफडी की शर्तें पूरी होनी चाहिए। निजी स्कूलों के लिए 20 से 25 लाख रुपये तक की फीस भी समाप्त की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गोविंदी शिवाजी नगर में भी बच्चों को कम फीस पर शिक्षा का गहना उपलब्ध कराने वाले कई निजी स्कूलों को भी अवैध घोषित कर कार्रवाई की जा रही है।
यदि ये स्कूल बंद हो गए तो शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे और बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले इन बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए और फिर सभी को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कुछ कदम उठाए जाने चाहिए। शिक्षा मंत्री दादाभसे ने अबू आसिम आज़मी की मांग पर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है और कहा है कि मामले पर विचार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
राजनीति
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ अधिनियम को लेकर हंगामा, कार्यवाही स्थगित

श्रीनगर, 8 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को वक्फ अधिनियम के मुद्दे पर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे के कारण स्पीकर अब्दुल रहीम राथर को सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पीडीपी विधायक वहीद पारा और पीसी विधायक सज्जाद गनी लोन अपनी सीटों से खड़े हो गए और वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग करने लगे। इस दौरान एनसी विधायक सलमान सागर और सज्जाद गनी लोन के बीच मौखिक झड़प हुई। दोनों ने एक-दूसरे पर ‘भाजपा के हाथों में खेलने’ का आरोप लगाया।
स्पीकर ने बार-बार हंगामा कर रहे विधायकों से अपनी सीटों पर लौटने की अपील की, लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं आई। अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के विधायक खुर्शीद अहमद भी एनसी विधायकों के साथ सज्जाद लोन और वहीद पारा के साथ बहस में शामिल हो गए।
इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी और वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया तथा कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस पर सदन में बहस नहीं की जा सकती।
विधानसभा के बाहर वहीद पारा ने संवाददाताओं से कहा कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर उमर अब्दुल्ला को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा कराने के लिए सदन में उपस्थित रहना चाहिए था।
पारा ने कहा, “मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के साथ ट्यूलिप गार्डन में टहलने का विकल्प चुना। जिन्होंने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था।”
इससे पहले, एनसी प्रवक्ता और विधायक तनवीर सादिक ने वहीद पारा पर ‘भाजपा का खेल’ खेलने का आरोप लगाया था। तनवीर सादिक ने कहा, ‘‘वह उनकी गोद में बैठे हैं।’’
सज्जाद लोन ने कहा, “अगर एनसी को लगता है कि स्पीकर वास्तविक मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव की अनुमति नहीं दे रहे हैं तो उन्हें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए, अन्यथा यह एक ड्रामा लगेगा।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का 40 दिवसीय बजट सत्र 11 अप्रैल को समाप्त होगा।
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