अपराध
साइबराबाद पुलिस ने 50 करोड़ रुपये के क्रेडिट कार्ड घोटाले का किया पदार्फाश
साइबराबाद पुलिस ने 50 करोड़ रुपये के वैश्विक क्रेडिट कार्ड घोटाले का भंडाफोड़ किया है और जालसाजों के सात सदस्यीय अंतर-राज्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली और हैदराबाद के रहने वाले आरोपी तकनीकी सेवाएं देने के बहाने विदेशी ग्राहकों को ठग रहे थे।
साइबराबाद कमिश्नरेट की साइबर क्राइम पुलिस ने एचडीएफसी बैंक क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल यूनिट, हैदराबाद के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता अब्दुल नईम की एक शिकायत की जांच के दौरान पंजाब के मोहाली में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने के बाद सफलता हासिल की।
शिकायतकर्ता ने एक व्यापारी के खिलाफ जारी की गई स्वाइपिंग मशीन पर कई संदिग्ध लेनदेन के लिए कार्रवाई की मांग की। 18 से 23 दिसंबर, 2021 के बीच 85 विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय काडरें के माध्यम से 64.40 लाख रुपये का लेनदेन किया गया।
साइबराबाद पुलिस कमिश्नर स्टीफन रवींद्र के मुताबिक, यह गिरोह पेमेंट गेटवे को धोखा देने में शामिल था। अब तक आरोपियों ने यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के निवासियों को निशाना बनाया।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान नवीन भूटानी, मोहित और मोनू के रूप में हुई है, जो सभी नई दिल्ली के निवासी हैं जबकि नागराजू बोंडाडा, डोंथुला श्रवण कुमार, साधनाला मुकांति श्रीनिवास राव और पवन वेनेलकंती सभी हैदराबाद से हैं। पुलिस ने इनके पास से 1.11 करोड़ रुपये नकद, 3-4 पहिया वाहन, लैपटॉप, मोबाइल फोन, चेक बुक और डेबिट कार्ड जब्त किए हैं।
नवीन भूटानी ने मोनू के सहयोग से नई दिल्ली के जनकपुरी, गाजियाबाद के कौशांबी और पंजाब के मोहाली जैसे कई स्थानों पर तकनीकी सेवाएं प्रदान करने की आड़ में ग्राहकों को ठगने के लिए तीन कॉल सेंटर स्थापित किए। नवीन पेपल, अमेजन और राउटर, इंटरनेट जैसे तकनीकी उपकरणों से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए तकनीकी सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए ऑस्ट्रेलिया, यूके और सिंगापुर में अपने संपर्क नंबरों के साथ गूगल विज्ञापन अभियान चलाता है।
जब ग्राहकों ने गूगल ऐड्स का जवाब दिया, तो टेलीकॉलर समस्या को हल करने के लिए अपने डिवाइस का रिमोट एक्सेस ले रहे थे। वे मोहित द्वारा प्रदान किए गए पेमेंट गेटवे लिंक के माध्यम से भुगतान इक्ठ्ठे कर रहे थे।
पुलिस ने कहा कि मोहित नागराजू और श्रीनिवास से पेमेंट गेटवे लिंक इकट्ठा किया था और उन्हें 50 फीसदी कमीशन दे रहा था। नागराजू भुगतान गेटवे से जुड़े बैंक खातों के माध्यम से ठगी गई राशि इक्ठ्ठी करता था और अपने कमीशन और करों की कटौती के बाद उन्हें मोहित को भेज देता था।
आरोपी अपनी हाल की खरीदारी के बारे में फिशिंग मेल या एसएमएस के माध्यम से उत्पन्न इनबाउंड कॉल के माध्यम से भी पीड़ितों को धोखा दे रहा था। ग्राहक अपने खाते से लेनदेन कर रहे थे। रिमोट एक्सेस के दौरान, वे कार्ड क्रेडेंशियल्स को भी कैप्चर करते हैं और बाद में लेनदेन के लिए उसी का उपयोग करते हैं क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए ओटीपी या पिन की आवश्यकता नहीं होती है।
नवीन और उसके सहयोगी भी इन देशों के ग्राहकों को उनके मोबाइल फोन पर ओटीपी भेजने के लिए डायल करने के बाद विभिन्न वेबसाइटों के माध्यम से उनके मोबाइल नंबर और लेनदेन इतिहास प्राप्त करके धोखा दे रहे थे। फोन करने वालों को यह बताकर कि उनके ईमेल खातों से छेड़छाड़ की गई है। आरोपी उन्हें भुगतान करने के लिए कहकर तकनीकी सेवाएं दे रहे थे। इस प्रक्रिया के दौरान वे आगे उपयोग के लिए ग्राहक कार्ड क्रेडेंशियल जैसे कार्ड नंबर, समाप्ति और सीवीवी भी इक्ठ्ठे कर रहे थे। आरोपी ग्राहकों के संबंधित देशों के रात के समय इन काडरें का उपयोग करके भुगतान कर रहे थे ताकि ग्राहक कार्ड को ब्लॉक न कर सकें या धोखाधड़ी की रिपोर्ट न कर सकें।
अपराध
दिल्ली: ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी में दो आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 26 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन पुलिस ने ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी के मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उनके पास से 10,000 रुपए और अपराध में इस्तेमाल किया गया वाहन बरामद किया गया है।
दोनों बदमाश महिलाओं को निशाना बनाकर धोखाधड़ी करते थे। आरोपियों की पहचान हर्ष विहार दिल्ली निवासी विनोद प्रसाद साह और नंद नगरी निवासी मोहम्मद सत्तार के रूप में हुई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला 17 दिसंबर 2025 को सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। महिला शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उसे गहने पॉलिश करने का ऑफर दिया। उन्होंने महिला से एक सोने का पेंडेंट और एक अंगूठी ली और फिर उसे गर्म पानी लाने के लिए कहा। जैसे ही महिला ने पानी लाने के लिए रसोई में कदम रखा, आरोपी गहने लेकर भाग गए।
इंस्पेक्टर अतुल त्यागी और एसीपी मेल्विन वर्गीस की देखरेख में मुकेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। टीम ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी जांच और फोटोग्राफिक रेकग्निशन सिस्टम का उपयोग करके लगातार जांच की। इसके बाद दोनों आरोपियों का पता लगाया गया और 21 दिसंबर 2025 को उन्हें गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अच्छे और सभ्य कपड़े पहनकर रिहायशी इलाकों में महिलाओं को गहने पॉलिश करने का झांसा देते थे। गहने लेने के बाद वे महिला से गर्म पानी लाने को कहते थे और फिर गहने लेकर फरार हो जाते थे। उन्होंने यह भी कबूल किया कि गहनों को बेच दिया गया था और कुछ पैसे जुए में खो दिए थे।
विनोद प्रसाद साह और मोहम्मद सत्तार पहले भी धोखाधड़ी के मामलों में शामिल थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि इनके गिरोह में और कितने लोग शामिल थे और कहां-कहां इस तरह की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने लोगों की सलाह दी है कि इस तरह लोगों के बहकावे में आकर अपने गहने न दें।
अपराध
मुंबई: फर्जी दस्तावेज के जरिए फ्लैट बेचने और बैंक धोखाधड़ी में आरोपी गिरफ्तार

crime
मुंबई, 26 दिसंबर: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने हाई-वैल्यू प्रॉपर्टी धोखाधड़ी के मामले में आरोपी अख्तर शेख (60) को गिरफ्तार किया है। मामला बांद्रा स्थित एक महंगे फ्लैट से जुड़ा हुआ है, जहां फ्लैट मालिक की फर्जी पहचान से संपत्ति की अवैध बिक्री की गई। इस धोखाधड़ी के आधार पर 11.35 करोड़ रुपए का बैंक लोन भी प्राप्त किया गया था।
ईओडब्ल्यू ने मुखबिर की सूचना पर आरोपी को अंधेरी मेट्रो स्टेशन के नीचे से गिरफ्तार किया। जैन ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने मई 2023 में बांद्रा वेस्ट स्थित आइकोनिक टॉवर में 6.25 करोड़ रुपए में एक लग्जरी फ्लैट खरीदा था। जब हाउसिंग सोसायटी द्वारा दस्तावेज की जांच की गई तो पता चला कि फ्लैट की बिक्री फर्जी दस्तावेजों के जरिए की गई थी। इसके बाद मामले की सूचना ईओडब्ल्यू को दी गई।
ईओडब्ल्यू ने तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि जांच में कई खुलासे होने के बाद ही आरोपी अख्तर शेख को गिरफ्तार किया गया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, यह जांच की जा रही है। पुलिस को यह भी संदेह है कि यह एक संगठित गिरोह का काम हो सकता है, जिसमें दस्तावेज तैयार करने से लेकर बैंक लोन तक की साजिश रची गई थी।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता जैन से भी पूछताछ की जा रही है, जिससे मामले का जल्द से जल्द खुलासा किया जा सके।
फिलहाल, मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जांच तेज कर दी है। आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसको रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी। मुंबई पुलिस का कहना है कि धोखाधड़ी मामले में शामिल सभी लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
अपराध
मुंबई अपराध: मालवानी के एक डॉक्टर को क्लिनिक में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया; अनधिकृत प्रैक्टिस का संदेह

मुंबई: मालवानी पुलिस ने साढ़े बारह साल की बच्ची के साथ यौन शोषण और छेड़छाड़ के आरोपों के बाद 44 वर्षीय डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि यह घटना डॉक्टर के क्लिनिक में एक मेडिकल जांच के दौरान घटी, जिससे मरीज की सुरक्षा और डॉक्टर की मेडिकल योग्यता की वैधता पर सवाल उठने लगे हैं।
पीड़िता, जो स्थानीय निवासी थी, होंठ में फ्रैक्चर के इलाज के लिए अकेले ही क्लिनिक गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें पुलिस रिकॉर्ड का हवाला दिया गया है, मालवानी स्थित क्लिनिक को कई वर्षों से चला रहे कांदिवली निवासी डॉक्टर ने कथित तौर पर पीड़िता का फायदा उठाया।
नाबालिग ने आरोप लगाया कि प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर ने उसे लेटने का निर्देश दिया और फिर उसे अनुचित तरीके से छुआ। पीड़िता ने बताया कि इस घटना के बाद उसे गंभीर मानसिक पीड़ा और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उसने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत मिलने पर पुलिस सब-इंस्पेक्टर शिवाजी मोहिते ने प्रारंभिक प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की। बाद में मामला सहायक पुलिस इंस्पेक्टर प्रशांत मुंधे को सौंप दिया गया, जिन्होंने जांच का नेतृत्व किया और आरोपी को हिरासत में लेने की कार्रवाई की। रिपोर्ट के अनुसार, 44 वर्षीय आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं और बाल यौन उत्पीड़न संरक्षण अधिनियम (POCSO) की धारा 10 और 12 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मारपीट के आपराधिक आरोपों के अलावा, जांच डॉक्टर के पेशेवर पृष्ठभूमि तक भी पहुंच गई है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि आरोपी के पास एक्यूपंक्चर की डिग्री है, लेकिन वह कथित तौर पर कई तरह के चिकित्सा उपचार कर रहा था जिनके लिए शायद उसे अनुमति नहीं थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे वर्तमान में क्लिनिक में प्रदर्शित सभी डिग्रियों और प्रमाणपत्रों की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या आरोपी अपने कानूनी दायरे से बाहर चिकित्सा का अभ्यास कर रहा था। आरोपी को 24 दिसंबर को सत्र न्यायालय में पेश किया गया।
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